बेसिक शिक्षा विभाग में कोर्ट के आदेश के खिलाफ हो रहा शिक्षकों का समायोजन, कोर्ट ने आदेश में फर्स्ट कम फर्स्ट आउट की दी थी व्यवस्था

पसंदीदा जिले में अगले सत्र में ही आ सकेंगे परिषदीय शिक्षक, इस साल के अंत से शुरू होगी अंतर्जनपदीयतबादलों की प्रक्रिया

पसंदीदा जिले में अगले सत्र में ही आ सकेंगे परिषदीय शिक्षक, इस साल के अंत से शुरू होगी अंतर्जनपदीयतबादलों की प्रक्रिया
प्रक्रिया शुरू होने के बाद 40 हजार से ज्यादा लोग करेंगे आवेदन

सूत्र बताते हैं कि एक बार तबादलों की प्रक्रिया शुरू होने के बाद 40 हजार से ज्यादा शिक्षक तबादलों के लिए आवेदन करेंगे। ऑनलाइन होने वाले आवेदनों में शिक्षकों को तबादले का कारण बताना होगा और हर कारण के अपने तय वेटेज हैं। ज्यादा वेटेज वाले लोगों को प्राथमिकता के आधार पर तबादला दिया जाएगा। माना जा रहा है कि हाल ही में बेसिक शिक्षा निदेशालय से भेजी गई नीति के आधार पर ही सारी व्यवस्था रहेगी, बस प्रक्रिया शुरू करने के लिए तारीखों में बदलाव किए जाएंगे।

■ इसी समायोजन पर किया जाएगा विचार
सूत्र बताते हैं कि इस साल जो जिलों के भीतर समायोजन किए गए हैं, उसे ही तबादलों का आधार बनाया जाएगा। इनके आधार पर जिलों और विद्यालयों में रिक्तियों का आकलन होगा और उसी आधार पर तबादला चाहने वाले अध्यापकों के आवेदन पर विचार होगा। माना जा रहा है कि तबादलों की प्रक्रिया की शुरुआत अक्टूबर या नवंबर से शुरू होगी और आवेदन लेने के बाद ट्रांसफर की सूची जारी करते-करते फरवरी-मार्च तक का समय लगेगा। इस आदेश के बाद अगले सत्र से नई जगह पर ट्रांसफर हुए शिक्षक तैनाती पाएंगे।

पसंदीदा जिलों में लौटने के लिए प्राथमिक विद्यालयों के शिक्षकों को अगले सत्र का इंतजार करना होगा। इस साल के अंत से ट्रांसफर की प्रक्रिया शुरू होगी, लेकिन उन्हें तैनाती नए सत्र में ही मिलेगी। मॉनसून सत्र के अंतिम दिन सपा एमएलसी राजपाल कश्यप के सवाल के लिखित जवाब में भी सरकार ने माना था कि प्राथमिक विद्यालयों के शिक्षकों के अंतरजनपदीय स्थानांतरण से संबंधित कोई भी नीति जारी नहीं की गई है।
पिछले महीने बेसिक शिक्षा निदेशालय ने प्राथमिक शिक्षकों के एक जिले से दूसरे जिले में तबादले के लिए 15 जुलाई से 22 जुलाई तक आवेदन और 31 जुलाई तक ट्रांसफर का प्रस्ताव दिया था। इसके क्रम में पहले जिले के भीतर समायोजन भी किए जा चुके हैं। लेकिन इसके बाद एक जिले से दूसरे जिले के बीच होने वाले तबादलों के लिए उस प्रस्ताव पर कोई भी आदेश जारी नहीं किया गया।

सूत्र बताते हैं कि मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ की मंशा थी कि तबादले जुलाई के पहले ही पूरे किए जाएं क्योंकि एक बार सत्र शुरू होने के बाद तबादलों की वजह से पढ़ाई में व्यवधान होगा और विद्यालयों के संचालन में भी कुछ व्यावहारिक दिक्कतें आ सकती हैं। इस वजह से इस तबादला नीति पर फैसला लेने के बजाए इसे फिलहाल ठंडे बस्ते में डाल दिया गया है। सूत्रों के अनुसार इस साल के अंत से तबादला प्रक्रिया शुरू करने के लिए मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ से सैद्धांतिक सहमति मिल चुकी है और समय आने पर यह आदेश जारी किए जाएंगे।

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