TGT PGT Vacancy 2020:- प्रतियोगी व तदर्थ शिक्षकों के लिए नियम अलग, क्लिक कर जाने क्या हुआ बदलाव

TGT PGT Vacancy 2020:- प्रतियोगी व तदर्थ शिक्षकों के लिए नियम अलग, क्लिक कर जाने क्या हुआ बदलाव

चयन बोर्ड ने पहली बार तदर्थ शिक्षकों को भी खुली भर्ती में शामिल होने का मौका दिया है। चयन का आधार लिखित परीक्षा है ऐसे में आम प्रतियोगी व तदर्थ शिक्षकों के लिए परीक्षा के नियम अलग हैं। परीक्षा में शामिल होने वाले तदर्थ शिक्षक उत्तीर्ण होने पर नियमित हो जाएंगे लेकिन, फेल होने पर उनके स्थान पर आम प्रतियोगी का चयन किया जाएगा। साथ ही आवेदन करने वाले हर तदर्थ शिक्षक का सत्यापन जिला विद्यालय निरीक्षक करेंगे, उनकी रिपोर्ट पर ही वे परीक्षा में शामिल हो सकेंगे।

शीर्ष कोर्ट में संजय सिंह व अन्य बनाम उप्र शासन व अन्य में संबद्ध 16 अन्य सिविल अपील में 28 अगस्त 2020 को पारित आदेश के अनुपालन में तदर्थ शिक्षकों को अधिभार अंक मिल रहे हैं। ये वे शिक्षक हैं जो कोर्ट के आदेश पर चयन बोर्ड से शिक्षक आने तक कालेजों में तदर्थ आधार पर नियुक्त रहे हैं। याचिका में वैसे तो कुल 659 तदर्थ शिक्षकों का ही जिक्र है लेकिन यह संख्या हजारों में हो सकती है।


टीजीटी प्रतियोगी: प्रशिक्षित स्नातक शिक्षक चयन को विषय पर आधारित सामान्य योग्यता की लिखित परीक्षा में 500 अंकों का प्रश्नपत्र होगा, उसमें 125 प्रश्न होंगे। हर प्रश्न चार अंक और दो घंटे में सभी प्रश्न करने होंगे।


तदर्थ शिक्षक : टीजीटी में तदर्थ शिक्षक के लिए लिखित परीक्षा 465 अंकों की होगी व हर प्रश्न का 3.72 अंक होगा। इनके कार्य की अवधि के आधार पर सेवा आधारित अधिभार मिलेगा। एक वर्ष की सेवा पर 1.75 अंक व अधिकतम 35 अंक दिए जाएंगे। लिखित परीक्षा में मिले अंकों में अधिभार जोड़ा जाएगा। ये 500 अंक होगा। इसी सेमेरिट बनेगी।
पीजीटी प्रतियोगी : प्रवक्ता पद के चयन के लिए 425 अंकों की लिखित परीक्षा होगी। प्रश्नपत्र के 125 सवालों में 3.4 अंक मिलेंगे। दो घंटे में सभी बहुविकल्पीय प्रश्न करना अनिवार्य है। साक्षात्कार 50 अंक का और 25 अंक विशेष योग्यता का अधिभार मिलेगा।


तदर्थ शिक्षक : तदर्थ प्रवक्ताओं के लिए लिखित परीक्षा 390 अंक की होगी। हर प्रश्न पर 3.12 अंक दिए जाएंगे। इन्हें भी 35 अंक का अधिभार मिलेगा। साक्षात्कार में लिखित परीक्षा व अधिभार के अंक जबकि चयन में लिखित परीक्षा के 85 फीसद अंक, साक्षात्कार के 10 फीसद व विशेष योग्यता के पांच } अंक जोड़े जाएंगे।


मुकाबला योग्यता का बना रहेगा : चयन बोर्ड भले ही तदर्थ शिक्षकों को अधिभार सेवा के आधार पर दे रहा है लेकिन, चयन में योग्यता का पैमाना बरकरार रहेगा। सिर्फ अधिभार के आधार पर चयन संभव नहीं होगा।


उदाहरण : टीजीटी का एक प्रतियोगी यदि परीक्षा में 100 प्रश्न सही करता है तो 400 अंक मिल जाएंगे। तदर्थ शिक्षक भी 100 सवाल सही करता है तो उसे 372 अंक ही मिलेंगे। यानी अधिभार पाकर भी आम प्रतियोगी से मुकाबला होगा।