UP BOARDEXAM:- केंद्र व्यवस्थापक की गलती की सजा, कक्ष निरीक्षक को……..
प्राप्त जानकारी के अनुसार केंद्र व्यवस्थापक द्वारा प्राप्त लिफाफे के ऊपर हिंदी विषय अंकित था, यह सूचना केंद्र व्यवस्थापक द्वारा नहीं दी गई कि हिंदी और साहित्यिक हिंदी अलग-अलग विषय हैं और ना ही उन्हें अलग-अलग लिफाफे में कक्षा कक्ष तक पहुंचाया गया, जानकारी के अभाव में कक्षा कक्ष में ड्यूटी कर रहे शिक्षकों द्वारा प्रश्न पत्र वितरित किया गया, कक्षा कक्ष में परीक्षा दे रहे अभ्यर्थियों ने भी किसी तरह का विरोध दर्ज नहीं कराया……..
आपको बता दें प्राथमिक शिक्षकों की यूपी बोर्ड परीक्षा में परीक्षा से 1 दिन पहले बोर्ड परीक्षा में ड्यूटी लगाई जाती है जिसकी ना तो किसी प्रकार की ट्रेनिंग दी जाती है और ना ही शिक्षकों की स्थिति के बारे में जिक्र किया जाता है अर्थात हम यह कह सकते हैं कि उनकी जबरदस्ती ड्यूटी लगा दी जाती है
तत्पश्चात कुछ दिनों बाद जिला बेसिक शिक्षा अधिकारी द्वारा शिक्षकों को निलंबित किए जाने का आदेश प्राप्त हुआ तब जाकर जानकारी हुई कि उस कक्षा कक्ष में हिंदी एवं साहित्यिक हिंदी दो प्रकार के पेपर दिए जाने थे परंतु केंद्र व्यवस्थापक द्वारा इतनी बड़ी लापरवाही की पूरी जिम्मेदारी कक्ष निरीक्षकों पर थोप दी गई एवं अपनी लापरवाही को शिक्षकों को दंडित कर अपने को बरी कर लिया गया जिसके विरोध में प्राथमिक शिक्षक संघ फतेहपुर द्वारा ज्ञापन जारी कर आंदोलन करने की चेतावनी दी गई