जाने गलत जिला आवंटन क्या है, गलत जिला आवंटन सरकार ने किस प्रकार किया, अब तक क्या हुआ गलत जिला आवंटन के केस में !!

1.68500 पदों की शिक्षक भर्ती के लिए माननीय योगी जी के प्रस्ताव पर लिखित परीक्षा करायी गयी, जिसमे कुल 41556 अभ्यर्थी उत्तीर्ण हुए।

2. सरकार ने 68500 के सापेक्ष उत्तीर्ण अभ्यर्थियों से जनपद आवंटन हेतु आवेदन न लेकर 41556 पदों के सापेक्ष ही लिए।

3. अब गलत ज़िला आवंटन का सिरा यहीं से शुरू होता है जब 31/ 08/18 को nic ने जनपद आवंटन की सूची जारी की जिसमें ; nic ने जनपद आवंटन करने वाले सॉफ्टवेयर की प्रोग्रामिंग सही नही की या यूँ कहें सरकार के इरादे गलत थे ; जिससे आरक्षण के नियमों को सही से लागू न होने के कारण ऐसा हुआ। obc sc st के वे अभ्यर्थी जो उच्च गुणांक के कारण generl केटेगरी में हस्तक्षेप कर चुके थे उनके साथ गलत नियमों का पालन किया गया और उन्हें उच्च गुणांक होते हुए भी 70_ 75 वीं वरीयता या गृह जनपद से 700 से 1000 km दूर फेंक दिया गया: यथा:
माना मेरे जनपद में 100 सीट थी; जनपद आवंटन के समय मैं उच्च गुणांक के कारण अपने जिले में जेनेरल की सीट का दावेदार था; किन्तु जेनेरल की कुल 50 सीटों पर कुछ उच्च गुणांक शिक्षा मित्रों ने शीर्ष स्थान ले लिए साथ ही कुछ हमसे भी उच्च गुणांक वाले अभ्यर्थियों ने स्थान ले लिया अब जब तक हमारा no. आता जेनेरल की सीट हमारे जनपद में भर चुकी थी; अब होना ये चाहिए था आरक्षण के नियमों को फॉलो करते हुए हमे हमारे जनपद में हमारी obc sc st केटेगरी में सबसे पहले सीट देनी चाहिए थी; ऐसा न करते हुए हमे जेनेरल केटेगरी में ही हमारी सेकंड वरीयता.. वहां भी जेनेरल में न सीट मिलने पर तृतीय वरीयता…….58..70.. वरीयता में देखा गया जहाँ बहराइच श्रावस्ती सोनभद्र जैसे पदों में अधिक पद होने से जेनेरल की सीट हमे दे दी गयी।

4. जब हम लगभग 22000 लोगों को अनियमितत अनारक्षित जेनेरल की ही सीट दी गयी आरक्षित होते हुए भी तो जनरल केटगोरी के अभ्यर्थियों को भर्ती से बाहर फेंक दिया गया(6127) या उन्हें भी दूर का रास्ता हमारी तरह देखना पड़ा। तत्कालित उन लोगों ने धरना प्रदर्शन किया जिससे उन्हें बची हुई हमारी आरक्षित सीटों पर गृह जनपद दे दिया गया। ये एक ही भर्ती में द्वितीय चयन सूची थी।

5. इस बजह से हताश उच्च गुणांक के आरक्षित वर्ग के अभ्यर्थी साथ ही पूरा का का पूरा जिला आवंटन प्रकरण दूषित हो जाने से कुछ जेनेरल केटगरी के अभ्यर्थी भी अपनी योग्यता का इस तरह से मज़ाक होते न देख सके अवसादी हो गए, कॉउंसलिंग ही नही करायी नौकरी ही छोड़ दी, कुछ सीधे कोर्ट गये। कुछ काउन्सलिंग के बाद और जोइनिंग से पहले कोर्ट गए और वर्तमान में जिला आवंटन केस का इलाहाबाद बेंच में आर्डर सुरक्षित है; जहाँ प्रथम दृष्टया सम्मानीय जज अजीत कुमार जी ने जिला आवंटन ग़लत ठहराया और इसका समाधान बची हुई सीटों पर या कैसे किया जा सकता है ; सरकार से जबाब माँगा। बेंच change हो जाने से सम्मानीय जज प्रकाश पड़िया जी ने आदेश 14 febको आदेश सुरक्षित कर लिया है। जो सुनाया जाना वाकी है।

6. इसी दरमियान 68500 शिक्षक भर्ती के लिये हुई लिखित परीक्षा की कॉपियों के मूल्यांकन और धांधली के आरोपों के चलते माननीय योगी जी के आदेश पर इच्छुक अभ्यर्थियों की पुनः कॉपी चेक के आदेश से कौतूहल से 4733 नवीन अभ्यर्थी और उत्तीर्ण हो गए ये एक मज़ाक से कम न था। जिला आवंटन से पीड़ित उच्च गुणांक के अभ्यर्थी उस वक्त अपने आपको बहुत ही ठगा सा महसूस करने लगे जब इन्हें भी 68500 के सापेक्ष बचे पदों पर गृह जनपद थमा दिया गया या यूं कहे जो पहले फ़ैल थे उन्हें भी राजधानी दे दी गयी। ये एक ही भर्ती में तृतीय चयन सूची थी।

7. हम उच्च गुणांक के अभ्यर्थी अपना मज़ाक नही बनने देंगे ; अभी बस आर्डर का इंतज़ार कर रहे हैं और माननीय न्यायालय से अपेक्षित आदेश की आशा करते हैं।

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