टीजीटी-पीजीटी 2020: अल्पकालिक शिक्षकों को दी जाएगी राहत,तदर्थ शिक्षकों का ब्योरा तलब

प्रयागराज : प्रदेश के अशासकीय सहायताप्राप्त (एडेड) माध्यमिक कालेजों में कार्यरत उन अल्पकालिक शिक्षकों को राहत देने की तैयारी है, जिनकी नियुक्ति सात अगस्त 1993 से 25 जनवरी 1999 तक हुई। साथ ही कोर्ट के आदेश पर उन्हें वेतन भुगतान भी हो रहा है लेकिन, अब तक विनियमितीकरण नहीं हुआ है। शिक्षा निदेशालय ने ऐसे सभी शिक्षकों का ब्योरा सभी मंडल के संयुक्त शिक्षा निदेशकों को पत्र भेजकर निर्धारित प्रारूप पर मांगा है। संकेत हैं कि शासन इसके संबंध में निर्णय ले सकता है।

असल में, माध्यमिक शिक्षा विभाग ने शीर्ष कोर्ट में हलफनामा दिया है कि प्रदेश के एडेड माध्यमिक कालेजों में 1999 तक तदर्थ रूप से नियुक्त शिक्षकों का विनियमितीकरण हो चुका है। लेकिन, कई जिलों में ऐसे शिक्षक बहुतायत में हैं जो 1990 में दशक में तदर्थ रूप से नियुक्त हुए लेकिन, अब तक उनका विनियमितीकरण नहीं हुआ है। संभव है कि ऐसे शिक्षकों को सौगात मिल जाए, क्योंकि वर्ष 2000 के बाद नियुक्त तदर्थ शिक्षकों को लिखित परीक्षा में शामिल होने का अवसर दिया जा रहा है। यदि वे परीक्षा उत्तीर्ण होते हैं तो नियमित हो जाएंगे। ऐसे में पुराने शिक्षकों का निपटारा भी शासन करना चाहता है।
अपर शिक्षा निदेशक माध्यमिक डा. महेंद्र देव की ओर से जारी निर्देश में कहा गया है कि प्रदेश के अशासकीय सहायताप्राप्त माध्यमिक स्कूलों के सात अगस्त 1993 से लेकर 25 जनवरी 1999 तक अल्पकालिक रूप नियुक्त उन शिक्षकों का ब्योरा भेजा जाए जिनका विनियमितीकरण नहीं किया गया है। संबंधित शिक्षकों का ब्योरा निर्धारित प्रारूप जल्द ई-मेल के जरिए भेजने का निर्देश दिया गया है।

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बीएड कॉलेजों में दाखिले हेतु काउंसलिंग आज से, देखें प्रस्तावित कार्यक्रम

राजधानी समेत प्रदेश के बीएड कॉलेजों में दाखिले के लिए काउंसलिंग गुरुवार से शुरू होगी। पहले चरण में एक से 50 हजाररैंक तक के अभ्यर्थियों को बुलाया गया है। हालांकि अभी तक प्रदेश के कुछ राज्य विश्वविद्यालयों की ओर से अन्तिम वर्ष के परीक्षा परिणाम घोषित न किए जाने से अभ्यर्थी परेशान हैं। बता दें कि दो बार इस काउंसलिंग कार्यक्रम को टाला जा चुका है। इस बार लखनऊ विश्वविद्यालय इसके कार्यक्रम में परिवर्तन करने के पक्ष में नहीं है। 

बीएड की प्रवेश समन्वयक प्रो. अमिता बाजपेयी ने बताया कि पंजीकरण के लिए अभ्यर्थियों को लखनऊ विश्वविद्यालय की वेबसाइट पर जाना होगा। आप यह खबर प्राइमरी का मास्टर डॉट कॉम पर पढ़ रहे हैं। यहां जेईई का लिंक दिया गया है। तीन चरण में होने वाली काउंसलिंग में रैंक के अनुसार अभ्यर्थी शामिल होंगे। इसके बाद पूल काउंसलिंग और फिर सीधे प्रवेश का मौका दिया जाएगा।

आर्थिक रूप से कमजोरसामान्य वर्ग के अभ्यर्थियों के लिए इस बार 10 प्रतिशत आरक्षण की व्यवस्था है। जीरो फीस का लाभ नहीं मिलेगा। सभी को काउंसलिंग के समय फीस जमा करनी होगी। फीस न जमा करने वाले की सीट लॉक नहीं की जाएगी। प्रो. बाजपेयी ने साफ किया कि अब कार्यक्रम में परिवर्तन नहीं होगा।

51,112 रिक्त पदों पर शिक्षामित्रों को भी मौका, सुप्रीमकोर्ट के आर्डर के बाद 69000 शिक्षक भर्ती में विवाद हुआ खत्म

51,112 रिक्त पदों पर शिक्षामित्रों को भी मौका, सुप्रीमकोर्ट के आर्डर के बाद 69000 शिक्षक भर्ती में विवाद हुआ खत्म

कटऑफ का विवाद बुधवार को खत्म हो गया। सुप्रीम कोर्ट ने 60/65 प्रतिशत कटऑफ पर ही भर्ती के आदेश दिए हैं। हालाकि शिक्षामित्रों को अगली शिक्षक भर्ती में एक और मौका मिलेगा। सरकारने इसी मामले में 12 जून को दाखिल इंटरक्यूलेटरी एप्लीकेशन में शीर्ष कोर्ट को यह जानकारी दी थी कि तत्समय शिक्षकों के 51,112 पद खाली थे। यदि कोर्ट 60/65 कटऑफ पर नियुक्ति की अनुमति देती है तो शिक्षामित्रों का हित प्रभावित नहीं होगा अब जबकि जप कोर्ट ने शिक्षामित्रों को एक और मौका देने का आदेश दिया है तो शिक्षकों के रिक्त 51,112 पदों पर शिक्षामित्रों को अवसर मिलने की संभावना बढ़ गई है। 69, 000 भर्ती में 45,357 शिक्षामित्रों ने आवेदन किया था। इनमें से सामान्य वर्ग के 1561 शिक्षामित्रों ने 65 और आरक्षित वर्ग के 6,457 ने 60 प्रतिशत या अधिक अंक हासिल किए थे। इन 8, 018 शिक्षामित्रों को भर्ती के पहले चरण 31,277 शिक्षक भर्ती में नियुक्ति मिल चुकी है। सामान्य वर्ग के 9,386 शिक्षामित्रों को 45 से 65 जबकि आरक्षित वर्ग के 23,243 को 40 से 60 प्रतिशत के बीच अंक मिले थे। इन्हीं शिक्षामित्रों ने सुप्रीम कोर्ट में याचिका कर 40/45 कटऑफ पर भर्ती का अनुरोध किया था। 

1.37 लाख में 15 हजार को ही मिली तैनातीः बिना टीईटी सहायक अध्यापक पद पर समायोजित 1.37 लाख शिक्षामित्रों का समायोजन सुप्रीम कोर्ट ने जुलाई 2017 में निरस्त करदिया था।उससमय शीर्ष अदालत ने दो भर्तियों मेंशिक्षामित्रों को उनकी सेवा के आधार परभारांक देते हुए अवसरदेने का आदेश दिया था। उसके बाद दो शिक्षक भर्तियों में 15018 शिक्षामित्रों को नौकरी मिली थी।

मई में घोषित नतीजों के आधार पर ही होगी 69000 शिक्षकों की भर्ती, कटऑफ पर इलाहाबाद हाईकोर्ट के फैसले पर सुप्रीम कोर्ट की मुहर : अगले माह तक हो जाएगी सभी की नियुक्ति

मई में घोषित नतीजों के आधार पर ही होगी 69000 शिक्षकों की भर्ती, कटऑफ पर इलाहाबाद हाईकोर्ट के फैसले पर सुप्रीम कोर्ट की मुहर: अगले माह तक हो जाएगी सभी की नियुक्ति

69 हजार सहायक अध्यापकों के पद पर इस साल मई में घोषित नतीजों के आधार पर भर्ती करने की अनुमति दे दी है। जस्टिस यूयू ललित की अध्यक्षता बाली पीठ ने बुधवार को इस पद पर चयन के लिए कटऑफ अंक को बरकरार रखने के इलाहाबाद हाईकोर्ट के आदेश को चुनौती देने वाली कई याचिकाओं को खारिज कर दिया। इनमें से एक याचिका उत्तर प्रदेश प्राथमिक शिक्षामित्र संघ ने दायर की थी। हालांकि सुप्रीम कोर्ट ने राज्य सरकार के इस बयान को रिकॉर्ड पर लिया कि कटऑफ बढ़ने के कारण भर्ती परीक्षा में विफल रहे शिक्षामित्रों को अगली भर्ती परीक्षा में शामिल होने का मौका दिया जाएगा। कोर्ट ने सरकार को इस संबंध में रूपरेखा तैयार करने का निर्देश दिया है। सुनवाई के दौरान याचिकाकर्ताओं की ओर से पेश वकीलों ने कहा कि कटऑफ बढ़ाने का फैसला गैरकानूनी है। साथ ही बीएड छात्र सहायक शिक्षक भर्ती परीक्षा में शामिल होने की पात्रता नहीं रखते। बीएड उम्मीदवारों ने छह महीने के ब्रिज कोर्स को पूरा नहीं किया है, जो सहायक शिक्षक के लिए जरूरी पात्रता है। उन्हें केवल प्रशिक्षु शिक्षकों के रूप में भर्ती किया जा सकता है। वहीं, यूपी सरकार की ओर से पेश एडिशनल सॉलिसिटर जनरल ऐश्वर्या भाटी और वकील राकेश मिश्रा की ओर से कहा गया कि कटऑफ में बढ़ोतरी करना कहीं से गलत नहीं है। भले ही ऐसी परीक्षा प्रक्रिया बीच में क्‍यों न की गई हो। उनकी ओर से इस संबंध में पूर्व के कई आदेशों का हवाला भी दिया गया था। सभी पक्षों की दलीलों को सुनने के बाद कोर्ट ने अपना फैसला सुनाया

36,590 पदों पर भर्ती का रास्ता साफ 
इस भर्ती में मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ ने 19 सितंबर को 31,661 पदों को एक हफ्ते में भरने का निर्देश दिया था। अब सुप्रीम कोर्ट के फैसले के बाद बाकी बचे हुए 36,590 पदों पर भर्ती का रास्ता भी साफ हो गया। इन पदों पर सरकार की मौजूदा कटऑफ 60/65 के आधार पर भर्ती होगी।

सीएम योगी ने किया फैसले का स्वागत लखनऊ। मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ ने सर्वोच्च न्यायालय के इस फैसले का स्वागत किया है। उन्होंने बेसिक शिक्षा विभाग को भारत निर्वाचन आयोग की अनुमति लेकर चयनित अभ्यर्थियों को जल्द से जल्द नियुक्ति पत्र जारी करने के निर्देश दिए हैं। उन्होंने कहा कि सर्वोच्च न्यायालय ने राज्य सरकार के फैसले पर मुहर लगाई है । ऐसे शिक्षामित्र जिन्हें मौका नहीं मिला है उन्हें सरकार की ओर से एक अवसर और दिया जाएगा।

अगले माह तक हो जाएगी सभी की नियुक्ति विधान परिषद चुनाव के कारण लागू आचार संहिता के मद्देनजर इंतजार प्रदेश में विधान परिषद चुनाव के कारण लागू आचार संहिता के मद्देनजर बेसिक शिक्षा विभाग ने भारत निर्वाचन आयोग से मंजूरी लेकर नवंबर के अंत या दिसंबर में चयनित अभ्यर्थियों को नियुक्ति देने की तैयारी शुरू कर दी है।


कटऑफ : सामान्य के लिए 65% आरक्षित के लिए 60% बरकरारशिक्षामित्रों व अन्य ने यूपी सरकार के सात जनवरी, 2019 के उस आदेश को हाईकोर्ट में चुनौती दी थी, जिसमें सहायक शिक्षक भर्ती परीक्षा, 2019 में  कटऑफ को सामान्य श्रेणी के लिए 65 फीसदी और आरक्षित श्रेणी के लिए 60 फीसदी तय किया गया था। पहले यह कटऑफ 45 और 40 फीसदी थी। हाईकोर्ट ने उनकी याचिकाओं को खारिज कर दिया था।

शिक्षामित्रों की सभी अपीलें खारिज 60/65 पर जारी परीक्षा परिणाम के आधार पर भर्ती करे सरकार,शिक्षा मित्रों को अगली भर्ती में मौका, खबर की सत्यता जानने के लिए क्लिक करें- सुप्रीमकोर्ट

#भर्ती69000- माननीय सुप्रीम कोर्ट द्वारा SLP( c)-6841/2020 राम शरण मौर्य अन्य बनाम उत्तर प्रदेश सरकार , के साथ टैग #उत्तीर्ण_अंक मामले की सभी याचिकाओं को #ख़ारिज(डिसमिस) कर दिया गया है।
माननीय हाई कोर्ट इलहाबाद की खंडपीठ लखनऊ द्वारा स्पेशल अपील-156/2019 में पारित आदेश ही प्रभावी रहेगा।
#उत्तीर्ण_अंक (40-45)% की मांग करने वाले अभ्यर्थियों की हार हुई है ।
#उत्तीर्ण_अंक 90-97(60-65%) पक्ष के अभ्यर्थियों की जीत हुई है।
आप सभी 67867 चयनित अभ्यर्थियों को हार्दिक बधाई एवम शुभकामनाएं 15से 20 दिन के अंदर आप सभी को नियुक्ति पत्र मिल जाएगा।।

69000 /31277 भर्ती हेतु अभ्यर्थियों का पुलिस वेरिफिकेशन (Police varification) हेतु प्रारूप

69000 /31277 भर्ती हेतु अभ्यर्थियों का पुलिस वेरिफिकेशन हेतु प्रारूप

Nishtha Module 7 Quiz Answers – निष्ठा ट्रेनिंग मॉड्यूल 7 क्विज का आंसर

Nishtha Module 7 Quiz Answers – निष्ठा ट्रेनिंग मॉड्यूल 7 क्विज का आंसर

Q. 1. गणित में सीखने की अक्षमता का आकलन निम्नलिखित परीक्षणों में से किसके द्वारा उचित रूप से किया जा सकता है?
A. अभिक्षमता परीक्षण (एप्टीट्यूड टेस्ट)
B. नैदानिक परीक्षण
C. छानबीन (स्क्रीनिंग) परीक्षण
D. उपलब्धि (अचीवमेंट) परीक्षण
Q. 2. एक शिक्षक कक्षा के कार्य को एकत्रित कर पढ़ती है, फिर छात्रों की जरूरतों को पूरा करने के लिए अगले पाठ की योजना बनाते हुए समायोजित करती है। वह कर रही है:
A. सीखने का आकलन
B. सीखने के रूप में आकलन
C. सीखने के लिए आकलन
D. सीखने पर आकलन
Q. 3. सतत और व्यापक आकलन आवश्यक है:
A. शिक्षा बोर्ड की जवाबदेही को कम करने के लिए
B. यह समझने के लिए कि कैसे अधिगम को अवलोकन, रिकॉर्ड और बेहतर बनाया जा सकता है
C. अधिक-बारंबार त्रुटियों की तुलना में कम-बारंबार त्रुटियों को ठीक करने के लिए
D. शिक्षण के साथ परीक्षणों को सुधारने (फाइन ट्यूनिंग) के लिए
Q. 4. निम्नलिखित में से कौन सा एक उपयुक्त प्रारंभिक आकलन कार्य नहीं है?
A. खुले (ओपन-एंडेड) प्रश्न
B. परियोजना
C. अवलोकन
D. छात्रों की रैंकिंग
Q. 5. कक्षा में समूह गतिविधियों द्वारा छात्रों में निम्नलिखित में से किसे विकसित किया जाता है?
A. नेतृत्व की भावना
B. उत्साह की भावना
C. सहयोग
D. अनुशासन

Q. 6. छात्र अधिगम मानदण्ड (बेंचमार्किंग) हिस्सा है:
A. सीखने के रूप में आकलन
B. सीखने पर आकलन
C. सीखने के लिए आकलन
D. सीखने का आकलन
Q. 7. निम्न में से कौन सी विद्यालय आधारित आकलन (एसबीए) की मुख्य विशेषता है?
A. शिक्षक केंद्रित गतिविधि
B. प्रशिक्षण (ड्रिल) आधारित गतिविधि
C. सामग्री आधारित गतिविधि
D. योग्यता आधारित गतिविधि
Q. 8. आकलन का उद्देश्य है:
A. किसी एक विषय में छात्र का परीक्षण करना
B. किसी चीज की गुणवत्ता के बारे में निर्णय लेना
C. छात्रों की उपलब्धियों का आकलन करना
D. किसी छात्र को अंक प्रदान करना
Q. 9. निर्देश के अंत में उपलब्धि का आकलन करना:
A. नैदानिक आकलन है
B. सीखने के रूप में आकलन है
C. सीखने का आकलन है
D. सीखने के लिए आकलन है
Q. 10. अधिगम का अनुविक्षक आकलन हिस्सा है:
A. रचनात्मक आकलन का
B. नैदानिक आकलन का
C. सारांशित आकलन का
D. सीखने का आकलन का

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