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Month: November 2020
डीएलएड 2019 द्वितीय सेमेस्टर गणित की परीक्षा निरस्त, 2.5 लाख प्रशिक्षु फिर देंगे परीक्षा
डीएलएड 2019 द्वितीय सेमेस्टर गणित की परीक्षा निरस्त, 2.5 लाख प्रशिक्षु फिर देंगे परीक्षा
प्रयागराज : प्राथमिक स्कूलों में शिक्षक बनने की प्रशिक्षण परीक्षा डीएलएड भी नकल व पेपर आउट का शिकार हो गई है। परीक्षा नियामक प्राधिकारी के मुख्यालय वाले शहर प्रयागराज से लगातार पेपर आउट के प्रकरण सामने आ रहे हैं। सचिव ने डीएलएड 2019 द्वितीय सेमेस्टर गणित की परीक्षा प्रदेश भर में निरस्त कर दी है। वहीं, इसी सेमेस्टर में मऊ जिले के एक केंद्र की सामाजिक विज्ञान की परीक्षा निरस्त की गई है। दोनों परीक्षाएं दीपावली बाद फिर से कराई जाएंगी।
बीटीसी व डीएलएड की परीक्षाएं प्रदेश भर में 30 अक्टूबर से चल रही हैं, जो 11 नवंबर तक चलेंगी। बीटीसी बैच 2013, सेवारत (मृतक आश्रित) व 2014, 2015, डीएलएड प्रशिक्षण 2017 व 2018 (अवशेष/अनुत्तीर्ण) और डीएलएड 2019 द्वितीय सेमेस्टर की शुक्रवार दोपहर 12 से एक बजे तक गणित और दो से चार बजे तक सामाजिक अध्ययन की परीक्षा हुई। इसमें गणित व सामाजिक विज्ञान का पेपर परीक्षा शुरू होने से आधे घंटे पहले वाट्सएप पर वायरल हुआ। प्रयागराज के डायट प्राचार्य संतोष कुमार मिश्र ने शनिवार को परीक्षा नियामक प्राधिकारी सचिव को रिपोर्ट सौंपी है। सचिव अनिल भूषण चतुर्वेदी ने बताया कि गणित का पेपर प्रयागराज के अलावा मऊ, हाथरस, एटा आदि कई जिलों में वायरल होने की सूचना है इसलिए गणित विषय का इम्तिहान निरस्त कर दिया है।
खुशखबरी: 35 लाख छात्र-छात्राओं को वजीफा मिलने का रास्ता साफ
खुशखबरी: 35 लाख छात्र-छात्राओं को वजीफा मिलने का रास्ता साफ
उत्तर प्रदेश सरकार ने अनुसूचित जाति, पिछड़ा वर्ग, अल्पसंख्यक और सामान्य वर्ग के गरीब छात्र-छात्राओं को दी जाने वाली सरकारी छात्रवृत्ति व फीस भरपाई की राशि के वितरण पर लगी रोक हटा ली है। वित्त विभाग के विशेष सचिव ओम प्रकाश द्विवेदी ने इस बारे में आदेश जारी किया है। सरकार के इस कदम से लगभग 35 लाख छात्र-छात्राओं को फायदा मिलेगा।
आदेश में चालू शैक्षिक सत्र के लिए इन छात्र-छात्राओं को छात्रवृत्ति व फीस भरपाई की सुविधा देने पर सहमति दे दी गयी है। लेकिन बीएड.व बीटीसी का पाठ्यक्रम चलाने वाले शिक्षण संस्थानों के छात्र-छात्राओं को फिलहाल यह सुविधा नहीं मिलेगी। कारणों की पड़ताल करने पर पता चला कि प्रदेश सरकार अभी राज्य के बीएड. और बीटीसी पाठ्यक्रम चलाने वाले शिक्षण संस्थानों की जांच करा रही है। अल्पसंख्यक कल्याण निदेशक की अध्यक्षता में बनी तीन सदस्यीय कमेटी यह जांच कर रही है। जांच पूरी होने के बाद बीएड. व बीटीसी के छात्र-छात्राओं को भी यह सुविधा मिल सकेगी।
समाज कल्याण विभाग अनुसूचित जाति और सामान्य वर्ग, पिछड़ा वर्ग कल्याण विभाग ओबीसी और अल्पसंख्यक कल्याण विभाग अल्पसंख्यक समुदाय के गरीब एवं जरूरतमंद छात्र-छात्राओं को उनकी पढ़ाई जारी रखने के लिए छात्रवृत्ति और फीस भरपाई की सुविधा देता है। दिव्यांगजन कल्याण विभाग की ओर से दिव्यांग छात्र-छात्राओं को यह सुविधा दी जाती है।
सीएम योगी ने राज्य सरकार के अधीन कार्यरत सभी कर्मचारियों को दीपावली से पहले वेतन भुगतान के लिए दिए निर्देश
निष्ठा प्रशिक्षण के माड्यूल 4,5 और 6 MODULE-4, MODULE-5, MODULE-6 की लिंक एक साथ………
निष्ठा प्रशिक्षण
निष्ठा प्रशिक्षण के माड्यूल 4,5 और 6 की लिंक एक साथ………
(A) निष्ठा प्रशिक्षण मॉड्यूल 4 की लिंक निम्नवत है……
(B) निष्ठा प्रशिक्षण मॉड्यूल 5 की लिंक निम्नवत है…….
(C) निष्ठा प्रशिक्षण मॉड्यूल 6 की लिंक निम्नवत है…….
दिनेश कुमार (स.अ.) ऐरायां
फतेहपुर
पंचायत चुनाव : अप्रैल व मई में पंचायत चुनाव कराने की तैयारी
UPTET : यूपीटीईटी फरवरी में हर जिले में परीक्षा केंद्र, बेसिक शिक्षा विभाग के प्रस्ताव को मिली हरी झंडी
UPTET:- यूपीटीईटी फरवरी में हर जिले में परीक्षा केंद्र, बेसिक शिक्षा विभाग के प्रस्ताव को मिली हरी झंडी
लखनऊ : प्राथमिक व उच्च प्राथमिक स्कूलों में शिक्षकों की भर्ती के लिए अनिवार्य उप्र शिक्षक पात्रता परीक्षा (यूपीटीईटी) फरवरी में आयोजित होगी। यूपीटीईटी के परीक्षा केंद्र प्रदेश के हर जिले में बनाये जाएंगे। मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ ने इस बाबत बेसिक शिक्षा विभाग के प्रस्ताव को हरी झंडी दिखा दी है।
कोरोना संक्रमण और लॉकडाउन के कारण वर्ष 2020 के लिए यूपीटीईटी का आयोजन नहीं हो सका है। पिछले अनुभवों के आधार पर बेसिक शिक्षा विभाग का मानना है कि यूपीटीईटी में तकरीबन 15 लाख अभ्यर्थी शामिल होंगे। बेसिक शिक्षा राज्य मंत्री (स्वतंत्र प्रभार) डॉ.सतीश चंद्र द्विवेदी ने बताया कि यूपीटीईटी में संभावित अभ्यर्थियों की बड़ी संख्या के मद्देनजर इस परीक्षा के आयोजन के लिए कम से कम तीन महीने का समय चाहिए। इसलिए विभाग ने फरवरी में यूपीटीईटी आयोजित करने का प्रस्ताव मुख्यमंत्री की मंजूरी के लिए भेजा था। मुख्यमंत्री ने विभाग के इस प्रस्ताव से सहमति जता दी है। उन्होंने बताया कि कोरोना संक्रमण को देखते हुए फरवरी में प्रस्तावित यूपीटीईटी के लिए प्रदेश के सभी जिलों में परीक्षा केंद्र बनाए जाएंगे, ताकि अभ्यर्थियों को लंबी यात्र न करनी पड़े व उन्हें सहूलियत रहे।
जन प्रतिनिधियों के हाथों बच्चों को दिलाएं रिपोर्ट कार्ड, स्कूल शिक्षा महानिदेशक ने सभी डीएम से रिपोर्ट कार्ड वितरण में शामिल होने का किया आग्रह
जन प्रतिनिधियों के हाथों बच्चों को दिलाएं रिपोर्ट कार्ड, स्कूल शिक्षा महानिदेशक ने सभी डीएम से रिपोर्ट कार्ड वितरण में शामिल होने का किया आग्रह
स्कूल शिक्षा महानिदेशक ने परिषदीय विद्यालयों में पढ़ने वाले बच्चों के रिपोर्ट कार्ड अभिभावकों के साथ साझा करने एवं उसे बच्चों को जन प्रतिनिधियों के हाथों वितरित किए जाने की सलाह दी है। इस बारे में जिलाधिकारी, सीडीओ, बीएसए, डायट प्राचार्य एवं खंड शिक्षा अधिकारियों से कहा गया है कि वह फरवरी में बच्चों की परीक्षा के परिणाम की रिपोर्ट कार्ड अभिभावकों से सीधे साझा करें। उन्होंने कहा कि मिशन प्रेरणा के अंतर्गत अभिभावकों को बच्चों की प्रगति में जोड़ने के लिए यह एक प्रभावशाली कदम है। अब अत्यंत आवश्यक है कि इन रिपोर्ट कार्ड्स को सभी अभिभावकों के साथ उसी उत्साह से साझा किया जाए।
परिषदीय शिक्षक अंतर्जनपदीय तबादले को फिर लिए जाएंगे आवेदन, अब शिक्षकों को जिलों में सुदूर मिलेगी नियुक्ति
परिषदीय शिक्षक अंतर्जनपदीय तबादले को फिर लिए जाएंगे आवेदन, अब शिक्षकों को जिलों में सुदूर मिलेगी नियुक्ति
प्रयागराज : बेसिक शिक्षा परिषद अंतर जिला तबादले की वेबसाइट फिर खोलने की तैयारी कर रहा है। इस बार उन अध्यापिकाओं से आनलाइन आवेदन लिए जाएंगे, जिनका विवाह नियुक्ति मिलने के बाद हुआ है और वे तबादले का दूसरा अवसर चाहती हैं। यह कदम परिषद हाईकोर्ट के आदेश पर उठाएगा। कोर्ट ने विवाहित महिलाओं के अलावा अन्य के संबंध में विस्तृत आदेश दिया है, उनका भी अनुपालन होगा। परिषद वेबसाइट खोलने की समय सारिणी इसी माह जारी कर सकता है।
शासन से जारी आदेश में एक बार ही अंतर जिला तबादले का प्राविधान किया गया है। कोर्ट उन्हें जरूर राहत दी है। अब अनुपालन परिषद को कराना है। शासनादेश के अनुसार ऐसे शिक्षक जो दूसरी बार तबादला चाहते थे उनका आवेदन निरस्त किया जा चुका है, वहीं कई ने तबादले की शर्तो को देखते हुए आवेदन ही नहीं किया था। इसलिए वेबसाइट खोलकर फिर से आवेदन लेना जरूरी है।
अब जिलों में सुदूर मिलेगी नियुक्ति
कोर्ट ने नियुक्ति के समय अध्यापकों को पांच साल व अध्यापिकाओं को दो साल पिछड़े ग्रामीण क्षेत्रों में रहना अनिवार्य किया है। इस अवधि में किसी का तबादला नहीं होगा। विशेष स्थिति में केवल अध्यापिकाओं को छूट मिलेगी। इससे शिक्षकों को जिलों में सुदूर नियुक्ति मिल सकेगी। वहीं, नई नियुक्तियों में अंतर जिला तबादला होना ही नहीं है।