प्रतापगढ़ जिले में पंचायत चुनाव 2021 मतगणना प्रशिक्षण का 463 कर्मियों ने किया बहिष्कार, अनुपस्थित कार्मिकों का आधिकारिक विवरण देखें
Month: April 2021
कोरोना संक्रामित लोगों का इलाज व बचाव करते समय कोरोना से मृत्यु होने पर उन कार्मिकों के आश्रितों को मिलेंगे 50 लाख रुपये एकमुश्त, यूपी सरकार का शासनादेश देखें
69000 शिक्षक भर्ती प्रक्रिया के अन्तर्गत नियुक्त एवं अन्तर्जनपदीय स्थानान्तरण में स्थानान्तिरित शिक्षकों के सम्बन्ध में जारी शासनादेश देखें
दुखद:- कोरोना पीड़ितों के लिए सबसे अधिक राशि एकत्रित करने वाले विभाग की कोरोना से हो रही मौत, कोई नहीं है पूछने वाला, अपने जनपद की स्थिति करें शेयर
दुखद:- कोरोना पीड़ितों के लिए सबसे अधिक राशि एकत्रित करने वाले विभाग की कोरोना से हो रही मौत, कोई नहीं है पूछने वाला,
स्वयं विवेक से ले काम, जहां तक हो सके भीड़भाड़ से रहे दूर और मन को बनाएं मजबूत
High court supreme भी है आपके पक्ष में किसी से भयभीत ना हो और ना ही महसूस करें किसी का दबाव
पूरे प्रदेश में 1000 से अधिक शिक्षकों की हो चुकी है कोरोना से मौत
😭 विनम्र श्रद्धांजलि 😭
बेसिक शिक्षा परिषद लखीमपुर
1 – स्व ० सत्येंद्र कुमार मिश्रा , सहायक अध्यापक , प्राथमिक विद्यालय गुलाब नगर ब्लाक बिजुआ ।
2- स्व० ओम प्रकाश वर्मा प्रधानाध्यापक प्राथमिक विद्यालय यासीन पुर ब्लाक कुंभी ।
3 -स्व०मोहम्मद सफीक प्रधानाध्यापक प्राथमिक विद्यालय सहजदिया ब्लॉक रमियाबेहड़ ।
4- स्व० महेश कुमार उच्च प्राथमिक विद्यालय सनिगवां ब्लॉक बेहजम ।
5 – स्व ० संतोष बहादुर सिंह प्राथमिक विद्यालय नंदूरा ब्लॉक ईसानगर।
6- स्व.मो.आशिफ खाँ संविलियन वि.मगरेना, मोहम्मदी-खीरी
7-स्व. आदेश प्रताप सिंह प्रा.वि.कुईंयां मदारपुर, मोहम्मदी-खीरी
8- स्व. संतोष वर्मा प्राथमिक विद्यालय इकबालपुर ब्लाक लखीमपुर वीरेंद्र कुमार
9 – स्व. वीरेंद्र कुमार प्राथमिक विद्यालय देवरिया पकरिया ब्लाक लखीमपुर
10- स्व. सुषमा कनौजिया उच्च प्राथमिक विद्यालय महाराज नगर नगर क्षेत्र
11- स्व. कुतुबुद्दीन प्राथमिक विद्यालय टिप्पण पुरवा ब्लाक नकहा
12- स्व.आफताब आलम उच्च प्राथमिक विद्यालय अमृता गंज ब्लाक नकहा
13- स्व. सुनीता देवी मित्रा उच्च प्राथमिक विद्यालय रंगीला नगर ब्लाक नकहा
14- स्व. शकील अहमद प्राथमिक विद्यालय सिरसिया ब्लाक नकहा
15- स्व. प्रतिमा गुप्ता प्राथमिक विद्यालय बनी का ब्लाक बेहजम
16- स्व. अब्दुल कदीर प्राथमिक विद्यालय प्राथमिक विद्यालय पिपरा क्षेत्र ब्लाक बेहजम
17- स्व. वीरेंद्र सिंह अनुचर उच्च प्राथमिक विद्यालय भटटीपुरवा बेहजम
18- स्व. शशी वर्मा प्रधानाध्यापिका शाहपुर भवानीपुर ब्लॉक बिजुआ
19- स्व. मंजू देवी शिक्षामित्र प्राथमिक विद्यालय बैरिया रमियाबेहड़
20- स्व. कृष्ण कुमार विश्वकर्मा प्राथमिक विद्यालय पूरनपुर ब्लॉक पलिया
21- स्व. नवीसेर क्लर्क BSA ऑफिस
22- स्व. अखिलेश कुमार क्लर्क BSA ऑफिस
23- स्व. अफसर अली प्राथमिक विद्यालय मुरैना ब्लॉक मोहम्मदी
24- स्व. रजनी वर्मा ब्लॉक फूलबेहड़
25- स्व. रवि कौशिक ब्लॉक बिजुआ
26- स्व. झब्बूलाल प्र.अ.
उच्च प्राथमिक विद्यालय पथरा मितौली
27- स्व.जावित्री पाण्डेय प्र.अ.
उच्च प्राथमिक विद्यालय कस्ता मितौली
28- स्व. जयप्रकाश अवस्थी स. अ.
Ps पचदेवरा मितौली
29- स्व. मदनलाल शिक्षा मित्र प्राथमिक विद्यालय बूंदी कला ब्लॉक मोहम्मदी
30- स्व. पूनम जायसवाल प्राथमिक विद्यालय अमानलाला ब्लाक लखीमपुर
कोविद-99 से मृत्यु शिक्षक साथी- #प्रयागराज 💐😢
1-लता रैकवार हेड संविलय विद्यालय देवरी प्रयागराज
2-मुरारी लाल पी यस आनापुर प्रयागराज
3-डॉ सुरेंद्र नाथ पांडेय ht पी यस दत्तेपुर धनु पुर प्रयागराज
4-अभिषेक श्रीवास्तव (स.अ.)पी यस शिवराज पुर-2
5-प्रेम शंकर मिश्रा at यूपीएस आदम पुर बहरिया प्रयागराज
6-धर्मेद्र कु सिंह यूपीयस महुवा करछना प्रयागराज
7 धृतन्जय शर्मा हेड पी यस गजहा करछना प्रयागराज
8-प्रेम शंकर विश्वकर्मा at यूपीयस कंदला हंडिया प्रयागराज
9-विजय बहादुर सिंह पटेल कोरांव प्रयाराज
10-नीलम दोहरे ht पी यस रामनगर-2प्रयागराज
11-समर बहादुर सरोज पी यस मोनाई
12-गंगा चरण ht पी यस औता-1
13 ओम प्रकाश कटियार ps नदौरा कोरांव प्रयागराज
14-नागेश शुक्ल स अ पी यस करमा कौंधियारा प्रयागराज
जान है तो जहान है मुहिम:- बिना किसी संघ के नेतृत्व के आगे बढ़ रहा मुहिम, रायबरेली मतगणना ट्रेनिंग के पहले दिन 476 कार्मिकों ने प्रशिक्षण का किया बहिष्कार, रहे अनुपस्थित
कोविड-19 की रोकथाम, उपचार व उसके बचाव के लिए कार्यरत कार्मिकों की संक्रमण से मृत्यु की दशा में उनके आश्रितों को रु० 50 लाख की एकमुश्त अनुग्रह धनराशि दिए जाने के संबंध में अपर मुख्य सचिव, राजस्व विभाग, उत्तर प्रदेश द्वारा शासनादेश जारी।
कोरोना संक्रमण वाले कर्मचारियों को वेतन सहित 28 दिन की मिलेगी छुट्टी, अपर मुख्य सचिव ने जारी किया नया शासनादेश
कोरोना संक्रमण वाले कर्मचारियों को वेतन सहित 28 दिन की मिलेगी छुट्टी, अपर मुख्य सचिव ने जारी किया नया शासनादेश
Covid-19 India: देश को अब पिछले साल जैसे लॉकडाउन की क्यों है जरूरत ?
यूपी से खबर आ रही है कि 24 घंटे के भीतर सत्ताधारी भारतीय जनता पार्टी के 2 विधायकों की मौत हो गई है. तथा सैकड़ों अध्यापकों की जान चली गई है। कोरोना का वायरस मरने वाले का स्टेटस नहीं देख रहा है. मरने वालों में वीआईपी लोगों के नाम भी उसी रेशियो में आ रहे है जितना जनसाधारण के. जम्मू से लेकर कन्याकुमारी तक और अहमदाबाद से लेकर गौहाटी तक लोग आक्सिजन सिलिंडर के लिए भटक रहे हैं, थोक के भाव में मरीज आॉक्सिजन न मिलने के चलते प्राण त्याग दे रहे है. आरटी पीसीआर टेस्ट के लिए आपको मजबूत सिफारिश करवानी होगी तभी आपका टेस्ट हो सकेगा पर रिजल्ट कब मिलेगा सिफारिश के बाद भी कन्फर्म नहीं है. रेमडेसिविर को तो भूल जाइये छोटी पैरासिटामॉल भी आपको मुश्किल से मिल रहा है.
अब हवा में पहुंच गया नया वैरिय़ंट
हेल्थ एक्सपर्ट ने यह मान लिया है कि कोरोना के वायरस हवा में घुल जा रहे हैं. इधर कई डॉक्टरों ने भी कहा है गर्मियों में तो सांसों की हवा वाष्प बनकर हवा में उड़ जाएगी. इस कारण माना जा रहा खुली हवा में कोरोना वायरस फैलकर बहुत तेजी से लोगों को बीमार बनाएगा. इसलिए अभी से आम जनता को सावधान किया जा रहा है कि वे खुले में डबल मास्क का इस्तेमाल करें. इस तरह बीमारी को और फैलने से रोकने के लिए यह जरूरी है कि संपूर्ण लॉकडाउन का फैसला ले. कुछ दिन का लॉकडाउन या रात की बंदी इस नए खतरे से मुकाबला नहीं कर सकता. भारत की संकरी गलिया और घनी आबादी , भरे बाजार , पुराने स्टाइल के अॉफिस इस खतरे से लड़ने के लिए तैयार नहीं हैं. इस तरह संपूर्ण लॉकडाउन ही अंतिम विकल्प दिख रहा है.
डबल म्यूटेंट के बाद अब ट्रिपल म्यूटेंट का खतरा बढ़ा
हेल्थ एक्सपर्ट का मानना है कि भारत में ट्रिपल म्यूटेंट का खतरा बहुत बढ़ गया है. बंगाल , दिल्ली और महाराष्ट्र में इस वैरियंट के मरीज मिले हैं. इस तीन मुखी कोरोना रूपी रावण से मुकाबला करना बहुत कठिन है. इसके बारे में बताया जा रहा है कि यह अभी लग रही सभी प्रकार की वैक्सीन को बेअसर कर देता है और इसके फैलने की स्पीड डबल म्यूटेंट वाले वायरस से भी तेज है. अभी देश में मुंबई और लखनऊ और दिल्ली में जिस तेजी से कोरोना बढ़ा है और जिस तेजी से मरीज पर हमला कर रहा है उसके पीछे डबल म्यूटेंट वाले वायरस को कारण माना जा रहा है. इतना तय है कि तीसरा वैरिएंट इस डबल वैरियेंट से खतरनाक तो रहेगा ही. दुनिया के पंद्रह देशों में पहुंच चुके इस वैरिएंट का जब तक कोई तोड़ न ढूढ़ न लिया जाए तब देश में संपूर्ण लॉकडाउन करना ही उचित रहेगा.
तीन लाख हर रोज केस के लिए मुफीद नहीं आंशिक लॉकडाउन
आम तौर पर अगर देश में हर रोज नए केस बढ़ने की संख्या 10 से 20 हजार तक होती तो एक बार वीकेंड लॉकडाउन , रात्रि कर्फ्यू , और कुछ प्रतिबंधों के साथ वीकली लॉकडाउन चल जाता पर अब स्थितियां गंभीर हो चुकी हैं. कोरोना का विस्फोट हो चुका है.पिछले तीन दिनों से रह रोज कोरोना के नए केस की संख्या 3 लाख से ऊपर जा रही है. कैजुअल्टी भी हर रोज बढ़ रही है. इसका मतलब है कि आंशिक लॉकडाउन काम नहीं कर रहा है. देश को संपूर्ण लॉकडाउन की जरूरत है.
दवाओं और आक्सिजन के लिए त्राहि-त्राहि
प्रशासनिक शिथिलता , दवाओं की कमी और सप्लाई चेन टूटने के चलते जीवनरक्षक दवाएं कहां जा रही हैं किसी को समझ में नहीं आ रहा है. आक्सिजन के अभाव में हो रही मौतें लगातार एक हफ्ते से ऊपर बीत जाने के बाद भी रुका नहीं है इसका मतलब स्पष्ट है कि हम कारगर उपाय करने में सक्षम साबित नहीं हो सके हैं. ब्लेक मार्केट में अगर रेमेडेसिविर मिल रहा है तो इसका मतलब है कि प्रशासन लुंज-पुंज हो चुका है. हो सकता है कि संपूर्ण लॉकडाउन के चलते कुछ मरीज कम हो और कालाबाजारियों पर नियंत्रण करने मे आसानी हो सके.
देश में कुल 7000 टन आक्सिजन का हर रोज उत्पादन हो सकता है. जिसमें महाराष्ट्र अकेले हर रोज 1350 टन कंज्यूम कर रहा है, गुजरात 500 टन , मध्यप्रदेश को भी 250 टन चाहिए. कमी को देखते हुए सभी इंडस्ट्री में सरकार ने आक्सिजन की सप्लाई को रोक दिया है. इसके साध ही देश में सिलिंडरों और क्रायोजेनिक टैंकरों की भी कमी है. इस तरह आक्सिजन की फैक्ट्रियों से हॉस्पिटल के बेड तक पहुंचने में 6 से 8 दिन का समय लग जा रहा है. संपूर्ण लॉकडाउन इस समय को कम कर सकेगा.
स्वास्थ्य कर्मियों और पुलिस वालों सहित फ्रंट लाइन वर्कर को थोड़ी राहत
लगातार कोरोना से लड़ते हुए फ्रंटलाइन वर्कर टूटने के कगार पर हैं. अस्पताल कर्मियों और पुसिल कर्मि्यों पर कई गुना बोझ है. आधे से अधिक कर्मी या तो बीमार हैं , बहुत से जान भी गंवा चुके हैं. संख्या बल में कमी और काम के घंटों में बढ़ोतरी और लगातार ड्यूटी से अब इन्हें कुछ राहत चाहिए. संपूर्ण लॉकडाउन इसमें सहायक हो सकता है.
हॉस्पिटल बेड का रेशियो पाकिस्तान और बांग्लादेश से भी कम
देश भर के अस्पतालों को कोरोना मरीजों के लिए रिजर्व करने के बाद भी बेड की कमी है. भारत में अस्पतालों में बेड की उपलब्धता वैसै भी बहुत कम है. आजादी मिलने के सत्तर साल बाद भी हमारे देश प्रति दस हजार लोगों पर केवल 5 बेड उपलब्ध है. दुनिया में केवल 12 देश ऐसे हैं जिनकी स्थित भारत से भी खराब हैं. हॉस्पिटल बेड के मामले में पाकिस्तान और बांग्लादेश की स्थित भी भारत से बेहतर है. हॉस्पिटल के बेड के मामले में ह्यूमन डेवलपमेंट रिपोर्ट 2020 के अनुसार दुनिया के 167 देशों में भारत का स्थान 155 वां है. इतने कम बेड के साथ अगर यूरोप और अमेरिका की तरह कोरोना संक्रमण से मुकाबले के लिए आंशिक लॉकडाउन का सहारा ले रहे हैं तो यह भारत की जनता के साथ अन्याय होगा. देश में तुरंत लॉकडाउन हो सकता है कि बेड के लिए तड़पते देश के लिए कुछ राहत लेकर आए.
व्यापारियों की ओर से ही आ रही लॉकडाउन की डिमांड
देश का व्यापारी समुदाय खुद इस बार टोटल लॉकडाउन की डिमांड कर रहा है. चाहे लखनऊ हो या दिल्ली व्यापारी वर्ग खुद आगे आकर डिमांड ही नही कर रहा है बल्कि आपसी सहमति से व्यापारी संगठनों ने शटर गिरा दिए हैं. यूपी सरकार ने हाई कोर्ट के आदेश के बाद भी लॉकरडाउन नहीं किए तो लखनऊ के व्यापारियों ने अपनी ओर से खुद दुकानें बंद कर दी. इसी तरह दिल्ली में चांदनी चौक के दुकानदारों ने अापसी सहमति से दुकानें बंद कर दी थीं. बाद में दिल्ली सरकार ने एक हफ्ते का लॉकडाउन की भी घोषणा कर दी. लोग अब समझ रहे हैं जान है तो जहान है.
मई के दूसरे सप्ताह में कोरोना का पीक
हेल्थ एक्सपर्ट बता रहे हैं कि मई के दूसरे सप्ताह मे कोरोना का पीक हो सकता है. एक आईआईटी के प्रख्यात मैथमेटिशियन ने अपनी गणितिय आधार पर आशंका जताई है कि मई के दूसरे सप्ताह में करीबह 35 लाख एक्टिव केस हो सकते हैं. अगर ये सही साबित होता है निश्चित रूप से इसका मुकाबला करना बहुत कठिन होगा. देश भर का संपूर्ण लॉकडाउन हो सकता है कि कुछ राहत मिल जाए.