69 हजार शिक्षक भर्ती में नया मोड़, 6800 अभ्यर्थियों की चयन सूची पर विवाद, नियुक्ति पर लगी रोक, पढ़ें विस्तार से पूरा मामला

उत्तर प्रदेश के प्राथमिक स्कूलों में 69000 सहायक शिक्षकों की भर्ती मामले में एक नया मोड़ आ गया। इलाहाबाद हाईकोर्ट की लखनऊ पीठ के समक्ष हाल ही में राज्य सरकार द्वारा जारी 6800 अभ्यर्थियों की अतिरिक्त चयन सूची को चुनौती दी गई है। कोर्ट ने कहा कि वर्ष 2018 में विज्ञापित 69 हजार रिक्तियों के अतिरिक्त बगैर विज्ञापन के एक भी नियुक्ति नहीं की जा सकती है। राज्य सरकार ने बीती 5 जनवरी को 6800 अभ्यर्थियों की एक अतिरिक्त चयन सूची जारी करने का निर्णय किया था, जिसको लेकर फिर मामला कोर्ट पहुंच गया।

न्यायमूर्ति राजन रॉय ने यह अंतरिम आदेश भारती पटेल व 5 अन्य अभ्यर्थियों द्वारा दायर एक याचिका पर सुनवाई करते हुए दिया। कोर्ट ने पहली नजर में देखा कि चूंकि सर्वोच्च न्यायालय ने स्पष्ट रूप से निर्देश दिया है कि 69000 से अधिक की कोई भी रिक्ति जो एक दिसंबर 2018 को विज्ञापित नहीं की गई थी, को भरने की अनुमति नहीं दी जानी चाहिए। इसलिए किसी भी परिस्थिति में विज्ञापित किए गए 69000 से अधिक किसी को नियुक्त नहीं किया जा सकता है। कोर्ट ने कहा कि अब यह राज्य को तय करना है कि उसे इस मामले में क्या करना है। क्योंकि यह दिलचस्प स्थिति राज्य ने पैदा की है। लेकिन एक बात बहुत स्पष्ट है कि 69000 रिक्तियों से अधिक एक भी नियुक्ति नहीं की जा सकती है। अतिरिक्त नियुक्तियों पर रोक लगाते हुए कोर्ट ने वर्तमान मामले की ‘पेंडेंसी’ के बारे में दो प्रमुख अखबारों प्रकाशन कराने का भी निर्देश दिया है। क्योंकि इसमें काफी लोगों का हित शामिल है।


यह है मामला प्रदेश में सहायक शिक्षकों की 69000 रिक्तियों का विज्ञापन 2018 में किया गया था। परीक्षा 2019 में हुई। यह मामला इलाहाबाद उच्च न्यायालय से लेकर सर्वोच्च न्यायालय तक कई बार जा चुका है। इस बार राज्य सरकार द्वारा जारी 6800 उम्मीदवारों की अतिरिक्त चयन सूची को चुनौती देते हुए हाईकोर्ट के समक्ष एक याचिका दायर की गई है। इसमें याचियों ने इस सूची को कानून की मंशा के खिलाफ कहा है।

राज्य सरकार ने दी यह दलीलराज्य सरकार की तरफ से महाधिवक्ता राघवेंद्र सिंह ने कोर्ट के समक्ष कहा कि इस अतिरिक्त चयन सूची को जारी करने का कारण यह है कि कुछ आरक्षित श्रेणी के उम्मीदवारों ने इस न्यायालय के समक्ष याचिका दायर की थी, जिसमें इस न्यायालय द्वारा कुछ आदेश पारित किए गए थे। जिसके आधार पर राज्य ने आरक्षण के अमल पर फिर से विचार किया। नीति के साथ-साथ आरक्षण अधिनियमए 1994 के प्रावधान सही से लागू न होने के कारण ऐसे आरक्षित श्रेणी के उम्मीदवार जो अन्यथा मेधावी हैं, अर्थात उन्होंने सामान्य श्रेणी के लिए कटऑफ से अधिक अंक प्राप्त किए हैं वो नियुक्ति पाने से रह गए थे। महाधिवक्ता ने आगे कहा कि तदनुसार राज्य सरकार ने मामले पर फिर से विचार करने के बाद 6800 अभ्यर्थियों के नाम वाली एक अतिरिक्त नई चयन सूची जारी करने का निर्णय किया जो आरक्षित श्रेणी के अभ्यर्थी हैं। जिन्होंने अनारक्षित श्रेणी के लिए कटऑफ से अधिक अंक प्राप्त किए हैं। चूंकि यह इसी न्यायालय द्वारा पारित आदेशों के परिणाम में किया गया है इसलिएए इस स्तर पर कोर्ट को मामले में हस्तक्षेप नहीं करना चाहिए।

इस पर कोर्ट ने महाधिवक्ता से पूछा कि अगर 69000 पद पहले ही भरे जा चुके हैं तो इन 6800 को किस पद पर नियुक्त किया जाएगा? क्या एक पद के खिलाफ दो व्यक्ति काम कर सकते हैं और वेतन प्राप्त कर सकते हैं? इस मामले में महाधिवक्ता कोर्ट को संतुष्ट नहीं कर सके लेकिन कहा कि राज्य ने पहले से नियुक्त उन अभ्यर्थियों को बाहर करने का कोई निर्णय नहीं किया है जिन्होंने इन 6800 उम्मीदवारों से कम अंक प्राप्त किए होंगे। निजी प्रतिवादियों की तरफ से पेश हुए वकीलों ने भी सूची का बचाव करते हुए कहा कि उन्हें सामान्य श्रेणी के उम्मीदवारों के लिए मेधावी होने के कारण नियुक्त किया जाना चाहिए और पहले नियुक्त किए गए लोगों को हटा दिया जाना चाहिए। कोर्ट ने उक्त अंतरिम आदेश देकर मामले के संबंधित पक्षकारों को नोटिस जारी किया है। साथ ही मामले की अगली सुनवाई 18 फरवरी को नियत कर इस बीच पक्षकारों को अपना पक्ष पेश करने का मौका भी दिया है।

“अब, यह राज्य को तय करना है कि उसे इस मामले में क्या करना है क्योंकि यह राज्य है जिसने यह स्थिति पैदा की है लेकिन एक बात बहुत स्पष्ट है कि ऐसे पदों पर 69000 रिक्तियों से अधिक व्यक्तियों को नियुक्त नहीं किया जा सकता है।

किसी भी परिस्थिति में, 69000 से अधिक रिक्तियों, जो 01.12.2018 (एटीआरई 2019) को विज्ञापित की गई थीं, को नियुक्त नहीं किया जाएगा और बिना विज्ञापन के रिक्तियों को विज्ञापित और चयन के बिना नहीं भरा जाएगा।”

क्या है पूरा मामला?

उत्तर प्रदेश में सहायक शिक्षकों की 69000 रिक्तियां, जिसका विज्ञापन 2018 में किया गया था, कई बार विवादों का केंद्र रही है। यह इलाहाबाद उच्च न्यायालय से लेकर सर्वोच्च न्यायालय तक कई मुकदमों से गुजर चुका है।इस बार राज्य सरकार द्वारा जारी 6800 उम्मीदवारों की अतिरिक्त चयन सूची को चुनौती देते हुए लखनऊ में इलाहाबाद उच्च न्यायालय के समक्ष एक रिट याचिका दायर की गई है।

राज्य सरकार ने न्यायालय के समक्ष कहा कि इस अतिरिक्त चयन सूची को जारी करने का कारण यह है कि कुछ आरक्षित श्रेणी के उम्मीदवारों ने इस न्यायालय के समक्ष याचिका दायर की थी, जिसमें इस न्यायालय द्वारा कुछ आदेश पारित किए गए थे, जिसके आधार पर, राज्य ने आरक्षण के कार्यान्वयन पर फिर से विचार किया है। नीति के साथ-साथ आरक्षण अधिनियम, 1994 के प्रावधान सही से लागू न होने के कारण, ऐसे आरक्षित श्रेणी के उम्मीदवार जो अन्यथा मेधावी हैं, जिसका अर्थ है, उन्होंने सामान्य श्रेणी के लिए कट-ऑफ से अधिक अंक प्राप्त किए हैं, वो नियुक्ति से रह गए है ।

महाधिवक्ता ने आगे कहा कि तदनुसार, राज्य सरकार ने मामले पर फिर से विचार करने के बाद 6800 उम्मीदवारों के नाम वाली एक अतिरिक्त नई चयन सूची जारी करने का निर्णय लिया है, जो आरक्षित श्रेणी के व्यक्ति हैं जिन्होंने अनारक्षित श्रेणी के लिए कट-ऑफ से अधिक अंक प्राप्त किए हैं और चूंकि यह अभ्यास इसी न्यायालय द्वारा पारित आदेशों का परिणाम है, इसलिए, इस स्तर पर न्यायालय को मामले में हस्तक्षेप नहीं करना चाहिए।

हालांकि कोर्ट ने एडवोकेट जनरल से सवाल किया कि अगर 69000 पद पहले ही भरे जा चुके हैं, तो इन 6800 चयनकर्ताओं को किस पद पर नियुक्त किया जाएगा, और क्या एक पद के खिलाफ दो व्यक्ति काम कर सकते हैं और वेतन प्राप्त कर सकते हैं?

इस मामले में महाधिवक्ता हाई कोर्ट को संतुष्ट नहीं कर सके, लेकिन कहा कि राज्य ने पहले से नियुक्त उम्मीदवारों को बाहर करने का कोई निर्णय नहीं लिया है, जिन्होंने इन 6800 उम्मीदवारों से कम अंक प्राप्त किए होंगे।निजी प्रतिवादियों का प्रतिनिधित्व करने वाले वकीलों ने भी सूची का बचाव करते हुए कहा कि उन्हें सामान्य श्रेणी के उम्मीदवारों के लिए मेधावी होने के कारण नियुक्त किया जाना चाहिए और पहले नियुक्त किए गए लोगों को हटा दिया जाना चाहिए।

हाई कोर्ट ने क्या कहा

न्यायमूर्ति राजन रॉय ने प्रथम दृष्टया देखा कि चूंकि सर्वोच्च न्यायालय ने स्पष्ट रूप से निर्देश दिया है कि 69000 से अधिक की कोई भी रिक्ति जो 01.12.2018 (एटीआरई-2019) को विज्ञापित नहीं की गई थी, को भरने की अनुमति नहीं दी जानी चाहिए, इसलिए, किसी भी परिस्थिति में, विज्ञापित किए गए 69000 से अधिक में नियुक्त किया जा सकता है।

कोर्ट ने कहा कि यह विकट स्थिति राज्य द्वारा बनाई गई है और अब, यह राज्य को तय करना है कि उसे इस मामले में क्या करना है क्योंकि यह राज्य है जिसने यह स्थिति पैदा की है लेकिन एक बात बहुत स्पष्ट है कि 69000 रिक्तियों से अधिक एक भी नियुक्ति नहीं की जा सकती है।अतिरिक्त नियुक्तियों पर रोक लगाते हुए, कोर्ट ने प्रमुख समाचार पत्रों में वर्तमान मामले की पेंडेंसी के बारे में प्रकाशित करने का निर्देश दिया है क्योंकि इसमें काफी लोग का हिट शामिल है और आगे की सुनवाई के लिए 18 फरवरी 2022 की तारीख तय की है

यूपी विधानसभा चुनाव: चुनाव आयोग का बड़ा फैसला, दस फरवरी से सात मार्च तक पर एग्जिट पोल रोक

एग्जिट पोल को लेकर निर्वाचन आयोग ने बड़ा फैसला लिया है। यूपी चुनाव में 10 फरवरी से सात मार्च तक एग्जिट पोल पर पाबंदी लगा दी गई है। यूपी के मुख्य चुनाव अधिकारी अजय कुमार शुक्ला ने कहा है कि एग्जिट पोल पर 10 फरवरी सुबह सात बजे से 7 मार्च शाम साढ़े छह बजे तक पाबंदी रहेगी।

इस अवधि में एग्जिट पोल न तो प्रिंट मीडिया के जरिए छापा जाएगा और न ही इलेक्ट्रॉनिक मीडिया पर इसे दिखाने की इजाजत होगी। नियम का उल्लंघन करने वालों को दो साल की जेल और जुर्माना भी लगाया जा सकता है।

एग्जिट पोल को लेकर समाजवादी पार्टी के मुखिया अखिलेश यादव कई बार मांग कर चुके हैं कि इस पर रोक लगनी चाहिए। यादव का कहना है कि इससे सूबे के मतदाता प्रभावित हो सकते हैं।

Fatehpur :- फतेहपुर में आयोजित विधानसभा सामान्य निर्वाचन 2022 में पीठासीन / मतदान अधिकारियों के प्रशिक्षण में अनुपस्थित कर्मियों का दिनांक 27/01/2022 का वेतन रोकने के लिए आदेश जारी,देखें शिक्षकों/ मतदान कर्मियों की सूची

फतेहपुर में आयोजित विधानसभा सामान्य निर्वाचन 2022 में पीठासीन / मतदान अधिकारियों के प्रशिक्षण में अनुपस्थितकर्मियों का दिनांक 27/01/2022 का वेतन रोकने के लिए आदेश जारी देखें शिक्षकों/ मतदान कर्मियों की सूची

ONLINE QUIZ LINKS BASIC SHIKSHA VIBHAG ऑनलाइन मासिक आकलन क्विज

🏅ऑनलाइन मासिक आकलन क्विज🏅


प्राथमिक स्तर
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जूनियर स्तर
https://forms.gle/EnkW2MvxNbkSsimh8
दैनिक आओ परखें ज्ञान
https://forms.gle/tgxADEnMZ2emTzq18

दैनिक श्यामपट्ट संदेश कार्य -९४७*
📜Daily Black Board Update-947
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दिनांक/Date:
29/01/2022
दिन/Day: शनिवार/Saturday

*🌞आपका दिन शुभ हो🌞*🙏🇮🇳🙏
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*दिनांक/Date:*
29/01/2022
*दिन/Day:* शनिवार/Saturday
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🌈 *आज का सुविचार/Today’s Thought*🌈
“वह व्यक्ति जीवन में सफल होता है, जो अपनी कमजोरियों को पहचान कर, उस पर विजय हासिल करता है।”
“The man who recognizes his weaknesses and overcomes them, succeeds in life.”

🔰 *सामान्य ज्ञान/General Knowledge*🔰
प्रश्न:-दिल्ली स्थित महात्मा गांधी की समाधि का क्या नाम है?
उत्तर:- राजघाट
Question:- What is the name of the Samadhi of Mahatma Gandhi in Delhi?
Answer:- Rajghat

📗 *Today’s word/आज का शब्द*📗
Lantern (लैन्टर्न) ~ लालटेन ~ नेयदीपः

🗓️ *विशेष/Special*🗓️
1. शहीद दिवस
(30 जनवरी)
Martyr’s Day
(January 30)

2. विश्व कुष्ठ रोग दिवस
(30 जनवरी)
World Leprosy Day
(January 30)

💐🕯️ *पुण्यतिथि/Death Anniversary*🕯️💐
महात्मा गांधी
(30 जनवरी,1948)
Mahatma Gandhi
(January 30, 1948)

*रोचक तथ्य:*
अंग्रेजी अल्फाबेट का सबसे अधिक इस्तेमाल किया जाने वाला लेटर E है।

*नोट:-* 30 जनवरी को रविवार के कारण विशेष आज दिया गया है।

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👉निवेदन 🙏🏻
नोट:-कृपया विद्यालय समय में समूहों पर आपात और अतिआवश्यक मैसेज के अतिरिक्त कोई भी मैसेज, फोटो/श्यामपट फोटो, वीडियो अथवा ऑडियो न भेजें।

_🖍सहयोग और संकलन:_
*🔲टीम श्यामपट्ट मिशन शिक्षण संवाद*

UPTET ANSWER KEY : कोर्ट पहुंचेंगे यूपीटीईटी की उत्तरमाला के तीन उत्तर

UPTET : कोर्ट पहुंचेंगे यूपीटीईटी की उत्तरमाला के तीन उत्तर


⚫ 2017 की यूपीटीईटी में हाई कोर्ट ने सही माने थे इन्हीं प्रश्नों के दो उत्तर

⚫ पीएनपी से आपत्ति निस्तारण के बाद स्पष्ट होगी अन्य उत्तरों पर स्थिति

प्रयागराज : उत्तर प्रदेश शिक्षक पात्रता परीक्षा (यूपीटीईटी)-2021 की उत्तरमाला उत्तर प्रदेश परीक्षा नियामक प्राधिकारी (पीएनपी) की ओर से जारी कर दी गई है। इसमें वर्ष 2017 की यूपीटीईटी में भी पूछे गए उन तीन प्रश्नों में एक उत्तर को सही बताया गया है, जिसमें हाई कोर्ट ने अभ्यर्थियों से सहमत होकर दो उत्तरों को सही मानकर समान अंक देने के आदेश दिए थे। इसके अलावा अन्य उत्तरों को लेकर स्थिति आपत्ति निस्तारण के बाद स्पष्ट हो सकेगी।


उत्तरमाला पर अभ्यर्थियों से आनलाइन आपत्ति एक फरवरी तक मांगी गई है। वर्ष 2017 की यूपीटीईटी में 14 प्रश्नों पर पीएनपी की उत्तरमाला से असहमत होकर अभ्यर्थियों ने हाई कोर्ट में याचिका लगाई थी। मामला डबल बेंच तक गया था, जिसमें तीन प्रश्नों के दो उत्तर सही माने गए थे, बाकी उत्तरों पर कोई बदलाव नहीं किया गया था। यह विवादित प्रश्न वर्ष 2021 की यूपीटीईटी के प्रश्नपत्र में भी आए।


बाल विकास एवं शिक्षण विधि विषय में- ‘निम्न में किसका नाम सुजनन शास्त्र के पिता से जुड़ा हुआ है’। इसमें हाई कोर्ट ने ‘गाल्टन’ और ‘क्रो एंड क्रो’ दोनों उत्तरों को सही माना था। इसी तरह एक और प्रश्न ‘घास भूमि क्षेत्र के परितंत्र के खाद्य श्रृंखला के सबसे उच्च स्तर का उपभोक्ता होता है’। इसमें पीएनपी ने ‘मांसाहारी’ को सही माना है, जबकि हाई कोर्ट ने 2017 में इस प्रश्न में ‘मांसाहारी’ के साथ ‘जीवाणु’ को भी सही मानते हुए दोनों उत्तरों पर समान अंक देने का आदेश दिया था।


इसी तरह एक अन्य प्रश्न ‘आंख की किरकिरी होने का अर्थ है’, प्रश्न पर हाई कोर्ट के आदेश पर ‘अप्रिय लगना’ और ‘कष्टदायी’ होना को सही उत्तर माना गया था। कौशांबी में सहायक अध्यापक अनिल कुमार पांडेय का कहना है कि 2017 की यूपीटीईटी में कोर्ट जा चुके इन प्रश्नों को 2021 की परीक्षा से हटाकर कोर्ट की संभावना को रोका जा सकता था या कम किया जा सकता था। अब क्वालीफाइंग अंक से एक अंक कम पाने वाले अभ्यर्थी विवादित तीनों प्रश्नों के दूसरे सही उत्तर को लेकर कोर्ट का रुख अपनाएंगे, क्योंकि यह अंक उन्हें परीक्षा में सफल होने का मार्ग प्रशस्त करेंगे।

नेता क्यों नहीं लेते NPS का लाभ, विभिन्न कर्मचारी संगठनों की पेंशन से सम्बंधित शिकायतों के दृष्टिगत मुख्य सचिव द्वारा कार्मिक एवं वित्त विभाग के अधिकारियों के साथ समीक्षा बैठक हुई आयोजित, गिनाये NPS के लाभ,

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यूपी :- समस्त स्कूल-कॉलेज 06 फरवरी 2022 तक रहेंगे बन्द,ऑनलाइन कक्षाएं चलती रहेंगी, देखे

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Income Tax: आयकर विभाग ने जारी किया रिफंड, ऐसे चेक करें और न आने पर यहां करें शिकायत

Income Tax: आयकर विभाग ने जारी किया रिफंड, ऐसे चेक करें और न आने पर यहां करें शिकायत



नई दिल्ली. इनकम टैक्स डिपार्टमेंट (Income Tax) ने गुरुवार को इस वित्त वर्ष में अब तक उसने 1.79 करोड़ करदाताओं को 1.62 लाख करोड़ रुपये से अधिक के रिफंड जारी किये हैं. इसमें आकलन वर्ष 2020-21 के 1.41 करोड़ रिफंड शामिल हैं, जो 27,111.40 करोड़ रुपये के हैं. आयकर विभाग ने ट्वीट किया, केंद्रीय प्रत्यक्ष कर बोर्ड (सीबीडीटी) ने एक अप्रैल 2021 से 24 जनवरी 2022 के बीच 1.79 करोड़ से अधिक मतदाताओं को 1,62,448 करोड़ रुपये से अधिक के रिफंड जारी किए हैं.


टैक्स रिफंड का स्टेटस ऐसे चेक करें
यदि सभी कुछ सही होने के बाद भी आपका टैक्स रिफंड वापस नहीं आया है. तो आप इनकम टैक्स डिपार्टमेंट के ई-फाइलिंग पोर्टल और नेशनल सिक्योरिटीज डिपॉजिटरी लिमिटेड (NSDL) की वेबसाइट पर जाकर अपने रिफंड का स्टेटस चेक कर सकते हैं.

आप ‘पंजीकृत उपयोगकर्ता’ अनुभाग के तहत अपने उपयोगकर्ता आईडी और पासवर्ड के रूप में अपने स्थायी खाता संख्या (पैन) का उपयोग करके ई-फाइलिंग पोर्टल (www.incometaxindiaefiling.gov.in) पर अपने खाते में लॉग इन कर सकते हैं. एक बार लॉग इन करने के बाद. ‘ई-फाइल किए गए रिटर्न / फॉर्म’ अनुभाग देखें.


आयकर रिटर्न और संबंधित मूल्यांकन वर्ष का चयन करें. एक नया पेज ‘माई रिटर्न’ खुलेगा और आपके दाखिल रिटर्न की स्थिति दिखाएगा जैसे कि आईटीआर दायर, सत्यापित, आईटीआर प्रसंस्करण, धनवापसी की स्थिति या धन वापसी की स्थिति. ‘स्थिति’ मेनू के तहत, आप भुगतान का तरीका देख सकते हैं.


घर बैठे कर सकते हैं आयकर विभाग से शिकायत
कोई गड़बड़ी नहीं होने के बाद भी रिफंड नहीं आया है तो आयकर विभाग से इसकी शिकायत की जा सकती है. आयकर विभाग ने इसके लिए टोल फ्री नंबर (Toll Free Number) जारी किया है. करदाता आयकर विभाग की ई-फाइलिंग पोर्टल के जरिए भी शिकायत रजिस्टर कर सकते हैं.

Answer Key : UPTET आधिकारिक उत्तरमाला, ऐसे कर सकते हैं चेक

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यूपीटीईटी 2021 में अधिकांश प्रश्न पिछले सालों 2016, 2017 व 2018 की परीक्षा से थे। अभ्यर्थियों का दावा है कि 150 में से लगभग 130 प्रश्न रिपीट हुए। जैसे हिंदी, अंग्रेजी, गणित और पर्यावरण के अधिकांश प्रश्न 2017 के पेपर से जबकि बाल विकास के प्रश्न 2016 के पेपर से पूछे गए थे।