शैक्षिक सत्र 2022-23 में स्कूल चलो अभियान के अंतर्गत परिषदीय विद्यालयों में लक्ष्य के सापेक्ष कम नामांकन के संबंध में

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31 मई तक यू-डायस+ सत्र 2021-22 का DCF भरे जाने के सम्बन्ध में

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ग्रीष्मावकाश में हो सकते हैं स्थानांतरण मान्यता प्राप्त संघों ने दिए अपने सुझाव

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स्थानांतरण :- मान्यता प्राप्त संघ राष्ट्रीय शैक्षिक महासंघ(RSM) एवं प्राथमिक शिक्षक संघ द्वारा स्थानांतरण के संबंध में सचिव द्वारा मांगे गए सुझाव पर देखें क्या दिये अपने सुझाव, यहां देखें दोनों संघों के सुझाव

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परिषदीय विद्यालयों में शैक्षिक सत्र 2022-23 हेतु स्थानन्तरण नीति के सम्बंध में

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UP TGT PGT Recruitment 2022: यूपीएसईएसएसबी 4700 पदों पर कराएगा टीजीटी-पीजीटी भर्ती

UPSESSB TGT PGT Recruitment 2022 यूपीएसईएसएसबी ने तीन दिसंबर 2021 से 20 दिसंबर 2021 तक अशासकीय सहायता प्राप्त माध्यमिक विद्यालयों के लिए जिला विद्यालय निरीक्षकों के माध्यम से अधियाचन मांगा। निर्धारित समय सीमा में टीजीटी के लिए 4500 और पीजीटी के 850 पदों के लिए अधियाचन प्राप्त हुआ।

लखनऊ,। UPSESSB TGT PGT Recruitment 2022 : उत्तर प्रदेश की योगी आदित्यनाथ सरकार रिक्त पदों पर तेजी से भर्ती कराने को लेकर गंभीर है। इसके लिए विभिन्न भर्ती बोर्डों के अध्यक्षों के साथ मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ बैठक भी कर चुके हैं। सरकार की मंशा को देखते हुए उत्तर प्रदेश माध्यमिक शिक्षा सेवा चयन बोर्ड (यूपीएसईएसएसबी) ने प्रवक्ता संवर्ग (पीजीटी) और प्रशिक्षित स्नातक शिक्षक (टीजीटी) के अधियाचित करीब 4700 पदों पर शासन की अनुमति मिलते ही भर्ती विज्ञापन निकालने की तैयारी तेज कर दी है।



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उत्तर प्रदेश माध्यमिक शिक्षा सेवा चयन बोर्ड में वर्तमान में कोई सदस्य कार्यरत नहीं हैं, लेकिन नियुक्ति के लिए 14 मई तक शासन में आवेदन लिए जाने से चयन बोर्ड मानकर चल रहा है कि जल्द ही सदस्य मिल जाएंगे।

चयन बोर्ड ने तीन दिसंबर 2021 से 20 दिसंबर 2021 तक अशासकीय सहायता प्राप्त माध्यमिक विद्यालयों के लिए जिला विद्यालय निरीक्षकों के माध्यम से अधियाचन मांगा। निर्धारित समय सीमा में टीजीटी के लिए 4500 और पीजीटी के 850 पदों के लिए अधियाचन प्राप्त हुआ। इस तरह कुल 5350 पदों के लिए अधियाचन चयन बोर्ड को मिला। अब इन पदों पर शासन की अनुमति जैसे मिलती है भर्ती प्रक्रिया शुरू हो जाएगी



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उसी बीच वर्ष 2016 और 2021 के टीजीटी-पीजीटी चयनितों ने समायोजन की मांग लेकर चयन बोर्ड के बाहर धरना शुरू कर दिया। इसके लिए चयन बोर्ड ने जिला विद्यालय निरीक्षकों के माध्यम से मिले समायोजन प्रस्ताव पर करीब साढ़े छह सौ चयनितों का समायोजन दो बार में जारी कर दिया।

अब शेष अधियाचित 4700 पदों पर विज्ञापन जारी करने की प्रक्रिया चयन बोर्ड ने तेज कर दी है। मुख्यमंत्री ने भी 100 दिन की कार्ययोजना में रिक्त पदों पर भर्ती को भी शामिल करने को कहा है। ऐसे में माध्यमिक शिक्षा सेवा चयन बोर्ड सदस्यों की नियुक्ति के लिए आवेदन लिए जाने के बीच पीजीटी व टीजीटी के रिक्त पदों पर भर्ती कराने की तेजी से तैयारी कर रहा है।

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राजद्रोह कानून के तहत कार्रवाई पर सुप्रीम कोर्ट की रोक, सरकार के समीक्षा करने तक लागू रहेगी पाबंदी,जाने क्या है राजद्रोह कानून(124A)

Supreme Court Order on Sedition Law: सुप्रीम कोर्ट ने राजद्रोह के सभी मौजूदा मामलों पर स्टे लगा दिया है. साथ ही केंद्र और राज्य सरकारों से नए मामले दर्ज न करने को भी कहा है.

Supreme Court Decision on Sedition Law: देश की सबसे बड़ी अदालत ने आज राजद्रोह कानून के बारे में अहम आदेश दिया है. सुप्रीम कोर्ट ने आईपीसी के सेक्शन 124ए के तहत राजद्रोह के सभी मौजूदा मामलों में आगे की कार्रवाई पर स्टे लगा दिया है. देश की सबसे बड़ी अदालत ने यह भी कहा है कि सरकार जब तक इस कानून की समीक्षा कर रही है, केंद्र और राज्य सरकारों को इस कानून के तहत नए मामले दर्ज नहीं करने चाहिए. सुप्रीम कोर्ट के फैसले के मुताबिक राजद्रोह कानून के तहत कार्रवाई पर रोक लगाने वाला यह आदेश तब तक जारी रहेगा जब तक सरकार इस कानून की समीक्षा पूरी नहीं कर लेती. कोर्ट ने इस कानून के तहत जेल में बंद सभी आरोपियों को जमानत के लिए कोर्ट के पास जाने की छूट भी दी है.

ये सभी अहम निर्देश सुप्रीम कोर्ट के चीफ जस्टिस एनवी रमन्ना की अध्यक्षता वाली एक बेंच ने दिए हैं. कोर्ट ने राजद्रोह से जुड़े प्रावधानों की वैधता को चुनौती देने वाली याचिका पर सुनवाई करने के लिए जुलाई के तीसरे हफ्ते तक का समय दिया है. कोर्ट ने कहा है कि इस दौरान केंद्र सरकार इस कानून की समीक्षा पूरी कर सकती है.

पिछले साल वर्ष 2021 में मेजर जनरल (रिटायर्ड) एसजी वोम्बटकेरे ने राजद्रोह से जुड़े आईपीसी के सेक्शन 124ए को चुनौती देने वाली याचिका दायर की थी. इस पर सुनवाई के दौरान कोर्ट ने अंग्रेजी राज से चले आ रहे इस औपनिवेशिक कानून के बारे में कई तीखी टिप्पणियां की थीं. सरकार ने कोर्ट में पहले तो इस कानून का बचाव किया, लेकिन सुप्रीम कोर्ट के कड़े रुख को देखते हुए सोमवार को कानून की समीक्षा की बात मान ली. सरकार ने सोमवार को सुप्रीम कोर्ट से अनुरोध किया कि वो इस कानून की समीक्षा करने को तैयार है, लिहाजा इसकी वैधता पर कोर्ट विचार न करे.

क्या है राजद्रोह कानून


आईपीसी की धारा 124ए के तहत अगर कोई शख्स सार्वजनिक तौर पर लिखित या मौखिक रूप से या हस्ताक्षर या अन्य किसी जाहिर तरीके से विधि द्वारा स्थापित सरकार के खिलाफ नफरत, शत्रुता या फिर अवमानना की स्थिति पैदा करता है तो उसे राजद्रोह का दोषी माना जाएगा. इसके लिए उसे आजीवन कारावास तक की सजा हो सकती है और जुर्माना भी लगाया जा सकता है. खास बात यह है कि थॉमस मैकाले (Thomas Macaulay) ने साल 1860 में जब आईपीसी (इंडियन पीनल कोड) को ड्राफ्ट किया था, तो राजद्रोह से जुड़ा प्रावधान इसमें नहीं था. साल 1890 में राजद्रोह को अपराध घोषित करने के लिए आईपीसी में सेक्शन 124ए विशेष अधिनियम XVII के जरिए जोड़ा गया.

पहली बार 1891 में हुआ था राजद्रोह कानून का इस्तेमाल


चीफ जस्टिस रमन्ना ने हाल ही में इस मामले की सुनवाई के दौरान कहा था कि अंग्रेजों ने राजद्रोह कानून का इस्तेमाल महात्मा गांधी और बाल गंगाधर तिलक को चुप कराने के लिए किया था. एलओसी ब्लॉग के मुताबिक पहली बार राजद्रोह से जुड़े कानून का इस्तेमाल एक अखबार के संपादक जोगेंद्र चंद्र बोस के खिलाफ वर्ष 1891 में किया गया था. इसके बाद बाल गंगाधर तिलक और महात्मा गांधी के अलावा पंडित जवाहरलाल नेहरू, मौलाना अबुल कलाम आजाद और विनायक दामोदर सावरकर के खिलाफ भी राजद्रोह के आरोप में केस किए गए. इतने स्वतंत्रता सेनानियों के खिलाफ इस्तेमाल किए गए इस कानून का प्रयोग आजादी के बाद भी बंद नहीं हुआ.

बेसिक शिक्षक भर्ती : बीएड-डीएलएड प्रशिक्षु अब आमने-सामने

बेसिक शिक्षक भर्ती : बीएड-डीएलएड प्रशिक्षु अब आमने-सामने


🛑 भर्ती से बीएड को बाहर करने पर अड़े डीएलएड वाले
🛑 2018 में बीएड को शिक्षक भर्ती में किया था मान्य

प्रयागराज । प्राथमिक स्तर की टीईटी 2021 के प्रमाणपत्र जारी करने पर हाईकोर्ट की रोक एक अदद सरकारी नौकरी पाने की लड़ाई का परिणाम है। राष्ट्रीय अध्यापक शिक्षा परिषद (एनसीटीई) ने 28 जून 2018 को बीएड डिग्रीधारियों को प्राथमिक स्तर (कक्षा एक से पांच तक) की शिक्षक भर्ती के लिए मान्य कर दिया था। जिसके बाद 69000 सहायक अध्यापक भर्ती में हजारों बीएड डिग्रीधारी शिक्षक पद पर चयनित हो गए।


उसी के बाद से डिप्लोमा इन एलिमेंटरी एजुकेशन (डीएलएड या पूर्व में बीटीसी) करने वाले बेरोजगारों में असंतोष था। वर्तमान में उत्तर प्रदेश में बीएड डिग्रीधारी बेरोजगारों की संख्या तकरीबन 12 लाख और डीएलएड प्रशिक्षित बेरोजगारों की संख्या छह से सात लाख के आसपास बताई जा रही है। डीएलएड प्रशिक्षुओं का तर्क है कि बीएड का कोर्स माध्यमिक स्कूलों में शिक्षक भर्ती के लिए तैयार किया गया है।


चूंकि पहले उत्तर प्रदेश में डीएलएड (बीटीसी) प्रशिक्षुओं की पर्याप्त संख्या उपलब्ध नहीं थी इसलिए बीएड डिग्रीधारियों को एक जनवरी 2012 तक प्राथमिक स्कूलों में सहायक अध्यापक पद पर भर्ती के लिए छूट दी गई थी। 72825 प्रशिक्षु शिक्षक भर्ती में विवाद के कारण समयसीमा बीतने पर बीएड वालों को 31 मार्च 2014 तक नियुक्ति में छूट बढ़ानी पड़ी थी।


उसके बाद बीएड वाले प्राथमिक स्कूलों की भर्ती से बाहर हो गए थे। हालांकि एनसीटीई ने 28 जून 2018 को फिर से बीएड करने वालों को प्राथमिक शिक्षक भर्ती में मान्य कर लिया। जिसके चलते डीएलएड करने वालों की शिक्षक भर्ती में चयन की संभावना कम हो गई।

अयोध्या में आदेश:- ग्रीष्मावकाश की तारीख हुई तय अब नहीं है कोई संशय, देखें बीएसए अयोध्या का आदेश

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बेसिक अवकाश तालिका :- https://basicshikshak.com/avkash-talikabasic-avkash-talika-2022/