प्रदेश के 25808 स्कूलों में कम्पोजिट ग्रांट की होने वाली जांच के लिए भी बिन्दु जारी कर दिए गए हैं। मसलन, चारदीवारी में क्या जांच करनी होगी और हैण्डपंप लगा है तो उसकी जांच के बिन्दु क्या होंगे। इस जांच की रिपोर्ट प्रेरणा पोर्टल पर 16 अगस्त तक अपलोड की जाएगी।
प्रदेश में 3200 स्कूलों में 2017- 18 में फर्नीचर के लिए 9050 लाख रुपये दिए गए थे। वहीं 2018 -19 में 1775 स्कूलों में गेट व चारदीवारी का में निर्माण हुआ। 2017-18 में 1379 स्कूलों ने पेयजल के लिए हैंड लगवाए थे और 13604 स्कूलों में विद्युतीकरण के लिए वायरिंग आदि करवाई गई थी। जांच के लिए इन्हीं स्कूलों का चयन किया जाएगा और पिछले तीन सालों में इन स्कूलों में अवस्थापना सुविधाओं के लिए भेजी गई सभी धनराशि के कामों की जांच भी होगी। सभी के लिए जांच बिन्दु भी जारी किए गए हैं मसलन हैण्डपम्प तो उसे लगाने वाली एजेंसी जल निगम से अधिकृत है या नहीं हैण्डपंप आईएसआई मार्क है या फर्नीचर है तो 3 सीटर 35 डेस्क-बेंच सभी स्कूलों में होनी चाहिए। चारदीवारी कुर्सी से पांच फुट ऊंची होनी चाहिए। बिजली का काम है तो भी हर कक्षा में 20 वॉट का सीएफएल व एक पंखा, आईएसआई मार्क कंपनियों के उत्पाद होने चाहिए।