राजनीतिक पार्टियों को निर्वाचन आयोग की सख्त हिदायत: चुनाव प्रचार में सैनिकों और सेना की तस्वीरों का इस्तेमाल न करें

नई दिल्ली: सेना और सैन्य अभियानों की फ़ोटो इस्तेमाल न की जाएं. चुनाव आयोग ने सभी राजनीतिक पार्टियों को यह सलाह दी है. चुनाव आयोग ने सभी राजनीतिक दलों से कहा है कि वे अपने चुनाव अभियान में सैनिकों और सैन्य अभियानों की तस्वीरों का इस्तेमाल करने से बचें.

चुनाव आयोग ने शनिवार को 2013 में जारी परामर्श का हवाला देते हुए सभी राजनीतिक दलों के प्रमुखों से अपने पार्टी प्रतिनिधियों और उम्मीदवारों से इसका सख्ती से पालन सुनिश्चित करने को कहा. आयोग ने एक राजनीतिक दल के पोस्टर में वायु सेना विंग कमांडर अभिनंदन की तस्वीर के कथित इस्तेमाल पर संज्ञान लेते हुए राजनीतिक दलों को ऐसा करने से बचने का परामर्श दिया है.

उल्लेखनीय है कि आयोग ने दिसंबर 2013 में रक्षा मंत्रालय की शिकायत पर यह परामर्श जारी किया था. इसमें मंत्रालय ने विभिन्न राजनीतिक दलों के उम्मीदवारों द्वारा चुनाव अभियान में सैन्यकर्मियों की तस्वीर का इस्तेमाल करने पर चुनाव आयोग का ध्यान आकर्षित करते हुए इसे रोकने के लिए उपयुक्त निर्देश जारी करने का अनुरोध किया था.
आयोग ने अपने परामर्श में कहा कि सुरक्षा बल देश की सीमाओं और राजनीतिक तंत्र की सुरक्षा के तटस्थ पहरेदार हैं. ऐसे में राजनीतिक दलों और उनके नेताओं को अपने चुनावी अभियान में सैन्य बलों के संदर्भ का किसी भी रूप में सहारा लेते समय अत्यधिक सावधानी बरतने की जरूरत है. इसके मद्देनजर राजनीतिक दलों और उनके उम्मीदवारों को चुनाव अभियान में सैन्य बलों के जवानों और सैन्य अभियानों की तस्वीर आदि का इस्तेमाल बिलकुल नहीं करना चाहिए .

यूपी सरकार ने चकबंदी लेखपाल की भर्ती की रद्द, 1364 पदों के लिए मांगे थे आवेदन

लखनऊ: Chakbandi Lekhpal Recruitment 2019: उत्तर प्रदेश सरकार ने चकबन्दी लेखपाल (UP Chakbandi Lekhpal) के 1364 पदों पर सीधी भर्ती की प्रक्रिया को तत्काल प्रभाव से निरस्त करने का फैसला किया है. यह जानकारी राज्य सरकार के एक प्रवक्ता ने शनिवार को दी. बता दें, इन 1364 पदों में से अनारक्षित श्रेणी के 1002 पदों तथा अनुसूचित जाति श्रेणी के 362 पदों का विज्ञापन निकाला गया, उसमें अन्य पिछड़ा वर्ग श्रेणी तथा अनुसूचित जनजाति श्रेणी के लिए भी पद नहीं था. इसी को ध्यान में रखते हुए शासन ने भर्ती की प्रक्रिया को तत्काल प्रभाव से निरस्त करते हुए प्रकरण की जांच कराए जाने का निर्णय भी लिया है.
प्रवक्ता ने बताया कि इस सम्बन्ध में अपर मुख्य सचिव राजस्व रेणुका कुमार द्वारा राज्य के चकबन्दी आयुक्त को एक पत्र लिखकर कहा गया है कि शासन ने सम्यक विचारोपरान्त यह पाया कि चकबन्दी लेखपालों की सीधी भर्ती के विज्ञापित कुल 1364 पदों में अन्य पिछड़ा वर्ग तथा अनुसूचित जनजाति वर्ग के पदों का विज्ञापन किन परिस्थितियों में नहीं किया गया? यदि चकबन्दी लेखपाल के सीधी भर्ती के पदों में अन्य पिछड़ा वर्ग तथा अनुसूचित जनजाति वर्ग का आरक्षण कोटा पूर्व से ही भरा हुआ है, तो ऐसा क्यों और किन परिस्थितियों में किया गया, इन बिंदुओं की जांच आवश्यक है.
अपर मुख्य सचिव राजस्व ने चकबन्दी आयुक्त को आवश्यक कार्रवाई करने और उससे शासन को अवगत कराने के निर्देश दिए हैं. इस सम्बन्ध में शासन द्वारा उत्तर प्रदेश अधीनस्थ सेवा चयन आयोग से इस भर्ती प्रक्रिया को तत्काल प्रभाव से रोकते हुए और भर्ती के सम्बन्ध में पूर्व में जारी किए गए विज्ञापन के शीघ्र निरस्तीकरण की कार्रवाई करने की अपेक्षा भी की गई है.

चुनाव आयोग की अहम प्रेस कॉन्फ्रेंस आज शाम 5 बजे, लोकसभा चुनाव की तारीखों का हो सकता है ऐलान

दिल्ली: Election Commission: लोकसभा चुनाव (Dates of Lok Sabha Elections) की तारीखों का आज ऐलान संभव है. लोकसभा चुनाव 2019 ( Lok Sabha Elections 2019) के मद्देनजर आज शाम 5 बजे चुनाव आयोग की अहम प्रेस कॉन्फ्रेंस होनी है. उम्मीद जताई जा रही है कि आज शाम पांच बजे चुनाव आयोग दिल्ली के विज्ञान भवन में लोकसभा चुनाव की तारीखों का ऐलान करेगा. इतना ही नहीं, लोकसभा चुनाव की तारीखों के साथ-साथ 4 राज्यों की तारीखों का भी ऐलान हो सकता है. बता दें कि चुनाव के कार्यक्रम की घोषणा होने के बाद से ही आचार संहिता लागू हो जाती है

बताया जा रहा है कि चुनाव आयोग चार राज्यों में इस साल होने वाले विधानसभा चुनावों की तारीखों का भी ऐलान कर सकता है. ये चार राज्य हैं सिक्किम, अरुणाचल प्रदेश, ओडिशा और आंध्र प्रदेश. सूत्रों की मानें तो लोकसभा चुनाव इस बार 7 से 8 चरणों में होंगे.

दरअसल, चुनाव आयोग सामान्य तौर पर रविवार को लोकसभा के चुनावों की तारीखों का ऐलान नहीं करता. मगर इस बार निर्वाचन आयोग ने चुनाव की तारीखों के ऐलान के लिए आज यानी रविवार का ही दिन चुना है. बता दें कि इससे पहले साल 2004 के लोकसभा चुनाव की तारीखों का ऐलान भी रविवार को ही हुआ था.

विश्वविद्यालयों में नौकरी के लिए 200 पॉइंट रोस्टर पर अध्यादेश को कैबिनेट की मंजूरी

13 प्वाइंट रोस्टर के जरिए विश्वविद्यालयों में नियुक्ति को लेकर देशभर में जारी आंदोलन के बाद केंद्र ने 200 प्वाइंटर को हरी झंडी दे दी। वित्त मंत्री अरुण जेटली ने कैबिनेट मीटिंग के बाद जानकारी दी कि केंद्रीय कैबिनेट ने यह महत्वपूर्ण फैसला लिया ताकि रिजर्व कैटिगरी के एससी, एसटी और ओबीसी को विश्वविद्यालय फैकल्टी में नौकरी के लिए समुचित प्रतिनिधितित्व मिल सके

इस अध्यादेश में विभाग या विषय की बजाए विश्वविद्यालय या कालेज को इकाई माना गया है। इस निर्णय से शिक्षक कैडर में सीधी भर्ती के तहत 5000 से अधिक रिक्तियों को भरते समय यह सुनिश्चित किया जा सकेगा कि इससे संविधान के अनुच्छेद 14, 16 और 21 का पूरी तरह से अनुपालन हो सके और जिससे अनुसूचित जाति, अनुसूचित जनजाति और अन्य पिछड़ा वर्ग के लिए नियत आरक्षण प्रावधान का पालन हो सके।

इस विषय पर छात्रों और शिक्षक संगठनों ने विरोध प्रदर्शन शुरू कर दिया था। इन संगठनों की ओर से सरकार से आग्रह किया गया था कि शिक्षक पदों में आरक्षण इकाई के रूप में कालेजों एवं विश्वविद्यालयों में 200 प्वाइंट की रोस्टर प्रणाली को बहाल करने के लिये अध्यादेश लाया जाए।

 

SSC CHSL 2018:: एसएससी ने जारी किया 2018 नोटिफिकेशन पढ़ें पूरी जानकारी नीचे दिए हुए लिंक से करें आवेदन

एसएससी ने जारी किया 2018 सीएचएसएल नोटिफिकेशन पढ़ें पूरी विस्तृत जानकारी डाउनलोड करें यहां से नोटिफिकेशन और नीचे दिए गए लिंक से करें आवेदन आवेदन की तिथि 5 मार्च 2019 से शुरू हो रही है👇👇👇

📌 Official notification-  DOWNLOAD HERE

📌APPLY LINK- http://www.ssc.nic.in/

📌Website-https://ssc.nic.in/

 

RRB Group D Result जारी: मोबाइल पर यूं देखें जोनवाइज आरआरबी ग्रुप डी परिणाम, देखें Direct Link

आरआरबी ग्रुप डी परिणाम 2018 की घोषणा आज हो गई है। इस के साथ-साथ संशोधित आंसर-की, मेरिट मार्क्स, व्यक्तिगत स्कोर भी जारी होंगे। करीब 1.80 करोड़ उम्मीदवारों ने इस परीक्षा के लिए वैध रजिस्ट्रेशन करवाया था। जबकि 1 करोड़ 17 लाख उम्मीदवार परीक्षा में बैठे थे। पिछले साल फरवरी-मार्च माह के दौरान ही रेलवे ने ग्रुप डी के 63000 पदों पर भर्तियां निकाली थी। इन पदों पर सीबीटी भर्ती परीक्षा 17 सितंबर से 17 दिसंबर तक चली थी। अनुमान है कि एग्जाम देने वाले परीक्षार्थियों में से 1 फीसदी उम्मीदवारों को ही पीईटी के लिए क्वालिफाई घोषित करेगी।

रेलवे ग्रुप डी रिजल्ट के इंतजार के बीच आरआरबी एनटीपीसी और आरआरबी पैरामेडिकल भर्ती के लिए आवेदन प्रक्रिया शुरू हो चुकी थी। उम्मीदवार इंतजार के साथ-साथ जमकर इन भर्तियों के आवेदन कर रहे हैं।

यहां जानें कैसे आप नतीजे मोबाइल पर चेक कर सकते हैं- 

आरआरबी वेबसाइट्स के Direct लिंक-> 

Ahmedabad,  Patna,  Ajmer,  Allahabad,  Bangalore,  Bhopal.  BhubaneshwarBilaspur,  Chandigarh,

 Chennai,  Gorakhpur.  Guwahati,  Jammu.

RRB Group D results 2019: यूं कर सकेंगे चेक
स्टेप 1- अपने आरआरबी की आधिकारिक वेबसाइट पर जाएं। आप चाहे तो ऊपर दिए गए लिंक पर क्लिक कर भी अपने आरआरबी की वेबसाइट पर जा सकते हैं।
स्टेप 2- Click here to view score of Level 1 of 7th CPC  के लिंक पर क्लिक करें।
स्टेप 3- नया पेज खुलने पर अपना रजिस्ट्रेशन नंबर व जन्मतिथि डालें। लॉग इन करें।
स्टेप 4- स्क्रीन पर आपका रिजल्ट आ जाएगा।

RRB Group D Result जारी, ऐसे पाएं पटना, इलाहाबाद समेत अन्य रीजन के परिणाम

आरआरबी ग्रुप डी का रिजल्ट आज रेलवे की आधिकारिक वेबसाइट rrbcdg.gov.in पर जारी किया जा चुका है। ग्रुप डी रिजल्ट पीडीएफ फॉर्मट में उपलब्ध होगा जिसमें सफल उम्मीदवारों की डिटेल्स जैसे नाम और रोल नंबर आदि होगा। इस भर्ती में एक करोड़ से ज्यादा बेरोजगार उम्मीदवार अपनी किस्मत आजमा रहे हैं और उन्हें ग्रुप डी रिजल्ट का बेसब्री से इंतजार था।

117000 उम्मीदवारों ने दी थी ग्रुप डी की परीक्षा-
आपको बता दें कि काफी लंबे समय से उम्मीदवार आरआरबी ग्रुप डी के परिणाम का इंतजार कर हे थे। साल 2018 में पहली बार रेलवे ने 63000 पदों पर भर्ती निकाली थी। इन पदों के लिए एक करोड़ 90 लाख उम्मीदवारों ने भाग लिया था। लेकिन सीबीटी परीक्षा (कम्प्यूटर बेस्ड टेस्ट) में करीब 1.17 करोड़ उम्मीदवारों ने हिस्सा लिया था।

4 मार्च को आरआरबी ग्रुप डी भर्ती परीक्षा में सफल उम्मीदवरों की लिस्ट अगले चरण की परीक्षा ( शारीरिक दक्षता परीक्षा) के लिए जारी की जाएगी। इसके लिए पदों की संख्या के सापेक्ष तीन गुना सफल उम्मीदवारों को बुलाया जाएगा।

इन क्षेत्रीय वेबसाइट्स पर देखें रिजल्ट-

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Ahmedabad,  Patna,  Ajmer,   Allahabad,

 Bangalore,  Bhopal.  Bhubaneshwar,  Bilaspur,  Chandigarh,   Chennai,  Gorakhpur.

 Guwahati,   Jammu.  Kolkata,  Malda,  Mumbai

यूपीपीएससीः रविवार को भी हुई कर्मचारियों से पूछताछ

रविवार का साप्ताहिक अवकाश होने के बावजूद सीबीआई के गोविंदपुर स्थित कैंप ऑफिस में दिनभर हलचल होती रही। सीबीआई ने कैंप ऑफिस में उत्तर प्रदेश लोक सेवा आयोग के कुछ कर्मचारियों को तलब किया था। इनसे सीबीआई ने पूछताछ की। साथ ही अभ्यर्थियों के बयान दर्ज करने का सिलसिला भी जारी रहा। इस दौरान अभ्यर्थियों ने परीक्षाओं में गड़बड़ी संबंधी कई महत्वपूर्ण साक्ष्य सीबीआई को सौंपे।

सूत्रों के मुताबिक आयोग की परीक्षाओं में हुई गड़बड़ी को लेकर सीबीआई का शिकंजा लगातार कसता जा रहा है और इस बार सीबीआई ने सख्ती से पूछताछ शुरू कर दी है। एपीएस-2010 में गड़बड़ी के सुबूत सीबीआई को पहले ही मिल चुके हैं, सो अब इस गड़बड़ी के लिए जिम्मेदार लोगों को चिह्नित किया जा रहा है, ताकि उनके ऊपर शिकंजा कसा जा सके। इसके साथ ही पीसीएस-2015 में गड़बड़ी को लेकर सीबीआई ने आयोग के जिन अज्ञात अफसरों और जिन बाहरी अज्ञात लोगों के खिलाफ एफआईआर दर्ज की है, अब उन्हें चिह्नित किए जाने का काम भी शुरू कर दिया गया है।

यही वजह है कि सीबीआई ने पूछताछ का सिलसिला तेज कर दिया है। कभी आयोग तो कभी कैंप कार्यालय में यूपीपीएससी के संदिग्ध कर्मचारियों से पूछताछ की जा रही है। साथ ही अभ्यर्थियों से लिए गए बयानों एवं साक्ष्यों के आधार पर भी पूछताछ की जा रही है। दिल्ली से आई टीम ने रविवार को साप्ताहिक अवकाश के बावजूद कैंप कार्यालय में पूछताछ का सिलसिला जारी रखा और अभ्यर्थियों के बयान भी दर्ज किए

यूपी बोर्डः पंद्रह दिन में जांची जाएंगी तीन करोड़ 20 लाख कॉपियां

यूपी बोर्ड हाईस्कूल एवं इंटरमीडिएट परीक्षाओं की कॉपियों का मूल्यांकन आठ मार्च से शुरू होने जा रहा है। 15 दिनों में कुल तीन करोड़ 20 लाख कॉपियां जांचे का जाने का लक्ष्य निर्धारित किया गया है और इसके लिए एक लाख 24 हजार 796 परीक्षकों को जिम्मेदारी सौंपी गई है। यूपी बोर्ड ने अप्रैल अंत में हाईस्कूल एवं इंटरमीडिएट परीक्षा का परिणाम जारी करने की तैयारी कर रखी है।

मूल्यांकन के लिए प्रदेश में कुल 230 केंद्र बनाए गए हैं और सभी परीक्षकों की ड्यूटी केंद्रों पर लगा दी गई है। हाईस्कूल की कुल एक करोड़ 90 लाख कॉपियों का मूल्यांकन होना है। इसके लिए 79 हजार 64 परीक्षक लगाए गए हैं। वहीं, इंटरमीडिएट की एक करोड़ तीन लाख कॉपियां जांची जानी हैं और इसके लिए 45 हजार 732 परीक्षकों की ड्यूटी लगाई गई है।

शासन की ओर से स्पष्ट दिशा-निर्देश दिए गए हैं कि कॉपियों के मूल्यांकन का काम 15 दिनों में पूरा कर लिया जाए। हालांकि, मूल्यांकन शुरू होने में केवल पांच दिन बाकी रह गए हैं। वक्त कम बचा है और इस दौरान कॉपियों को मूल्यांकन केंद्रों में पहुंचाना भी है।

नामांकन पत्र की जांच से पहले झूठा शपथपत्र सुधारना अपराध नहीं: सुप्रीम कोर्ट

सुप्रीम कोर्ट ने व्यवस्था दी है कि उम्मीदवार का झूठा शपथ पत्र देना भ्रष्ट व्यवहार नहीं माना जाएगा, यदि उसने नामांकन पत्रों की जांच से पहले उसे दुरुस्त कर दिया हो। यह व्यवस्था महत्वपूर्ण है क्योंकि कुछ ही दिनों में लोकसभा और कुछ विधानसभाओं के चुनाव होने वाले हैं।

जस्टिस एसए बोबडे की अध्यक्षता वाली पीठ ने यह फैसला असम की एक विजयी उम्मीदवार की विशेष अनुमति याचिका पर दिया। कोर्ट ने कहा कि उम्मीदवार के अपना शपथपत्र नामांकन पत्रों की जांच से पहले ही सही कर दिया था और उसमें अपने आपराधिक मामलों की जानकारी दे दी थी। निर्वाचन अधिकारी ने दुरुस्त शपथपत्र को ही अंतिम माना और उसके आधार ही उसे उम्मीदवार घोषित किया। ऐसे में यह नहीं कह जा सकता कि चुनाव में उम्मीदवार ने अपराधिक मामलों को छिपाकर लोगों से वोट मांगे। इसलिए कोर्ट की राय में यह आरपी ऐक्ट, 1951 की धारा 123 (2) के तहत भ्रष्ट व्यवहार नहीं माना जाएगा। यह उम्मीदवार की ओर से एक गलती भर थी जिसे उसने नामांकन पत्रों की जांच से पहले सुधार लिया।

मोरंग की विधायक का मामला
डिब्रूगढ़ से चुनाव लड़ने वाली जीबोनतारा घटोवार पर आरोप था कि उन्होंने 2012 में विधानसभा चुनाव में मोरंग सीट से नामांकन पत्र दाखिल करते समय धारा 33-ए के तहत शपथपत्र में अपने आपराधिक मामलों की जानकारी नहीं दी थी। इस कानून के अनुसार चुनाव के उम्मीदवार को अपने खिलाफ लंबित ऐसे सभी मामलों की जानकारी देना जरूरी है, जिनमें दो साल या ज्यादा की सजा जा प्रावधान हो। घटोवार आईपीसी की धारा 420, 468 और 193 के तहत चल रहे मामलों में अभियुक्त थीं

विरोधी प्रत्याशी ने दी थी याचिका
घटोवार चुनाव में वह जीत गई, लेकिन विरोधी उम्मीदवार ने उनके खिलाफ चुनाव याचिका दायर कर दी। विरोधी उम्मीदवार ने आरोप लगाया कि घटोवार ने चुनाव में झूठा शपथपत्र दाखिल किया था जिसमें उन्होंने अपने अपराधिक मामलों की सूचनाएं छिपाई थीं। गुवाहाटी हाईकोर्ट ने यह याचिका खारिज कर दी और कहा कि इससे चुनाव पर कोई बड़ा प्रभाव नहीं पड़ा है। इसके बाद याचिकाकर्ता ने सुप्रीम कोर्ट में अपील की थी।