उच्च शिक्षा में चीन, ब्राजील जैसे देशों की बराबरी करेगा भारत, दूरस्थ और ऑनलाइन शिक्षा पर किया गया सबसे ज्यादा फोकस

उच्च शिक्षा में चीन, ब्राजील जैसे देशों की बराबरी करेगा भारत, दूरस्थ और ऑनलाइन शिक्षा पर किया गया सबसे ज्यादा फोकस

CBSE Board 2020: प्री-बोर्ड परीक्षा का शेड्यूल जारी, यहां देखें पूरी डेटशीट

CBSE Board 2020: प्री-बोर्ड परीक्षा का शेड्यूल जारी, यहां देखें पूरी डेटशीट

केंद्रीय माध्यमिक शिक्षा बोर्ड (CBSE) की प्री बोर्ड परीक्षा 2019-20 (Pre Board Exam 2019-2020)  का शेड्यूल जारी किया जा चुका है। दिल्ली में ये परीक्षाएं 16 दिसंबर 2019 से शुरू होने वाली हैं। सीबीएसई कक्षा 10वीं और 12वीं के लिए होने वाली प्री बोर्ड परीक्षा की डेटशीट दिल्ली के शिक्षा विभाग ने जारी की है। इसके अनुसार, दोनों कक्षाओं के लिए प्री बोर्ड परीक्षाएं 16 दिसंबर से शुरू होकर 31 दिसंबर 2019 तक चलेंगी। आप इस खबर में आगे दी गई लिंक से पूरी डेटशीट देख सकते हैं।

NET Admit Card December 2019: यूजीसी नेट और CSIR NET का एडमिट कार्ड जारी, nta.ac.in और ugcnet.nta.nic.in से करें डाउनलोड


UGC NET Admit Card December 2019 LIVE Updates: एडमिट कार्ड जारी, जानिए कैसे करें डाउनलोड

UGC NET Admit Card December 2019👇

https://ugcnet.nta.nic.in/webinfo/public/home.aspx

www.ntanet.nic.in LIVE Updates: एनटीए ने CSIR NET यूजीसी नेट दिसंबर 2019 परीक्षा के एडमिट कार्ड जारी कर दिए हैं। एडमिट कार्ड आधिकारिक वेबसाइट csirnet.nta.nic.in पर जारी किए गए हैं। उम्‍मीदवार वेबसाइट पर एडमिट कार्ड डाउनलोड करने के लिए👇


https://testservices.nic.in/examsys/root/DownloadAdmitCard.aspx?enc=Ei4cajBkK1gZSfgr53ImFcUDWyZvUf0WckxczA+lcmNvYMMSczNFgkhdpva7gkgA



हालांकि UGC NET दिसंबर 2019 के एडमिट कार्ड जारी होना अभी बाकी है। UGC NET के एडमिट कार्ड भी थोड़ी देर में जारी किए जाएंगे। CSIR UGC NET दिसंबर 2019 परीक्षा देश भर में चुनिंदा परीक्षा केंद्रों पर NTA द्वारा 15 दिसंबर 2019 को ऑनलाइन मोड में आयोजित की जाएगी।

शिक्षा नीति, 33 साल बाद बदलने वाली है पढ़ाई की शक्लो-सूरत

शिक्षा नीति, 33 साल बाद बदलने वाली है पढ़ाई की शक्लो-सूरत

नयी दिल्ली : प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी की अगुवाई वाली केंद्र सरकार जल्द ही नयी शिक्षा नीति लाने जा रही है. मानव संसाधन विकास मंत्री रमेश पोखरियाल निशंक ने नोएडा में आयोजित एक कामर्यक्रम से इतर कहा कि सरकार जल्द ही 33 साल बाद नयी शिक्षा नीति लेकर आ रही है.   उन्होंने संवाददाताओं से कहा, विशेषज्ञों, विद्यार्थियों, अभिभावकों और परिजनों के साथ व्यापक परामर्श किये गये हैं. एक लाख से अधिक ग्राम समितियों के साथ गहन परामर्श किया गया है. नयी नीति ‘ज्ञान, विज्ञान, नवाचार और संस्कार’ पर जोर देती है. उन्होंने कहा कि यह नीति भारत-केंद्रित होने वाली है और प्रधानमंत्री के नये भारत के सपने के अनुसार यह देश को सशक्त करेगी. उन्होंने कहा कि नीति को जल्दी ही सामने रखा जाएगा.

अयोध्या पर SC का फैसला कल आएगा, CJI ने ली UP की कानून-व्यवस्था पर रिपोर्ट

सीजेआई ने अयोध्या पर फैसला देने से पहले यूपी के मुख्य सचिव और डीजीपी को सुप्रीम कोर्ट बुलाकर कानून-व्यवस्था की जानकारी ली।…

नई दिल्ली, अयोध्या राम जन्मभूमि मामले में सुप्रीम कोर्ट शनिवार को सुबह 10.30 बजे फैसला सुनाएगा। धार्मिक, राजनैतिक और सामाजिक रूप से संवेदनशील इस मुकदमें में फैसले से पहले उत्तर प्रदेश और विशेषकर अयोध्या की स्थिति जानने के लिए शुक्रवार को मुख्य न्यायाधीश रंजन गोगोई ने प्रदेश के मुख्य सचिव राजेन्द्र कुमार तिवारी और डीजीपी ओपी सिंह से मिलकर कानून-व्यवस्था की स्थिति जानी।

सीजेआई ने यूपी के मुख्य सचिव और डीजीपी से कानून-व्यवस्था की ली जानकारी

दूरगामी प्रभाव वाले राजनैतिक और धार्मिक रूप से संवेदनशील मुकदमें के ऐतिहासिक फैसले से पहले राज्य में कानून-व्यवस्था का क्या हाल है, सरकार के जिम्मेदार तीसरे अंग न्यायपालिका का मुखिया होने के नाते शुक्रवार को मुख्य न्यायाधीश ने उत्तर प्रदेश के मुख्य सचिव और डीजीपी को सुप्रीम कोर्ट बुलाकर स्थिति की जानकारी ली। मुख्य सचिव राजेन्द्र कुमार तिवारी और डीजीपी ओपी सिंह के साथ मुख्य न्यायाधीश रंजन गोगोई ने दोपहर में करीब डेढ़ घंटे अपने चैम्बर में मुलाकात की। हालांकि मुलाकात का कोई औपचारिक ब्योरा नहीं दिया गया है, लेकिन माना जा रहा है कि प्रदेश के दोनों आला अधिकारियों ने मुख्य न्यायाधीश को प्रदेश में शांति और कानून-व्यवस्था की स्थित ठीक होने की जानकारी दी।

40 दिन की मैराथन सुनवाई के बाद 16 अक्टूबर से फैसला सुरक्षित है

गौरतलब है कि सुप्रीम कोर्ट ने अयोध्या राम जन्मभूमि मामले में 40 दिन की मैराथन सुनवाई करने के बाद गत 16 अक्टूबर को फैसला सुरक्षित रख लिया था। इलाहाबाद हाईकोर्ट ने 30 सितंबर 2010 को दिये गए फैसले में राम जन्मभूमि को तीन बराबर हिस्सों में बांटने का आदेश दिया था जिसके खिलाफ सभी पक्षों ने कुल 14 अपीलें सुप्रीम कोर्ट में दाखिल की थीं।

गांधी परिवार को वर्षों से मिल रही SPG सुरक्षा हटी, जानें- X, Y, Z, Z+ व SPG सुरक्षा में अंतर

एसपीजी का गठन पूर्व प्रधानमंत्री इंदिरा गांधी की हत्या के बाद किया गया था। गांधी परिवार एकमात्र फैमिली है जिसे स्थाई तौर पर कई वर्षों से ये सुरक्षा मिली हुई थी।…

नई दिल्ली  प्रधानमंत्री मोदी लगातार देश से वीआईपी कल्चर को खत्म करने की बात करते रहे हैं। इसकी शुरूआत उन्होंने अपने ही मंत्रियों और नेताओं की गाड़ी से लाल बत्ती व हूटर हटवाकर की थी। वीआईपी कल्चर को समाप्त करने के लिए केंद्र सरकार लगातार वीआईपी लोगों की सुरक्षा में भी कटौती कर रही है। इसी कड़ी में केंद्र सरकार ने अब गांधी परिवार से एसपीजी सुरक्षा हटाने का बड़ा फैसला लिया है।

मालूम हो कि गांधी परिवार को वर्षों से एसपीजी सुरक्षा मिली हुई है। ये पहली बार है जब केंद्र सरकार गांधी परिवार को मिली एसपीजी सुरक्षा हटाने जा रही है। इसकी जगह गांधी परिवार को सीआरपीएफ की जेड प्लास (Z+) कैटेगरी की सुरक्षा देने का निर्णय लिया गया है। केंद्र सरकार की इस घोषणा के साथ ही राजनीतिक हंगामा भी खड़ा हो गया है। कांग्रेस केंद्र के इस फैसले के खिलाफ हमलावर हो गई है। ऐसे में आइये जानते हैं, क्या है एसपीजी सुरक्षा? किन लोगों को मिलती है ये सुरक्षा और देश में कितनी तरह की वीआईपी सुरक्षा हैं?

1988 में गठित हुई थी एसपीजी

एसपीजी का गठन वर्ष 1988 में किया गया था। इसके गठन का उद्देश्य ही प्रधानमंत्री और उनके परिवार समेत विशिष्ट लोगों को खास सुरक्षा प्रदान करना था। इसकी आवश्यकता पहली बार वर्ष 1984 में हुई पूर्व प्रधानमंत्री इंदिरा गांधी की हत्या के बाद महसूस की गई थी। इसके बाद आईबी के एक विभाग के तौर पर सीधे केंद्र सरकार के अंतर्गत एक विशेष सुरक्षा दल के गठन का फैसला लिया गया था। एसपीजी के गठन से पहले प्रधानमंत्री की सुरक्षा की जिम्मेदारी दिल्ली पुलिस की एक विशेष शाखा के पास थी।

ये है देश में VIP सुरक्षा का ढ़ांचा

1. SPG सुरक्षा

विशेष सुरक्षा दल यानि स्पेशल प्रोटेक्शन ग्रुप (SPG) देश की सबसे उच्च स्तर की सुरक्षा फोर्स है, जो बहुत सीमित लोगों को प्रदान की जाती है। एसपीजी की सुरक्षा चार स्तर की होती है। वर्तमान में एसपीजी की सुरक्षा प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी के अलावा कांग्रेस अध्यक्ष सोनिया गांधी, उनके बेटे और पार्टी के पूर्व अध्यक्ष राहुल गांधी और बेटी प्रियंका गांधी को प्राप्त है। प्रधानमंत्री और पूर्व प्रधानमंत्री व पूर्व राष्ट्रपति के अलावा एकमात्र गांधी परिवार को ही ये सुरक्षा वर्षों से स्थाई तौर पर मिली हुई थी।

मालूम हो कि गांधी परिवार को वर्षों से एसपीजी सुरक्षा मिली हुई है। ये पहली बार है जब केंद्र सरकार गांधी परिवार को मिली एसपीजी सुरक्षा हटाने जा रही है। इसकी जगह गांधी परिवार को सीआरपीएफ की जेड प्लास (Z+) कैटेगरी की सुरक्षा देने का निर्णय लिया गया है। केंद्र सरकार की इस घोषणा के साथ ही राजनीतिक हंगामा भी खड़ा हो गया है। कांग्रेस केंद्र के इस फैसले के खिलाफ हमलावर हो गई है। ऐसे में आइये जानते हैं, क्या है एसपीजी सुरक्षा? किन लोगों को मिलती है ये सुरक्षा और देश में कितनी तरह की वीआईपी सुरक्षा हैं?

गृहमंत्रालय करता है सुरक्षा की समीक्षा

वीआईपी को दी जाने वाली सुरक्षा का मामला केंद्रीय गृह मंत्रालय के अधीन आता है। एसपीजी, इंटेलिजेंस ब्यूरो (आईबी) के एक विभाक के रूप में काम करती है। गृह मंत्रालय वक्त-वक्त पर वीआईपी सुरक्षा की समीक्षा करता रहा है। इसके मुताबिक सुरक्षा को नियमित अंतराल पर घटाया या बढ़ाया जाता है। गांधी परिवार से एसपीजी सुरक्षा हटाने से पहले केंद्र सरकार, पूर्व प्रधानमंत्री मनमोहन सिंह की एसपीजी सुरक्षा भी हटा चुकी है। इसकी जगह उन्हें भी जेड़ प्लस सुरक्षा दी गई है। VIP सुरक्षा के लिए देश में एसपीजी के अलावा X, Y, Z और Z+ सुरक्षा की व्यवस्था है।

इन्हें मिलती है एसपीजी सुरक्षा

स्पेशल प्रोटेक्शन ग्रुप (विशेष सुरक्षा दल) देश का एक अतिविशिष्ट सुरक्षा बल है। एसपीजी की सुरक्षा प्रधानमंत्री, उनके परिवार, पूर्व प्रधानमंत्री और पूर्व राष्ट्रपति को मिलती है। पूर्व प्रधानमंत्रियों और उनके परिवार को पद छोड़ने के बाद एक वर्ष तक एसपीजी सुरक्षा देने का प्रावधान है। इसे देश की सबसे प्रोफेशल और आधुनिक वीआईपी सुरक्षा मानी जाती है। एसपीजी प्रधानमंत्री को 24 घंटे विशेष सुरक्षा घेरे में रखती है। पीएम के अलावा उनके आवास, विमान, कार्यालय, वाहन जैसे उनके संभावित भ्रमण स्थलों सभी की सुरक्षा की जिम्मेदारी एसपीजी की होती है। इसके लिए एसपीजी को विशेष प्रशिक्षण और विशेष संसाधन मुहैया कराए जाते हैं, जो किसी और सुरक्षा बल के पास नहीं हैं। देश के अंदर हो या विदेश में एसपीजी हर वक्त साए की तरह प्रधानमंत्री के साथ रहती है।

1988 में गठित हुई थी एसपीजी

एसपीजी का गठन वर्ष 1988 में किया गया था। इसके गठन का उद्देश्य ही प्रधानमंत्री और उनके परिवार समेत विशिष्ट लोगों को खास सुरक्षा प्रदान करना था। इसकी आवश्यकता पहली बार वर्ष 1984 में हुई पूर्व प्रधानमंत्री इंदिरा गांधी की हत्या के बाद महसूस की गई थी। इसके बाद आईबी के एक विभाग के तौर पर सीधे केंद्र सरकार के अंतर्गत एक विशेष सुरक्षा दल के गठन का फैसला लिया गया था। एसपीजी के गठन से पहले प्रधानमंत्री की सुरक्षा की जिम्मेदारी दिल्ली पुलिस की एक विशेष शाखा के पास थी।

ये है देश में VIP सुरक्षा का ढ़ांचा

1. SPG सुरक्षा

विशेष सुरक्षा दल यानि स्पेशल प्रोटेक्शन ग्रुप (SPG) देश की सबसे उच्च स्तर की सुरक्षा फोर्स है, जो बहुत सीमित लोगों को प्रदान की जाती है। एसपीजी की सुरक्षा चार स्तर की होती है। वर्तमान में एसपीजी की सुरक्षा प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी के अलावा कांग्रेस अध्यक्ष सोनिया गांधी, उनके बेटे और पार्टी के पूर्व अध्यक्ष राहुल गांधी और बेटी प्रियंका गांधी को प्राप्त है। प्रधानमंत्री और पूर्व प्रधानमंत्री व पूर्व राष्ट्रपति के अलावा एकमात्र गांधी परिवार को ही ये सुरक्षा वर्षों से स्थाई तौर पर मिली हुई थी।

2. Z+ सुरक्षा

एसपीजी के बाद जेड प्लस देश में दूसरे कैटेगरी की वीआईपी सुरक्षा है। जेड प्लस तीन स्तर की सुरक्षा होती है। इसके तहत कुल 36 सुरक्षाकर्मी मिलते हैं। इनमें 10 एनएसजी के विशेष कमांडो होते हैं, जो पहले घेरे अथवा प्रथम स्तर की सुरक्षा की जिम्मेदारी संभालते हैं। इसके बाद एनएसजी के अन्य जवान दूसरे लेयर की सुरक्षा संभालते हैं। तीसरे घेरे की जिम्मेदारी अर्धसैनिक बलों जैसे आईटीबीपी, सीआरपीएफ, सीआईएसएफ आदि के जवानों को शामिल किया जाता है। जेड़ प्लस सुरक्षा आम तौर पर उन्हीं केंद्रीय मंत्रियों या विशिष्ट अतिथियों को दी जाती है, जिन्हें आतंकी खतरा हो।

3. Z सुरक्षा

देश में ये तीसरे नंबर की वीआईपी सुरक्षा होती है। जेड सुरक्षा में कुल 22 जवान होते हैं। इनमें से चार-पांच एनएसजी के विशेष कमांडो होते हैं, जो करीबी लड़ाई की कई विधाओं में पारंगत होते हैं। ये कमांडो बिना हथियार के भी दुश्मन का मुकाबना करने में माहिर होते हैं। इसके लिए इन्हें विशेष प्रशिक्षण दिया जाता है। एक एस्कॉर्ट वाहन भी सुरक्षा में शामिल होता है। एनएसजी कमांडो टुकड़ी के अलावा जेड सुरक्षा में दिल्ली पुलिस या सीआरपीएफ के जवानों को भी शामिल किया जाता है।

4. Y सुरक्षा

वीआईपी सुरक्षा में चौथे स्थान पर आने वाली Y श्रेणी की सुरक्षा सबसे कॉमन है। ज्यादातर वीआईपी को गृहमंत्रालय की तरफ से Y श्रेणी की ही सुरक्षा मुहैया कराई जाती है। इसमें कुल 11 जवान शामिल होते हैं। इसमें एक या दो कमांडों, दो पीएसओ और शेष अर्धसैनिक बलों के जवान होते हैं।

5. X सुरक्षा

वीआईपी को दी जाने वाली ये शुरूआती सुरक्षा सिस्टम है। एक्स श्रेणी में केवल दो सुरक्षाकर्मी शामिल होते हैं। इन्हीं में से एक पीएसओ भी होता है।

मानव संसाधन विकास मंत्रालय करेगा नई शिक्षा नीति लागू, सरकार ने जारी किया रोडमैप

मानव संसाधन विकास मंत्रालय करेगा नई शिक्षा नीति लागू, सरकार ने जारी किया रोडमैप

नई दिल्‍ली: नई शिक्षा नीति लागू करने के लिए मानव संसाधन विकास मंत्रालय ने छह सूत्री रोड मैप जारी किया है. सरकार ने इसे 2030 तक पूरे देश में लागू करने का फैसला लिया है. मानव संसाधन विकास मंत्री रमेश पोखरियाल निशंक ने कहा कि कोई भी नीति तभी सफल हो सकती है जब उस पर सही तरीके से काम किया जाए.

मंत्री ने कहा, “शिक्षा नीति भारत केंद्रित और इतनी ठोस और मजबूत होगी कि यह नए भारत के निर्माण में आधारशिला साबित होगी,” मंत्री ने कहा, 33 साल के अंतराल के बाद एक नया एनईपी लाया जा रहा है. पोखरियाल ने कहा कि दो लाख से अधिक सुझाव प्राप्त हुए हैं और उन्हें अत्यंत सावधानी के साथ माना जा रहा है.

सरकार की मानें तो नई शिक्षा नीति में छात्र को किसी भी स्कूली सत्र में दो बार बोर्ड परीक्षा में बैठने का मौका दिया जाएगा. पोखरियाल ने कहा कि छात्रों को कभी भी बाधाओं और समस्याओं से डरना नहीं चाहिए, और उन्हें बड़ा सोचना चाहिए.

मोदी सरकार का भ्रष्टाचार पर वार, 15 और वरिष्ठ अधिकारियों को किया जबरन रिटायर

नरेंद्र मोदी सरकार ने केंद्रीय अप्रत्यक्ष कर एवं सीमा शुल्क बोर्ड के 15 बहुत वरिष्ठ अधिकारियों को जबरन रिटायर कर दिया है.

खास बातें

  • सरकार ने 15 और वरिष्ठ अधिकारियों को रिटायर कर दिया है
  • ये सभी अधिकारी भ्रष्टाचार के आरोपों का सामना कर रहे हैं
  • इससे पहले 12 अधिकारियों को जबरन रिटायर किया था

नई दिल्ली : केंद्र में सत्तारूढ़ नरेंद्र मोदी सरकार ने कुछ ही दिन पहले एक दर्जन वरिष्ठ अधिकारियों को जबरन रिटायर करने के बाद मंगलवार को केंद्रीय अप्रत्यक्ष कर एवं सीमा शुल्क बोर्ड (सेंट्रल बोर्ड ऑफ इन्डायरेक्ट टैक्सेज़ एंड कस्टम्स – CBIC) से प्रधान आयुक्त (प्रिंसिपल कमिश्नर), आयुक्त (कमिश्नर), अतिरिक्त आयुक्त (एडीशनल कमिश्नर) तथा उपायुक्त (डिप्टी कमिश्नर) रैंक के 15 बहुत वरिष्ठ अधिकारियों को जबरन रिटायर कर दिया है. नरेंद्र मोदी सरकार ने इससे पहले भी इसी महीने की शुरुआत में भ्रष्टाचार और पेशेवर कदाचार के आरोप में आयकर विभाग के 12 वरिष्ठ अधिकारियों को जबरन रिटायर कर दिया था

इनके अलावा, आयकर विभाग के एक आयुक्त के खिलाफ CBI की भ्रष्टाचार रोधी शाखा ने आय से अधिक संपत्ति का मामला दर्ज किया था और उन्हें अक्टूबर, 2009 में सेवा से निलंबित कर दिया गया था. अब सरकार ने उन्हें भी अनिवार्य सेवानिवृत्ति लेने के लिए कहा है. एक अन्य अफसर, जो भ्रष्टाचार और जबरन वसूली में लिप्त था और जिसने कई गलत आदेश पारित किए थे, जिन्हें बाद में अपीलीय प्राधिकरण ने पलट दिया था, को भी सेवा से बर्खास्त कर दिया गया था.  

मोदी सरकार का भ्रष्टाचार पर वार: सरकारी कर्मचारियों के कामकाज की होगी समीक्षा, छिन सकती है नौकरी

केंद्र ने भ्रष्ट एवं नकारा कर्मचारियों को बाहर का रास्ता दिखाने के लिए बैंकों, सार्वजनिक उपक्रमों एवं सभी विभागों से अपने कर्मियों के सेवा रिकार्ड की समीक्षा करने को कहा है.

खास बातें

  • भ्रष्टाचार से निपटने के लिए सरकार का कदम
  • सभी कर्मचारियों के कामकाज की होगी समीक्षा
  • गड़बड़ी मिलने पर किया जाएगा जबरन रिटायर

नई दिल्ली : मोदी सरकार भ्रष्टाचारियों पर लगाम लगाने के लिए सख़्ती के मूड में है. पिछले दिनों टैक्स डिपार्टमेंट के 25 से ज्यादा वरिष्ठ अधिकारियों को जबरन रिटायर करने के बाद अब केंद्र ने भ्रष्ट एवं नकारा कर्मचारियों को बाहर का रास्ता दिखाने के लिए बैंकों, सार्वजनिक उपक्रमों एवं सभी विभागों से अपने कर्मियों के सेवा रिकार्ड की समीक्षा करने को कहा है. कार्मिक मंत्रालय ने केंद्र सरकार के सभी विभागों से प्रत्येक श्रेणी के कर्मचारियों के कामकाज की समीक्षा ‘पूरे नियम कायदे’ से करने के साथ यह भी सुनिश्चित करने को कहा है कि किसी सरकारी कर्मचारी के खिलाफ जबरन सेवानिवृत्ति की कार्रवाई में मनमानी न हो. इसमें कहा गया है, ‘सभी मंत्रालयों व विभागों से आग्रह है कि वे सार्वजनिक उपक्रमों/बैंकों और स्वायत्त संस्थानों समेत अपने प्रशासनिक नियंत्रण में आने वाले विभागों के कर्मचारियों के कामकाज की ‘कायदे कानून और सही भावना’ के अनुसार समीक्षा करें’.  

भारतीय अर्थव्यवस्था के लिए झटका, Moodys ने क्रेडिट रेटिंग को स्टेबल से किया नेगेटिव

Moodys इन्वेस्टर्स सर्विस के अनुसार आर्थिक विकास पहले की तुलना में कम रहेगा। साथ ही एजेंसी ने कहा कि भविष्य में लंबे समय तक आर्थिक मंदी की अटकलें बनी रहेंगी और कर्ज बढ़ेगा।.

भारतीय अर्थव्यवस्था के लिए क्रेडिट रेटिंग एजेंसी मूडीज की ओर से एक बुरी खबर है। मूडीज इन्वेस्टर्स सर्विस ने भारत की क्रेडिट रेटिंग को स्टेबल से नेगेटिव करने के लिए दृष्टिकोण बदल दिया है। भारतीय अर्थव्यवस्था में सुस्ती के बीच मूडीज ने यह बड़ा अनुमान व्यक्त किया है। मूडीज ने BAA2 रेटिंग की पुष्टि की है और उसका मानना है कि इकोनॉमी में सुस्ती का जोखिम बढ़ता जा रहा है।

मूडीज इन्वेस्टर्स सर्विस के अनुसार, आर्थिक विकास पहले की तुलना में कम रहेगा। साथ ही एजेंसी ने कहा कि भविष्य में लंबे समय तक आर्थिक मंदी की अटकलें बनी रहेंगी और कर्ज बढ़ेगा। बता दें कि एजेंसी ने भारत के लिए Baa2 विदेशी मुद्रा और स्थानीय-मुद्रा दीर्घकालिक जारीकर्ता रेटिंग की पुष्टि की है।

भारत की रेटिंग में यह गिरावट रेटिंग एजेंसियों द्वारा भारतीय अर्थव्यवस्था की ग्रोथ के अनुमान में कमी करने के बाद आई है। साथ ही यह ऐसा समय है जब भारतीय अर्थव्यवस्था कमजोर डिमांड के कारण बुरे दौर से गुजर रही है।

हालांकि, सरकार अभी भी कह रही है कि भारत दुनिया में तेजी से विकास कर रही बड़ी अर्थव्यवस्थाओं में शुमार है। गौरतलब है कि मोदी सरकार का लक्ष्य साल 2025 तक भारत की अर्थव्यवस्था को 5 ट्रिलियन डॉलर की अर्थव्यवस्था बनाना है। वहीं, दूसरी तरफ रेटिंग एजेंसियां भारत के लिए जीडीपी ग्रोथ अनुमान को लगातार कम कर रही हैं, जो कि चिंता की बात है।

यहां बता दें कि पिछले महीने रेटिंग एजेंसी मूडीज ने भारत के लिए वित्त वर्ष 2019-20 की ग्रोथ रेट के अनुमान को घटाकर 5.8 फीसद कर दिया है। इससे पहले यह 6.2 फीसद था। इसके अलावा एजेंसी ने वित्त वर्ष 2020-21 के लिए ग्रोथ रेट का अनुमान 6.6 फीसद बताया था।