‘सरकारी स्कूलों के लिए आगे आए प्राइवेट सेक्टर’, पीएम मोदी ने राष्ट्रीय शिक्षक पर्व की शुरुआत की

प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने मंगलवार को शिक्षक पर्व की शुरुआत की। 7 सितंबर को शुरू यह कार्यक्रम 17 सितंबर तक चलेगा। कार्यक्रम में वर्चुअली उपस्थित होकर मोदी ने राष्ट्रीय पुरस्कार प्राप्त करने वाले शिक्षकों को बधाई दी। उन्होंने कहा कि सभी शिक्षकों कठिन समय में देश में शिक्षा के लिए, विद्यार्थियों के भविष्य के लिए अतुलनीय योगदान दिया है।

उन्होंने कहा कि हमें सरकारी स्कूलों में शिक्षा की गुणवत्ता बढ़ाने में अपना योगदान देना है। इसके लिए हमारे प्राइवेट सेक्टर को भी आगे आना होगा। मोदी ने कहा कि शिक्षक पर्व पर नई योजनाओं की शुरुआत हुई है। ये पहल इसलिए भी अहम है, क्योंकि देश आजादी का अमृत महोत्सव मना रहा है और आजादी के 100 वर्ष होने पर भारत कैसा होगा, इसके लिए नए संकल्प ले रहा है।
नई योजनाएं शिक्षा को वैश्विक स्तर तर पहुंचाएंगीप्रधानमंत्री ने आगे कहा कि आज विद्यांजली 2.0, निष्ठा 3.0, टॉकिंग बुक्स और ULD बेस ISL डिक्शनरी जैसे नए कार्यक्रम और व्यवस्थाएं लॉन्च की गई हैं। मुझे पूरा भरोसा है कि यह हमारे शिक्षा व्यवस्था को वैश्विक स्तर पर फायदा पहुंचाएंगी। राष्ट्रीय शिक्षा योजना (NEP) को बनाने से लेकर लागू करने तक हर स्तर पर शिक्षकों और एक्सपर्ट्स का योगदान रहा है।
जब समाज मिलकर कुछ करता है तो परिणाम जरूर मिलते हैंउन्होंने कहा कि अब हमें इस भागीदारी को एक नए स्तर तक लेकर जाना है, हमें इसमें समाज को भी जोड़ना है। देश ने सबका साथ, सबका विकास, सबका विश्वास के साथ सबका प्रयास का जो संकल्प लिया है, विद्यांजलि 2.0 उसके लिए एक प्लेटफॉर्म की तरह है। जब समाज मिलकर कुछ करता है, तो अच्छे परिणाम जरूर मिलते हैं। आपने देखा है कि बीते कुछ वर्ष में जनभागीदारी अब फिर भारत का नेशनल कैरेक्टर बनता जा रहा है।
कई ऐसे काम हुए, जिनकी कल्पना नहीं की थीमोदी ने कहा कि पिछले 6-7 सालों में जनभागीदारी की ताकत से भारत में ऐसे-ऐसे काम हुए हैं, जिनकी कोई कल्पना भी नहीं कर सकता था। शिक्षा में असमानता को खत्म करके उसे आधुनिक बनाने में नेशनल डिजिटल एजुकेशन आर्केटेक्चर यानी, N-DEAR की भी बड़ी भूमिका होने वाली है।

Coronavirus: होम आइसोलेशन के लिए केंद्रीय स्वास्थ्य मंत्रालय ने जारी किये नए दिशानिर्देश, आप भी जानें

नई दिल्ली : केंद्रीय स्वास्थ्य मंत्रालय ने कोविड-19 के हल्के और बिना लक्षण के मरीजों के लिए होम आइसोलेशन के लिए संशोधित दिशानिर्देश जारी किया है. यह दिशानिर्देश 2 जुलाई 2020 को जारी दिशानिर्देश की जगह लेगा. इस दिशानिर्देश के मुताबिक बिना लक्षण वाले मामले वो हैं जो जांच में पॉजिटिव आये हैं लेकिन उन्हें कोई लक्षण नहीं है और उनका ऑक्सीजन सचुरेशन 94% है.  Clinically पहचाने गए हल्के लक्षण वाले मामले वो हैं, जिन्हें ऊपरी श्वांस नली में समस्या हो या बुखार हो. सांस लेने में कोई दिक्कत नहीं हो और कमरे की हवा में ऑक्सिजन सचुरेशन 94% हो. 

इन हल्के और बिना लक्षण वाले मामलों को होम आइसोलेशन में रखा जाना चाहिये यदि….
1. उनके घर में सेल्फ आइसोलेशन और परिवार के सदस्यों के क्वारंटाइन के लिए पर्याप्त जगह हो
2. एक देखभाल करने वाला व्यक्ति हमेशा मौजूद हो. पूरे आइसोलेशन पीरियड के लिए देखभाल करने वाले और अस्पताल के बीच संपर्क बना होना चाहिये
3. वैसे मरीज जिनकी उम्र 60 साल से ज्यादा है और जो उच्च रक्तचाप, मधुमेह, दिल की बीमारी, क्रोनिक फेफड़े, लिवर, किडनी और सरेबरो वैस्कुलर बीमारी से पीड़ित हैं उन्हें होम आइसोलेशन में इलाज कर रहे डाक्टर द्वारा जांच किये जाने की अनुमति के बाद ही रखा जाना चाहिये.
4. एचआइवी, अंग प्रत्यारोपण और कैंसर थेरेपी के मरीजों को होम आइसोलेशन में रखे जाने की सलाह नहीं दी जाती है. इलाज कर रहे डॉक्टर द्वारा पूरी तरह से जांच के बाद ही होम इसोलशन की अनुमति दी जाएगी
5. ऐसे मरीज की देखभाल करने वाले और सभी नजदीकी संपर्क को Hydroxychloroquine दिया जाना चाहिये

मरीज के लिए सलाह : 
1. मरीज को परिवार के दूसरे सदस्यों खासकर बुजुर्गों और अन्य बीमारी से ग्रसित लोगों से दूर रहना चाहिए
2. मरीज का कमरा हवादार होना चाहिए
3. मरीज को हमेशा 3 लेयर का मास्क पहनना चाहिए. 8 घन्टे बाद या गिला हो जाने पर मास्क बदल लेना चाहिये
4. Caregiver को कमरे में प्रवेश के समय N95 मास्क पहनना चाहिए, मरीज को भी उस समय N95 पहनना चाहिये.
5. मास्क को 1% sodium hypochlorite से disinfect करके ही फेंकना चाहिये
6. मरीज को पूरा आराम करना चाहिये और पर्याप्त पानी पीना चाहिये
7. हाथों की स्वछता का पूरा ख्याल रखना चाहिये
8. व्यक्तिगत चीजों को किसी दूसरे से साझा न करें
9. बार बार छूए जाने वाले चीजों को 1% hypochlorite solution से साफ किये जाने की जरूरत है
10. पल्स ऑक्सीमीटर से oxygen saturation और शरीर के तापमान की जांच मरीज खुद से अवश्य करें
11. किसी भी तरह की गिरावट आने पर तुरंत डॉक्टर को रिपोर्ट करें

देखभाल करने वाले के लिए निर्देश :  
1. ट्रिपल लेयर मेडिकल मास्क पहने, मरीज के कमरे में जाने से पहले N95 मास्क पहने.
2. मास्क के सामने के हिस्से का स्पर्श न करें और मास्क को ऊपर बताए गए अवधि या निर्देश के अनुसार बदलें और डिस्कार्ड करें. 
3. अपने चेहरे, मुंह और नाक को छूने से बचें, हाथों की सफाई नियम से करते रहें
4. मरीज के Body Fluid से सीधे संपर्क में आने से बचें
5. मरीज की देखभाल के समय दस्ताने का उपयोग करें और इसके बाद हाथ साफ कर लें
6. मरीज के कपड़ों और अन्य वस्तुओं के संपर्क में आने से बचें
7. Bio-Medical waste को नियमानुसार डिस्पोज़ करें

होम आइसोलेशन में मरीज का इलाज : 
1. डॉक्टर के संपर्क में रहें
2. पहले से अन्य बीमारियों के लिए चल रही दवाओं को डॉक्टर की परामर्श से जारी रखें
3. बुखार, नाक बहने और खांसी के लक्षणों का प्रबंधन करें
4. दिन में दो बार गर्म पानी से गरारे और भांप ले सकते हैं
5. यदि Paracetamol 650 mg चार बार दिए जाने के बाद भी बुखार नियंत्रण में नहीं है तो डॉक्टर से संपर्क करें
6. Ivermectin 200mcg/kg दिन में एक बार खाली पेट 3 से 5 दिन तक लिया जा सकता है.
7. यदि 5 दिन से ज्यादा बुख़ार रहता है तो inhaler के माध्यम से Inhalational Budesonide दिन में दो बार 5-7 दिनों के लिए दिया जा सकता है.
8. Remdesvir या किसी अन्य Inveatigational therapy का निर्णय किसी डॉक्टर द्वारा ही लेना चाहिये. खुद से ये न लें और न ही खरीद के घर पर रखें.
9. हल्के लक्षण में स्टेरॉयड नहीं दिया जाना चाहिये. यदि 7 दिन बाद भी लक्षण रहता है तो डॉक्टर की सलाह से Low Dose Oral Steroid दिया जा सकता है.

Medical Attention की जरूरत कब है : 
1. सांस लेने में तकलीफ
2. कमरे की हवा पर Oxygen Saturation में गिरावट, 94% से नीचे
3. छाती में लगातार दर्द या दवाब
4. Mental confusion या उठने में असमर्थता

नए वित्त वर्ष की शुरुआत में ही केंद्र सरकार ने मध्यम वर्ग को तगड़ा झटका

नए वित्त वर्ष की शुरुआत में ही केंद्र सरकार ने मध्यम वर्ग को तगड़ा झटका

सरकार ने एक अप्रैल 2021 से छोटी बचत योजनाओं पर ब्याज की दर को घटा दिया है।

इसके अनुसार बचत जमा पर दर को चार फीसदी से घटाकर 3.5 फीसदी सालाना कर दिया गया है।

पीपीएफ दर को 7.1 फीसदी से घटाकर 6.4 फीसदी सालाना कर दिया गया है।

एक साल जमा को 5.5 फीसदी से घटाकर 4.4 फीसदी तिमाही कर दिया गया है।

वहीं, वरिष्ठ नागरिक बचत योजना की दर को 7.4 फीसदी से घटाकर 6.5 फीसदी तिमाही कर दिया गया है।

New Education Policy: पीएम मोदी ने कहा- प्री-नर्सरी से पीएचडी तक जल्द ही लागू हों नई शिक्षा नीति के नियम

New Education Policy: पीएम नरेंद्र मोदी (Narendra Modi) ने कहा कि नई शिक्षा नीति के सभी प्रावधानों का शीघ्र लागू होना बेहद जरूरी है. पीएम मोदी ने कहा कि नई शिक्षा नीति (New Education Policy)के सभी प्रावधानों को प्री- नर्सरी से पीएचडी तक लागू किया जाना चाहिए.

पीएम ने एक वेबिनार में कहा कि एक आत्मनिर्भर भारत (Aatmnirbhar Bharat) का निर्माण करने के लिए देश के युवकों का आत्मविश्वास बढ़ाना बेहद जरूरी है. आत्मविश्वास तभी आता है, जब युवकों को अपनी शिक्षा और ज्ञान पर पूरा भरोसा हो. आत्मविश्वास तब आता है, जब उन्हें यह महसूस हो कि उनका अध्ययन उन्हें अपना काम करने के लिए उचित अवसर और अनिवार्य कुशलता दिलाता है

पीएम मोदी ने शिक्षा के संदर्भ में बने बजट का जिक्र करते हुए कहा कि यह बजट शिक्षा की सभी नीतियों के पूरा करने के लिए पर्याप्त है. उनके अनुसार नई शिक्षा नीति से ना सिर्फ रोजगार को बढ़ावा मिलेगा बल्कि इससे कैपिटलिस्म को भी प्रोत्साहन मिलेगा. आज भारत ग्लोबल इनोवेशन इंडेक्स (Global Innovation Index) में 50 देशों की सूची में शामिल हो गया है. आगे इसे शीर्ष पर लाने का प्रयास चलता रहेगा

इंडिया में स्टार्टअप के लिए हैकथॉन आयोजित किया जा रहा है, जो कॉफी फायदेमंद है. निधि (National Initiative for Development and Promotion of Innovation) के जरिए देश में 3500 से ज्यादा स्टार्टअप बनाये जा रहे हैं.

पीएम ने कहा कि भारत में हाईड्रोजन मिशन पर गंभीरता से काम किया जाएगा. हाईड्रोजन मिशन (Hydrogen Mission) फ्यूचर फ्यूल (Future Fuel) और ग्रीन एनर्जी (Green Energy) को मजबूती देगा. प्रधानमंत्री ने वेबिनार में स्थानीय भाषाओं का भी जिक्र किया है. उनका कहना है कि विश्व के श्रेष्ठ साहित्य को भारत की हर भाषा में तैयार करने की जिम्मेदारी भाषा विशेषज्ञों एवं विद्यालयों की है.

ब्रेकिंगन्यूज : महंगाई भत्ता देने को तैयार हुई केंद्र सरकार!



ब्रेकिंगन्यूज

महंगाई भत्ता देने को तैयार हुई केंद्र सरकार! अब 18 माह का ‘एरियर’ लेने पर अड़े कर्मचारी संगठन
वर्ष 2020 के शुरू में केंद्रीय कैबिनेट ने महंगाई भत्ता चार फीसदी बढ़ाने को मंजूरी दी थी। यानी कर्मियों का महंगाई भत्ता 17 फीसदी से बढ़ाकर 21 फीसदी कर दिया जाना था…

केंद्र सरकार ने अपने 48 लाख कर्मचारियों और 65 लाख पेंशनधारियों को महंगाई भत्ता (डीए) देने की तैयारी कर ली है। इस बात के पूरे आसार हैं कि सरकार, डीए (Dearness Allowance) की बढ़ी हुई राशि यानी 28-30 फीसदी के हिसाब से कर्मियों के खाते में डालेगी। अब 18 माह का एरियर भी कर्मचारियों को मिल जाए, इसके लिए प्रयास शुरू किए गए हैं।

केंद्रीय कर्मियों की मांग को लेकर केंद्र से बातचीत कर रहे जेसीएम ‘स्टाफ साइड’ की राष्ट्रीय परिषद के सचिव और एआईआरएफ के महामंत्री शिव गोपाल मिश्र का कहना है, डीए की राशि जारी करने के लिए सरकार तैयार हो गई है। कर्मचारी संगठन अब ‘एरियर’ लेने पर अड़े हैं। केंद्र सरकार और कर्मचारी संगठनों के बीच दो सप्ताह के भीतर एक उच्चस्तरीय बैठक होने जा रही है। यहीं से केंद्र सरकार के कर्मियों और पेंशनरों को उनके चेहरे खिलाने वाली खबर मिलेगी।

बता दें कि वर्ष 2020 के शुरू में केंद्रीय कैबिनेट ने महंगाई भत्ता चार फीसदी बढ़ाने को मंजूरी दी थी। यानी कर्मियों का महंगाई भत्ता 17 फीसदी से बढ़ाकर 21 फीसदी कर दिया जाना था। केंद्रीय कर्मचारियों और पेंशनधारियों, इन दोनों को मिलाकर एक करोड़ से ज्यादा लोगों को इसका फायदा पहुंचना था। इसके लिए सरकार को अतिरिक्त 14,595 करोड़ रुपये खर्च करने थे।

केंद्रीय वित्त राज्य मंत्री अनुराग सिंह ठाकुर ने राज्यसभा में एक लिखित जवाब में बताया था कि मार्च महीने के वेतन के साथ सभी केंद्रीय कर्मियों और पेंशनधारकों को बढ़ी हुई दर से महंगाई भत्ता मिलेगा। जब तक यह राशि जारी होती, देश में कोरोना के चलते लॉकडाउन लग गया था। इसके चलते वित्त मंत्रालय ने जून 2021 तक बढ़े हुए डीए व डीआर पर रोक लगा दी थी। जानकारों के अनुसार, इस फैसले से केंद्र सरकार को करीब 37,530 करोड़ रुपये की बचत हुई है।

एआईआरएफ के महामंत्री शिव गोपाल मिश्र कहते हैं, महंगाई भत्ते और महंगाई राहत को लेकर केंद्र सरकार के साथ बैठकों के कई दौर चले हैं। विभिन्न स्तरों पर ज्ञापन सौंपे गए हैं। अब सरकार का रुख सकारात्मक नजर आ रहा है। सहयोगी कर्मचारी संगठनों का कहना है कि नियमानुसार, जून 2020 में डीए की राशि 24 फीसदी, दिसंबर 2020 में 28 फीसदी और जुलाई 21 में 30 फीसदी बढ़नी चाहिए।

बतौर मिश्रा, कर्मियों की उम्मीद जायज है। सभी कर्मियों ने कोरोना के दौरान सरकार के साथ कंधे से कंधा मिलाकर काम किया है। अब 30 फीसदी की बढ़ी हुई दर से डीए का हक तो बनता है। इस सप्ताह या उसके बाद केंद्र सरकार के साथ एक महत्वपूर्ण बैठक होने जा रही है। इसमें वित्त मंत्रालय और कर्मचारी संगठन के प्रतिनिधि मौजूद रहेंगे। सरकार ने इतना तो भरोसा दे दिया है कि सभी कर्मियों को डीए मिलेगा। अब लड़ाई केवल एरियर की है। पहली जनवरी 2020 से लेकर जून 2021 तक 18 महीनों का एरिया बकाया है।

जून से शुरू हो सकती है जनगणना की प्रक्रिया

एनपीआर को अपडेट करने की प्रक्रिया शुरू हो सकती है। जून तक पांच राज्यों में चुनाव का काम भी पूरा हो जाएगा। 130 साल में पहली बार कोरोना महामारी के कारण जनगणना की प्रक्रिया को रोकना पड़ा था।

अब इसे अगले साल फरवरी तक पूरा करने की तैयारी है। पहले आशंका जताई जा रही थी कि वैक्सीन की सीमित उपलब्धता और 30 करोड़ प्राथमिकता वाले समूह की बड़ी संख्या के कारण इसमें काफी लंबा समय लग सकता है।

7th Pay Commission: सरकारी कर्मचारियों पर होगी पैसों की बारिश! महंगाई पर 28 परसेंट भत्ता देने की तैयारी

7th Pay Commission: 50 लाख केंद्रीय कर्मचारियों (Central Govt Employees) और 61 लाख पेंशनर्स (Pensioners) के चेहरों पर जल्द ही मुस्कान आने वाली है, केंद्र सरकार अपने कर्मचारियों के लिए महंगाई भत्ता (DA) और महंगाई राहत (DR) मौजूदा 28 परसेंट महंगाई दर पर दे सकती है. ये भत्ते काफी लंबे समय से अटके हैं. कोरोना संक्रमण की वजह से कर्मचारियों के बढ़े हुए भत्तों पर सरकार ने रोक लगा दी थी.

खबर है कि, केंद्र सरकार के कर्मचारियों और वर्कर्स के संगठन (Association of Employees Confederation of Central Government Employees and Workers) ने वित्त मंत्री निर्मला सीतारमण के सामने मौजूदा सरकारी खजाने का लेखा-जोखा रखा है, और वित्त मंत्री से गुजारिश की है कि अब सभी सरकारी कर्मचारियों और पेंशनर्स को वर्तमान महंगाई दर 28 परसेंट के हिसाब से महंगाई भत्ता दिया जाए. एसोसिएशन ने कहा कि कोविड के दौरान केंद्र सरकार के कर्मचारियों ने पूरे समर्पण के साथ काम किया. ड्यूटी के दौरान कई कर्मचारियों की जान भी चली गई. इन सबको ध्यान में रखते हुए वित्त मंत्री को सभी कर्मचारियों और पेंशनरों को उनका जनवरी 2020 से बकाया महंगाई भत्ता और महंगाई राहत 28 परसेंट की दर से दें.

Atal Pension Yojana: कैसे खोलें अटल पेंशन योजना खाता, क्या है जुर्माना, जानिए हर जानकारी

APY रजिस्ट्रेशन करने के लिए आवश्यक दस्तावेज

नई दिल्ली, बिजनेस डेस्क। अटल पेंशन योजना (APY) असंगठित क्षेत्र के श्रमिकों के लिए एक रिटायर्ड योजना है। अटल पेंशन योजना (APY) देश के असंगठित क्षेत्र के श्रमिकों को 60 साल की आयु के बाद हर महीने 1,000 रुपये से लेकर 5,000 रुपये तक की तय मासिक पेंशन सुनिश्चित करने वाली योजना है। इसमें अंशदाता द्वारा निर्धारित मासिक पेंशन राशि के आधार पर उसके बैंक खाते से मासिक अंशदान काटा जाएगा। मासिक योगदान की राशि रजिस्ट्रेशन के समय ग्राहक की उम्र पर निर्भर करती है। इस स्कीम का लाभ लेने के लिए न्यूनतम आयु सीमा 18 वर्ष है और रजिस्ट्रेशन के लिए अधिकतम आयु 40 वर्ष है।

APY रजिस्ट्रेशन करने के लिए आवश्यक दस्तावेज

पेंशन योजना के लिए पंजीकरण कराने के लिए ग्राहक के पास बचत बैंक खाता, आधार संख्या और मोबाइल नंबर होना चाहिए।

अटल पेंशन योजना कैसे करें रजिस्ट्रेशन

1 – सभी राष्ट्रीय बैंक पेंशन योजना देते हैं, इसलिए, आप उस बैंक में जा सकते हैं जिसके पास आपका खाता है और एपीवाई के लिए खुद को रजिस्टर्ड करें।

2- पंजीकरण फॉर्म ऑनलाइन साथ ही बैंक शाखाओं में उपलब्ध हैं। आप फॉर्म डाउनलोड कर सकते हैं और इसे बैंक में जमा कर सकते हैं या आप इसे बैंक में ही भर सकते हैं और जमा कर सकते हैं।

3 -एक वैध मोबाइल नंबर दें।

4- अपने आधार कार्ड की फोटोकॉपी शामिल करें।

एक बार जब आपका आवेदन स्वीकृत हो जाता है तो आपको अपने रजिस्टर्ड मोबाइल नंबर पर एक कम्पलीट का मैसेज आएगा।

मालूम हो कि जिस राशि का योगदान किया जाना है, वह उस उम्र पर निर्भर करेगा जिस पर आप पेंशन योजना के लिए खुद को पंजीकृत करते हैं। 

APY में योगदान

इस योजना के लिए योगदान आपके बैंक खाते से स्वतः-डेबिट किया जाएगा, भले ही पेंशन योजना खाता बैंक शाखा या ऑनलाइन माध्यम से खोला गया हो।

योगदान में चूक होने पर जुर्माना लगाया जाएगा।

यदि कोई योगदान नहीं किया जाता है तो आपके APY खाते को 6 महीने बाद फ्रीज कर दिया जाएगा। इसके अलावा 12 महीने के बाद खाते को निष्क्रिय कर दिया जाएगा साथ ही 24 महीने के बाद खाता बंद कर दिया जाएगा।

5 वर्षों में पूर्व विधायकों की पेंशन में 200% से ज्यादा तक की वृद्धि

5 वर्षों में पूर्व विधायकों की पेंशन में 200% से ज्यादा तक की वृद्धि

NEW Education Policy : वर्ष 2022 से होगी सीखने सिखाने वाली पढ़ाई, मार्कशीट न बनेगी परिवार की प्रतिष्ठा

वर्ष 2022 से होगी सीखने सिखाने वाली पढ़ाई, मार्कशीट न बनेगी परिवार की प्रतिष्ठा

नई दिल्ली : राष्ट्रीय शिक्षा नीति पर अमल की तैयारियों के बीच प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने शुक्रवार को साफ किया कि साल 2022 से छात्रों की पढ़ाई नई शिक्षा नीति के तहत तैयार हो रहे पाठ्यक्रम से ही होगी। शिक्षा व्यवस्था की मौजूदा समस्याओं का जिक्र करते हुए पीएम ने कहा कि एक बड़ी समस्या यह भी है कि हमारे देश में सीखने पर आधारित शिक्षा की जगह मार्क्‍स और मार्कशीट वाली शिक्षा व्यवस्था हावी है। सच्चाई यह है कि मार्कशीट अब मानसिक प्रेशर शीट और परिवार की प्रेस्टीज शीट बन गई हैं यानी इसे प्रतिष्ठा का प्रश्न बना लिया गया है।

प्रधानमंत्री ने 21वीं सदी में स्कूल शिक्षा से जुड़े शिक्षकों के दो दिवसीय सम्मेलन को वचरुअल रूप से संबोधित करते हुए कहा कि पढ़ाई से मिल रहे तनाव से अपने बच्चों को निकालना ही राष्ट्रीय शिक्षा नीति का एक मुख्य उद्देश्य है। उन्होंने कहा कि परीक्षा इस तरह होनी चाहिए कि छात्रों पर बेवजह का दबाव न पड़े। साथ ही कोशिश यह भी होनी चाहिए कि केवल एक परीक्षा से छात्रों का मूल्यांकन न किया जाए, बल्कि उनके विकास के अलग-अलग पहलुओं से जुड़ा मूल्यांकन हो। यही वजह है कि राष्ट्रीय शिक्षा नीति में छात्रों को मार्कशीट की जगह उनके सभी पहलुओं को शामिल करते हुए एक रिपोर्ट कार्ड का प्रस्ताव किया गया है, जिसमें छात्र की विशिष्ट क्षमता, योग्यता, रवैया, प्रतिभा, स्किल (कौशल), क्षमता शामिल होगा।

पीएम ने कहा ‘जब हम आजादी के 75 वर्ष पूरे होने का जश्न मनाएंगे तो छात्र इस नए पाठ्यक्रम के साथ नए भविष्य की तरफ कदम बढ़ाएंगे।’ यह पाठ्यक्रम दूरदर्शी, भविष्य निर्माण करने वाला और वैज्ञानिक होगा। वहीं मातृभाषा में पढ़ाई पर सवाल खड़ा करने वालों को भी पीएम ने जवाब दिया और कहा कि यहां हमें यह समझने की जरूरत है कि भाषा शिक्षा का माध्यम है। भाषा ही सारी शिक्षा नहीं है। किताबी पढ़ाई में फंसे-फंसे कुछ लोग यह फर्क भूल जाते है।

एजुकेशन इन 21 फर्स्ट सेंचुरी” कॉन्क्लेव में पूरे देश के शिक्षा मंत्रियों एवं शिक्षकों को संबोधित किया। उन्होंने कहा कि नई राष्ट्रीय शिक्षा नीति, 21वीं सदी के भारत को नई दिशा देने वाली साबित होगी।