UP: वीवीआइपी बेसिक स्कूलों में वर्षों से जमें सरप्लस शिक्षकों पर गिरेगी गाज, इसलिए हैं वीवीआइपी विद्यालय

वीवीआइपी परिषदीय विद्यालय मिल जाएंगे, जहां विद्यार्थी संख्या भले कम हो, लेकिन शिक्षक दर्जनों की संख्या में भरे हैं। लेकिन अब ऐसे शिक्षकों के लिए मुश्किल समय आ रहा है। शासन के निर्देश पर बेसिक शिक्षा परिषद ऐसे शिक्षकों की ट्रांसफर बड़े स्तर पर करने की तैयारी में जुटी है।

परिषदीय प्राथमिक विद्यालयों में विभाग ने करीब 72 हजार से ज्यादा ऐसे शिक्षकों को चिन्हित भी कर लिया हैं, जो जरूरत के अनुसार सरप्लस हैं। उन्हें चिन्हित करने में आनलाइन व्यवस्था मददगार साबित हो रही है। लिहाजा जहां-जहां सरप्लस, यानी जरूरत से अधिक हैं, उन्हें वहां से हटाकर जरूरत वाले विद्यालयों में भेजा जाएगा। इसके लिए शासन स्तर से पालिसी बनाने पर काम चल रहा है।



इसलिए हो रही कवायद
दरअसल शिक्षा का अधिकार कानून (आरटीई) लागू हुए नौ साल से अधिक बीत चुके हैं, लेकिन अब तक मानकों के अनुरूप विद्यालयों में शिक्षकों की तैनाती नहीं हो पाई है। इस कमी को दूर करने के लिए बेसिक शिक्षा विभाग शुरुआत इन सरप्लस शिक्षकों से करने की तैयारी की है। इसके लिए विभाग ने अंतर जनपदीय व पारस्परिक स्थानांतरण के बाद जिलों के अंदर के विद्यालयों में स्थानांतरण व समायोजन के माध्यम से मानकों के अनुरूप शिक्षकों की तैनाती करने की मशक्कत में जुटा है।



आनलाइन व्यवस्था से काम होगा आसान
शासन ने शिक्षकों से लेकर विद्यालयों तक की व्यवस्था आनलाइन कर दी है। अब शासन के पास पूरी सूचना है कि किस विद्यालय में कितने विद्यार्थियों पर कितने शिक्षक काम कर रहे हैं। इसलिए इस व्यवस्था के मददगार साबित होने की उम्मीद है। बता दें कि केंद्र ने भी प्रदेश के परिषदीय विद्यालयों में 72,353 शिक्षकों को सरप्लस करार देकर उनकी तैनाती नियमानुसार करने के निर्देश दिए थे। आरटीई के मानक अनुसार प्राथमिक में कक्षा एक से 5 तक में 30 विद्यार्थियों पर एक शिक्षक का नियम है। जबकि जूनियर में 35 विद्यार्थियों पर एक शिक्षक की अनिवार्यता है। लेकिन प्रदेश में कई विद्यालय ऐसे हैं, जहां शिक्षक तो छह-सात तैनात हैं लेकिन विद्यार्थी 100 भी नहीं। ऐसे विद्यालयों की संख्या शहरी और शहर से सटे ग्रामीण विद्यालयों में हैं, जहां शिक्षक जरूरत से ज्यादा तैनात है।


इसलिए हैं वीवीआइपी विद्यालय
इन विद्यालयों को वीवीआइपी विद्यालय भी कहा जाता है, क्योंकि इनमें तैनात कोई भी शिक्षक सामान्य नहीं हैं। कोई किसी अधिकारी का रिश्तेदार है, तो कोई किसी नेता का। स्थिति यह है कि बेसिक शिक्षा विभाग के अधिकारी उनकी ऊंची पहुंच देखकर उनमें से एक से भी कुछ भी कहने की हिम्मत नहीं जुटा पाता। यह वीवीआइपी विद्यालय बरौली अहीर, बिचपुरी, खंदौली, अछनेरा आदि हैं।

मानव सम्पदा पोर्टल में अवकाश जॉइनिंग रिक्वेस्ट अपडेशन के संबंध में दिशा निर्देश Guidelines regarding holiday joining request updation in Manav Sampada Portal👇

जॉइनिंग रिक्वेस्ट अपडेशन के संबंध में

मानव संपदा पोर्टल पर नए अपडेशन के बाद आकस्मिक अवकाश को छोड़कर अन्य सभी प्रकार के अवकाश की जॉइनिंग रिक्वेस्ट को अब रिपोर्टिंग ऑफिसर के लिए फॉरवर्ड व hold करने का ऑप्शन ऐड कर दिया गया है।

👉 ध्यान रखें आकस्मिक अवकाश के पश्चात आपको कोई भी जॉइनिंग रिक्वेस्ट सेंड जॉइनिंग रिक्वेस्ट ऑप्शन में दिखाई नहीं दिखेगी।

👉 संबंधित अवकाश जिस सक्षम अधिकारी द्वारा अप्रूव किया गया है उन्हीं सक्षम अधिकारी के द्वारा ही ज्वाइन रिक्वेस्ट को Approved किया जाएगा ….

👉 *चिकित्सीय अवकाश के पश्चात विद्यालय ज्वाइन करते समय समस्त विद्यालय प्रभारी जॉइनिंग रिक्वेस्ट को खंड शिक्षा अधिकारी महोदय को फॉरवर्ड करेंगे तत्पश्चात खंड शिक्षा अधिकारी महोदय जॉइनिंग रिक्वेस्ट के साथ भेजे गए मेडिकल एवं फिटनेस की* जांच उपरांत उसे अप्रूव करेंगे …

👉 बाल्य देखभाल अवकाश /प्रसव कालीन अवकाश /अवैतनिक अवकाश /अबॉर्शन अवकाश की समस्त जॉइनिंग रिक्वेस्ट समस्त विद्यालय प्रभारी खंड शिक्षा अधिकारी महोदय को फॉरवर्ड करेंगे।

👉 आपके द्वारा जॉइनिंग रिक्वेस्ट भेजने के बाद यदि आपकी जॉइनिंग रिक्वेस्ट दो दिवस के अंदर अप्रूव नहीं होती है तो वह स्वतः ही तीसरे दिन सिस्टम के द्वारा अप्रूव कर दी जाएगी।

👉 जॉइनिंग रिक्वेस्ट भेजने के अभाव में आप अग्रिम अवकाश का उपभोग नहीं कर सकेंगे स्वतः ही पोर्टल आपको एरर प्रदर्शित करेगा और आपको अनुपस्थित माना जाएगा।

👉 चिकित्सीय अवकाश की ज्वाइन रिक्वेस्ट आप बिना मेडिकल व fitness के नहीं भेज सकेंगे इसके लिए पोर्टल आपको इसके विषय में डायलॉग message प्रदर्शित करेगा कि कि आप संबंधित फाइल अटैच करें।

पे रोल पर प्रपत्र 9 C अपडेट कैसे करें

सर्वप्रथम मानव संपदा आईडी खोल कर उसमें पेरोल के ऑप्शन पर जाएं। उस ऑप्शन में “बेसिक एजुकेशन” को सेलेक्ट करें जिसके बाद आपके सामने दो ऑप्शन आएंगे
पहला – सैलरी स्लिप
दूसरा – अटेंडेंस
अटेंडेंस को खोलें इसमें आपको फिर दो ऑप्शन मिलेंगे
पहला – फिल अटेंडेंस
दूसरा – लॉक अटेंडेंस
अब यदि किसी शिक्षक ने कोई भी लीव नहीं ली है तो वह सीधे “लॉक अटेंडेंस डाटा” खोलेगा तथा अपना डाटा लॉक कर देगा तथा यदि शिक्षक ने लीव ले रखी है तो वह पहले “फिल अटेंडेंस” में जाकर अपनी छुट्टियों का विवरण भरेगा तत्पश्चात “लॉक अटेंडेंस डाटा” पर जाकर अपना डाटा लॉक करेगा।
आवश्यक सूचना-
लॉक अटेंडेंस डेटा” करने से पहले यह सुनिश्चित अवश्य कर लें कि यदि विद्यालय के किसी शिक्षक ने अवकाश लिया है तो वह अवकाश भरा जा चुका हो उसके बाद ही डाटा लॉक किया जाए |

पंचायत चुनाव की वजह से UPTET और डीएलएड परीक्षा में हो सकती है देरी

लखनऊ: कोरोना संक्रमण की वजह से 2020 में टाली गई यूपी टीईटी और डीएलएड परीक्षा के आयोजन में अभी देरी हो सकती है. हालांकि दोनों परीक्षाओं के लिए शासन को दो बार प्रस्ताव भेजा गया, लेकिन अभी तक इस पर कोई फैसला नहीं लिया गया है. शासन से मंजूरी के बाद ही परीक्षा का आयोजन कराया जा सकेगा.

दरअसल ये कयास लगाए जा रहे हैं कि अप्रैल महीने में पंचायत चुनाव के बाद 2020 में टाली गई टीईटी और डीएलएड की परीक्षा अप्रैल के बाद के महीनों में आयोजित कराई जा सकती है. इसके अलावा ये भी कयास लगाया जा रहा है कि यूपी में 12 मई तक होने वाली बोर्ड की परीक्षाओं की वजह से भी टीईटी और डीएलएड एग्जाम में विलंब हो रहा है.

टीईटी-2020 और डीएलएड-2020 के लिए परीक्षा नियामक प्राधिकारी की ओर से अब तक दो बार शासन को प्रस्ताव भेजा जा चुका है. दिसंबर महीने में भेजे गए प्रस्ताव में 28 फरवरी 2021 को परीक्षा आयोजित कराए जाने की योजना थी, लेकिन ये परीक्षा नहीं कराई जा सकी.



इसके बाद शासन, एनआईसी और परीक्षा संस्था के बीच हुई बैठक में 7 मार्च 2021 को परीक्षा के आयोजन का प्रस्ताव रखा गया, लेकिन इस पर भी कोई बात नहीं बन सकी. बहरहाल अब पंचायत चुनाव और बोर्ड परीक्षा के बाद ही टीईटी और डीएलएड एग्जाम की तारीख निकलने की उम्मीद जताई जा रही है. इससे छात्रों को कुछ दिन और इंतज़ार करना होगा.

फतेहपुर बेसिक शिक्षा विभाग: : अवशेष वेतन के लिए शिक्षक भटक रहे पिछले 4साल से।

किसी जिले की नीति वहाँ के अधिकारी ही बनाते और बिगड़ते है बात कर रहे फतेहपुर जिले की BSA साहब शिवेन्द्र प्रताप सिंह जी की जो जिले को पिछड़ा मान के चलते है और सभी कार्यो को पिछड़े मानकर ही करते है वजह जान कर आप सब हैरान हो जायेगे क्योंकि साहब की सैलरी हर महीने समय से आती है और यहाँ के बेसिक शिक्षको की 4 साल लगा देते है अवशेष वेतन देने में और अपनी मनचाहे लोगो की ही सिर्फ देते है ।यहाँ के 1600 12460 और 68500 में कई हज़ार शिक्षक नियुक्त हुए है और उनके एरियर को निकलवाने में 2 जिलाधिकारी और सीडीओ के तबादले हो गए बात नही बनी तो शिक्षक संघ ,नेता और धरना प्रदर्शन किया मंत्री जी भी कूद गए एरियर निकलवाने में हज़ारो IGRS भी हुए लेकिन यहाँ के BSA साहब के कान म जू तक नही रेंगी ।
बेसिक मंत्री जी भी जनवरी 2020 में सभी बकाया देने के निर्देश दे चुके उसके लिए बकायदा मीटिंग भी हुई लेकिन BSA साहब ने मीटिंग की 1 दिन पहले कुछ लोगो के तत्काल नाम तो दे दिए लेकिन 1 साल बाद भी उनका भुकतान नही हुआ ।



वरिष्ठ लोगो ने BSA से बात की तो सिर्फ एक बहाना की भौतिक सत्यापन नही हुआ जबकि सभी यूनिवर्सिटी के आदेश और GO आ गया कि ऑनलाइन सत्यपन ही मान्य है ,यूनवर्सिटी बोल रही कि ऑनलाइन सत्यापन होगा भौतिक नही और BSA साहब भौतिक की जिद्द पर अड़ कर प्रधानमंत्री जी की डिजिटल इंडिया को भी ठेंगा दिखा दिए ।

बात सिर्फ इतनी की काम करने के बहुत तरीके है ना करने के हज़ार बहाने यही कर रहे फतेहपुर के bsa साहब क्योंकि इनके जगह पर वरिष्ठ लिपिक तिवारी बाबू ही सारा कार्य संभालते है BSA साहब तो सिर्फ बहाना बना रहे ।
बेसिक के नवनियुक्त शिक्षक किसी की खुद की शादी , बहन का विवाह या घर की चिंता लेकिन BSA साहब इन सभी चीज़ों से अनजान अपनी डयूटी से दूर…

साभार: एक शिक्षक

सुपर टेट : परीक्षा 18 अप्रैल को होगी, 30 दिनों की तैयारी से बन सकते हैं सरकारी शिक्षक

एक शिक्षक आज के समय में समाज का सबसे सम्मानित व्यक्ति होता है। इसके अलावा एक शिक्षक की नौकरी में बेहतर सैलरी, स्थायित्व व सुरक्षा आदि भी प्राप्त होते हैं जो इसे आज के समय की सबसे बेहतरीन नौकरी बनाते हैं। अगर आप भी ऐसा ही एक करियर बनाना चाहते हैं तो उत्तर प्रदेश सरकार एक बेहद ही खास मौका लेकर आई है। उत्तर प्रदेश में जूनियर हाई स्कूल में असिस्टेंट टीचर व प्रिंसिपल के 1894 पदों के लिए चयन प्रक्रिया जारी है। जिसके लिए आपको बस सुपर टेट परीक्षा पास करनी होगी।

इसके अलावा प्रिसिंपल के लिए इसके साथ आपको एक और पेपर भी देना होगा, जिसमें एजूकेशनल मैनेजमेंट ऐंड एडमिनिस्ट्रेशन से प्रश्न पूछे जाते हैं।

सफलता की कहानी टॉपर्स की जुबानी
सुपर टेट परीक्षा होने में लगभग एक महीने का ही समय शेष है। ऐसे में आपको स्मार्ट तरीके से तैयारी करनी होगी। यह परीक्षा क्रैक कर चुके कई छात्र तैयारी के समय सही मार्गदर्शन व प्रैक्टिस पर जोर देते हैं।

इन्हीं में से एक पिंकी पुंदीर का कहना है कि “तैयारी के लिए कड़ी मेहनत के साथ साथ प्रैक्टिस इस परीक्षा में सफलता के लिए बेहद जरूरी है। अक्सर छात्र पढ़ाई तो खूब करते हैं लेकिन प्रैक्टिस सेट हल नहीं करते, जिससे उन्हें परीक्षा में काफी मुश्किलों का सामना करना पड़ता है। इसलिए तैयारी के साथ साथ हर टॉपिक के ढेरों प्रश्नों को हल करना बेहद आवश्यक है।”

जूनियर शिक्षक भर्ती: एकेडमिक व प्रशिक्षण परीक्षा का उत्तीर्ण वर्ष भरना जरूरी, लाखों में पहुंचा आवेदन का आंकड़ा

जूनियर शिक्षक भर्ती: एकेडमिक व प्रशिक्षण परीक्षा का उत्तीर्ण वर्ष भरना जरूरी, लाखों में पहुंचा आवेदन का आंकड़ा

प्रयागराज : प्रदेश के 3049 अशासकीय सहायताप्राप्त (एडेड) जूनियर हाईस्कूलों में शिक्षक भर्ती के लिए ऑनलाइन आवेदन प्रक्रिया तेज हो गई है। शुक्रवार शाम छह बजे तक करीब दो लाख नौ हजार से अधिक ने पंजीकरण कराया और एक लाख सात हजार से अधिक अभ्यर्थियों ने अंतिम रूप से आवेदन कर दिया है। प्रधानाध्यापक के 390 व सहायक अध्यापक के 1504 सहित 1894 पदों की लिखित परीक्षा 18 अप्रैल को एक साथ कराई जाएगी। अभ्यर्थी 17 मार्च तक आवेदन कर सकते हैं। अबत क शिक्षक भर्ती के लिए 2.9 लाख पंजीकरण व 1.7 लाख पूर्ण आवेदन हो चुके हैं. 

कई अभ्यर्थी ऐसे भी हैं जिन्होंने दोनों पदों के लिए पंजीकरण कराया है। ऑनलाइन आवेदन प्रक्रिया पूरी कर प्रिंट लेने की आखिरी तारीख 19 मार्च रखी गई है। परीक्षा संस्था से लगातार यह सवाल पूछा जा रहा है अभ्यर्थी परीक्षा उत्तीर्ण के कॉलम में सत्र का वर्ष लिखें या फिर परीक्षा उत्तीर्ण करने का साल। मसलन, यदि किसी ने डीएलएड 2017 वर्ष का अभ्यर्थी है और उसने परीक्षा 2020 में उत्तीर्ण की है तो उसे कॉलम में वर्ष 2020 ही लिखना है। इसी तरह से एकेडमिक परीक्षा का उत्तीर्ण वर्ष लिखा जाएगा।
आवेदन कर रहे अभ्यर्थी वेबसाइट पर विषयों का विकल्प न मिलने से परेशान हैं। ज्ञात हो कि शासनादेश में कहा गया था कि अभ्यर्थी को भाषा (हंिदूी, संस्कृत व अंग्रेजी में से एक), सामाजिक अध्ययन, गणित व विज्ञान विषय में एक का चयन करना होगा। लेकिन, वेबसाइट पर विषयों का विकल्प नहीं है। सचिव अनिल भूषण चतुर्वेदी का कहना है कि ओएमआर पर अभ्यर्थी को विकल्प देना होगा और उसी के आधार पर परिणाम जारी होगा। अभी सिर्फ वही अभ्यर्थी आवेदन कर सकते हैं, जो स्नातक उत्तीर्ण हैं। इस भर्ती के लिए भले ही पदों की संख्या कम है लेकिन, करीब चार से पांच लाख आवेदन होने की उम्मीद है।

पारस्परिक अन्तर्जनपदीय स्थानान्तरण के फलस्वरूप कार्यमुक्त अध्यापकों के अंतिम वेतन भुगतान प्रमाणपत्र (L.P.C.) व सेवापुस्तिका स्थानांतरित जनपद को 20 मार्च तक उपलब्ध कराने के निर्देश

पारस्परिक अन्तर्जनपदीय स्थानान्तरण के फलस्वरूप कार्यमुक्त अध्यापकों के अंतिम वेतन भुगतान प्रमाणपत्र (L.P.C.) व सेवापुस्तिका स्थानांतरित जनपद को 20 मार्च तक उपलब्ध कराने के निर्देश

दीक्षा एप, मानव सम्पदा पोर्टल एवं एम स्थापना एप के अनुप्रयोग हेतु प्रधानाध्यापकों एवं शिक्षकों के यूट्यूब सत्र के आयोजन के सम्बन्ध में

दीक्षा एप, मानव सम्पदा पोर्टल एवं एम स्थापना एप के अनुप्रयोग हेतु प्रधानाध्यापकों एवं शिक्षकों के यूट्यूब सत्र के आयोजन के सम्बन्ध में

दिनांक : 13 मार्च 2021

समय : पूर्वान्ह 5 से 6 बजे तक

अनुशासनहीनता पर चार शिक्षकों का डिमोशन, पूर्व प्रधानमंत्री पर की थी अभद्र टिप्पणी

बीएसए ने चार शिक्षकों का डिमोशन कर दिया है। उन्हें अब नये शिक्षक की बराबर ही वेतन मिलेगा। दूर दराज के स्कूलों में उनकी तैनाती की गयी है। बीएसए की इस कार्रवाई से शिक्षकों में खलबली मची है।

संविलियन विद्यालय गुमानपुर मुरसान के सहायक अध्यापक दीपक गुप्ता के पर आरोप है कि उन्होंने अपने कार्यकाल के दौरान पद के प्रति गंभीर अनिमियतताओं व कर्तव्यों एवं दायित्वों केनिकवहन में उदासीनता बरती। इसे लेकर उन्हें निलंबित किया गया। जवाब में दीपक गुप्ता कोई असंतोषजनक व प्रमाणित साक्ष्य नहीं दे सके। बीएसए ने पदावनत करते हुये सहायक अध्यापक के मूल पद वमूल वेतन के प्रारम्भिक वेतन पर बहाल करते हुए बंद प्राथमिक विद्यालय डंडेसरी विकास खण्ड सिकंदराराऊ में तैनात किया है। इसके अलावा रवेन्द्रपाल सिंह सहायक अध्यापक प्राथमिक विद्यालय भोपतपुर विकास खंड हाथरस का डिमोशन करते हुए सहायक अध्यापक के मूल पद व मूल वेतन के प्रारम्भिक वेतन पर प्राथमिक विद्यालय गढ़ी केसरी सादाबाद में बहाल किया गया है।


पूर्व प्रधानमंत्री पर की थी अभद्र टिप्पणीः प्राथमिक विद्यालय जनमासी

विकास खंड सासनी के शिक्षक जयप्रकाश को अपने व्हाट्स एप के स्टेटस पर आपत्तिजनक टिप्पणी की थी। देश के प्रधानमंत्री लाल बहादुर शास्त्री को लेकर अभद्र टिप्पणी की थी। इस मामले की जांच करायी गयी तो जयप्रकाश पर लगे आरोप सही पाये गये बीएसए ने शिक्षक का डिमोशन करते हुए बन्द प्राथमिक विद्यालय नगला मेवा विकास खण्ड सहपऊ में भेजा है। प्राथमिक विद्यालय खिजरपुर सिकंदराराऊ के शिक्षक प्रदीप कुमार के खिलाफ भी डिमोशन की कार्रवाई की गई है। इनको विभिन्न वित्तीय नियमितताओं में निलंबित किया गया। जांच में सभी आरोप सही पाए जाने पर अबडिमोशनकरते हुए प्रदीप कुमार को बंद प्राथमिक विद्यालय बांधनू विकास खण्ड सासनी में पदस्थापित किया है।

सभी बेसिक स्कूलों को कंपोजिट ग्रांट का देना होगा हिसाब, स्कूलों को सत्रवार दर्ज करना होगा विवरण

सभी परिषदीय स्कूलों को कंपोजिट स्कूल ग्रांट दी जा रही है। इसके तहत स्कूलों ने क्या कार्य कराया है, उसका विवरण अब स्कूलों को देना होगा। यह विवरण फाइल में बंद नहीं होगा बल्कि स्कूल की दीवार को पेंट कराकर उसपर अंकित कराना ही होगा। सभी परिषदीय स्कूलों के प्रधानाध्यापकों को अपने यहां आई कंपेजिट ग्रांट का विवरण देना है।

इसके लिए स्कूल की वह दीवार चुनी जाए जो सब से पहले दिखती हो। उसपर 1.8 मीटर (छह फिट) ऊंची व 1.5 मीटर (पांच फिट) चौड़ाई के क्षेत्र में पेंटिंग कराई जाए। उस स्थान को सीमेंट बेस्ड पुट्टी से समतल भी कराना होगा उसके बाद दो कोट में पीले रंग से पुताई कराई जानी चाहिए फिर लाल रंग से किनारा बनाकर काले रंग से खर्च का विवरण अंकित कराना होगा। बता दें कि इसके लिए बीते वर्ष 25 दिसंबर तिथि तय की गयी थी, लेकिन बजट का विवरण नहीं बताया गया। प्रदेश के प्राइमरी तथा उच्च प्राइमरी स्कूलों के कायाकल्प के तहत काम हुआ है। हर साल स्कूलों को जरूरी सुविधाओं के लिए शासन कंपोजिट ग्रांट दे रहा है। रंगाई पुत ताई, फर्नीचर, लाइब्रेरी, ब्लैक बोर्ड, मल्टीपल हैंड वाशिंग सहित तमाम चीजों को खरीदने वलगाने के लिए तीन वर्ष से लगातार बजट दिया गया है। तमाम स्कूलों ने इसका अच्छा इस्तेमाल किया है जबकि कुछजगह बंदरबांट की शिकायते आयी हैं। ऐसे में जांच हुई तो सारा खेल सामने आ जायेगा ।

महानिदेशक का यह था आदेश

महानिदेशक ने 25 दिसंबर तक पिछले 3 वित्तीय वर्ष में खर्च हुई रकम का ब्योरा लिखने का आदेश दिया था इसमें वर्ष 2018-19, 2019-20 तथा 2020-21 में दी गई धनराशि तथा व्यय धन राशि का विवरण लिखाने को कहा गया था। लेकिन अधिकांश स्कूलों में इसका पालन नहीं किया गया।
खास बात यह कि स्कूलों को सत्रवार विवरण अंकित कराना है। यदि किसी | विद्यालय ने धनराशि का प्रयोग नहीं किया है तो भी बताना होगा कि उस रकम का प्रयोग नहीं हुआ। विद्यालय समिति के साथ ही आसपास के लोग भी इस कार्य को देखेंगे। यदि किसी | को शिकायत होगी तो भी उस संबंध में जन सामान्य अपनी बात रख सकेगा। यह कदम सिर्फ इसलिए उठाया जा रहा है कि पारदर्शिता बनी रहे। प्रदेश के प्राइमरी व मिडिल स्कूलों में खर्च होने वाला पैसा सार्वजनिक होगा। शासन से मिलने वाली कंपोजिट ग्रांट किस मद में खर्च हुई इसे विद्यालयों की दीवारों पर लिखवाना होगा। | दीवारों पर वर्ष वार और मद वार विवरण लिखना होगा।