नई शिक्षा नीति लागू करने की जिम्मेदारी सबकी व नीति में कम से कम होना चाहिए सरकारी दखल : मोदी


राष्ट्रीय शिक्षा नीति पर राज्यपालों के सम्मेलन के उद्घाटन सत्र को राष्ट्रपति रामनाथ कोविंद और पीएम मोदी ने वीडियो कॉन्फ्रेंस के जरिए संबोधित किया। पीएम मोदी और राष्ट्रपति कोविंद ने नई शिक्षा नीतियों की खूबियों को बताया। पीएम ने कहा कि नई शिक्षा नीति बच्चों को बैग और बोर्ड के बोझ से मुक्त करेगी तो राष्ट्रपति ने कहा कि शिक्षण के पेशे में योग्य लोगों के चयन और रिसर्च पर निवेश बढ़ाया जाएगा। 

3 शिक्षकों को मिलेगा राष्ट्रीय शिक्षक पुरस्कार

3 शिक्षकों को मिलेगा राष्ट्रीय शिक्षक पुरस्कार । शिक्षक दिवस पर 5 सितंबर को प्रदेश के 3 शिक्षकों को राष्ट्रीय शिक्षक पुरस्कार 2020 से सम्मानित किया जाएगा इनमें 2 शिक्षक बेसिक शिक्षा से जबकि एक शिक्षक माध्यमिक शिक्षा से है।

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COMMON ELIGIBILITY TEST : संयुक्त योग्यता परीक्षा को केंद्रीय कैबिनेट की मंजूरी, ग्रुप बी और ग्रुप सी के पदों पर होगी भर्ती

Common Eligibility Test : संयुक्त योग्यता परीक्षा को केंद्रीय कैबिनेट की मंजूरी, ग्रुप बी और ग्रुप सी के पदों पर होगी भर्ती

नई दिल्ली : Common Eligibility Test (CET): केंद्र सरकार के मंत्रालयों, विभागों एवं संगठनों में सरकारी नौकरी पाने की इच्छा रखने वाले युवाओं के लिए खुशखबरी। मोदी सरकार की कैबिनेट बैठक में ग्रुप बी और ग्रुप सी के पदों पर भर्ती के लिए एक ही संयुक्त योग्यता परीक्षा (Common Eligibility Test – CET) को मंजूरी दे दी है। केंद्र सरकार के सचिव सी चंद्रमौली से प्राप्त जानकारी के अनुसार वर्तमान की लगभग 20 से अधिक भर्ती एजेंसियां हैं और इन सभी की परीक्षाओं को हम धीरे-धीरे समय के साथ भविष्य में सामान्य पात्रता परीक्षा (Common Eligibility Test) कराएंगे। हालांकि, आरम्भ में केवल तीन एजेंसियों के परीक्षाओं को सामान्य बनाया जा रहा है।

मंजूरी मिलने के बाद संयुक्त योग्यता परीक्षा का आयोजन अगले वर्ष यानि 2021 से किया जाना है, इसके तहत सरकारी नौकरी की तैयारी कर रहे उम्मीदवारों को केंद्रीय विभागों एवं संगठनों में भर्ती के लिए अलग-अलग आवेदन नहीं करने होंगे।

क्या है संयुक्त योग्यता परीक्षा?

सरकार ने संयुक्त योग्यता परीक्षा का प्रस्ताव सरकारी नौकरी की तैयारी कर रहे युवा बेरोजगारों को सहुलियत देने के उद्देश्य किया है। कार्मिक, लोक शिकायत और पेंशन मंत्री जितेंद्र सिंह ने 13 मार्च 2020 को जानकारी दी थी कि सरकारी एजेंसियों और हर वर्ष आवेदन करने वाले 2.5 करोड़ उम्मीदवारों हेतु भर्ती प्रक्रिया को दुरूस्त करने के लिए केंद्र सरकार एक ऑटोनॉमस बॉडी ‘नेशनल रिक्रूटमेंट एजेंसी (National Recruitment Agency – NRA)’ का गठन करेगी जो कि कॉमन इलिजिबिलिटी टेस्ट (सीईटी) का ऑनलाइन आयोजन करेगी।

National Recruitment Agency (NRA) 2020 : केंद्रीय कैबिनेट ने सरकारी नौकरियों में सीईटी के लिए राष्ट्रीय भर्ती एजेंसी स्थापित करने की दी अनुमति।

NRA 2020 अब सरकारी और सार्वजनिक क्षेत्र के बैंकों में गैर-राजपत्रित पदों पर भर्ती के लिए कोई अलग से परीक्षा नहीं होगी बल्कि एक ऑनलाइन सीईटी होगी।

NRA 2020 : केंद्रीय कैबिनेट ने केंद्र सरकार और सार्वजनिक क्षेत्र के बैंकों में सभी अराजपत्रित पदों पर भर्ती के लिए प्रस्तावित कॉमन एलिजिबिलिटी टेस्ट (CET) आयोजित करने के लिए एक राष्ट्रीय भर्ती एजेंसी (NRA) के गठन के प्रस्ताव को मंजूरी दे दी है। एनआरए की मंजूरी के साथ, भारत में नौकरी तलाशने वाले उम्मीदवार, जो विभिन्न सरकारी और सार्वजनिक क्षेत्र की एजेंसियों के लिए कई परीक्षाओं के लिए आवेदन करते हैं, उन्हें अब एक ही ऑनलाइन प्रवेश परीक्षा, सीईटी के लिए उपस्थित होना होगा। इसके स्कोर तीन साल तक मान्य होंगे।

सरकार के सचिव, सी चंद्रमौली ने कहा कि केंद्र सरकार में लगभग 20 से अधिक भर्ती एजेंसियां हैं। हालांकि, हम अब तक केवल तीन एजेंसियों की परीक्षाएं ही सामान्य कर रहे हैं, लेकिन हम सभी भर्ती एजेंसियों के लिए कॉमन एलिजिबिलिटी टेस्ट कर सकेंगे। बता दें कि सीईटी आयोजित करने के लिए एनआरए स्थापित करने का प्रस्ताव इस वर्ष 1 फरवरी को अपने केंद्रीय बजट भाषण में वित्त मंत्री निर्मला सीतारमण द्वारा की गई घोषणाओं का हिस्सा था।

नई राष्ट्रीय भर्ती एजेंसी (NRA) के तहत ये बड़े बदलाव होंगे : अब सरकारी और सार्वजनिक क्षेत्र के बैंकों में गैर-राजपत्रित पदों पर भर्ती के लिए कोई अलग से परीक्षा नहीं होगी, बल्कि एक ऑनलाइन सीईटी होगी। परिणाम की घोषणा की तारीख से CET के स्कोर तीन साल तक मान्य होंगे। प्रत्येक उम्मीदवार को अपने स्कोर में सुधार करने के लिए दो अतिरिक्त मौके मिलेंगे। तीनों स्कोर में से सबसे अच्छा माना जाएगा। NRA द्वारा CET मेरिट लिस्ट राज्य सरकार की नौकरियों में भर्ती के लिए लागत-साझाकरण के आधार पर भी लागू होगी। एनआरए राष्ट्रीय परीक्षण एजेंसी (एनटीए) के समान होगा, जो पूरे भारत में मेडिकल और इंजीनियरिंग कॉलेजों में स्नातक पाठ्यक्रम में प्रवेश के लिए सामान्य प्रवेश परीक्षा आयोजित करता है।

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3- फेफड़े में खासी

National education policy 2020 – शिक्षकों की गुणवत्ता को बढ़ाने व नियुक्ति के लिए क्या होंगे प्रावधान

राष्ट्रीय शिक्षा नीति-2020 में श‍िक्षा व्यवस्था में बड़े बदलावों की बात कही गई है. इस श‍िक्षा नीति में दिया गया है कि अब आने वाले कुछ सालों में श‍िक्षा की सबसे मजबूत कड़ी अध्यापक को सबसे मजबूत बनाया जाएगा. इसके लिए बीएड प्रोग्राम में बड़े बदलाव की बात कही गई है. जानिए नई नीति में शिक्षकों की गुणवत्ता को बढ़ाने के लिए क्या प्रावधान कि‍ए जाएंगे ।

नई श‍िक्षा नीति के अनुसार जल्द ही शिक्षकों के लिए राष्ट्रीय स्तर का मानक तैयार होगा. शिक्षकों के लिए अगले दो साल के भीतर न्यूनतम डिग्री बीएड तय होगी, जो उनकी शैक्षणिक योग्यता के आधार पर एक से चार साल की होगी. ये एमए के बाद एक साल और इंटरमीडिएट के बाद चार साल की होगी.

श‍िक्षा नीति में वर्ष 2022 तक नेशनल काउंसिल फॉर टेक्निकल एजुकेशन (एनसीटीई) को टीचर्स के लिए एक समान मानक तैयार करने को कहा गया है. ये पैरामीटर नेशनल प्रोफेशनल स्टैंडर्ड फॉर टीचर्स कहलाएंगे. काउंसिल यह कार्य जनरल एजुकेशन काउंसिल के निर्देशन में पूरा करेगी.
सरकार ने कहा कि साल 2030 तक सभी बहुआयामी कालेजों और विश्वविद्यालयों में शिक्षकों के पठन पाठन के कोर्स को संस्थानों के अनुरूप अपग्रेड करना होगा. साल 2030 तक शिक्षकों के लिए न्यूनतम डिग्री बीएड होगी, इसकी अवधि चार साल हो जाएगी.


बीएड के लिए कुछ इस तरह से व्यवस्था की जाएगी. बीएड की दो साल की डिग्री उन ग्रेजुएट छात्रों को मिले जिन्होंने किसी खास सब्जेक्ट में चार साल की पढ़ाई की हो. चार साल की ग्रेजुएट की पढ़ाई के साथ एमए की भी डिग्री प्राप्त करने वाले छात्रों को बीएड की डिग्री एक साल में ही प्राप्त हो जाएगी, लेकिन इसके जरिये विषय विशेष के शिक्षक बन पाएंगे.बता दें कि नई श‍िक्षा नीति में ये कहा गया है कि बीएड प्रोग्राम में शिक्षा शास्त्र की सभी विधियों को शामिल किया जाए. इसमें साक्षरता, संख्यात्मक ज्ञान, बहुस्तरीय अध्यापन और मूल्यांकन को विशेष रूप से सिखाया जाएगा. इसके अलावा टीच‍िंग मेथड में टेक्नोलॉजी को खास तौर पर जोड़ा जाएगा.


इस श‍िक्षा नीति में के. कस्तूरीरंगन कमेटी की उन सभी सिफारिशों को केंद्रीय मंत्रिमंडल ने मंजूर किया है जिसमें शिक्षकों के प्रशिक्षण में व्यापक सुधार की बात कही गई थी. इसमें सभी शिक्षा कार्यक्रमों को विश्वविद्यालयों या

कॉलेजों के स्तर पर शामिल करने की सिफारिश की थी ।
कमेटी की उन सिफारिशों को भी मान लिया गया है जिसमें स्तरहीन शिक्षक-शिक्षण संस्थानों को बंद करने की बात कही गई थी. अब सभी शिक्षण तैयारी/ शिक्षा कार्यक्रमों को बड़े बहुविषयक विश्वविद्यालयों/ कॉलेजों में स्थानांतरित करके शिक्षक शिक्षण के क्षेत्र में बड़े पैमाने पर बदलाव का भी प्रस्ताव रखा है. इसके अलावा 4-वर्षीय एकीकृत चरण वाले विशिष्ट बी.एड. कार्यक्रम के माध्यम से शिक्षकों को अंततः न्यूनतम डिग्री की योग्यता प्राप्त हो सकेगी.


देश में एक जैसे शिक्षक और एक जैसी शिक्षा को आधार बनाकर इस समिति की सिफारिशाें को लागू किया गया है. अब विद्यालयों में स्थानीय ज्ञान और लोक विद्या जैसी जानकारियों के लिए स्थानीय पेशेवरों को अनुबंध पर लिया जा सकता है.

मिड-डे मील में अब नाश्ता भी शामिल, 11 करोड़ बच्चों को मिलेगा गरम पौष्टिक भोजन या फिर मूंगफली, गुड़ व चना


नई दिल्ली। देश के 11.59 करोड़ छात्रों को मिड-डे मील में अब नाश्ता भी मिलेगा। स्कूल खुलने पर इसी सत्र से नाश्ते में पका हुआ गरम पौष्टिक भोजन या फिर मूंगफली, गुड़ व चना मिल सकता है। इसके अलावा बच्चों को अब स्थानीय मौसमी फल भी दिया जाएगा।

राष्ट्रीय शिक्षा नीति में सरकारी स्कूलों के बच्चों को शिक्षा से जोड़े रखने के लिए दोपहर के भोजन के साथ-साथ अब नाश्ता भी शामिल करने का प्रावधान किया गया है। मोदी सरकार 2016 से इस दिशा में काम कर रही थी। एक सर्वे रिपोर्ट में सामने आया था कि 30 से 40 फीसदी से अधिक बच्चे इसलिए स्कूल जाते हैं, ताकि उन्हें दोपहर का भोजन मिल सके। इसी के चलते नाश्ता शामिल करने की योजना तैयार हुई। क्योंकि इसी रिपोर्ट में सामने आया था कि यह बच्चे पौष्टिक आहार न मिलने से कुपोषण के शिकार होते हैं। इसलिए नाश्ते में पौष्टिक आहार को शामिल किया जा रहा है।

नाश्ते के इस मैन्यू में राज्य सरकार चाहें तो बदलाव कर सकती हैं। इस बदलाव में ओर अधिक आइटम जुड़ सकते हैं। राज्य चाहें तो उन्हें दूध, अंडा या कुछ औरर भी शामिल करने का अधिकार होगा। इससे पहले 2016 में शिक्षा मंत्रालय ने एम्स दिल्ली के विशेषज्ञों की कमेटी बनाई थी। इस कमेटी ने भी सरकार को सुझाव दिया गया था कि नाश्ता शामिल होना चाहिए। इसमें दूध या अंडा जरूरी है।

नई शिक्षा नीति 2020 में बदलाव के अहम बिन्दु एक नजर में New Education Policy at a glance… और अधिक जानने के लिए क्लिक करें!

🔴- मानव संसाधन विकास मंत्रालय (MHRD) का नाम बदलकर शिक्षा मंत्रालय किया जाएगा। 

🔴 – देश में उच्च शिक्षा के लिए एक ही नियामक(Regulator) होगा, इसमें अप्रूवल और वित्त के लिए अलग-अलग वर्टिकल होंगे। वो नियामक ‘ऑनलाइन सेल्फ डिसक्लोजर बेस्ड ट्रांसपेरेंट सिस्टम’ पर काम करेगा। 

🔴- मल्टिपल एंट्री और एग्ज़िट सिस्टम में पहले साल के बाद सर्टिफिकेट, दूसरे साल के बाद डिप्लोमा और तीन-चार साल बाद डिग्री दी जाएगी। 

🔴 – इस नीति की सबसे बड़ी विशेषता यह है कि स्कूली शिक्षा, उच्च शिक्षा के साथ कृषि शिक्षा, कानूनी शिक्षा, चिकित्सा शिक्षा और तकनीकी शिक्षा जैसी व्यावसायिक शिक्षाओं को इसके दायरे में लाया गया है।

🔴 – अब कला, संगीत, शिल्प, खेल, योग, सामुदायिक सेवा जैसे सभी विषयों को भी पाठ्यक्रम में शामिल किया जाएगा। इन्हें सहायक पाठ्यक्रम (co-curricular) या अतिरिक्त पाठ्यक्रम ( extra- curricular) नहीं कहा जाएगा।

🔴 – आयोग ने शिक्षकों के प्रशिक्षण में व्यापक सुधार के लिए शिक्षक प्रशिक्षण और सभी शिक्षा कार्यक्रमों को विश्वविद्यालयों या कॉलेजों के स्तर पर शामिल करने की सिफारिश की है।

🔴- शिक्षा प्रणाली में बदलाव करते हुए उच्च गुणवत्ता और व्यापक शिक्षा तक सबकी पहुँच सुनिश्चित की गई है। इसके जरिए भारत का निरंतर विकास सुनिश्चित होगा साथ ही वैश्विक मंचों पर 

🔴 – आर्थिक विकास, सामाजिक विकास, समानता और पर्यावरण की देख – रेख, वैज्ञानिक उन्नति और सांस्कृतिक संरक्षण के नेतृत्व का समर्थन करेगा।

🔴- 4 साल का डिग्री प्रोग्राम फिर M.A. और उसके बाद बिना M.Phil के सीधा PhD कर सकते हैं। 

🔴 – सरकार ने लक्ष्य निर्धारित किया है कि GDP का 6% शिक्षा में लगाया जाए जो अभी 4.43% है। इसमें बढ़ोतरी करके शिक्षा का क्षेत्र बढ़ाया जाएगा। 

🔴 – प्राथमिक स्तर पर शिक्षा में बहुभाषिकता को प्राथमिकता के साथ शामिल करने और ऐसे भाषा शिक्षकों की उपलब्धता को महत्व दिया दिया गया है जो बच्चों के घर की भाषा समझते हों। यह समस्या राष्ट्रीय स्तर पर विभिन्न राज्यों में दिखाई देती है। पहली से पाँचवी तक जहाँ तक संभव हो मातृभाषा का इस्तेमाल शिक्षण के माध्यम के रूप में किया जाये। जहाँ घर और स्कूल की भाषा अलग-अलग है, वहां दो भाषाओं के इस्तेमाल का सुझाव दिया गया है।

🔴 – पहली व दूसरी कक्षा में भाषा व गणित पर काम करने पर जोर देने की बात नई शिक्षा नीति के मसौदे में है। इसके साथ ही चौथी व पाँचवीं के बच्चों के साथ लेखन कौशल पर काम करने पर भी ध्यान देने की बात कही गई है। भाषा सप्ताह, गणित सप्ताह व भाषा मेला व गणित मेला जैसे आयोजन करने की बात भी इस प्रारूप में लिखी गई है। 

🔴- इसमें पुस्तकालयों को जीवंत बनाने व गतिविधियों को कराने पर ध्यान देने की बात कही गई है। इसमें कहानी सुनाने, रंगमंच, समूह में पठन, लेखन व बच्चों के बनाये चित्रों व लिखी हुई सामग्री का डिसप्ले करने पर ध्यान देने की बात कही गई है।

🔴 – लड़कियों की शिक्षा जारी रहे इसके लिए उनको भावनात्मक रूप से सुरक्षित वातावरण देने का सुझाव दिया गया है। कस्तूरबा गाँधी बालिका विद्यालय का विस्तार 12वीं तक करने का सुझाव नई शिक्षा नीति-2019 के मसौदे में किया गया है।

🔴 – रेमेडियल शिक्षण को मुख्य धारा में शामिल करने जैसा सुझाव दिया गया है। इसके तहत 10 सालों की परियोजना का प्रस्ताव किया गया है। इसमें स्थानीय महिलाओं व स्वयं सेवकों की भागीदारी हासिल करने की बात कही गई है।

🔴 – शिक्षकों के सपोर्ट के लिए तकनीकी के इस्तेमाल को प्रोत्साहित करने की बात भी नई शिक्षा नीति-2019 के मसौदे में है। इसके लिए कंप्यूटर, लैपटॉप व फोन इत्यादि के जरिए विभिन्न ऐप का इस्तेमाल करके शिक्षण को रोचक बनाने की बात कही गई है।

🔴 – U.S. की NSF (नेशनल साइंस फाउंडेशन) की तर्ज पर हम NRF (नेशनल रिसर्च फाउंडेशन) ला रहे हैं। इसमें न केवल साइंस बल्कि सोशल साइंस भी शामिल होगा। ये बड़े प्रोजेक्ट्स की फाइनेंसिंग करेगा। ये शिक्षा के साथ रिसर्च में हमें आगे आने में मदद करेगा। 

🔴 – अर्ली चाइल्डहुड केयर एवं एजुकेशन के लिए कैरिकुलम एनसीईआरटी द्वारा तैयार होगा। इसे 3 से 6 वर्ष के बच्चों के लिए विकसित किया जाएगा। बुनियादी शिक्षा (6 से 9 वर्ष के लिए) के लिए फाउंडेशनल लिट्रेसी एवं न्यूमेरेसी पर नेशनल मिशन शुरु किया जाएगा। 

🔴- पढ़ाई की रुपरेखा 5+3+3+4 के आधार पर तैयारी की जाएगी। इसमें अंतिम 4 वर्ष 9वीं से 12वीं शामिल हैं। 

🔴 – नया कौशल (जैसे कोडिंग) शुरु किया जाएगा। एक्सट्रा कैरिकुलर एक्टिविटीज को मेन कैरिकुलम में शामिल किया जाएगा।

🔴- गिफ्टेड चिल्ड्रेन एवं गर्ल चाइल्ड के लिए विशेष प्रावधान किया गया है। कक्षा 6 के बाद से ही वोकेशनल को जोड़ा जाएगा।

🔴 – नई नेशनल क्यूरिकुलम फ्रेमवर्क तैयार किया जाएगा जिसमें ईसीई, स्कूल, टीचर्स और एडल्ट एजुकेशन को जोड़ा जाएगा। बोर्ड एग्जाम को भाग में बांटा जाएगा।

🔴- बच्चों के रिपोर्ट कार्ड में लाइफ स्किल्स को जोड़ा जाएगा। जिससे बच्चों में लाइफ स्किल्स का भी विकास हो सकेगा। अभी रिपोर्ट कार्ड में ऐसा कोई प्रावधान नहीं था। 

🔴 – वर्ष 2030 को हर बच्चे के लिए शिक्षा सुनिश्चित की जाएगी। विद्यालयी शिक्षा के निकलने के बाद हर बच्चे के पास कम से कम लाइफ स्किल होगी। जिससे वो जिस क्षेत्र में काम शुरू करना चाहेगा कर सकेगा। 

🔴- नई राष्ट्रीय शिक्षा नीति 2020 में राष्ट्रीय परीक्षा एजेंसी द्वारा उच्च शिक्षा संस्थानों में प्रवेश के लिए कॉमन एंट्रेंस एग्जाम का ऑफर दिया जाएगा। यह संस्थान के लिए अनिवार्य नहीं होगा। 

🔴 – पाठ्यक्रम में भारतीय ज्ञान पद्धतियों को शामिल करने, ‘राष्ट्रीय शिक्षा आयोग’ का गठन करने और प्राइवेट स्कूलों को मनमाने तरीके से फीस बढ़ाने से रोकने की सिफारिश की गई है।

केंद्र सरकार ने अनलॉक-3 के लिए दिशा-निर्देश किए जारी, 31 अगस्त तक स्कूल रहेंगे बंद: देखें प्रेस विज्ञप्ति Unlock 3 guidelines: No schools, metro, cinema till Aug 31; Gyms allowedUnlock 3 guidelines: No schools, metro, cinema till Aug 31; Gyms allowed

Unlock 3 Expected Guideline: 1 अगस्त को होगी अनलॉक 3 की घोषणा, जानिए कहां-कहां मिल सकती है बड़ी राहत

Unlock 3 Expected Guideline 1: सिनेमा घर, होटल और रेस्त्रां को शर्तों के साथ खोलने की अनुमति मिल सकती है। इस बारे में उद्योग संगठनों ने सरकार को सिफारिश की है। होटल और रेस्त्रां नए नियमों के साथ काम करने को तैयार हैं, हालांकि मल्टिप्लेक्स मालिक कम दर्शकों के साथ फिल्में चालू करने पर पूरी तरह राजी नहीं हैं। उनका कहना है कि कम दर्शकों के साथ सिनेमा घर खोलने से अच्छा है बंद रखे जाएं।

Unlock 3 Expected Guideline 2: अंतर्राष्ट्रीय विमान सेवा पर लगी पाबंदियां हटाई जा सकती हैं। द फेडरेशन ऑफ इंडियन चैम्बर्स ऑफ कॉमर्स एंड इंडस्ट्री यानी फिक्की की ओर से की गई सिफारिश के अनुसार, विदेशियों को भारत आने और भारतीयों को विदेश जाने की अनुमति मिलना चाहिए। हवाई अड्डों पर सेफ कॉरिडोर बनाए जाना चाहिए, ताकि यात्रियों की सुरक्षा सुनिश्चित की जा सके।

  • गृह मंत्रालय ने जारी की अनलॉक-3 की गाइडलाइंस
  • 5 अगस्त से जिम खोलने की इजाजत
  • 31 अगस्त तक बंद रहेंगे स्कूल-कॉलेज

केंद्र सरकार ने अनलॉक-3 की गाइडलाइंस जारी कर दी है. गृह मंत्रालय की ओर जारी दिशा-निर्देश में 5 अगस्त से जिम खोलने की इजाजत दी गई है. साथ ही सरकार ने नाइट कर्फ्यू को भी हटा दिया है. मेट्रो, रेल और सिनेमाघर पर पाबंदी जारी रहेगी.

सरकार ने कहा है कि स्वतंत्रता दिवस के कार्यक्रम सोशल डिस्टेंसिंग के साथ किए जाएंगे. इसके अलावा अन्य स्वास्थ्य प्रोटोकॉल का पालन करना होगा, जैसे, मास्क पहनना. गृह मंत्रालय ने बताया कि राज्यों और केंद्रशासित प्रदेशों के साथ व्यापक चर्चा के बाद यह निर्णय लिया गया है कि स्कूल, कॉलेज और कोचिंग संस्थान 31 अगस्त तक बंद रहेंगे.