स्‍कूल टीचर बनने के लिए जरूरी होगा TET एग्‍जाम, NCTE ने लिया फैसला

नई शिक्षा नीति-2020 में श‍िक्षा व्यवस्था में व्‍यवस्‍था की गई है कि आने वाले कुछ सालों में श‍िक्षा की सबसे मजबूत कड़ी अध्यापक को सबसे मजबूत बनाया जाएगा. इसके लिए बीएड प्रोग्राम में बड़े बदलाव की बात कही गई है. इसके लिए श‍िक्षा नीति में वर्ष 2022 तक नेशनल काउंसिल फॉर टेक्निकल एजुकेशन (एनसीटीई) को टीचर्स के लिए एक समान मानक तैयार करने को कहा गया था.

अब NEP 2020 के तहत नेशनल काउंसिल फॉर टीचर एजुकेशन (NCTE) ने यह फैसला किया है कि किसी भी क्लास में पढ़ाने के लिए उम्‍मीदवारों को शिक्षक पात्रता परीक्षा TET यानी Teachers Eligibility Test पास करना जरूरी किया जाएगा. एनसीटीई ने इसके लिए दिशानिर्देश व टेस्ट पैटर्न तैयार करने के लिए कमिटी गठित कर दी है.

एनईपी में प्रावधान क‍िया गया है क‍ि ये पैरामीटर नेशनल प्रोफेशनल स्टैंडर्ड फॉर टीचर्स कहलाएंगे. काउंसिल यह कार्य जनरल एजुकेशन काउंसिल के निर्देशन में पूरा करेगी. अब तक टीईटी की अनिवार्यता सिर्फ क्लास 1 से 8वीं तक के लिए थी. 9वीं से 12वीं यानी पोस्ट ग्रेजुएट टीचर्स (PGT) के लिए इसकी जरूरत नहीं होती थी. अब किसी भी क्लास में पढ़ाने के लिए शिक्षक पात्रता परीक्षा (TET) पास करना जरूरी किया जाएगा.

एनसीटीई ने इसके लिए दिशानिर्देश व टेस्ट पैटर्न तैयार करने के लिए कमेटी गठित कर दी है. स्कूलों में क्वालिटी एजुकेशन को बढ़ावा देने के लिए और शिक्षकों को अपग्रेड करने के लिए एनसीटीई यह तैयारी कर रहा है. नई श‍िक्षा नीति के अनुसार शिक्षकों के लिए अगले दो साल के भीतर न्यूनतम डिग्री बीएड तय होगी, जो उनकी शैक्षणिक योग्यता के आधार पर एक से चार साल की होगी. ये एमए के बाद एक साल और इंटरमीडिएट के बाद चार साल की होगी.

बीएड के लिए कुछ इस तरह से व्यवस्था की जाएगी क‍ि बीएड की दो साल की डिग्री उन ग्रेजुएट छात्रों को मिले जिन्होंने किसी खास सब्जेक्ट में चार साल की पढ़ाई की हो. चार साल की ग्रेजुएट की पढ़ाई के साथ एमए की भी डिग्री प्राप्त करने वाले छात्रों को बीएड की डिग्री एक साल में ही प्राप्त हो जाएगी, लेकिन इसके जरिये विषय विशेष के शिक्षक बन पाएंगे.

बता दें कि नई श‍िक्षा नीति में ये कहा गया है कि बीएड प्रोग्राम में शिक्षा शास्त्र की सभी विधियों को शामिल किया जाए. इसमें साक्षरता, संख्यात्मक ज्ञान, बहुस्तरीय अध्यापन और मूल्यांकन को विशेष रूप से सिखाया जाएगा. इसके अलावा टीच‍िंग मेथड में टेक्नोलॉजी को खास तौर पर जोड़ा जाएगा.

कमेटी की उन सिफारिशों को भी मान लिया गया है जिसमें स्तरहीन शिक्षक-शिक्षण संस्थानों को बंद करने की बात कही गई थी. अब सभी शिक्षण तैयारी/ शिक्षा कार्यक्रमों को बड़े बहुविषयक विश्वविद्यालयों/ कॉलेजों में स्थानांतरित करके शिक्षक शिक्षण के क्षेत्र में बड़े पैमाने पर बदलाव का भी प्रस्ताव रखा है. इसके अलावा 4-वर्षीय एकीकृत चरण वाले विशिष्ट बी.एड. कार्यक्रम के माध्यम से शिक्षकों को अंततः न्यूनतम डिग्री की योग्यता प्राप्त हो सकेगी.

नई शिक्षा नीति : यूपी बोर्ड परीक्षा वर्ष में एक बार, इम्प्रूवमेंट अगले साल की परीक्षा के साथ करने पर होगा विचार

कम्पोजिट स्कूल के लिए बेसिक व माध्यमिक शिक्षा विभाग के बीच समन्वय स्थापित किया जाएगा। वहीं यूपी बोर्ड की परीक्षा वर्ष में एक बार करने और इम्प्रूवमेंट के लिए अगले वर्ष की बोर्ड परीक्षा में मौका देने पर भी विचार किया जाएगा। उपमुख्यमंत्री डा. दिनेश शर्मा की अध्यक्षता में राष्ट्रीय शिक्षा नीति (एनईपी) 2020 के क्रियान्वयन के लिए टास्क फोर्स की छठवीं बैठक में कई बिन्दुओं पर मंथन किया गया। बैठक में निर्णय लिया गया कि 21 फरवरी अंतरराष्ट्रीय मातृ भाषा दिवस के रूप में मनाया जाएगा।

डा. शर्मा ने निर्देश दिए कि एनईपी पर विचार करने के लिए जिला स्तर पर विभिन्न विभागों की एक समिति का गठन किया जाए। जिला स्तर पर बनने वाली समिति के सदस्य सचिव क्षेत्रीय उच्च शिक्षा अधिकारी या डीआईओएस होंगे। उन्होंने बताया कि उच्च शिक्षा व सूक्ष्म, लघु व मध्यम उद्योग के बीच एमओयू हस्ताक्षरित किया गया है। विश्वविद्यालय द्वारा किया जा रहा अनुसंधान औद्यौगिक क्षेत्र के लिए उपयोगी साबित होगा। अब छात्रों को वास्तविक जीवन की औद्योगिक समस्याओं पर काम करने का अवसर मिलेगा।

अपर मुख्य सचिव माध्यमिक शिक्षा आराधना शुक्ला ने कहा कि पाठयक्रम में सुधार, अवस्थापना सुविधाओं की बेहतर व्यवस्था आदि समेत कई काम चल रहे हैं। महानिदेशक, स्कूल शिक्षा विजय किरण आनंद ने बेसिक शिक्षा विभाग की कार्ययोजना की जानकारी देते हुए कहा कि विभाग में मानव संपदा पोर्टल को लागू किया गया है। 2021 से शिक्षकों की सभी वार्षिक प्रविष्टियां ऑनलाइन की जा रही है।

कौशल विकास मिशन के मिशन निदेशक कुणाल सिल्कू ने बताया कि सभी सरकारी व प्राइवेट इकाइयां, जिनमें 30 से अधिक कर्मचारी है, वे अपनी जनशक्ति का 2.5 प्रतिशत से 15 प्रतिशत तक अप्रेटिंस या इन्टर्न रखने के लिए बाध्य है। अप्रेन्टिसकर्ता को मानदेय का भुगतान नियोक्ता द्वारा किया जाएगा। भुगतान राशि में 1500 रुपये की प्रतिपूर्ति केन्द्र सरकार व एक हजार रुपये की अतिरिक्त धनराशि राज्य सरकार देगी। इन्टर्नशिप की अवधि छह महीने से तीन वर्ष तक की हो सकती है।

बैठक में अपर मुख्य सचिव उच्च शिक्षा मोनिका एस गर्ग, अपर मुख्य सचिव बेसिक शिक्षा रेणुका कुमार, पूर्व निदेशक कृष्ण मोहन त्रिपाठी, पूर्व अध्यक्ष सीबीएसई अशोक गांगुली, लखनऊ विवि में प्रोफेसर अरविंद मोहन, डा निशि पांडे, विशेष सचिव उच्च शिक्षा अब्दुल समद मौजूद रहे।

नई शिक्षा नीति लागू करने की जिम्मेदारी सबकी व नीति में कम से कम होना चाहिए सरकारी दखल : मोदी


राष्ट्रीय शिक्षा नीति पर राज्यपालों के सम्मेलन के उद्घाटन सत्र को राष्ट्रपति रामनाथ कोविंद और पीएम मोदी ने वीडियो कॉन्फ्रेंस के जरिए संबोधित किया। पीएम मोदी और राष्ट्रपति कोविंद ने नई शिक्षा नीतियों की खूबियों को बताया। पीएम ने कहा कि नई शिक्षा नीति बच्चों को बैग और बोर्ड के बोझ से मुक्त करेगी तो राष्ट्रपति ने कहा कि शिक्षण के पेशे में योग्य लोगों के चयन और रिसर्च पर निवेश बढ़ाया जाएगा। 

नई शिक्षा नीति के महत्वपूर्ण बिंदु-(NEP-2019——–23अध्याय)

नई शिक्षा नीति के महत्वपूर्ण बिंदु- (NEP-2019——–23अध्याय)

1. SSRA (State school regulatoryauthority)बनेगा

2.4year इंटेग्रेटेड B Ed,2yr B Ed or 1yr B Ed course चलेंगें

3. ECCE Early childhood care and education के तहत प्री प्राइमरी शिक्षा आंगनबाड़ी ओर स्कूलों के माध्यम से।

4. TET लागू होगी upto सेकंडरी लेवल तक

5. शिक्षकों को गैर शैक्षणिक कार्यों से हटाया जाएगा, सिर्फ चुनाव ड्यूटी लगेगी,BLO ड्यूटी से शिक्षक हटेंगे,MDM se भी शिक्षक हटेंगे।

6. स्कूलों में एसएमसी/एसडीएमसी के साथ ScMc स्कूल कॉम्प्लेक्स मैनेजमेंट कमेटी बनाई जाएगी ।

7. शिक्षक नियुक्ति में डेमो ओर इंटरव्यू भी शामिल होंगे।

8. नई ट्रांसफर पॉलिसी आयेगी जिसमें ट्रांसफर लगभग बन्द हो जाएंगे, ट्रांसफर सिर्फ पदोन्नति पर ही होंगे।

9. ग्रामीण इलाकों में स्टाफ क्वार्टर बनाए जाएंगे, केंद्रीय विद्यलयों की तर्ज पर ।

10. RTE ko class 12 वर्ग तक /age upto 18 लागू किया जाएगा।

11. मिड डे मील के साथ हैल्थी ब्रेकफास्ट भी स्कूलों में सुरु होगा।

12. Three language based स्कूली शिक्षा होगी।

13. Foreign language course भी स्कूलों में सुरु होंगे।

14. विज्ञान ओर गणित को बढ़ावा दिया जाएगा, हर सीनियर सैकंडरी स्कूल में science or math विषय अनिवार्य होंगे।

15. स्थानीय भाषा भी शिक्षा का माध्यम होगी।

16.NCERT पूरे देश में नोडल एजेंसी होगी।

17. स्कूलों में राजनीति व सरकार का हस्तक्षेप लगभग खतम हो जाएगा,

18.state school regulatory authority (SSRA) बनेगी जिसके मुखिया शिक्षा से जुड़े लोग ही होंगे।