माह जून 2022 की उपस्थिति लॉक न करने से वेतन हस्तांतरण हुए विलंब पर महानिदेशक सख्त, अनुशासनात्मक कार्यवाही हेतु मांगी उत्तरदायी कार्मिकों की सूची

39 जनपद एवं 28 विकास खण्ड स्तरीय कार्यालयों द्वारा माह जून 2022 की उपस्थिति लॉक न करने से वेतन हस्तांतरण हुए विलंब पर महानिदेशक सख्त, अनुशासनात्मक कार्यवाही हेतु मांगी उत्तरदायी कार्मिकों की सूची

बायोमीट्रिक हाजिरी के लिए हर स्कूल में हेडमास्टर समेत दो शिक्षकों को टैबलेट देने की तैयारी

बायोमीट्रिक हाजिरी के लिए हर स्कूल में हेडमास्टर समेत दो शिक्षकों को टैबलेट देने की तैयारी

लखनऊ : बुनियादी शिक्षा में इस सत्र में डिजिटल पर जोर रहेगा। बायोमीट्रिक हाजिरी के लिए हर स्कूल में प्रधानाध्यापक समेत दो शिक्षकों को टैबलेट दिया जाएगा।

केन्द्र सरकार ने प्रोजेक्ट एप्रूवल बोर्ड (पीएबी) की बैठक राज्य सरकार के प्रस्तावों को मंजूरी दी गई है। 

प्राइमरी व जूनियर स्कूलों के प्रधानाध्यापकों को भी टैबलेट दिए जाने की योजना में विस्तार करते हुए अब प्रधानाध्यापक के अलावा स्कूल के एक और शिक्षक को टैबलेट दिया जाएगा।


इस टैबलेट से बायोमीट्रिक हाजिरी भी लगाई जाएगी और इसे कंट्रोल रूम से जोड़ा जाएगा। बीआरसी व एआरपी आदि को भी टैबलेट दिया जाना है। कुल 209862 टैबलेट खरीदे जाएंगे और इस योजना के लिए 59.86 करोड़ बजट मंजूर किया गया है।

यूपी के प्राइमरी व जूनियर स्कूलों में शिक्षकों व छात्रों का अनुपात का आकलन आया सामने,देखें विस्तृत में👇

यूपी के प्राइमरी व जूनियर स्कूलों में शिक्षकों व छात्रों का अनुपात का आकलन

बेसिक शिक्षक भर्ती : बीएड-डीएलएड प्रशिक्षु अब आमने-सामने

बेसिक शिक्षक भर्ती : बीएड-डीएलएड प्रशिक्षु अब आमने-सामने


🛑 भर्ती से बीएड को बाहर करने पर अड़े डीएलएड वाले
🛑 2018 में बीएड को शिक्षक भर्ती में किया था मान्य

प्रयागराज । प्राथमिक स्तर की टीईटी 2021 के प्रमाणपत्र जारी करने पर हाईकोर्ट की रोक एक अदद सरकारी नौकरी पाने की लड़ाई का परिणाम है। राष्ट्रीय अध्यापक शिक्षा परिषद (एनसीटीई) ने 28 जून 2018 को बीएड डिग्रीधारियों को प्राथमिक स्तर (कक्षा एक से पांच तक) की शिक्षक भर्ती के लिए मान्य कर दिया था। जिसके बाद 69000 सहायक अध्यापक भर्ती में हजारों बीएड डिग्रीधारी शिक्षक पद पर चयनित हो गए।


उसी के बाद से डिप्लोमा इन एलिमेंटरी एजुकेशन (डीएलएड या पूर्व में बीटीसी) करने वाले बेरोजगारों में असंतोष था। वर्तमान में उत्तर प्रदेश में बीएड डिग्रीधारी बेरोजगारों की संख्या तकरीबन 12 लाख और डीएलएड प्रशिक्षित बेरोजगारों की संख्या छह से सात लाख के आसपास बताई जा रही है। डीएलएड प्रशिक्षुओं का तर्क है कि बीएड का कोर्स माध्यमिक स्कूलों में शिक्षक भर्ती के लिए तैयार किया गया है।


चूंकि पहले उत्तर प्रदेश में डीएलएड (बीटीसी) प्रशिक्षुओं की पर्याप्त संख्या उपलब्ध नहीं थी इसलिए बीएड डिग्रीधारियों को एक जनवरी 2012 तक प्राथमिक स्कूलों में सहायक अध्यापक पद पर भर्ती के लिए छूट दी गई थी। 72825 प्रशिक्षु शिक्षक भर्ती में विवाद के कारण समयसीमा बीतने पर बीएड वालों को 31 मार्च 2014 तक नियुक्ति में छूट बढ़ानी पड़ी थी।


उसके बाद बीएड वाले प्राथमिक स्कूलों की भर्ती से बाहर हो गए थे। हालांकि एनसीटीई ने 28 जून 2018 को फिर से बीएड करने वालों को प्राथमिक शिक्षक भर्ती में मान्य कर लिया। जिसके चलते डीएलएड करने वालों की शिक्षक भर्ती में चयन की संभावना कम हो गई।

जिले में कुछ ARP को उनके मूल विद्यालय पर लौटने का आदेश

जनपद महराजगंज में कुछ ए आर पी को उनके मूल विद्यालय पर लौटने का आदेश

सरकारी स्कूलों में 3 महीने के अंदर शुरू होगी बायोमेट्रिक हाजिरी

सरकारी स्कूलों में 3 महीने के अंदर शुरू होगी बायोमेट्रिक हाजिरी

यूपी के प्राइमरी स्कूल भले ही बायोमीट्रिक हाजिरी अभी तक लागू नहीं कर पाए हों लेकिन माध्यमिक स्कूलों में इस पर काम शुरू हो गया है। सभी स्कूलों को 100 दिन के अंदर इसे लागू करना है। वहीं हर सरकारी स्कूल में वाईफाई की व्यवस्था भी की जाएगी। माध्यमिक शिक्षा विभाग की अपर मुख्य सचिव आराधना शुक्ला ने प्रदेश भर के स्कूलों की वस्तुस्थिति के बारे में रिपोर्ट तलब की है।

इस रिपोर्ट के मिलने के बाद इसे लागू करने की कार्ययोजना बनाई जाएगी। मुख्यमंत्री के सामने रखी गई 100 दिन की कार्ययोजना में स्कूलों की अपनी वेबसाइट और अपना ई-मेल आईडी भी बनाना होगा। इसे कैसे लागू किया जाएगा, इसमें कितने बजट की आवश्यकता है और किस तरह से बायोमीट्रिक हाजिरी की मॉनिटरिंग की जाए, इस पर कार्ययोजना बनाई जाएगी।

शिक्षकों की हाजिरी प्रदेश में बड़ा मुद्दा

माध्यमिक शिक्षा के स्कूलों में अभी तक बायोमीट्रिक हाजिरी अनिवार्य नहीं है। कई बार विभाग ने कवायद शुरू की लेकिन कभी शिक्षक संगठनों के विरोध तो कभी बजट के अभाव में काम नहीं हो पाया। हालांकि प्रदेश के कुछ स्कूलों में उत्साही प्रधानायापकों या डीआईओएस के कारण बायोमीट्रिक हाजिरी का प्राविधान लागू किया गया है। शिक्षकों की हाजिरी प्रदेश में बड़ा मुद्दा रही है और मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ अपने पिछले कार्यकाल में इस मुद्दे को उठाते रहे हैं। पिछले वर्ष इसके लिए कमेटी भी बनाई गई थी लेकिन इसकी रिपोर्ट पर भी कार्रवाई नहीं हो पाई।

बेसिक के स्कूलों में अभी तक लागू नहीं

बेसिक शिक्षा के स्कूलों में 2017 से बायोमीट्रिक हाजिरी लेने की योजना है। पहले सेल्फी से हाजिरी की योजना लागू की गई लेकिन शिक्षकों के विरोध के कारण सरकार को पीछे हटना पड़ा। वर्ष 2019 में टैबलेट के माध्यम से बायेामीट्रिक हाजिरी पर सहमति बनी लेकिन अभी तक टैबलेट खरीदे नहीं जा सके हैं।

House Hold Survey Form :- हाउस होल्ड सर्वे सूचना प्रपत्र, Download करे PDF

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नामांकन लक्ष्य पूर्ण न करने पर इन 03 जिलों के समस्त BEO,ARP,एसआरजी, बीआरसी स्टाफ,सभी स्कूलों के समस्त प्रधान/इंचार्ज अध्यापक/सहायक अध्यापक,शिक्षामित्र,अनुदेशक का वेतन/मानदेय रोका

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बच्चों को फल बांटने के सवाल में उलझे गुरूजन, महंगाई डेढ़ से दोगुना बढ़ी लेकिन फल वितरण की दरें पुरानी ही

बच्चों को फल बांटने के सवाल में उलझे गुरूजन, महंगाई डेढ़ से दोगुना बढ़ी लेकिन फल वितरण की दरें पुरानी ही



स्कूलों में बच्चों को फल वितरण की योजना को शुरू हुए करीब छह वर्ष हो गए। इस बीच महंगाई करीब डेढ़ से दोगुना बढ़ गई, लेकिन फल वितरण की दरे पुरानी ही दी है। प्रत्येक सोमवार में स्कूलो में बच्चों को फल बांटना भी अनिवार्य है वह भी निर्धारित शर्तों के मुताबिक ऐसे में वह कार्य शिक्षकों को परेशान किए है। हालत यह है कि किताबी गणित को चुटकियों में हल कर देने वाले गुरुजन भी चार रुपये में बच्चों को फल वितरण के फॉर्मूले में उलझे जा रहे हैं। बहुत माथापच्ची करने के बाद भी सवाल का ऐसा हल नहीं निकल रहा, जिसमें पूरे अंक मिल सके।

कक्षा एक से आठ तक के राजकीय परिषदीय अर्द्ध सरकारी व सहायता प्राप्त विद्यालयों के बच्चों को ताजे व मौसमी फल वितरण करने की योजना एक जुलाई 2016 से लागू हुई थी। उस समय प्रति सोमवार प्रति छात्र चार रुपये की दर से धनराशि स्वीकृत की गई थी। उसमें शर्त यह थी कि विद्यार्थियों को वितरित होने वाला फल ताजा व साबुत होगा। सड़े गले अथवा कटे हुए फल वितरित करने पर प्रधानाध्यापक के विरुद्ध कार्रवाई की जाएगी।


योजना को लागू हुए लगभग छह साल का वक्त बीतने की है। इस धनराशि में एक पैसे की बढ़ोतरी नहीं हुई है, जबकि महंगाई प्रतिवर्ष करीब डेढ़ गुना बढ़ जा रही है। देखा जाए तो इस समय केले के अलावा कोई ऐसा फल नहीं है, जो चार रुपये में साबुत ही मिल सके। अनार 100 रुपये प्रति किलो मुसम्मी 60 रुपये प्रति किलो सतरा 80 रुपये प्रति किलो, सेब 150 रुपये प्रति किलो, चोकू 60 रुपये प्रति किलो व केला 60 रुपये प्रति दर्जन की दर से बिक रहा है।

BASIC SHIKSHA VIBHAG- ग्रीष्मकालीन समय सारणी Time Table for Summer

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