मानव संपदा पोर्टल से ऑनलाइन होगी तैनाती, माध्यमिक शिक्षा विभाग ने तय किए मानक

मानव संपदा पोर्टल से ऑनलाइन होगी तैनाती, माध्यमिक शिक्षा विभाग ने तय किए मानक

लखनऊ : प्रदेश के राजकीय इंटर कॉलेजों व हाईस्कूल में प्रोन्नत प्रधानाचार्य, प्रधानाध्यापक, प्रवक्ता समेत समकक्ष पदों पर तैनाती ऑनलाइन होगी। इसके लिए माध्यमिक शिक्षा विभाग ने मानक तय कर दिए हैं। तैनाती की प्रक्रिया मानव संपदा पोर्टल के माध्यम से होगी। माध्यमिक शिक्षा निदेशक महेन्द्र देव ने इस संबंध में शुक्रवार को आदेश जारी कर दिया है।

शिक्षक के खुद कैंसर, एचआईवी, किडनी, लिवर के गंभीर रोगों से ग्रस्त प्रधानाचार्य, प्रधानाध्यापक, प्रवक्ता समेत समकक्ष शिक्षक को वरीयता दी जाएगी। इसके लिए प्रतिष्ठित चिकित्सालाय जैसे एम्स, पीजीआई, राज्य चिकित्सा महाविद्यालय या चिकित्सा बोर्ड द्वारा जारी प्रमाणपत्र मान्य होगा।



इसके अलावा स्वयं दिव्यांग की श्रेणी में होने पर अलग-अलग अंक दिए जाएंगे। इसके लिए मुख्य चिकित्सा अधिकारी द्वारा जारी प्रमाण पत्र मान्य होगा। पति या पत्नी के सरकारी सेवा में होने पर ही एक ही जिले या स्थान पर मानक के तहत गुणांक का लाभ दिया जाएगा।


छात्रों की उपस्थिति बढ़ाएं

खण्ड शिक्षा अधिकारी शिक्षकों व विद्यार्थियों की उपस्थिति को बेहतर करने के साथ कक्षा में पठन-पाठन को बेहतर बनाएंगे। निपुण भारत पोर्टल पर उपलब्ध डैशबोर्ड के माध्यम से पांच बिन्दुओं पर मिशन मोड में अगले तीन महीने तक काम किया जाएगा। महानिदेशक स्कूल शिक्षा विजय किरन आनंद ने शुक्रवार को आदेश जारी कर दिया है।

हर माध्यमिक विद्यालय की बनेगी वेबसाइट, बायोमेट्रिक के लिए जारी होगा आदेश

हर माध्यमिक विद्यालय की बनेगी वेबसाइट, बायोमेट्रिक के लिए जारी होगा आदेश

लखनऊ : प्रदेश के माध्यमिक विद्यालयों को हाईटेक बनाने की तैयारियां तेज हो गई हैं। विद्यालयों की वेबसाइट के साथ ही बायोमीट्रिक हाजिरी लगाने पर विशेष जोर दिया जा रहा है। माध्यमिक शिक्षा विभाग ने कालेजों को भेजे वार्षिक बजट में बायोमीट्रिक हाजिरी लगाने के निर्देश दिए थे, उनका अनुपालन अब जांचा जा रहा है, सभी मंडलीय संयुक्त शिक्षा निदेशकों से रिपोर्ट मांगी गई है।

मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ ने पिछले दिनों विभागवार कार्ययोजना में माध्यमिक शिक्षा विभाग के कार्य भी गिनाए थे, अब अपर मुख्य सचिव माध्यमिक शिक्षा आराधना शुक्ला उनका अनुपालन करा रही हैं। अगले तीन महीने में सभी राजकीय स्कूलों में वाई-फाई की सुविधा, सभी विद्यालयों की वेबसाइट के साथ ही हर छात्र- छात्रा की ईमेल आइडी बनाई जानी है। इसके अलावा राजकीय विद्यालयों में बायोमीट्रिक हाजिरी भी शुरू होनी है। शुक्ला ने शिक्षा निदेशक माध्यमिक को निर्देश दिया कि चारों बिंदुओं पर सभी जिलों में चल रहे विद्यालयों की स्थिति की समीक्षा मंडलीय संयुक्त शिक्षा निदेशकों से कराकर रिपोर्ट सौंपा जाए।


माध्यमिक शिक्षा विभाग रिपोर्ट मिलने के बाद कार्ययोजना तैयार करेगा, ताकि समय पर इसका अनुपालन हो सके। इसी वर्ष विभाग ने स्कूलों को भेजे वार्षिक धनराशि में बायोमीट्रिक हाजिरी के लिए मशीन लेने का निर्देश दिया था, रिपोर्ट से यह भी स्पष्ट होगा कि आखिर कितने कालेजों ने धन मशीन खरीदने पर खर्च किया है। वैसे माध्यमिक शिक्षा के स्कूलों में अभी तक बायोमीट्रिक हाजिरी अनिवार्य नहीं है। अब विभाग इस संबंध में आदेश जारी कर सकता है। ज्ञात हो कि प्रदेश के प्राथमिक स्कूलों में बायोमीट्रिक हाजिरी अब तक लागू नहीं हो सकी है।

यूपी में 41 हाईस्कूल, 12 इंटरमीडिएट होंगे अपग्रेड, स्मार्ट क्लास के लिए भी मिला बजट

प्रदेश में अब 41 और सरकारी हाईस्कूल होंगे। वहीं 12 हाई स्कूलों को इंटरमीडिएट कॉलेज के रूप में उच्चीकृत किया जाएगा। इसके लिए केन्द्र सरकार ने 47 करोड़ रुपये का बजट मंजूर किया है।

41 उच्च प्राइमरी स्कूलों को हाईस्कूल में अपग्रेड किया जाएगा। वहीं 41 हाईस्कूलों में इंटरमीडिएट के दो-दो सेक्शन खोल कर उन्हें इंटरमीडिएट कॉलेजों के रूप संचालित किया जाएगा। इनमें विज्ञान वर्ग की कक्षाएं भी संचालित होंगी। हाईस्कूल में भी दो-दो सेक्शन खोले जाएंगे। हाईस्कूल के लिए 77.56 लाख रुपये प्रति यूनिट और इंटरमीडिएट के लिए 16.38 करोड़ रुपये प्रति यूनिट की दर से केन्द्र सरकार ने बजट मंजूर किया है। स्कूलों की सूची भी जारी कर दी है।

यूपी में 30 हजार स्कूल माध्यमिक स्तर के हैं। इनमें केवल आठ फीसदी स्कूल ही सरकारी हैं। यूपी में 2395 सरकारी हाईस्कूल व इंटरमीडिएट स्कूल हैं।

स्मार्ट क्लास के लिए भी मिला बजट
543 माध्यमिक व उच्च माध्यमिक कॉलेजों में स्मार्ट क्लासरूप भी दिए जाएंगे 2.40 लाख रुपये यूनिट यानी 13 करोड़ का बजट दिया जा रहा है।

हर स्कूल की होगी ववेबसाइट, बच्चों की बनेगी ईमेल आईडी

माध्यमिक विद्यालयों में डिजिटल साक्षरता को दिया जाएगा बढ़ावा

प्रतापगढ़: माध्यमिक विद्यालय में डिजिटल साक्षरता को बढ़ा दिया जाएगा। इसके लिए विद्यालय की वेबसाइट तयार की जाएगी ,उस पर पाठ्यक्रम से जुडी सामग्री लोड की जाएगी बच्चों की ईमेल आईडी बनाय जाएगी DIOS ने उसके लिए प्रधानाचार्य को 2 महीने समय दिया है.

प्रदेश के माध्यमिक विद्यालयों को पठन-पाठन हेतु भौतिक रूप से खोले जाने के सम्बन्ध में अभिभावकों की राय सूचना निम्न फॉर्मेट पर उपलब्ध कराए जाने के सम्बंध में

School Reopen Guardian Permission प्रदेश के माध्यमिक विद्यालयों को पठन-पाठन हेतु भौतिक रूप से खोले जाने के सम्बन्ध में अभिभावकों की राय सूचना निम्न फॉर्मेट पर उपलब्ध कराए जाने संबंधी आर्डर

UP BOARD: कुछ ही दिनों में जारी हो सकता है यूपी कक्षा 10वीं- 12वीं का रिजल्ट, क्लिक कर देखें लेटेस्ट अपडेट

UP BOARD: कुछ ही दिनों में जारी हो सकता है यूपी कक्षा 10वीं- 12वीं का रिजल्ट, क्लिक कर देखें लेटेस्ट अपडेट

माध्यमिक शिक्षा परिषद (UPMSP) द्वारा कक्षा 10वीं और 12वीं का रिजल्ट 15 जुलाई तक घोषित किया जा सकता है।यूपी बोर्ड के परीक्षा परिणाम बोर्ड की आधिकारिक वेबसाइट https://upmsp.edu.in पर उपलब्ध होगा।

गौरतलब है कि पिछले साल, यूपी बोर्ड के परीक्षा परिणाम 27 जून को दोपहर 12 बजे के बाद जारी किए गए थे।


2020 में कक्षा 10वीं के 83% और 12वीं कक्षा के 74% छात्रों ने परीक्षा पास की थी।


यूपी के मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ ने क्वालिफाई करने वाले सभी छात्रों को बधाई दी थी।


बोर्ड से प्राप्त लेटेस्ट अपडेट के अनुसार, कक्षा 10वीं और 12वीं के परिणाम 15 जुलाई तक जारी किए जा सकते हैं।

गौरतलब है कि सर्वोच्च न्यायालय ने राज्य बोर्डों और केंद्रीय माध्यमिक शिक्षा बोर्ड को आदेश दिया है कि वैकल्पिक मूल्यांकन मानदंड अपनाकर 30 जुलाई तक बोर्ड परीक्षा परिणाम घोषित किए जाएं।
इस साल कोविड-19 के बढ़ते मामलों की वजह से बोर्ड परीक्षाओं का आयोजन नहीं हो सका था।
इस साल भी बोर्ड पिछले वर्षों की तरह ही रिजल्ट जारी कर सकता है।


गौरतलब है कि पिछले साल तक, कक्षा 10वीं और 12वीं की बोर्ड परीक्षाओं के परिणामों की घोषणा से पहले एक प्रेस कॉन्फ्रेंस आयोजित की जाती थी और राज्य के शिक्षा मंत्री और यूपीएमएसपी बोर्ड के अध्यक्ष द्वारा छात्रों के प्रदर्शन के बारे में मीडिया को अवगत कराने के बाद, परिणाम लिंक बोर्ड की आधिकारिक वेबसाइट पर सक्रिय कर दिया जाता था।

यूपी बोर्ड परीक्षाओं के इतिहास में पहली बार बिना परीक्षा आयोजित किए फाइनल रिजल्ट तय किया जा रहा है। इस वर्ष, कोविड 19 महामारी के बढ़ते मामलों और छात्रों की सुरक्षा को देखते हुए राज्य सरकार ने बोर्ड परीक्षाओं को रद्द करने का और वैकल्पिक मूल्यांकन मानदंड के जरिेए रिजल्ट जारी करने का फैसला लिया था।
जो उम्मीदवार यूपी बोर्ड 2021 परिणाम से संतुष्ट नहीं होंगे, उन्हें बाद में परीक्षा में बैठने की अनुमति दी जाएगी।
इस साल राज्य में कक्षा 10वीं, 12 की बोर्ड परीक्षाओं के लिए 56,03,813 उम्मीदवारों ने पंजीकरण कराया था, जिनमें से 29,94,312 कक्षा 12वीं के छात्र हैं और 26,09,501 कक्षा 10वीं के छात्र हैं।

UP Board Exam:  12वीं की परीक्षा में पहले में पूछे जाएंगे 50 फीसदी प्रश्न, ऐसा हो सकता है पेपर पैटर्न

12वीं की परीक्षा में पहले में पूछे जाएंगे 50 फीसदी प्रश्न, ऐसा हो सकता है पेपर पैटर्न

लखनऊ। कोरोना काल में बदले हुए पेपर पैटर्न पर यूपी बोर्ड इंटर की परीक्षा कराने की तैयारी शुरू हो गई। है। इसमें छात्रों को पहले की तरह तीन घंटे बैठकर परीक्षा नहीं देनी होगी बल्कि परीक्षा महज डेढ़ घंटे की होगी। वहीं, पहले के मुकाबले इस बार विषयों में पूछे जाने वाले प्रश्नों की संख्या भी आधी रहेगी।



यूपी की परीक्षा यूपी बोर्ड दसवीं की परीक्षा निरस्त कर इंटरमीडिएट की परीक्षा कराने के लिए राजी हो गया है। इसकी तैयारी शुरू कर दी है। हालांकि इस बार परीक्षा में बड़ा बदलाव देखने को मिलेगा। इस बार 3 घंटे की बजाय डेढ़ घंटे की परीक्षा होगी। विभागीय अधिकारियों व शिक्षकों के मुताबिक इस बार परीक्षा में पूछे जाने वाले प्रश्नों की संख्या भी पहले के मुकाबले आधी होगी। जैसे अगर किसी विषय में अब तक 30 प्रश्न पूछे जाते थे, तो इस बार महज 15 प्रश्न ही पूछे जाएंगे। उनमें भी बहुविकल्पीय और लघु उत्तरीय प्रश्नों की संख्या ज्यादा कर दी जाएगी। वहीं, दीर्घ उत्तरीय प्रश्नों
की संख्या कम की जाएगी, जिससे डेढ़ घंटे में छात्रों को ज्यादा लिखने का दबाव न हो।


ऐसा हो सकता है पेपर पैटर्न

विशेषज्ञ शिक्षकों की कमेटी ने पेपर पैटर्न तैयार किया है। इसके अनुसार ही पेपर सेट कराए जाएंगे। अमीनाबाद इंटर कॉलेज के प्रधानाचार्य साहब लाल मिश्रा बताते हैं कि भौतिकी विज्ञान में चार खंडों में कुल 34 प्रश्न पूछे जाते हैं। एक अंक वाले 12 प्रश्न, दो अंक वाले 5, तीन अंक वाले 10 और पांच अंक वाले 7 प्रश्न हल करने होते हैं। लेकिन अब डेढ़ घंटे की परीक्षा में पूछे जाने वाले प्रश्नों की संख्या 17 हो सकती है। इसमें भी पांच और तीन अंक वाले प्रश्नों की संख्या में और कमी की जा सकती है।

अब स्कूल टीचर बनने के लिए TET होगा अनिवार्य, ये है NCTE की तैयारी

अब स्कूल टीचर बनने के लिए टीईटी पास करना अनिवार्य होगा। क्वालिटी एजुकेशन को बढ़ावा देने के लिए एनसीटीई यह फैसला ले रहा है। पढ़ें डीटेल…

अब किसी भी क्लास में पढ़ाने के लिए शिक्षक पात्रता परीक्षा (Teachers Eligibility Test) पास करना अनिवार्य किया जाएगा। राष्ट्रीय शिक्षा नीति (NEP 2020) के तहत नेशनल काउंसिल फॉर टीचर एजुकेशन (NCTE) ने यह फैसला किया है।

एनसीटीई ने इसके लिए दिशानिर्देश व टेस्ट पैटर्न तैयार करने के लिए कमिटी गठित कर दी है। स्कूलों में क्वालिटी एजुकेशन को बढ़ावा देने के लिए और शिक्षकों को अपग्रेड करने के लिए एनसीटीई यह तैयारी कर रहा है।

क्लास 1 से लेकर 12वीं तक, सभी स्कूल टीचर्स के लिए अब टीईटी (TET) या सीटीईटी (CTET) पास होना जरूरी होगा। अब तक टीईटी की अनिवार्यता सिर्फ क्लास 1 से 8वीं तक के लिए थी। 9वीं से 12वीं यानी पोस्ट ग्रेजुएट टीचर्स (PGT) के लिए इसकी जरूरत नहीं होती थी।

नई शिक्षा नीति : यूपी बोर्ड परीक्षा वर्ष में एक बार, इम्प्रूवमेंट अगले साल की परीक्षा के साथ करने पर होगा विचार

कम्पोजिट स्कूल के लिए बेसिक व माध्यमिक शिक्षा विभाग के बीच समन्वय स्थापित किया जाएगा। वहीं यूपी बोर्ड की परीक्षा वर्ष में एक बार करने और इम्प्रूवमेंट के लिए अगले वर्ष की बोर्ड परीक्षा में मौका देने पर भी विचार किया जाएगा। उपमुख्यमंत्री डा. दिनेश शर्मा की अध्यक्षता में राष्ट्रीय शिक्षा नीति (एनईपी) 2020 के क्रियान्वयन के लिए टास्क फोर्स की छठवीं बैठक में कई बिन्दुओं पर मंथन किया गया। बैठक में निर्णय लिया गया कि 21 फरवरी अंतरराष्ट्रीय मातृ भाषा दिवस के रूप में मनाया जाएगा।

डा. शर्मा ने निर्देश दिए कि एनईपी पर विचार करने के लिए जिला स्तर पर विभिन्न विभागों की एक समिति का गठन किया जाए। जिला स्तर पर बनने वाली समिति के सदस्य सचिव क्षेत्रीय उच्च शिक्षा अधिकारी या डीआईओएस होंगे। उन्होंने बताया कि उच्च शिक्षा व सूक्ष्म, लघु व मध्यम उद्योग के बीच एमओयू हस्ताक्षरित किया गया है। विश्वविद्यालय द्वारा किया जा रहा अनुसंधान औद्यौगिक क्षेत्र के लिए उपयोगी साबित होगा। अब छात्रों को वास्तविक जीवन की औद्योगिक समस्याओं पर काम करने का अवसर मिलेगा।

अपर मुख्य सचिव माध्यमिक शिक्षा आराधना शुक्ला ने कहा कि पाठयक्रम में सुधार, अवस्थापना सुविधाओं की बेहतर व्यवस्था आदि समेत कई काम चल रहे हैं। महानिदेशक, स्कूल शिक्षा विजय किरण आनंद ने बेसिक शिक्षा विभाग की कार्ययोजना की जानकारी देते हुए कहा कि विभाग में मानव संपदा पोर्टल को लागू किया गया है। 2021 से शिक्षकों की सभी वार्षिक प्रविष्टियां ऑनलाइन की जा रही है।

कौशल विकास मिशन के मिशन निदेशक कुणाल सिल्कू ने बताया कि सभी सरकारी व प्राइवेट इकाइयां, जिनमें 30 से अधिक कर्मचारी है, वे अपनी जनशक्ति का 2.5 प्रतिशत से 15 प्रतिशत तक अप्रेटिंस या इन्टर्न रखने के लिए बाध्य है। अप्रेन्टिसकर्ता को मानदेय का भुगतान नियोक्ता द्वारा किया जाएगा। भुगतान राशि में 1500 रुपये की प्रतिपूर्ति केन्द्र सरकार व एक हजार रुपये की अतिरिक्त धनराशि राज्य सरकार देगी। इन्टर्नशिप की अवधि छह महीने से तीन वर्ष तक की हो सकती है।

बैठक में अपर मुख्य सचिव उच्च शिक्षा मोनिका एस गर्ग, अपर मुख्य सचिव बेसिक शिक्षा रेणुका कुमार, पूर्व निदेशक कृष्ण मोहन त्रिपाठी, पूर्व अध्यक्ष सीबीएसई अशोक गांगुली, लखनऊ विवि में प्रोफेसर अरविंद मोहन, डा निशि पांडे, विशेष सचिव उच्च शिक्षा अब्दुल समद मौजूद रहे।

यूपी बोर्ड हाई स्कूल और इंटर की परीक्षाओं का बदलेगा पैटर्न, तीन घंटे का पेपर दो भागों में होगा, क्लिक कर देखें क्या होंगे बड़े बदलाव

यूपी बोर्ड हाई स्कूल और इंटर की परीक्षाओं का बदलेगा पैटर्न, तीन घंटे का पेपर दो भागों में होगा, क्लिक कर देखें क्या होंगे बड़े बदलाव

हाई स्कूल और इंटर की परीक्षा का बदलेगा पैटर्न, तीन घंटे का पेपर दो भागों में होगा

माध्यमिक शिक्षा विभाग ने राष्ट्रीय शिक्षा नीति-2020 के क्रियान्वयन की योजना तैयार कर ली है। इसके तहत माध्यमिक शिक्षा बोर्ड का पुनर्गठन कर इसे स्वायत्तशासी संस्था के रूप में स्थापित किया जाएगा। साथ ही हाई स्कूल और इंटरमीडिएट बोर्ड परीक्षा के प्रश्न पत्रों का पैटर्न भी बदल जाएगा।

तीन घंटे का पेपर दो भागों में बांटा जाएगा। पहला भाग एक घंटे का वस्तुनिष्ठ प्रश्नों का होगा। यह 30 अंक का होगा, जिसे ओएमआर शीट पर हल करना होगा। प्रश्न पत्र का दूसरा भाग वर्णनात्मक होगा। यह 70 अंक का होगा और दो घंटे में हल करना होगा। प्रश्न पत्र में संबंधित विषय के उच्चतर चिंतन कौशल से संबंधित प्रश्न भी रखे जाएंगे। वहीं, विज्ञान और गृह विज्ञान विषय की वस्तुनिष्ठ प्रश्न पत्र में 50 प्रतिशत प्रश्न प्रायोगिक गतिविधियों से संबंधित होंगे। विभाग ने इसकी योजना केंद्रीय मानव संसाधन विभाग को प्रस्तुत कर दी है।

माध्यमिक शिक्षा विभाग ने राष्ट्रीय शिक्षा नीति के क्रियान्वयन के लिए उप मुख्यमंत्री डॉ. दिनेश शर्मा की अध्यक्षता में टॉस्क फोर्स गठित करने के साथ हर मुद्दे पर प्रस्ताव तैयार करने के लिए स्टीयरिंग कमेटी गठित की थी। इससे मिले प्रस्तावों के आधार पर विभाग ने राष्ट्रीय शिक्षा नीति के क्रियान्वयन की योजना तैयार की है।
सत्र 2021-22 से लागू होगा नया पैटर्न
परीक्षा का नया पैटर्न 2021-22 से कक्षा 9 से लागू किया जाएगा। नए पैटर्न पर हाई स्कूल बोर्ड परीक्षा वर्ष 2023 में जबकि इंटरमीडिएट की परीक्षा 2025 में होगी। बोर्ड परीक्षा के लिए वार्षिक, सेमेस्टर मॉडल पर भी विचार किया जाएगा।

सभी समितियों का होगा पुनर्गठन
विश्व की सबसे बड़ी परीक्षा संस्था माध्यमिक शिक्षा बोर्ड को स्वायत्तशासी बनाकर अकादमिक प्रकोष्ठ को सुदृढ़ करने, बोर्ड की सभी समितियों को पुनर्गठित करते हुए नया रूप प्रदान करने की योजना है। समितियों में विश्वविद्यालयों के प्रोफेसर्स और प्रतिष्ठित शिक्षाविदों को शामिल किया जाएगा। बोर्ड के मुख्यालय और क्षेत्रीय कार्यालयों को तकनीकी रूप से सृदृढ़ करने के लिए वहां आईटी के समूह ‘ख’ और ‘ग’ के पदों का सृजन कर अत्याधुनिक तकनीकी सुविधाएं और संसाधन मुहैया कराए जाएंगे।

विभाग का मानना है कि बोर्ड का विकेंद्रीयकरण 1985 में किया गया था, अब 35 साल बाद वर्तमान आवश्यकताओं के अनुरूप बोर्ड का विस्तार और विकेंद्रीयकरण भी किया जाना चाहिए।

खत्म होगी आंतरिक मूल्यांकन की व्यवस्था
परीक्षा में आंतरिक मूल्यांकन की व्यवस्था समाप्त करने की योजना है। विभाग का मानना है कि इससे परीक्षा की विश्वसनीयता व वैधता बढ़ेगी। अंकों के हेरफेर पर अंकुश लगेगा। बहुविकल्पीय वस्तुनिष्ठ प्रश्न पत्र के कारण बच्चों को अधिक अंक लाने का अवसर मिलेगा और तनाव कम होगा।

प्रदर्शन सुधारने का मिलेगा मौका
हाई स्कूल परीक्षा वर्ष 2023 से साल में दो बार ली जाएगी। पहली बार परीक्षा निर्धारित समय पर होगी। दूसरी बार परीक्षा विद्यार्थियों के परीक्षाफल सुधार के लिए होगी।

मूल्यांकन का पैटर्न भी बदलेगा
माध्यमिक शिक्षा में कक्षा 9 से 12 तक परीक्षा का पैटर्न बदलने के साथ मूल्यांकन का पैटर्न भी बदला जाएगा। शिक्षकों को लघु उत्तरीय, दीर्घ उत्तरीय और बहु विकल्पीय प्रश्न पत्र तैयार करने के लिए कौशल प्रशिक्षण दिया जाएगा। शैक्षिक सत्र 2021-22 से प्रशिक्षण शुरू किए जाएंगे। मूल्यांकन को योगात्मक से रचनात्मक की ओर लेकर जाएंगे। शिक्षकों को उत्तर पुस्तिकाओं के मूल्यांकन के लिए भी प्रशिक्षण दिया जाएगा।

रटने की प्रवृत्ति कम की जाएगी
रटने की प्रवृत्ति कम करने के लिए ज्ञानात्मक प्रश्नों को कम किया जाएगा। बोधात्मक, अनुप्रयोगात्मक और कौशलात्मक प्रश्नों को वरीयता दी जाएगी। 20 प्रतिशत तक प्रश्न विश्लेषणात्मक होंगे।

स्कूलों की मैपिंग होगी
कक्षा 9 से विद्यार्थियों को विषयों के चयन में स्वतंत्रता देने के लिए 2021-22 से राजकीय और वित्त पोषित विद्यालयों की मैपिंग की जाएगी। विद्यालयों की भौतिक सुविधाओं, शिक्षकों की संख्या और स्थानीय मांग के अनुरूप विषय चयन की अनुमति दी जाएगी। विषय चयन की सुविधा को 2022-23 से लागू किया जाएगा।

कृषि विज्ञान विषय
प्रदेश में कृषि आधारित अर्थव्यवस्था को देखते हुए कृषि विषय को प्राथमिकता दी जाएगी। कृषि विषय का नाम कृषि विज्ञान रखा जाएगा।

सभी समितियों का होगा पुनर्गठन
विश्व की सबसे बड़ी परीक्षा संस्था माध्यमिक शिक्षा बोर्ड को स्वायत्तशासी बनाकर अकादमिक प्रकोष्ठ को सुदृढ़ करने, बोर्ड की सभी समितियों को पुनर्गठित करते हुए नया रूप प्रदान करने की योजना है। समितियों में विश्वविद्यालयों के प्रोफेसर्स और प्रतिष्ठित शिक्षाविदों को शामिल किया जाएगा।

बोर्ड के मुख्यालय और क्षेत्रीय कार्यालयों को तकनीकी रूप से सृदृढ़ करने के लिए वहां आईटी के समूह ‘ख’ और ‘ग’ के पदों का सृजन कर अत्याधुनिक तकनीकी सुविधाएं और संसाधन मुहैया कराए जाएंगे। विभाग का मानना है कि बोर्ड का विकेंद्रीयकरण 1985 में किया गया था, अब 35 साल बाद वर्तमान आवश्यकताओं के अनुरूप बोर्ड का विस्तार और विकेंद्रीयकरण भी किया जाना चाहिए।