UPTET 2020: फरवरी में होगा यूपी टीईटी का एग्जाम, एनआईसी से हरी झंडी के बाद जारी होगा विस्तृत कार्यक्रम
प्रदेश सरकार ने परीक्षा नियामक प्राधिकारी सचिव को फरवरी-मार्च में टीईटी कराने की मंजूरी दी है। प्राधिकारी सचिव अनिल भूषण चुतर्वेदी ने बताया कि टीईटी के लिए ऑनलाइन आवेदन लिए जाएंगे। एनसाईसी की ओर से उसका साफ्टवेयर तैयार करने के साथ आवेदन पत्र ऑनलाइन जमा करने की प्रक्रिया को पूरा किया जाएगा। एनआईसी को इसके लिए प्रस्ताव भेजा गया है। एनआईसी की हरी झंडी के बाद टीईटी में आवेदन पत्र जमा करने और परीक्षा की तिथि घोषित की जाएगी।
69000 शिक्षक भर्ती में 70% आरक्षित वर्ग के अभ्यर्थी, बेसिक शिक्षा विभाग की ओर से राष्ट्रीय पिछड़ा वर्ग आयोग को दिए जवाब में तथ्य आये सामने, 04 दिसम्बर को होनी है अहम सुनवाई
परिषदीय प्राथमिक स्कूलों में 69000 सहायक अध्यापक भर्ती के तहत 29 फीसदी सीटों पर सामान्य वर्ग के अभ्यर्थियों का चयन हुआ है। सबसे अधिक 45.80 प्रतिशत सीटों पर अन्य पिछड़ा वर्ग ( ओबीसी ) 23.49 प्रतिशत सीटों पर अनुसूचित जाति, जबकि अनुसूचित जनजाति के मात्र .36 (दशमलव तीन छह प्रतिशत) अभ्यर्थियों का सेलेक्शन हुआ है। यानि कुल 69.64 या 70 प्रतिशत अभ्यर्थी आरक्षित जबकि 28.70 फीसदी सामान्य वर्ग के अभ्यर्थी हैं।
बेसिक शिक्षा विभाग की ओर से राष्ट्रीय पिछड़ा वर्ग आयोग को दिए जवाब में ये तथ्य सामने आए हैं। इस शिक्षक भर्ती में आरक्षण की अनदेखी मामले की सुनवाई आयोग के नई दिल्ली कार्यालय में 4 दिसंबर को होनी है। 69000 पदों में 34500 पद अनारक्षित वर्ग के लिए निर्धारित थे। आयोग में दाखिल जवाब के अनुसार सामान्य वर्ग के 19805,ओबीसी के 31605, एससी के 16212 जबकि एसटी वर्ग के मात्र 245 अभ्यर्थियों का चयन हुआ है।
एसटी वर्ग के पर्याप्त अभ्यर्थी नहीं मिलने के कारण इस कैटेगरी के लिए आरक्षित पदों में से 1133 खाली रह गए। बड़ी संख्या में ओबीसी और एससी वर्ग के अभ्यर्थियों ने हाई मेरिट हासिल की जिससे उनका चयन भी नियमानुसार अनारक्षित वर्ग में हुआ।
68500 की पहली लिस्ट में 62% थे आरक्षित वर्ग के इससे पहले 2018 में शुरू हुई 68500 सहायक अध्यापक भर्ती की पहली लिस्ट में 62 प्रतिशत अभ्यर्थी आरक्षित वर्ग के थे। 13 अगस्त को घोषित परिणाम में 41566 अभ्यर्थी सफल हुए थे। तत्कालीन अपर मुख्य सचिव डॉ . प्रभात कुमार ने अपने ट्वीट के माध्यम से जानकारी दी थी कि 41566 अभ्यर्थियों में से 15772 (37 .95 या 38 प्रतिशत) सामान्य, 19168 (46 .12 या 46 प्रतिशत) ओबीसी, 6616 (15.92 या 16 फीसदी) एससी/एसटी वर्ग के अभ्यर्थी थे।
🔴पहले चरण में ही करीब तीन हजार से अधिक पदों पर नियुक्ति का इंतजार
🔴 दूसरे चरण में भी अभिलेख भिन्नता वालों को नियुक्ति पत्र नहीं मिलेगा
बेसिक शिक्षा परिषद के प्राथमिक स्कूलों में 69000 सहायक अध्यापक चयन दो चरणों में भी पूरा नहीं हो सकेगा। चयनितों को बड़ी संख्या में नियुक्ति पद देने के बाद भी हजारों पद खाली रह जाएंगे। इसकी बानगी भर्ती के पहले चरण में ही मिल चुकी है, जब कम पद होने के बाद भी करीब तीन हजार सीटें अभी खाली हैं। दूसरे चरण में भी अभिलेख भिन्न वालों को नियुक्ति पत्र नहीं मिलेंगे। इससे नियुक्ति का तीसरा चरण भी संभावित है, जिसमें खाली पद भरे जा सकते हैं।
परिषदीय स्कूलों की भर्ती की शुरुआत ही एक जून को रिक्त पदों से हुई। उस समय 69000 पदों के सापेक्ष 67867 चयनित ही अर्ह मिले थे। शीर्ष कोर्ट के आदेश पर 31661 पदों के लिए 12 अक्टूबर को सूची जारी हुई, तब सिर्फ 31277 पदों पर चयन किया गया, क्योंकि शेष 384 पदों पर एसटी के चयनित उपलब्ध नहीं थे। पहले चरण की काउंसिलिंग में 28320 को ही नियुक्ति पत्र निर्गत हुआ है, करीब एक हजार मामले अभी विचाराधीन हैं। वहीं, तीन हजार पद खाली रह गए हैं।
अब दूसरे चरण की काउंसिलिंग बुधवार से होगी, इसमें कुल 37339 पदों में से 749 के लिए चयनित नहीं मिले इसलिए 36590 पदों की अनंतिम सूची जारी हुई। इसमें भी परिषद का निर्देश है कि जिन चयनितों के मूल अभिलेख और एनआइसी की ओर से जारी सूचनाओं में भिन्नता हों वह प्रकरण मुख्यालय को भेजे जाएं। तय है कि इसमें भी करीब तीन से चार हजार चयनित नियुक्ति पत्र नहीं पा सकेंगे। ये वही अभ्यर्थी जो लंबे समय तक परिषद मुख्यालय के सामने आवेदन के समय के रिकार्ड में संशोधन करने की मांग कर रहे थे, परिषद ने मौका नहीं दिया और कोर्ट भी कुछ को छोड़कर अधिकांश की याचिका खारिज कर चुका है। अब परिषद को ही अंतिम निर्णय करना होगा। चयन से बाहर शिक्षामित्रों को मिल सकता मौका भर्ती में दर्जनों ऐसे शिक्षामित्र हैं जिन्होंने आवेदन में शिक्षामित्र का जिक्र नहीं किया और वे अनंतिम सूची से बाहर हो गए। अब रिक्त पदों पर उन्हें मौका दिया जा सकता है। दोनों चरणों के चयनितों का निर्णय एक साथ होने के आसार हैं।
उपर्युक्त कोर्स/प्रशिक्षण को आप सीधे लिंक के माध्यम से भी जाकर कर सकते है या दीक्षा पोर्टल के सर्च बार मे कोर्स का नाम डालकर सर्च करके भी प्रशिक्षण कर सकते है।
लखनऊ। शासन के कई विभाग रिक्त पदों को भरने के प्रस्ताव अधीनस्थ सेवा चयन आयोग को भेजने में रुचि नहीं ले रहे हैं। जो विभाग भर्ती प्रस्ताव भेज रहे हैं, उनमें खामियां सामने आ रही हैं। इससे भर्ती कार्यवाही आगे नहीं बढ़ पा रही है। अब यह मामला शासन तक पहुंच गया है। मुख्यमंत्री सितंबर में नई भर्तियों पर कुंडली मारे बैठे भर्ती आयोगों व चयन बो्डों के अध्यक्षों को छह महीने में रिक्त पदों को भरने का निर्देश दिया था। दो- तीन वर्ष पहले का अधियाचन भेजने वाले विभाग और द्विस्तरीय भर्ती प्रणली की मंजूरी का इंतजार कर रहा आयोग इसके बाद हरकत में आया। आयोग ने पूर्व से भर्ती के लिए लंबित 35,019 रिक्त पदों के 557 प्रस्ताव विभागों को लौटा दिए। उन्हें आर्थिक रूप से कमजोर व्यक्तियों के लिए 10 प्रतिशत आरक्षण को प्रस्ताव में शामिल कर नए सिरे से भेजने के निर्देश दिए हैं। नए सिरे से रिक्त पर्दों की स्थिति जोड़कर प्रस्ताव आने पर रिक्त पदों की संख्या 40 हजार से अधिक हो सकतो है। आयोग के एक वरिष्ठ अधिकारी ने बताया कि तमाम ‘ विभाग नए सिरे से भर्ती प्रस्ताव देने में देरी कर रहे हैं। जिन कुछ एक विभागों ने प्रस्ताव दिया है, उनमें तमाम त्रुटियाँ आ रही हैं। ऐसे में भर्ती कार्यवाही को आगे बढ़ाने में मुश्किल आ रही है। विभागों से त्रुटिरहित भर्ती प्रस्ताव देने का आग्रह किया जा रहा है। . आयोग की प्रस्तावित भर्तियों में सबसे ज्यादा अवसर परिवार : कल्याण, राजस्व और बाल विकास एवं पुष्टाहार विभाग में है। आठ विभाग ऐसे सामने हैं जहां 1000 + या इससे अधिक पदों पर भर्ती काफी समय से लंबित है। 29 विभाग ऐसे हैं जहां 100 या इससे अधिक पद खाली हैं। नए सिरे से प्रस्ताव आने पर इनमें से अधिकतर विभागों में रिक्तियों की संख्या बढ़ने की संभावना है।
UPTET: यूपीटीईटी का प्रमाणपत्र आजीवन मान्य करने की तैयारी
उत्तर प्रदेश शिक्षक पात्रता परीक्षा (यूपीटीईटी) 2020 का प्रमाणपत्र आजीवन मान्य हो सकता है। परीक्षा संस्था इसका प्रस्ताव शासन को भेजेगा, मंजूरी मिली तो शिक्षक बनने के दावेदारों को बार-बार पात्रता परीक्षा देने से मुक्ति मिल जाएगी। परीक्षा नियामक प्राधिकारी कार्यालय उप्र प्रयागराज इन दिनों परीक्षा का प्रस्ताव तैयार कर रहा है और दिसंबर माह से आनलाइन आवेदन लिए जाने की तैयारी है। इम्तिहान फरवरी के अंतिम सप्ताह में कराया जाएगा।
यूपी सरकार बोर्ड परीक्षा से पहले फरवरी 2021 में पंचायत चुनाव कराने की तैयारी कर रही है। इसी के चलते कई जिलों में ग्राम पंचायतों के परिसीमन का काम शुरू हो गया है।
पंचायतों के पुनर्गठन की अधिसूचना का गजट नोटिफिकेशन 18 दिसंबर तक कर दिया जाएगा। पिछले पांच सालों में नगरीय निकायों के सीमा विस्तार से जो 42 जिले प्रभावित हुए हैं, उनमें ग्राम पंचायतों के परिसीमन का कार्य इसी माह पूरा कर लिया जाएगा। साल के आखिर तक पंचायतों की मतदाता सूची का पुनरीक्षण भी पूरा हो जाएगा। त्रिस्तरीय होगा पंचायत चुनावउत्तर प्रदेस में त्रिस्तरीय पंचायत चुनाव होना है। यूपी में 58,758 ग्राम पंचायतें, 821 क्षेत्र पंचायतें और 75 जिला पंचायतें हैं, जहां चुनाव होना है। मौजूदा सदस्यों का कार्यकाल 25 दिसंबर को समाप्त हो रहा है।
पंचायत पुनर्गठन और परिसीमन का काम शुरूगौरतलब है कि इस वर्ष मार्च महीने से कोविड-19 की परिस्थितियों और फिर लॉकडाउन के चलते चुनाव की तैयारियां समय से प्रारंभ नहीं हो सकीं थीं। ग्राम पंचायतों के पुनर्गठन के संबंध में 20 नवंबर तक प्रस्ताव लिए जाएंगे। 21 से 25 नवंबर तक ग्राम पंचायतों के पुनर्गठन व परिसीमन के लिए जिला स्तर पर तैयार प्रस्ताव का अंतिम प्रकाशन किया जाएगा। 2 दिसंबर तक अंतिम प्रकाशन पर आपत्तियां प्राप्त की जाएंगी। चुनाव आयोग की तैयारीराज्य चुनाव आयोग ने पंचायत चुनाव के मद्देनजर सूचियों की जांच का काम शुरू कर दिया है। मतदाता सूचियों ले गैरजरूरी नाम हटाए जा रहे हैं और नए नाम जोड़ने का काम जारी है। इस संबंध में अधिसूचना जारी की जा चुकी है। दिसंबर के आखिर में वोटर लिस्ट जारी की जाएगी। इस्तेमाल होंगे ई-स्टांपआगामी पंचायत चुनावों में पहली दफा ई-स्टांप इस्तेमाल में लाए जाएंगे। उम्मीदवारों की आवश्यकता को देखते हुए सौ रुपये एवं उससे कम कीमत के ई-स्टांप उपलब्ध कराए जाएंगे। इसके लिए अतिरिक्त काउंटर भी खोले जाने की तैयारी की जा रही है।
×
Hello!
Click one of our contacts below to chat on WhatsApp