स्कूलों में अवस्थापना सुविधाओं की प्रेरणा एप पर जियो टैगिंग करने वाले सर्वेकर्ताओं (SRG/ARP/शिक्षक संकुल) हेतु 2.67 करोड़ का मानदेय जारी, देखें

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नौकरी-मुआवजा पाएंगे सभी मृतक आश्रित – चुनाव ड्यूटी में जान गंवाने वाले सभी कार्मिकों के आश्रितों के हित में योगी सरकार का कदम

लखनऊ: चुनाव ड्यूटी के दौरान कोरोना संक्रमण से जान गंवाने वाले शिक्षक व अन्य कार्मिकों की वास्तविक संख्या को लेकर खींचतान मची थी। इस बीच योगी सरकार ने राहत भरा कदम उठाया है। किसी भी मृत कार्मिक के स्वजन नौकरी और मुआवजे से वंचित नहीं रहेंगे। राहत का दायरा सीमित कर रही राज्य निर्वाचन आयोग की पुरानी गाइडलाइन को बदलने के लिए आयोग के साथ सरकार की कवायद शुरू हो चुकी है।

हाल ही में हुए पंचायत चुनाव में ड्यूटी के दौरान कई कार्मिकों की मृत्यु भी हो गई। इन कार्मिकों की संख्या को लेकर सरकार, शिक्षक संगठन और विपक्ष के अलग-अलग दावे हैं। मुद्दा यह भी उठा कि राज्य निर्वाचन आयोग की गाइडलाइन में चुनाव ड्यूटी के दौरान जान गंवाने वाले ही मुआवजे आदि का लाभ ले पा रहे हैं, जबकि कोरोना की परिस्थिति अलग है। कोई संक्रमित ड्यूटी के दौरान हुआ और बाद में उसकी मृत्यु हुई तो उसके आश्रितों को राहत देने के बीच में आयोग की पुरानी गाइडलाइन आड़े आ रही है। इस विषय को गंभीरता से लेते हुए गुरुवार को मुख्यमंत्री ने वरिष्ठ अधिकारियों के साथ हुई बैठक में कहा कि जिन शिक्षकों, शिक्षामित्रों, अनुदेशकों, रोजगार सेवकों, पुलिस कर्मियों की चुनाव ड्यूटी के दौरान मृत्यु हुई या जो उस दौरान कोरोना से संक्रमित हुआ और बाद में मृत्यु हो गई, उन सभी के आश्रितों को मदद मिलनी चाहिए। गाइडलाइन पुरानी है अब इस पर नए सिरे से सहानुभुतिपूर्वक विचार करने की जरूरत है। योगी ने निर्देश दिया कि वर्तमान परिस्थितियों को देखते हुए चुनाव आयोग से आख्या ली जाए। सीएम ने कहा है कि इनके बच्चे राज्य की संपत्ति हैं। ऐसे अनाथ और निराश्रित बच्चों की देखभाल के लिए कार्ययोजना तैयार करें।

’चुनाव ड्यूटी में जान गंवाने वाले सभी कार्मिकों के आश्रितों के हित में योगी सरकार का कदम

’राज्य निर्वाचन आयोग की पुरानी गाइडलाइन्स से सीमित मृतक आश्रित पा रहे राहत

मृतक आश्रितों को तुरंत मिले अनुग्रह राशि और मुआवजा

मुख्य सचिव आरके तिवारी ने कहा है कि कोविड संक्रमण के नियंत्रण एवं बचाव के लिए ड्यूटी के समय संक्रमित होने से कुछ कर्मियों की दु:खद मृत्यु भी हुई है। उन्होंने सभी जिलाधिकारियों को निर्देश दिए हैं कि ऐसे कर्मियों के स्वजन के लिए अनुमन्य अनुग्रह राशि और एक आश्रित को नियमानुसार नौकरी देने की प्रक्रिया यथाशीघ्र पूरी करें। यदि कार्यवाही विभाग या शासन स्तर पर की जानी है तो अपनी आख्या भी तत्काल संबंधित विभाग को भेजें।

बड़ी खबर : Yogi Government का फैसला, चुनाव ड्यूटी में मारे गए शिक्षकों के परिवारों को देगी मुआवजा

आजतक की खबर का असर हुआ है. यूपी के पंचायत चुनाव की ड्यूटी के दौरान कोरोना संक्रमण से शिक्षकों और दूसरे कर्मचारियों की मौत पर सीएम योगी ने बड़ा फैसला लिया है. कोरोना के लिए बनी टीम-9 की बैठक में ये फैसला लिया गया कि जिन लोगों की चुनाव ड्यूटी के दौरान मौत हुई या ड्यूटी के दौरान संक्रमित होने से मौत हुई, उनके परिवार को मुआवजा दिया जाएगा. परिवार के एक सदस्य को नौकरी भी दिया जाएगा

बड़ी खबर : Yogi Government का फैसला, चुनाव ड्यूटी में मारे गए शिक्षकों के परिवारों को देगी मुआवजा

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आजतक की खबर का असर हुआ है. यूपी के पंचायत चुनाव की ड्यूटी के दौरान कोरोना संक्रमण से शिक्षकों और दूसरे कर्मचारियों की मौत पर सीएम योगी ने बड़ा फैसला लिया है. कोरोना के लिए बनी टीम-9 की बैठक में ये फैसला लिया गया कि जिन लोगों की चुनाव ड्यूटी के दौरान मौत हुई या ड्यूटी के दौरान संक्रमित होने से मौत हुई, उनके परिवार को मुआवजा दिया जाएगा. परिवार के एक सदस्य को नौकरी भी दिया जाएगा

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आजतक की खबर का असर हुआ है. यूपी के पंचायत चुनाव की ड्यूटी के दौरान कोरोना संक्रमण से शिक्षकों और दूसरे कर्मचारियों की मौत पर सीएम योगी ने बड़ा फैसला लिया है. कोरोना के लिए बनी टीम-9 की बैठक में ये फैसला लिया गया कि जिन लोगों की चुनाव ड्यूटी के दौरान मौत हुई या ड्यूटी के दौरान संक्रमित होने से मौत हुई, उनके परिवार को मुआवजा दिया जाएगा. परिवार के एक सदस्य को नौकरी भी दिया जाएगा

30 जून तक विद्यालय बन्द रहेंगे
कक्षा 1 से 8 तक e-पाठशाला के माध्यम से पढ़ाई जारी रहेगी देंखें सचिव का आदेश👇

30 जून तक विद्यालय बन्द रहेंगे।
कक्षा 1 से 8 तक e-पाठशाला के माध्यम से पढ़ाई जारी रहेगी ।

उ0प्र0 सरकार – बदली जाए गाइडलाइंस, निर्वाचन आयोग से होगी बातचीत, चुनाव ड्यूटी में शिक्षकों की मौत पर बवाल

🔴 चुनाव ड्यूटी में शिक्षकों की मौत पर बवाल
🔴 विपक्ष ने उठाया मुद्दा तो हरकत में आई सरकार

पंचायत चुनाव ड्यूटी के दौरान जिन टीचर्स की कोरोना से मौत हुई, उनके परिवारों को मिले मुआवजा और सरकारी नौकरी- CM योगी का आदेश

सीएम योगी ने आदेश जारी किया कि पंचायत चुनाव इलेक्शन ड्यूटी के दौरान जिन टीचरों की मृत्यु हुई है उनके परिवारों को राज्य निर्वाचन आयोग से बात कर मुआवजा और सरकारी नौकरी दिलाई जाए.
उत्तर प्रदेश पंचायत चुनावों के दौरान कोरोना संक्रमण से सैंकड़ों टीचरों की मौत (UP panchayat election teachers death) के मामले में अब सीएम योगी आदित्यनाथ ने सख्ती दिखाई है. सीएम योगी आदित्यनाथ (CM Yogi Aditya Nath) ने मुख्य सचिव और अपर मुख्य सचिव पंचायती राज को गुरुवार को आदेश दिया कि पंचायत चुनाव ड्यूटी के दौरान जिन टीचरों की कोरोना संक्रमण से मौत हुई है उनके परिवार को राज्य निर्वाचन आयोग से बात कर न सिर्फ मुआवजा दिलाया जाए बल्कि परिवार के एक सदस्य को सरकारी नौकरी भी दी जाए.

सीएम ने कहा कि चुनाव ड्यूटी के दौरान हुई मौतों को लेकर उन्हें बेहद अफ़सोस है. उन्होंने कहा कि राज्य सरकार की संवेदना ऐसे हर परिवार के साथ है. शिक्षक संगठनों की मानें तो हाल में हुए पंचायत चुनाव में ड्यूटी करने वाले 1,621 शिक्षकों, शिक्षामित्रों और अन्य विभागीय कर्मियों की कोरोना से मौत हुई है.

सीएम योगी ने कहा कि चुनाव ड्यूटी करने वाले जो भी व्यक्ति कोरोना के कारण दिवंगत हुए हैं, उन्हें चुनाव आयोग की गाइडलाइन में संशोधन कर मुआवजा और नौकरी दी जानी चाहिए. सीएम योगी ने कहा- क्योंकि चुनाव आयोग की गाइडलाइंस जब जारी हुई थी उस समय कोरोना नहीं था इसलिए मुख्य सचिव को निर्देश दिए गए हैं कि इलेक्शन ड्यूटी के कारण जिन कर्मियों को संक्रमण हुआ और बाद में जिनकी मौत हुई, उन सभी को नियमानुसार मुआवजा देने के संबंध में चुनाव आयोग से बातचीत की जाए.

इससे पहले उत्तर प्रदेश प्राथमिक शिक्षक संघ के अध्यक्ष दिनेश चंद्र शर्मा ने 16 मई को मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ को एक पत्र लिखकर कहा कि प्रदेश के सभी 75 जिलों में पंचायत चुनावों ड्यूटी करने वाले 1,621 शिक्षकों, अनुदेशकों, शिक्षा मित्रों और कर्मचारियों की कोरोना वायरस संक्रमण से मौत हुई है.

कल ही कहा था कि सिर्फ 3 की मौत हुई
गौरतलब है कि उत्तर प्रदेश के बेसिक शिक्षा मंत्री सतीश द्विवेदी ने शिक्षक संगठनों के दावे को बुधवार को सिरे से खारिज कर दिया था. उन्होंने साफ़ कहा था कि स्थापित मानकों के हिसाब से देखें तो चुनाव ड्यूटी के दौरान सिर्फ तीन शिक्षकों की मौत हुई है. इसके अलावा विभाग के सचिव सत्य प्रकाश की तरफ से जारी प्रेस नोट में भी मतगणना में लगे कर्मचारियों के अपने घर से ड्यूटी स्थल तक पहुंचने और फिर ड्यूटी समाप्त कर वापस घर पहुंचने के दौरान सिर्फ 3 कर्मचारियों की मौत को ही सच ठहराया गया था. सिर्फ इन तीन लोगों के परिवारों के लिए ही मुआवजे का भी ऐलान किया गया है.

सीएम योगी ने कहा- “प्रदेश सरकार अपने कर्मचारियों को सभी आवश्यक सुविधाएं देने के लिए तत्पर है, विशेषकर, ऐसे समय पर जब उन्होंने चुनाव या अन्य कोई ड्यूटी की है. उन्हें और उनके परिवार को समुचित सहायता उपलब्ध कराने के लिए चुनाव आयोग से विचार विमर्श कर आवश्यक संस्तुतियां देने के लिए अनुरोध किया जाए. चूंकि इलेक्शन कमीशन की गाइडलाइंस पुरानी है, तब कोरोना नहीं था,अतः इस संबंध में नए सिरे से सहानुभुतिपूर्वक विचार की आवश्यकता है.”

आजमगढ़ में हुईं सबसे ज्यादा मौतें
उत्तर प्रदेश प्राथमिक शिक्षक संघ के अध्यक्ष दिनेश चंद्र शर्मा के मुताबिक आजमगढ़ जिले में सबसे ज्यादा 68 शिक्षकों-कर्मचारियों की मृत्यु हुई है. प्रदेश के 23 ऐसे जिले हैं, जहां 25 से अधिक शिक्षकों-कर्मचारियों की संक्रमण से मौत हुई है. उन्होंने कहा कि इलाहाबाद हाई कोर्ट के आदेश के अनुरूप इन सभी मृत शिक्षकों/शिक्षामित्रों तथा अन्य कर्मचारियों के परिजन को एक-एक करोड़ रुपये मुआवजा दिया जाए.


मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ ने निर्देश दिया है कि वो राज्य निर्वाचन आयोग से संवाद कर ऐसे हर कर्मचारी के परिवार को आर्थिक सहायता और नौकरी दिलाएं, जिनकी चुनाव ड्यूटी के दौरान मौत हुई.



उत्तर प्रदेश पंचायत चुनाव के दौरान शिक्षकों की मौत का मामला तूल पकड़ता जा रहा है. एक ओर राज्य निर्वाचन आयोग ने चुनाव की ड्यूटी के दौरान अभी तक सिर्फ 3 शिक्षकों जान गंवाने की बात कही तो दूसरी तरफ शिक्षक संघ का कहना है कि हमारे 1600 से ज्यादा शिक्षकों की मौत हुई है. इस मामले में मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ एक्टिव हो गए हैं।

मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ ने मुख्य सचिव और अपर मुख्य सचिव पंचायती राज को निर्देश दिया है कि वो राज्य निर्वाचन आयोग से संवाद कर ऐसे हर कर्मचारी के परिवार को आर्थिक सहायता और नौकरी दिलाएं, जिनकी चुनाव ड्यूटी के दौरान मौत हुई।

कोरोना से मृत सभी कर्मियों के परिजनों को मिलेगी पारिवारिक पेंशन, लेकिन NPS आच्छादित नहीं पा सकेंगे फंड

कोरोना से मृत सभी कर्मियों के परिजनों को मिलेगी पारिवारिक पेंशन, लेकिन NPS आच्छादित नहीं पा सकेंगे फंड

प्रयागराज। कोविड संक्रमण की वजह मरने वाले शिक्षकों और कर्मचारियों के परिजनों को पारिवारिक पेंशन का लाभ मिलेगा 2005 के बाद नियुक्त कर्मचारियों के परिजनों को भी यह लाभ मिलेगा। हालांकि एनपीएस में जमा राशि सरकार के खाते में चली जाएगी। यानी, परिजनों को फंड नहीं मिलेगा।

जिले में विगत एक महीने में ही कोविड संक्रमण की वजह से 90 से अधिक केंद्रीय एवं राज्य कर्मियों की मौत हो गई। इनमें से 74 तो चुनावी ड्यूटी के दौरान संक्रमित हो गए। इनमें से कई शिक्षकों और कर्मचारियों को 2005 के बाद नियुक्ति मिली है। यानी ये लोग एनपीएस के दायरे में आते हैं लेकिन 2005 से पहले नियुक्त कर्मचारियों की तरह इन्हें भी पारिवारिक पेंशन का लाभ मिलेगा।


शिक्षक नेता अनुज पांडेय का कहना है कि सर्विस में रहते हुए निधन पर एनपीएस में भी पुरानी पेंशन दिए जाने का प्रावधान किया गया है। सर्विस मैटर एवं पेंशन के जानकार एजी ऑफिस से रिटायर हरिशंकर तिवारी का कहना है कि परिवार को पहले 10 वर्ष तक पूरी पेंशन यानी, वेतन का 50 फीसदी पेंशन मिलेगी। इसके बाद 33 फीसदी पेंशन मिलेगी। पेशन में नियमित तौर पर महंगाई भत्ते का भी लाभ मिलेगा लेकिन इसके एवज में एनपीएस में जमा कुल राशि सरकार के खाते में चली जाएगी।

असाधारण पेंशन की शुरु हुई मांग

कोविड से मरने वाले शिक्षकों और कर्मचारियों के परिवार के लिए असाधारण पेंशन की मांग शुरू हो गई है। उत्तर प्रदेश राज्य कर्मचारी महासंघ ने इस बाबत मुख्यमंत्री को पत्र लिखा है। कर्मचारी शिक्षक समन्वय समिति के जिला संयोजक अश्वनी कुमार श्रीवास्तव का कहना है कि इलाज के खर्च के भुगतान के साथ एक करोड़ रुपये मुआवजे की भी मांग की गई है।

कोरोना से मौत पर, शव का अंतिम संस्कार करने के लिए, ग्राम प्रधान द्वारा तत्काल 5000 रुपये उपलब्ध कराने हेतु :-उ0 प्र0 अपर प्रमुख सचिव के आदेश