प्रेरणा ज्ञानोत्सव समारोह : विकास खण्ड स्तरीय संगोष्ठी (प्रेरणा ज्ञानोत्सव समारोह) के आयोजन के संबंध में ।

विकास खण्ड स्तरीय संगोष्ठी (प्रेरणा ज्ञानोत्सव समारोह) के आयोजन के संबंध में ।

यूपी पंचायत चुनाव : आरक्षण सूची जारी होने के बाद होगा तारीख का ऐलान, 10 से 23 अप्रैल के बीच मतदान की तैयारी

यूपी पंचायत चुनाव : आरक्षण सूची जारी होने के बाद होगा तारीख का ऐलान, 10 से 23 अप्रैल के बीच मतदान की तैयारी

यूपी में होने जा रहे पंचायत चुनाव के उम्मीदवारों, उनके समर्थकों व कार्यकर्ताओं और राजनीतिक दलों के लिए अप्रैल का महीना बहुत अहम रहेगा। राज्य निर्वाचन आयोग ने ग्राम प्रधान, ग्राम पंचायत, क्षेत्र और जिला पंचायत सदस्य के चार पदों के मतदान के लिए जिस प्रस्तावित कार्यक्रम के अनुसार तैयारी शुरू की है, उसके मुताबिक आगामी 25-26 मार्च को इन चुनावों के लिए अधिसूचना जारी होगी।

इसके बाद अप्रैल की शुरुआत से ही नामांकन दाखिले की प्रक्रिया शुरू हो जाएगी। 10 अप्रैल को पहले चरण का मतदान करवाने की तैयारी है। इसके बाद दो से तीन दिन के अंतराल पर अन्य तीन चरणों का मतदान करवा कर यह प्रक्रिया 23 अप्रैल तक पूरी कर ली जाएगी। चार चरणों में होने वाले इस चुनाव के लिए अप्रैल की शुरुआत से आरम्भ होने वाली नामांकन प्रक्रिया दो दिन नामांकन दाखिले, दो दिन नामांकन पत्रों की जांच, एक दिन नामांकन वापसी, एक दिन चुनाव चिन्ह आवंटन और नामांकन वापसी के बाद से छह से सात दिन चुनाव प्रचार के लिए निर्धारित होंगे। इस हिसाब से एक चरण के चुनाव में नामांकन दाखिले से लेकर मतदान तक 12 से 13 दिन का समय लगेगा। प्रदेश के 75 जिलों में होने वाले इस चुनाव में प्रत्येक चरण में 18 से 19 जिलों में एक बार में मतदान करवाया जाएगा। इन चुनावों के लिए राज्य निर्वाचन आयोग ने कुल 5.40 लाख मतपेटियों, कुल 52.05 करोड़ मतपत्रों की व्यवस्था की है। आयोग की वोटर लिस्ट में करीब 12.5 करोड़ ग्रामीण मतदाता हैं।

812 सहायक शिक्षकों को हाइकोर्ट से झटका, गई नौकरी: सरकार के निर्णय को हाईकोर्ट ने दिया सही करार: वेतन की वसूली के आदेश को किया रद्द

के सरकार के निर्णय को हाईकोर्ट ने सही करार दिया है , जबकि ऐसे अभ्यर्थी जिन की मार्कशीट में छेड़छाड़ किए जाने की शिकायत थी उनके संबंध में निर्णय लेने का विश्वविद्यालय को निर्देश दिया है । कोर्ट ने सहायक शिक्षकों की विशेष अपील खारिज कर दी गई है। प्रदेश सरकार ने बीएड डिग्री को फर्जी करार देते हुए लगभग 812 शिक्षकों की सेवा समाप्त कर दी थी और भुगतान किए गए वेतन की वसूली शुरू हुई थी। इसके खिलाफ शिक्षक कोर्ट पहुंच गए थे। एकल पीठ ने सरकार के निर्णय को सही करार दिया। इसे विशेष अपील में चुनौती दी गई। न्यायमूर्ति एम एन भंडारी और न्यायमूर्ति एस.एस. शमशेरी की पीठ ने विशेष अपील पर सुनवाई के बाद अपना फैसला सुनाया।

सहायक अध्यापकों से भुगतान किए गए वेतन की वसूली के आदेश को खण्डपीठ ने रद्द कर दिया है। एकल न्यायपीठ ने इस निर्णय को सही करार दिया है।
आपको बता दें कि एकल जज ने एसआईटी की रिपोर्ट के आधार पर इन शिक्षकों की बीएसए द्वारा की गई बर्खास्तगी को मंजूरी दे दी थी। एकल जज के इस आदेश को खंडपीठ में चुनौती दी गई थी। कहा गया था कि बीएसए का बर्खास्तगी आदेश एसआईटी की रिपोर्ट के आधार पर पारित किया गया है, जो गलत है। यह भी दलील दी गई कि पुलिस रिपोर्ट को शिक्षकों की बर्खास्तगी का आधार नहीं बनाया जा सकता है। कहा गया था कि बीएसए ने बर्खास्तगी से पूर्व सेवा नियमावली के कानून का पालन नहीं किया। 

जबकि सरकार की तरफ से बहस की गई कि इन शिक्षकों की बर्खास्तगी एसआईटी की रिपोर्ट के आधार पर की गई है। हाईकोर्ट ने इस मामले में जांच कर रही एसआईटी को रिपोर्ट देने को कहा था। बहस यह भी की गई थी कि फर्जी डिग्री या मार्कशीट के आधार पर सेवा में आने वाले की बर्खास्तगी के लिए सेवा नियमों का पालन करना जरूरी नहीं है। 

बेसिक शिक्षा विभाग में बड़ा घपला आया सामने, तकरीबन साढ़े 03 साल से गैर हाजिर शिक्षिका लेती रही वेतन, रिकवरी के आदेश

बेसिक शिक्षा विभाग में बड़ा घपला सामने आया है। एक शिक्षिका का 1297 दिनों तक गैर हाजिर रहने के बाद भी उसका वेतन जारी होता रहा। मामले का खुलासा होने के बाद अब आरोपी शिक्षिका और उसके पति समेत तीन के खिलाफ रिपोर्ट दर्ज कराकर गैरहाजिरी के दौरान वेतन के रूप में ली गई धनराशि की रिकवरी कराने की कार्रवाई शुरू कर दी है। डीएम ने शिक्षिका से रिकवरी के आदेश भी दिए हैं।

अफसरों और शिक्षिका की साठ-गांठ का यह मामला अजीमनगर थाना क्षेत्र के सैदनगर ब्लाक के कुम्हरिया गांव के प्राथमिक स्कूल से जुड़ा हुआ है। यहां प्रीति यादव नाम की एक शिक्षका की तैनाती लगभग 62 माह (2011 से 2015) तक रही है। वह स्कूल से लगातार गैरहाजिर रही। पांच सालों में वह 1297 दिन गैर हाजिर रही। रजिस्ट्रर में उसे गैर हाजिर दिखाया गया है, लेकिन उसके वेतन का भुगतान कर दिया जाता रहा। खास बात यह है कि तत्कालीन बीएसए ने उसके खिलाफ कार्रवाई के आदेश दिए थे।
एबीएसए ने भी वेतन जारी करने की संस्तुति नहीं की थी, इसके बाद भी वेतन जारी कर दिए गए थे। इस मामले की जानकारी मिलने के बाद जिलाधिकारी ने जांच बैठा दी और बीएसए से रिपोर्ट तलब की थी। रिपोर्ट मिलने के बाद डीएम के आदेश पर अजीमनगर थाने में खंड शिक्षाधिकारी प्रेम सिंह राणा की ओर से रिपोर्ट दर्ज कराई गई है। एसओ रविंद्र कुमार ने पुष्टि की कि आरोपी शिक्षिका, उसके पति और एक अन्य के खिलाफ मुकदमा दर्ज कर लिया गया है।
फिलहाल बाराबंकी में तैनात है शिक्षिकासैदनगर के कुम्हरिया कलां गांव के स्कूल में तैनात रही शिक्षिका प्रीति यादव 2011 में रामपुर में तैनात हुई थीं। वह 2005 से शिक्षिका के पद पर तैनात हैं। बेसिक शिक्षा अधिकारी ऐश्वर्य लक्ष्मी ने बताया कि प्रीति यादव 15 जुलाई 2011 से रामपुर में तैनात थी। ज्वाइन करने के दो दिन बाद से ही वह गैरहाजिर हो गईं। खंड शिक्षाधिकारी ने उसके खिलाफ कार्रवाई को लिखा। वेतन रोकने के आदेश हुए, लेकिन जब बैंक स्टेटमेंट जारी हुआ तो पता चला कि वेतन जारी हो रहा है। तत्कालीन बीएसए ने सेवा समाप्ति को भी लिखा था, लेकिन जब सेवा समाप्ति का नोटिस जारी हुआ तो उक्त शिक्षिका अंतरजनपदीय तबादले के तहत बाराबंकी चली गई। कार्रवाई के लिए बाराबंकी के बीएसए को भी लिखा गया है।
अफसरों की साठ-गांठ से निकलता रहा वेतनरामपुर। स्कूल न जाने वाली शिक्षिका का वेतन यूं ही नहीं निकलता रहा। इसके पीछे अफसरों और लेखा विभाग से जुड़े अफसरों और कर्मियों की साठ-गांठ भी कम जिम्मेदार नहीं है। ब्लाक स्तर से बीएसए दफ्तर और लेखा दफ्तर और आला अफसरों तक की साठ-गांठ के चलते यह सब हुआ है। इस तरह के कई केस सामने आ चुके हैं।

ग्राम पंचायत सचिव ने बेसिक शिक्षिका को पहले भेजे अश्लील मैसेज, फिर स्कूल आकर बोला आई लव यू

बरेली : उत्तर प्रदेश के बरेली में शिक्षिका ने ग्राम पंचायत सचिव पर अश्लील मैसेज करने और स्कूल में आकर आईलव यू बोलने का आरोप लगाया। विरोध करने पर उसको स्कूल से निलंबित करा देने की धमकी दी। शिक्षिका ने जहानाबाद थाने में तहरीर देकर कार्रवाई की मांग की है। पुलिस ने एफआईआर दर्ज कर आरोपी को हिरासत में ले लिया गया है।

थाना जहानाबाद क्षेत्र के एक गांव के प्राइमरी स्कूल की निवासी शिक्षिका ने जहानाबाद पुलिस को शिकायती पत्र दिया। जिसमे कहा गया कि उसके विद्यालय में एक ग्राम पंचायत सचिव का काफी आना जाना रहता है। यह सचिव ऑपरेशन कायाकल्य के के कार्य के कारण उसके स्कूल में अक्सर आता है। इसी बीच सचिव ने किसी से उसका मोबाइल नंबर ले लिया। सचिव ने उसके मोबाइल पर अश्लील और भद्दे मैसेज करना शुरू कर दिए। उसको स्कूल आकर भी सचिव ने एक दिन आई लव यू बोल दिया। जब उसने इसका विरोध किया तो सचिव ने शादी करने का प्रस्ताव रख दिया। बात न मानने पर उसको स्कूल से निकलवा देने और निलंबित करा देने की धमकी दी।
26 फरवरी को कमल किशोर ने उससे विद्यालय की चाबी मांगकर ऑपरेशन कायाकल्प का काम करने की इच्छा जताई। चूंकि वह ललौरीखेड़ा बीआरसी पर ट्रेनिंग में उपस्थित थी। इसीलिए उसने चाबी दे दी। इसके बाद सचिव ने रसोईया से मिलकर स्कूल की किताबें जलाना शुरू कर दी। पुलिस ने तहरीर मिलने पर आरोपी के खिलाफ छेड़छाड़ का मुकदमा दर्ज कर लिया है। इंस्पेक्टर जहानाबाद हरीशवर्धन सिंह ने बताया कि एफआईआर दर्ज कर ग्राम पंचायत सचिव को हिरासत में ले लिया गया है। चालान कर जेल भेजा जाएगा।

कल से खुलेंगे प्राइमरी स्कूल मनाया जाएगा उत्सव, प्रधानाध्यापकों व शिक्षकों को संचालित कराने होंगे यह कार्यक्रम

लखनऊ : कोरोना महामारी के कारण करीब 11 महीने से बंद चल रहे सरकारी व निजी प्राइमरी स्कूलों में सोमवार से फिर कक्षाएं गुलजार होंगी। लंबे समय बाद स्कूल आ रहे विद्यार्थियों का रुझान बढ़ाने के लिए उत्सव मनाया जाएगा। स्कूलों को गुब्बारों और झंडियों और रंगोली से सजाया जाएगा। महानिदेशक ( स्कूल शिक्षा) विजय किरण आनंद की ओर से सभी स्कूलों के शिक्षकों को निर्देश दिए गए हैं कि वह कोरोना प्रोटोकाल का सख्ती से पालन कराते हुए नियमित कक्षाएं संचालित करें।

सरकारी व निजी प्राइमरी स्कूलों में कक्षा एक से लेकर कक्षा पांच तक की कक्षाएं सोमवार से फिर शुरू होंगी। ऐसे में क्षेत्र में अभिभावकों से संपर्क कर शिक्षक विद्यार्थियों को स्कूल भेजने के लिए प्रेरित करेंगे। प्रेरणा ज्ञानोत्सव अभियान के तहत एक किताब तैयार कर स्कूलों में भेजी गई है, इसमें उपचारात्मक शिक्षण के बारे में पूरी जानकारी दी गई है। विद्यार्थियों के ज्ञान के स्तर को इसकी मदद से बढ़ाने पर जोर दिया जाएगा। विद्यार्थियों के छोटे छोटे समूह बनाकर कोविड-19 महामारी के अनुभवों को कहानी के रूप में कराया जाएगा प्रस्तुत। मिड डे मील में बच्चों की पसंद का नाश्ता व भोजन परोसा जाएगा । विद्यालय में रचनात्मक क्रियाकलाप पर जोर दिया जाएगा । मिट्टी के बर्तन, पेंटिंगव क्राफ्ट बनवाया जाएगा।

डीए का इंतजार कर रहे यूपी के सरकारी कर्मचारियों के लिए खुशखबरी, योगी आदित्यनाथ ने किया इंतजाम

UP Budget 2021 कोरोना आपदा की वजह से बढ़ी दरों से महंगाई भत्ता पाने से वंचित हुए उत्तर प्रदेश सरकार के 16 लाख कर्मचारियों को इस साल जुलाई से बढ़ी दर से डीए देने का इंतजाम योगी आदित्यनाथ सरकार ने बजट में कर लिया है।

लखनऊ [राज्य ब्यूरो]। कोरोना आपदा की वजह से बढ़ी दरों से महंगाई भत्ता पाने से वंचित हुए उत्तर प्रदेश सरकार के 16 लाख कर्मचारियों को इस साल जुलाई से बढ़ी दर से डीए देने का इंतजाम योगी आदित्यनाथ सरकार ने बजट में कर लिया है। इसके लिए सरकार ने बजट में कर्मचारियों के वेतन के लिए दी जाने वाली रकम की लगभग 30 प्रतिशत राशि डीए के लिए रखी है। यह बात और है कि राज्य कर्मचारियों को डीए देने का फैसला केंद्र सरकार द्वारा अपने कार्मिकों को इसके भुगतान के निर्णय पर निर्भर करेगा।

योगी आदित्यनाथ सरकार ने संसाधनों की तंगी के कारण राज्य सेवा के कार्मिकों को पहली जनवरी 2020, पहली जुलाई 2020 और पहली जनवरी 2021 से बढ़ी दरों पर आधारित महंगाई भत्ता देने पर पिछले साल 24 अप्रैल को रोक लगा दी थी। कर्मचारियों से कहा गया था कि उन्हें इस दौरान बढ़ी दरों का डीए संचयी प्रभाव से एक जुलाई से मिलेगा। हालांकि उन्हें बढ़ी दरों पर डीए के एरियर का भुगतान नहीं होगा।

योगी आदित्यनाथ सरकार ने वित्तीय वर्ष 2021-22 के बजट में अपने कर्मचारियों को वेतन के मद में 53,710.89 करोड़ रुपये का इंतजाम किया है। वहीं उसने डीए के मद में 15,997.84 करोड़ रुपये का आवंटन किया है जो कि वेतन की रकम का लगभग 30 प्रतिशत है।

बता दें कि योगी सरकार ने सोमवार को विधानमंडल के दोनों सदनों में वित्तीय वर्ष 2021-22 के लिए 5,50,278.78 करोड़ रुपये का बजट पेश किया है। सूबे के इतिहास का पहला कागज रहित (पेपरलेस) और अपना पांचवां व आखिरी पूर्ण बजट पेश करते हुए सरकार ने चुनावी साल में मिशन 2022 के लक्ष्य संधान के लिए सारे जतन बजट में किए हैं। कोरोना महामारी का तीखा दंश झेलने के बावजूद सूबे के विकास की बड़ी लकीर खींचने की खातिर सरकार ने हौसला दिखाते हुए बुनियादी ढांचे के विकास को रफ्तार देने के लिए धनवर्षा की है। वहीं, श्रमिकों, महिलाओं, किसानों और युवाओं को सौगातें देने के लिए भी खजाना खोला है।

बड़ा बदलाव! UPSSSC की परीक्षा के ल‍िए पहले पास करना होगा PET, पढ़ें-क्या है पूरी खबर

सीएम योगी (CM Yogi) ने ये कदम भर्ती प्रक्रिया (Admission System) को साफ-सुधरा और गुणवत्तापूर्ण बनाने के लिए उठाया है.

यूपी सेवा चयन आयोग द्वारा की जाने वाली भर्तियों के लिए राज्य में टू टायर एग्जाम सिस्टम शुरू होने जा रहा है. अब सबसे पहले PET पास करना होगा.

यूपी सेवा चयन आयोग (UPSSSC ) द्वारा की जाने वाली भर्तियों के लिए राज्य में टू टायर एग्जाम सिस्टम (Two Tire Exam System) शुरू होने जा रहा है. एग्जाम के लिए पहले PET पास करना होगा. योगी सरकार ने इसे मंजूरी दे दी है. जो कैंडिडेट प्रिलिमिनरी एलिजिबिलिटी टेस्ट- PET में पा होंगे, वही आयोग के तहत आने वाली सभी भर्ती परीक्षाएं (Exam) दे सकेंगे. योगी सरकार ने इसके लिए हरी झंडी दे दी है. अब आयोग ने परीक्षा कार्यक्रम के साथ ही सिलेबस भी तय करने के मामले में आदेश जारी किया है.

सौ नंबरों (Hundred Marks) की के इस सालाना एग्जाम में 9 सब्जेक्ट से प्रश्न होंगे इसके साथ ही अब कैंडिडेट (Candidate) की रीजनिंग, समझ और डेलीबिरेशन एबिलटी भी परखी जाएगी. एग्जाम लिखने के लिए दो घंटे का समय दिया जाएगा. खात बात ये है कि अब नेगेटिव मार्किंग (Negative Marking) भी होगी. हर गलत उत्तर के लिए एक चौथाई माइनस मार्किंग की जाएगी. सीएम योगी ने ये कदम एडमिशन प्रक्रिया को साफ-सुधरा और गुणवत्तापूर्ण बनाने के लिए उठाया है.

PEL सभी पदों पर भर्ती के लिए जरूरी
सीएम योगी ने पिछले दिनों राज्य में टू टायर एग्जाम सिस्टम अपनाए जाने का निर्देश दिया था. इसी सिस्टम के तहत के तहत प्राइमरी क्वालिफिकेशन एग्जाम को आयोग के तहत आने वाले सभी पदों पर सलेक्शन के लिए जरूरी किया गया है. इस एग्जाम के नबंरों के आधार पर ही कैंडिडेट को अलग-अलग पदों के लिए होने वाले मेन एग्जाम के लिए शॉर्टलिस्ट किया जाएगा.

हालांकि जिन पदों के लिए भर्ती एडवरटाइजमेंट जारी हो चुके हैं, उनको यह एग्जाम नहीं देना होगा. आयोग के अध्यक्ष प्रवीर कुमार ने बताया कि पीईटी के सिलेबस से संबंधित आदेश आयोग ने जारी कर दिया है. अप्रैल-मई में एग्जाम कराने की तैयारी की गई है. इन एग्जाम्स में 30 लाख से ज्यादा कैंडिडेट के शामिल होने का अनुमान है. राज्य सरकार के अलग-अलग विभागों में 50 हजार से ज्यादा पद खाली पड़े हैं.

कैंडिडेट की सभी क्षमताओं का होगा टेस्ट
आयोग के अध्यक्ष के मुताबित सिलेबस को इस बात को ध्यान में रखकर बनाया गया है कि एग्जाम से सिर्फ कैंडिडेट की मेमोरी का ही पता न चलें बल्कि उसकी लॉजिक और रीजनिंग, अंडरस्टेंडिंग और एनालिटिकल कैपेसिटी का भी टेस्ट हो सके. कैंडिडेट की उन क्षमताओं को भी चेक किया जाएगा, जिनकी जरूरत सरकारी कामकाज में होती है. इस सभी बातों को ध्यान में रखते हुए ही एग्जाम में पांच नंबर सामान्य अंग्रेजी के लिए भी रखे गए हैं, ताकि सलेक्ट किया गया कर्मचारी अंग्रेजी में आने वाले पत्रों, कोर्ट के आदेशों पढ़-समझ सके.

Education News: यूपी में वापस होगी बी.एड.की फीस, सरकार ने दिए ये आदेश

Education News : उत्तर प्रदेश में बी.एड. और बी.टी.सी. के छात्रों की फीस रिफंड की जाएगी. साथ ही स्कॉलरशिप भी मिलेगी. उत्तर प्रदेश सरकार ने इस संबंध में आदेश जारी किया है.

नई दिल्ली. उत्तर प्रदेश में बी.एड. करने वाले आर्थिक रूप से कमजोर वर्ग के छात्रों के लिए खुशखबरी है. उत्तर प्रदेश सरकार ने ऐसे छात्रों को स्कॉलरशिप देने का आदेश दिया है. इसी के साथ छात्र-छात्राओं की फीस रिफंड होने का भी रास्ता साफ हो गया है.

सरकार द्वारा बी.एड.और बी.टी.सी. की सरकारी स्कॉलरशिप व फीस रिफंड मामले में इन पाठ्यक्रमों को संचालित करने वाली शिक्षण संस्थाओं की जांच के आदेश दिये थे. जिलों के मुख्य विकास अधिकारी की अध्यक्षता में गठित की गई कमेटी समाज कल्याण निदेशालय और शासन को 26 फरवरी तक अपनी रिपोर्ट सौंपेगी.
जांच रिपोर्ट में जो शिक्षण संस्थाएं बी.एड., बी.टी.सी. व अन्य पाठ्यक्रमों छात्रवृत्ति तथा फीस भरपाई के फर्जीवाड़े में लिप्त पायी जाएंगी उन्हें छोड़कर बाकी अन्य सभी शिक्षण संस्थाओं के बी.एड.के पाठ्यक्रमों के छात्र-छात्राओं को छात्रवृत्ति और फीस भरपाई की राशि उनके बैंक खातों में हस्तांतरित करने की प्रक्रिया शुरू कर दी जाएगी.

मिलेगी 9 हजार रुपये स्कॉलरशिप

कोरोना महामारी के कारण वर्तमान शैक्षणिक सत्र में बी.टी.सी. का सत्र शून्य कर दिया गया है. इसलिए बी.टी.सी. कोर्स में स्कॉलरशिप और फीस वापसी नहीं होगी. जबकि बी.एड. में छात्र-छात्रों को पहले साल के 51,250 रुपए और दूसरे साल के 30,000 रुपए बतौर रिफंड किए जाएंगे. साथ ही हर साल लगभग 9 हजार रुपए की स्कॉलरशिप भी मिलेगी.


पिछले साल गठित कई गई थी जांच कमेटी

बीते वर्ष अक्तूबर में अल्पसंख्यक कल्याण निदेशक की अध्यक्षता में एक राज्य स्तरीय जांच कमेटी गठित की गई थी. लेकिन इसे 16 फरवरी को निरस्त करके जिलों के मुख्य विकास अधिकारी की अध्यक्षता में नई जांच कमेटी गठित की गई थी.
इसमें जिला अल्पसंख्यक कल्याण अधिकारी, जिला पिछड़ा वर्ग कल्याण अधिकारी, जिला समाज कल्याण अधिकारी और सम्बंधित उप जिलाधिकारी को सदस्य बनाया गया है. इस जांच कमेटी को अपनी आठ बिन्दुओं पर जांच रिपोर्ट आगामी 10 मार्च को शासन को सौंपने के निर्देश दिये गये थे. लेकिन इस समय सीमा को घटाकर 26 फरवरी तक कर दिया गया है.

बेसिक की शिक्षिका के साथ हुई घटना के आरोपियों पर हो कार्रवाई : सुलोचना

लखनऊ। उप्र. महिला शिक्षक संघ ने परिषदीय स्कूलों में कार्यरत शिक्षिकाओं के साथ हो रही आपराधिक घटनाओं पर रोष जतायाहै। संघ ने सरकार से आरोपियों के खिलाफ सख्त कार्रवाई की मांग की है। सोमवार को गोमती नगर में हुई संघ की बैठक में शिक्षिकाओं से जुड़े मुद्दों पर चर्चा की गई