नई शिक्षा नीति में शिक्षकों को घर और ज्यादा सैलरी देने का प्रावधान, जानिए और क्या-2 है…

यह ग्रामीण क्षेत्रों में शिक्षकों के लिए प्रोत्साहन का वादा भी करता है, खासकर उन क्षेत्रों में जो वर्तमान में गुणवत्ता शिक्षकों की भारी कमी का सामना कर रहे हैं। नई राष्ट्रीय शिक्षा नीति (एनईपी) के अनुसार, स्कूलों में शिक्षकों के चयन के लिए क्लास में डेमो देना या इंटरव्यू एक जरूरी मानदंड होगा।

नई शिक्षा नीति 29 जुलाई को आई थी। “इन इंटरव्यू का उपयोग स्थानीय भाषा में पढ़ाने में आसानी और प्रतिभा का आकलन करने के लिए किया जाएगा, ताकि प्रत्येक स्कूल / स्कूल परिसर में कम से कम कुछ शिक्षक हों जो स्थानीय भाषा और छात्रों की अन्य प्रचलित घरेलू भाषाओं में छात्रों के साथ बातचीत कर सकें। टीचर्स का सिलेक्शन राज्य शिक्षक पात्रता परीक्षा या केंद्रीय शिक्षक पात्रता परीक्षा के माध्यम से किया जाता है।

एनईपी ने इन परीक्षणों में सुधार के लिए नए दिशानिर्देश तय किए हैं। शिक्षक पात्रता परीक्षा (टीईटी) सामग्री और शिक्षाशास्त्र दोनों के संदर्भ में बेहतर परीक्षा सामग्री को विकसित करने के लिए मजबूत किया जाएगा। स्कूल शिक्षा के सभी चरणों (फाउंडेशनल, प्रारंभिक, मध्य और माध्यमिक) में शिक्षकों को शामिल करने के लिए टीईटी को भी बढ़ाया जाएगा।


इसमें बी.एड. शिक्षकों के लिए न्यूनतम शैक्षणिक योग्यता के रूप में डिग्री। 2030 तक, शिक्षण के लिए न्यूनतम डिग्री योग्यता 4-वर्षीय एकीकृत B.Ed डिग्री होगी। नीतिगत दस्तावेज़ में कहा गया है कि घटिया स्टैंड-अलोन शिक्षक शिक्षा संस्थानों (TEIs) के खिलाफ सख्त कार्रवाई की जाएगी।
नई शिक्षा नीति शिक्षकों के लिए एक सामान्य राष्ट्रीय व्यावसायिक मानक (एनपीएसटी) को राष्ट्रीय शिक्षा परिषद द्वारा 2022 तक विकसित किया जाएगा, यह काम एनसीईआरटी, एससीईआरटी, शिक्षकों और विशेषज्ञ संगठनों के साथ सभी स्तरों और क्षेत्रों के परामर्श के बाद होगा। स्थानीय भाषा में शिक्षण प्रदान करने पर, नीति का उद्देश्य ग्रामीण क्षेत्रों से नौकरी के इच्छुक उम्मीदवारों के लिए छात्रवृत्ति प्रदान करना है।


इसके माध्यम से यह परिकल्पना की गई है कि स्थानीय भाषा में कुशल वाले उच्च योग्य शिक्षकों को शिक्षण क्षेत्र में जोड़ा जाएगा। यह ग्रामीण क्षेत्रों में शिक्षकों के लिए प्रोत्साहन का वादा भी करता है, खासकर उन क्षेत्रों में जो वर्तमान में गुणवत्ता शिक्षकों की भारी कमी का सामना कर रहे हैं।


आसपास के क्षेत्र में आवास सुविधा जैसे प्रोत्साहन या आवास भत्ते में वृद्धि प्रमुख प्रोत्साहन के बीच होगी जो ग्रामीण क्षेत्रों में पढ़ाने वालों को प्रदान की जाएगी। प्रधान मंत्री नरेंद्र मोदी की अध्यक्षता में एक बैठक में केंद्रीय मंत्रिमंडल द्वारा अनुमोदित एनईपी को 1986 में बनाई गई शिक्षा नीति की जगह दी गई, और इसका उद्देश्य स्कूल और उच्च शिक्षा प्रणालियों में परिवर्तनकारी सुधारों का मार्ग प्रशस्त करना है।

National education policy 2020 – शिक्षकों की गुणवत्ता को बढ़ाने व नियुक्ति के लिए क्या होंगे प्रावधान

राष्ट्रीय शिक्षा नीति-2020 में श‍िक्षा व्यवस्था में बड़े बदलावों की बात कही गई है. इस श‍िक्षा नीति में दिया गया है कि अब आने वाले कुछ सालों में श‍िक्षा की सबसे मजबूत कड़ी अध्यापक को सबसे मजबूत बनाया जाएगा. इसके लिए बीएड प्रोग्राम में बड़े बदलाव की बात कही गई है. जानिए नई नीति में शिक्षकों की गुणवत्ता को बढ़ाने के लिए क्या प्रावधान कि‍ए जाएंगे ।

नई श‍िक्षा नीति के अनुसार जल्द ही शिक्षकों के लिए राष्ट्रीय स्तर का मानक तैयार होगा. शिक्षकों के लिए अगले दो साल के भीतर न्यूनतम डिग्री बीएड तय होगी, जो उनकी शैक्षणिक योग्यता के आधार पर एक से चार साल की होगी. ये एमए के बाद एक साल और इंटरमीडिएट के बाद चार साल की होगी.

श‍िक्षा नीति में वर्ष 2022 तक नेशनल काउंसिल फॉर टेक्निकल एजुकेशन (एनसीटीई) को टीचर्स के लिए एक समान मानक तैयार करने को कहा गया है. ये पैरामीटर नेशनल प्रोफेशनल स्टैंडर्ड फॉर टीचर्स कहलाएंगे. काउंसिल यह कार्य जनरल एजुकेशन काउंसिल के निर्देशन में पूरा करेगी.
सरकार ने कहा कि साल 2030 तक सभी बहुआयामी कालेजों और विश्वविद्यालयों में शिक्षकों के पठन पाठन के कोर्स को संस्थानों के अनुरूप अपग्रेड करना होगा. साल 2030 तक शिक्षकों के लिए न्यूनतम डिग्री बीएड होगी, इसकी अवधि चार साल हो जाएगी.


बीएड के लिए कुछ इस तरह से व्यवस्था की जाएगी. बीएड की दो साल की डिग्री उन ग्रेजुएट छात्रों को मिले जिन्होंने किसी खास सब्जेक्ट में चार साल की पढ़ाई की हो. चार साल की ग्रेजुएट की पढ़ाई के साथ एमए की भी डिग्री प्राप्त करने वाले छात्रों को बीएड की डिग्री एक साल में ही प्राप्त हो जाएगी, लेकिन इसके जरिये विषय विशेष के शिक्षक बन पाएंगे.बता दें कि नई श‍िक्षा नीति में ये कहा गया है कि बीएड प्रोग्राम में शिक्षा शास्त्र की सभी विधियों को शामिल किया जाए. इसमें साक्षरता, संख्यात्मक ज्ञान, बहुस्तरीय अध्यापन और मूल्यांकन को विशेष रूप से सिखाया जाएगा. इसके अलावा टीच‍िंग मेथड में टेक्नोलॉजी को खास तौर पर जोड़ा जाएगा.


इस श‍िक्षा नीति में के. कस्तूरीरंगन कमेटी की उन सभी सिफारिशों को केंद्रीय मंत्रिमंडल ने मंजूर किया है जिसमें शिक्षकों के प्रशिक्षण में व्यापक सुधार की बात कही गई थी. इसमें सभी शिक्षा कार्यक्रमों को विश्वविद्यालयों या

कॉलेजों के स्तर पर शामिल करने की सिफारिश की थी ।
कमेटी की उन सिफारिशों को भी मान लिया गया है जिसमें स्तरहीन शिक्षक-शिक्षण संस्थानों को बंद करने की बात कही गई थी. अब सभी शिक्षण तैयारी/ शिक्षा कार्यक्रमों को बड़े बहुविषयक विश्वविद्यालयों/ कॉलेजों में स्थानांतरित करके शिक्षक शिक्षण के क्षेत्र में बड़े पैमाने पर बदलाव का भी प्रस्ताव रखा है. इसके अलावा 4-वर्षीय एकीकृत चरण वाले विशिष्ट बी.एड. कार्यक्रम के माध्यम से शिक्षकों को अंततः न्यूनतम डिग्री की योग्यता प्राप्त हो सकेगी.


देश में एक जैसे शिक्षक और एक जैसी शिक्षा को आधार बनाकर इस समिति की सिफारिशाें को लागू किया गया है. अब विद्यालयों में स्थानीय ज्ञान और लोक विद्या जैसी जानकारियों के लिए स्थानीय पेशेवरों को अनुबंध पर लिया जा सकता है.

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1. SSRA (State school regulatoryauthority)बनेगा

2.4year इंटेग्रेटेड B Ed,2yr B Ed or 1yr B Ed course चलेंगें

3. ECCE Early childhood care and education के तहत प्री प्राइमरी शिक्षा आंगनबाड़ी ओर स्कूलों के माध्यम से।

4. TET लागू होगी upto सेकंडरी लेवल तक

5. शिक्षकों को गैर शैक्षणिक कार्यों से हटाया जाएगा, सिर्फ चुनाव ड्यूटी लगेगी,BLO ड्यूटी से शिक्षक हटेंगे,MDM se भी शिक्षक हटेंगे।

6. स्कूलों में एसएमसी/एसडीएमसी के साथ ScMc स्कूल कॉम्प्लेक्स मैनेजमेंट कमेटी बनाई जाएगी ।

7. शिक्षक नियुक्ति में डेमो ओर इंटरव्यू भी शामिल होंगे।

8. नई ट्रांसफर पॉलिसी आयेगी जिसमें ट्रांसफर लगभग बन्द हो जाएंगे, ट्रांसफर सिर्फ पदोन्नति पर ही होंगे।

9. ग्रामीण इलाकों में स्टाफ क्वार्टर बनाए जाएंगे, केंद्रीय विद्यलयों की तर्ज पर ।

10. RTE ko class 12 वर्ग तक /age upto 18 लागू किया जाएगा।

11. मिड डे मील के साथ हैल्थी ब्रेकफास्ट भी स्कूलों में सुरु होगा।

12. Three language based स्कूली शिक्षा होगी।

13. Foreign language course भी स्कूलों में सुरु होंगे।

14. विज्ञान ओर गणित को बढ़ावा दिया जाएगा, हर सीनियर सैकंडरी स्कूल में science or math विषय अनिवार्य होंगे।

15. स्थानीय भाषा भी शिक्षा का माध्यम होगी।

16.NCERT पूरे देश में नोडल एजेंसी होगी।

17. स्कूलों में राजनीति व सरकार का हस्तक्षेप लगभग खतम हो जाएगा,

18.state school regulatory authority (SSRA) बनेगी जिसके मुखिया शिक्षा से जुड़े लोग ही होंगे।

अब स्नातक -शिक्षक कोटे की सीटों के लिए समर – विधान परिषद्

अब स्नातक शिक्षक कोटे की सीटों के लिए समर प्रदेश की 11 विधानसभा सीटों के उपचुनाव संपन्न होने के बाद विधान परिषद की स्नातक और शिक्षक निर्वाचन क्षेत्र के रिक्त होने वाली 11 सीटों के लिए चुनावी समय शुरू हो गयाहै। एमएलसी की 11 सीटों पर मौजूदा सदस्यों का कार्यकाल अगले छह मई को खत्म हो रहा है।

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30 फ़ीसदी सिलेबस स्थानीय जरूरत के अनुसार तय करेंगे विश्वविद्यालय 48 विषयों का सिलेबस तैयार ।

नवंबर में कमेटी की बैठक होगी जिसमें निर्णय पर लगेगी अंतिम मुहर।