TET EXAM 2021: शिक्षक पात्रता परीक्षा में हो सकता है बदलाव, एनसीटीई ने राज्यों से मांगी रिपोर्ट

TET Exam 2021: नई शिक्षा नीति के तहत टीईटी में भी बदलाव किया जाएगा. इस संबंध में एनसीटीई ने उन राज्यों से 15 फरवरी तक शिक्षक पात्रता परीक्षा की रिपोर्ट मांगी है, जहां हाल ही में इस परीक्षा का आयोजन किया गया था.

नई दिल्ली. राष्ट्रीय शिक्षा नीति (National Educational Policy, NEP) के तहत शिक्षक पात्रता परीक्षा, टीईटी (Teachers Eligibility Test, TET) में भी बदलाव किया जाएगा. टीईटी में बदलाव के संबंध में कार्य योजना बनाने की जिम्मेदारी राष्ट्रीय अध्यापक शिक्षा परिषद (एनसीटीई) को दी गई. परिषद ने उन राज्यों से 15 फरवरी तक परीक्षा से संबंधित रिपोर्ट मांगी है, जहां हाल ही में इस परीक्षा का आयोजन हुआ था.

एनसीटीई ने इन बिंदुओं पर मांगी है रिपोर्ट

एनसीटीई ने परीक्षा में पूछे गए प्रश्नों के पैटर्न और शामिल परीक्षार्थियों की जानकारी मांगी है. साथ ही सफल हुए अभ्यर्थियों की संख्या सहित कई अन्य बिंदुओं पर विभिन्न राज्यों से रिपोर्ट मांगी है. गौरतलब है कि नई शिक्षा नीति में शिक्षकों के प्रशिक्षण कार्यक्रम पर जोर दिया गया है. राष्ट्रीय शिक्षा नीति के तहत माध्यमिक व उच्च माध्यमिक स्कूलों में शिक्षकों की नियुक्ति के लिए भी यह परीक्षा होनी है.

स्कूली शिक्षा नियमावली में करना होगा बदलाव

जागरण डाट काम में छपी खबर के अनुसार नई शिक्षा नीति के तहत एनसीटीई द्वारा टीईटी को लेकर दिशा-निर्देश जारी किए जाएंगे. इसके बाद राज्यों को स्कूली शिक्षा के नियमों में बदलाव करना होगा. शिक्षकों की चयन प्रक्रिया में एनसीटीई की ओर से जारी दिशा-निर्देशों का पालन करना करना अनिवार्य होता है.

खंड शिक्षाधिकारी लामबंद तो शिक्षक भी भर रहे हुंकार, शिक्षकों ने बैठक कर बीइओ के खिलाफ बनाई रणनीति

फतेहपुर : खजुहा विकास खंड के बीइओ (खंड शिक्षा अधिकारी ) और शिक्षकों के बीच उपजा विवाद शांत होने का नाम नहीं ले रहा है। दोनों पक्ष एक दूसरे को शिकस्त देने के लिए रणनीति बना रहे हैं। बीइओ संगठन ने मामले को महानिदेशक के संज्ञान में डालकर न्याय की गुहार लगाई है तो बीइओ के पक्ष में शिक्षक कलेक्ट्रेट में प्रदर्शन करके आरोपों को निराधार बताया है। रविवार को शिक्षकों ने बैठक कर बीइओ के खिलाफ रणनीति बनाई है।

बीइओ खजुहा राजीव गंगवार और प्राथमिक शिक्षक संघ के ब्लाक अध्यक्ष बलराम सिंह के बीच तलवारे खिंची हुई हैं। ब्लाक में इसके चलते शैक्षिक माहौल पर बुरा असर भी पड़ा है। खजुहा ब्लाक अध्यक्ष बलराम सिंह कहते हैं कि शिक्षकों की मांग है कि बीइओ के खिलाफ जांच हो। जब तक बीइओ को हटाया नहीं जाएगा तब तक न्याय नहीं मिलेगा । सोमवार को विद्यालय अवधि के बाद कलेक्ट्रेट में प्रदर्शन किया जाएगा। शिक्षकों के मान-सम्मान से खिलवाड़ बर्दाश्त नहीं किया जाएगा। वहीं बीइओ संघ मामले में पत्ते खोलने से खुद को मना किए हुए है।

एआरपी पर कड़ी कार्रवाई की मांग, शिक्षकों से अभद्र व्यवहार पर शिक्षक संघ ने की शिकायत

मैनपुरी। किशनी विकास खंड में कार्यरत एआरपी शरद यादव द्वारा आए दिन शिक्षक-शिक्षिकाओं से अभद्र व्यवहार को प्राथमिक शिक्षक संघ ने गंभीरता से लिया है। संगठन के प्रतिनिधिमंडल ने जिलाध्यक्ष राजीव यादव के नेतृत्व में शनिवार को मुख्य विकास अधिकारी ईशा प्रिया एवं जिला बेसिक शिक्षा विजय प्रताप सिंह से मुलाकात करके कड़ी कार्यवाही की मांग की है।


इस मौके पर जिलाध्यक्ष राजीव यादव ने बताया एआरपी शरद यादव विद्यालय में सपोर्टिव सुपरविजन के नाम पर शिक्षकों के साथ अभद्र व्यवहार कर रहे हैं। ऐसी शिकायतें संगठन को मिल रही थी। इस संबंध में प्राप्त साक्ष्यों से स्पष्ट है कि शिक्षकों के साथ शरद यादव का कार्य व्यवहार ठीक नहीं है। प्रदेश मंत्री महेंद्र प्रताप सिंह ने बताया एआरपी को शासन द्वारा शिक्षकों के सहयोग हेतु लगाया गया लेकिन शरद यादव सहयोग के बजाय अधिकारी बनकर कार्य कर रहे हैं। संघ ने मामले की जांच कराकर कार्रवाई की मांग की है। इस अवसर पर हेम सिंह, सत्यवीर सिंह, हेम सिंह, गौरव पांडे, दिनेश यादव, शिव कुमार, वैभव यादव, सुदीप पांडेय, अवनीश कुमार, अशोक यादव, अभय चौधरी, श्यामवीर सिंह, अरविंद प्रताप, सोमेश कुमार, जुगल किशोर, रंजीत यादव, घनश्याम, राजीव वर्मा, हरिओम शाक्य, विमल राजपूत आदि उपस्थित रहे।

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खजुहा ब्लाक इकाई के घटनाक्रम को सिलसिलेवार एक नजर डालें औऱ स्वयं निर्णय लें कि वास्तव में क्या हुआ और किस क्रम में आयोजित किया गया?

यह एक नियोजित प्लान का परिणाम था।एक दिन पूर्व ही बिंदकी में खजुहा संघ के कुछ चुनिंदा साथियों की मीटिंग रखी गई थी।कल की मीटिंग और उसमें बनी प्लानिंग के अनुसार ही आज दुपहर 12 बजे दो महिलाएं एक साथ खजुहा बीआरसी पहुंची और पूर्व नियोजित षड्यंत्र को अमली जामा पहनाने की शुरुआत कर दी गई।

पहले कुछ देर बाहर ही तेज़ आवाज़ में बात शुरू हो गई लेकिन तुरंत ही खंडशिक्षा अधिकारी महोदय ने सीसीटीवी सुविधा युक्त अपने ऑफिस में पहुंचना ही बेहतर समझा और जाकर अपनी कुर्सी में बैठ गए।सीसीटीवी का फुटेज भी आवश्यक रूप से एक अहम सबूत के रूप में सुरक्षित होगा।

बातचीत को विवाद के स्तर तक पहुंचाने के बाद उक्त दोनों महिलाओं ने ब्लॉक अध्यक्ष को बुलाये जाने की धमकी दी और सामने ही फोन लगाने का ड्रामा शुरू हो गया।

कुछ ही देर में अध्यक्ष भी मौके पर पहुंच गए और कुछ ही देर बाद 10-12 कथित पत्रकार भी उनके पीछे आ गए।खजुहा बीआरसी दूरस्थ स्थिति वाली बीआरसी है जिसकी दूरी अध्यक्ष महोदय के विद्यालय से लगभग 25 से 30 किमी या उससे ज्यादा भी हो सकती है।

उक्त दोनों महिलाएं विद्यालय समयावधि में बिना किसी पूर्व सूचना के उपस्थित हुई थीं और इस घटना के दौरान अध्यक्ष महोदय भी विद्यालय अवधि में ही बीआरसी में उपस्थित हो चुके थे।ब्लॉक के ही एक अन्य शिक्षक भी उस वक़्त, जब महिलाएं अधिकारी महोदय से बात कर रही थीं,वहीं पर मौजूद थे जो खुरूवाखेड़ा के शिक्षक हैं और इस पूरे समय के साक्षी भी हैं,मौजूद थे।

अब प्रश्न ये उठता है कि प्रताड़ित होने वाली महिला/महिलाएं क्या इतनी भविष्य दर्शी थीं कि मीडिया को मौक़े पर पहले से ही बुला लिया था , वह भी 10 से 12 मीडियाकर्मी?

शाम तक ख़बर मीडिया के हवाले से जिस रूप में निकली उसने एक बेहतरीन इंसान के सम्मान और इज्ज़त की धज्जियाँ उड़ा दी थी।खबरों में चलाया जा रहा था कि अधिकारी ने चाइल्ड केयर लीव को अग्रसारित करने के लिए महिला को अकेले मिलने और गर्मी निकाल देने की बात कही।

ध्यातव्य हो कि उक्त घटना में उपस्थित दोनों ही महिलाओं ने इससे पूर्व भी ऐसे ही अनर्गल आरोप सहकर्मी या अधिकारी पर लगाये हैं।इनमें से एक महिला ने तो ऐसा ही आरोप लगभग 3 वर्ष पूर्व भी इन्ही अधिकारी महोदय पर लगाया था।

यद्यपि संपूर्ण ब्लॉक के शिक्षक आरोपित किये जाने की इस घिनौनी प्रणाली को धिक्कार रहे हैं ,किंतु मुखर होकर कुछ बोलने की स्थिति में नही हैं।

गैरहाजिर शिक्षकों ने जबरन भरी हाजिरी, दोनों निलंबित:- बीएसए ने खंड शिक्षा अधिकारियों को दिए जांच के आदेश

फर्रुखाबाद। शिक्षण कार्य से गायब रहने के बावजूद जबरन हाजिरी भरने और कंपोजिट ग्रांट में की गई अनियमितता के आरोप में बीएसए ने दो शिक्षकों को निलंबित कर दिया। बीएसए ने दोनों मामलों की जांच के भी आदेश दिए।

खंड शिक्षा अधिकारी कमालगंज ने 9 जनवरी को प्राथमिक विद्यालय कंझाना का निरीक्षण किया था। विद्यालय के सहायक अध्यापक व शिक्षामित्रों ने आरोप लगाया कि पुरानी उपस्थिति पंजिका एवं पत्र व्यवहार रजिस्टर प्रधानाध्यापक मनीष कटियार ने गायब कर दिया है। उपस्थिति दर्ज कराने के लिए प्रधानाध्यापक ने नई उपस्थिति पंजिका बनाई और पूरे स्टाफ के फर्जी हस्ताक्षर किए। सहायक अध्यापक सत्यभान ने एक नवंबर 2020 को नई उपस्थिति पंजिका बनाई। प्रधानाध्यापक ने उसे फाड़ दिया। आरोप है कि वर्ष 2018- 19 व 2019 20 की कंपोजिट ग्रांट नियमित उपभोग न कर वित्तीय अनियमितता की गई। बीईओ की रिपोर्ट पर जिला बेसिक शिक्षा अधिकारी लालजी यादव ने प्रधानाध्यापक को निलंबित कर दिया है। इसकी जांच खंड शिक्षा अधिकारी नवाबगंज को दी गई है ।

दूसरे मामले में 8 जनवरी को बीईओ ने प्राथमिक विद्यालय कोरीखेड़ा का निरीक्षण किया था। उनको विद्यालय स्टाफ ने बताया कि सहायक अध्यापक सुशील कुमार 1 से 20 दिसंबर तक विद्यालय से अनुपस्थित रहे । इसके बावजूद उपस्थिति पंजिका में जबरन हस्ताक्षर कर दिए । बीईओ की रिपोर्ट पर बीएसए ने सुशील कुमार को निलंबित कर दिया है। इसकी जांच खंड शिक्षा अधिकारी शमसाबाद को दी है।

समग्र शिक्षा (सर्व शिक्षा अभियान) के अंतर्गत जनपद में कार्यरत संविदाकर्मी/ सेवा प्रदाता -कर्मियों का समय मानदेय भुगतान किए जाने के संबंध में।

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