यूपी के प्राथमिक स्कूलों की 69000 शिक्षक भर्ती की गड़बडिय़ां दूर, 6800 नवचयनितों की सूची जारी
69,000 शिक्षक भर्ती : आरक्षित श्रेणी के 6800 अभ्यर्थियों को मिलेगी नियुक्ति, ओबीसी के 5660 और एससी के 1041 अभ्यर्थियों को मिला नियुक्ति पाने का मौका
69,000 सहायक अध्यापक भर्ती में आरक्षण निर्धारण में विसंगति के कारण चयन से वंचित रहे आरक्षित वर्ग के अभ्यर्थियों की बहुतप्रतीक्षित चयन सूची आखिरकार बुधवार को जारी हो गई। बेसिक शिक्षा परिषद की ओर से आरक्षित वर्ग के 6800 अभ्यर्थियों की चयन सूची जारी की गई है। काउंसलिंग और नियुक्ति पत्र वितरण का कार्यक्रम बृहस्पतिवार को जारी किया जाएगा।
परिषद के सचिव प्रताप सिंह बघेल ने बताया कि पिछड़ा वर्ग के 5660, अनुसूचित जाति वर्ग के 1041 और विशेष आरक्षण दिव्यांग वर्ग के 99 अभ्यर्थियों का चयन किया गया है। उन्होंने बताया कि काउंसलिंग और नियुक्ति पत्र वितरित का कार्यक्रम बृहस्पतिवार को जारी किया जाएगा। उल्लेखनीय है कि भर्ती में आरक्षण विसंगति का आरोप लगाते हुए अभ्यर्थियों ने करीब डेड़ वर्ष तक संघर्ष किया।
बीते महीने केंद्रीय गृहमंत्री अमित शाह और मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ की सभा में अभ्यर्थियों के हंगामे के बाद मामले पर सरकार गंभीर हुई। सरकार ने 24 दिसंबर को आरक्षित वर्ग के वंचित 6000 अभ्यर्थियों को चयनित करने की घोषणा की थी। सूत्रों के मुताबिक विभाग इस बार कोई भी जोखिम उठाना नहीं चाहता था इसलिए पूर्व निर्धारित संख्या से भी आठ सौ अधिक अभ्यर्थियों को चयनित किया है।
बेसिक शिक्षा परिषद के प्राथमिक स्कूलों की 69000 शिक्षक भर्ती की गड़बडिय़ां दूर कर दी गई हैं। लंबे इंतजार के बाद 6800 नव चयनितों की सूची बुधवार शाम परिषद की वेबसाइट पर जारी कर दी गई। चयन सूची में ओबीसी व एससी वर्ग के अभ्यर्थियों की संख्या सबसे अधिक है, इनमें सामान्य वर्ग के अभ्यर्थी भी शामिल हैं। परिषद जिला आवंटन की सूची अलग से जारी करेगा।
परिषदीय प्राथमिक स्कूलों की सहायक अध्यापक भर्ती में अधिकारियों व कार्मिकों की अनदेखी से आरक्षित वर्ग के अभ्यर्थियों का अपेक्षित चयन नहीं हो सका था। इसे लेकर अभ्यर्थी छह माह से आंदोलित थे। मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ ने इसका संज्ञान लिया, बेसिक शिक्षा मंत्री डा. सतीश द्विवेदी ने 24 दिसंबर को विसंगति की वजह से बाहर होने वाले अभ्यर्थियों को चयनित करने की समय सारणी जारी किया था, लेकिन परिषद के अधिकारी उसका भी तय समय में अनुपालन नहीं कर सके। वेबसाइट पर 30 दिसंबर को जारी होने वाली सूची की तारीख बढ़ाकर तीन जनवरी की गई थी। आखिरकार बुधवार शाम को सूची घोषित की गई है।
इसमें लिखा है कि शासनादेश के अनुसार 69000 शिक्षक भर्ती प्रक्रिया में राष्ट्रीय सूचना विज्ञान केंद्र यानि एनआइसी की ओर से 6800 अभ्यर्थियों की चयन सूची तैयार की गई है। नये चयनितों में आरक्षित व विशेष आरक्षण के अभ्यर्थी शामिल हैं। अनंतिम औपबंधिक चयन सूची हाईकोर्ट में दाखिल याचिका महेंद्र पाल व अन्य बनाम उप्र राज्य व अन्य, राबिन सिंह व अन्य बनाम उप्र राज्य व अन्य सहित अन्य याचिकाओं में पारित होने वाले आदेश के अधीन होगी। नव चयनितों की जिला आवंटन सूची अलग से जारी की जाएगी।
काउंसिलिंग व नियुक्तिपत्र वितरण की नई तारीखें होंगी घोषित : चयनितों की सूची घोषित होने में देरी से अब नियुक्तिपत्र देने का शेड्यूल भी गड़बड़ा गया है। परिषद ने नव चयनितों को अभी जिला आवंटन नहीं किया है, ऐसे में अब काउंसिलिंग व नियुक्तिपत्र वितरण की नई तारीखें घोषित होंगी। ज्ञात हो कि पहले 30 दिसंबर को जिला आवंटन सूची और तीन से पांच तक काउंसिलिंग और छह जनवरी को नियुक्तिपत्र दिया जाना था। बाद में तीन जनवरी को सूची और चार व पांच को काउंसिलिंग कराकर नियुक्तिपत्र दिए जाने का प्रस्ताव था।
Category: 69000 शिक्षक भर्ती
69 हजार शिक्षक भर्ती, आरक्षित एवं विशेष आरक्षण के नवीन चयनित अभ्यर्थियों की सूची जारी, लिस्ट मे देखे अपना नाम, यहां से करें डाउनलोड
📌69 हजार शिक्षक भर्ती, आरक्षित एवं विशेष आरक्षण के नवीन चयनित अभ्यर्थियों की सूची जारी, लिस्ट मे देखे अपना नाम, यहां से करें डाउनलोड
http://basicshikshak.com/wp-content/uploads/2022/01/69000-4th-list.pdf
69000 सहायक अध्यापक भर्ती प्रक्रिया में अनन्तिम चयनित / जनपद आवंटन सूची में सम्मिलित अभ्यर्थियों का विवरण निम्नवत है
69000 सहायक अध्यापक भर्ती: छह हजार अभ्यर्थियों की आज सार्वजनिक होगी सूची
लखनऊ : बेसिक शिक्षा परिषद के प्राथमिक स्कूलों में नियुक्ति पाने के दावेदार लगभग छह हजार अभ्यर्थियों की सूची गुरुवार को सार्वजनिक होगी। संबंधित जिलों में अभिलेखों का परीक्षण तीन से पांच जनवरी तक होगा इसमें मिले अर्ह अभ्यर्थियों को छह जनवरी को नियुक्तिपत्र वितरित किए जाएंगे।
परिषदीय प्राथमिक स्कूलों की 69000 सहायक अध्यापक भर्ती में अधिकारियों व कार्मिकों की अनदेखी से आरक्षित वर्ग के अभ्यर्थियों का अपेक्षित चयन नहीं हो सका था। आंदोलन प्रदर्शन करने वालों का मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ ने संज्ञान लिया था। जिसके बाद बेसिक शिक्षा मंत्री डा. सतीश द्विवेदी ने विसंगति से बाहर होने वाले अभ्यर्थियों को चयनित करने की समय सारिणी जारी की थी, उसी के अनुसार गुरुवार को वेबसाइट पर सूची का प्रदर्शन होगा।
इसमें किस अभ्यर्थी को कौन जिला आवंटित हुआ है इसका भी उल्लेख रहेगा। इसी के आधार पर उनकी संबंधित जिलों में काउंसिलिंग कराकर नियुक्तिपत्र दिए जाएंगे।
69000 शिक्षक भर्ती:- 22000 पद जोड़कर प्रक्रिया पूरी करने की मांग कर रहे अभ्यर्थी,लखनऊ निर्देशालय पर धरना जारी
Watch “1-20 बढ़ते या घटते क्रम में संख्याओं की व्यवस्था करना” on YouTube
69000 Shikshak Bharti: 69000 शिक्षक भर्ती : विद्यालय आवंटन के लिए सत्यापन आज
सहायक अध्यापक भर्ती प्रकिया में रिक्त पदों पर तृतीय चरण में चयनित 6696 अभ्यर्थियों के विद्यालय आवंटन के सम्बंध में।
प्रयागराज। परिषदीय स्कूलों में हुई 69 शिक्षक भर्ती में तीसरी काउंसलिंग में चयनित अभ्यर्थियों के विद्यालय आवंटन के लिए ऑनलाइन डॉटा वेरीफिकेशन मंगलवार को होगा। किसी भी समस्या के निराकरण के लिए परिषद कार्यालय के उपसचिव बेसिक शिक्षा परिषद राजेंद्र सिंह व संबंधित पटल के सहायक विक्रम सिंह से दूरभाष पर संपर्क कर सकते हैं। गौरतलब है कि इससे पहले 29 अक्तूबर को यह प्रक्रिया पूरी होनी थी लेकिन अपरिहार्य कारणों से कार्रवाई रोक दी गई थी। बाद में उस दिन अंतरजनपदीय तबादले पर आए उच्च प्राथमिक के शिक्षकों को विद्यालय आवंटित किया गया था।
69000 सहायक अध्यापक भर्ती मामले में एक गलत प्रश्न का अंक याचिकाकर्ताओं को देने का निर्देश, चयनित हो चुके लोग नहीं होंगे प्रभावित
इलाहाबाद हाईकोर्ट ने 2018 की सहायक अध्यापक भर्ती परीक्षा में पूछे गए सवालों के सही उत्तर को लेकर दाखिल अपील पर अभ्यर्थियों को आंशिक राहत दी है। कोर्ट ने एक प्रश्न के उत्तर को गलत मानते हुए उसका एक अंक उन अभ्यर्थियों को देने का निर्देश दिया है, जिन्होंने हाईकोर्ट में अपील या याचिका दाखिल की है और जिनके एक ही अंक कम पड़ रहे हैं।
अभ्यर्थियों की ओर से छह सवालों के उत्तर को लेकर चुनौती दी गई थी। उनके मुताबिक भर्ती प्राधिकारी ने जिन उत्तरों को सही माना है, वह सही नहीं हैं। कोर्ट ने इनमें से सिर्फ एक प्रश्न संख्या 60 को लेकर की गई आपत्ति को ही सही पाया। इस एक प्रश्न का एक अंक उन अभ्यर्थियों को देने का निर्देश दिया है, जिन्होंने याचिका या अपील दाखिल की है और उनमें भी यह अंक उन्हीं अपीलार्थियों, याचिकाकर्ताओं को मिलेगा जिनके एक अंक ही कम पड़ रहे हैं। कोर्ट ने कहा है कि यदि यह एक अंक पाने के बाद अभ्यर्थी मेरिट में आ जाता है तो उसे नियुक्ति दी जाए। अभिषेक श्रीवास्तव व दर्जनों अन्य की ओर से दाखिल विशेष अपीलों पर कार्यवाहक मुख्य न्यायमूर्ति एमए भंडारी और न्यायमूर्ति अनिल कुमार ओझा की पीठ ने सुनवाई की।
विशेष अपील में एकल न्यायपीठ के फैसले को चुनौती दी गई थी। एकल पीठ ने अभ्यर्थियों का दावा खारिज कर दिया था। अपीलों में कहा गया कि सहायक अध्यापक भर्ती परीक्षा छह जनवरी 2019 को हुई। इसकी उत्तर कुंजी पांच अगस्त 20 को जारी की गई। उत्तर कुंजी से मिलान करने पर अभ्यर्थियों ने छह प्रश्नों पर आपत्ति की। उनके मुताबिक परीक्षा प्राधिकारी ने जिन उत्तरों को सही माना है वह सही है जबकि अभ्यर्थियों द्वारा दिए गए जवाब सही हैं।
रणविजय सिंह केस के आलोक में परीक्षणहाईकोर्ट ने सर्वोच्च न्यायालय द्वारा रणविजय सिंह केस में प्रतिपादित विधि सिद्धांत के आलोक में मामले का परीक्षण किया। इस केस में सुप्रीम कोर्ट ने कहा है कि उत्तर पुस्तिकाओं के पुर्नपरीक्षण या स्क्रूटनी के मामले में अदालतों के अधिकार सीमित हैं। यदि भर्ती के नियमों में पुर्नपरीक्षण व स्क्रूटनी के प्रावधान हैं तो अधिकारियों को यह अधिकार अभ्यर्थियों को देना चाहिए। यदि प्रावधान नहीं है तो अदालत तभी पुर्नपरीक्षण या स्क्रूटनी का आदेश दे सकती है जबकि ठोस साक्ष्यों के साथ यह प्रमाणित कर दिया जाए कि परीक्षा प्राधिकारी ने वास्तव में सही उत्तर चुनने में गलती की है।
सर्वोच्च अदालत ने यह भी कहा है कि संदेह होने की दशा में संदेह का लाभ परीक्षा प्राधिकारी को मिलेगा न कि अभ्यर्थी को। अदालत ने सभी छह प्रश्नों का बारी बारी से परीक्षण किया। पांच प्रश्नों में अभ्यर्थी अपने दावे को साबित नहीं कर सके। जबकि प्रश्न संख्या में 60 में विकल्प के रूप में दिए गए लेखक का नाम गलत होने के कारण कोर्ट ने इस प्रश्न का एक अंक समिति अभ्यर्थियों को देने का निर्देश दिया है।
चयनित हो चुके लोग नहीं होंगे प्रभावितहाईकोर्ट ने कहा है कि जो लोग पहले से चयनित हो चुके हैं और नियुक्ति पा चुके हैं उन पर किसी प्रकार का प्रभाव नहीं पड़ना चाहिए। चयन व नियुक्ति प्रक्रिया पूरी हो चुकी है इसलिए ज्यादा संख्या में या सभी अभ्यर्थियों को अंक देने से पूरी प्रक्रिया अस्त व्यस्त हो जाएगी। लिहाजा लाभ सिर्फ उनको मिलेगा जिन्होंने याचिका दाखिल की है और जिनके एक अंक ही कम पड़ रहे हैं। यदि किसी के दो अंक कम हो रहे हैं तो उसको इस आदेश का लाभ नहीं मिलेगा