69 हजार शिक्षक भर्ती, आरक्षित एवं विशेष आरक्षण के नवीन चयनित अभ्यर्थियों की सूची जारी, लिस्ट मे देखे अपना नाम, यहां से करें डाउनलोड

69000 4th list

📌69 हजार शिक्षक भर्ती, आरक्षित एवं विशेष आरक्षण के नवीन चयनित अभ्यर्थियों की सूची जारी, लिस्ट मे देखे अपना नाम, यहां से करें डाउनलोड

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सरकार ने मानी 69000 शिक्षक भर्ती की 31277 चयन सूची में हैं विसंगतियां, समझिये पूरा मामला

सरकार ने माना – 69000 शिक्षक भर्ती की 31277 चयन सूची में हैं विसंगतियां, समझिये पूरा मामला

31,277 अभ्यर्थियों की चयन सूची में हैं विसंगतियां, एनआइसी की जांच रिपोर्ट आने के बाद कार्यवाही


69000 शिक्षक भर्ती के अंतर्गत 31277 शिक्षकों की नियुक्ति फौरी, हो सकेगा बदलाव, प्रत्येक की नियुक्ति सर्वोच्च न्यायालय के आदेश के अधीन

हाईकोर्ट की लखनऊ बेंच में राज्य सरकार की ओर से स्पष्ट किया गया है कि सहायक अध्यापक भर्ती परीक्षा- 2019 में 31 हजार 277 पदों पर हो रही चयन व नियुक्ति प्रक्रिया फौरी है व पुनरीक्षण के अधीन है। सरकार की ओर से यह जवाब एक अभ्यर्थी की याचिका पर दिया गया जिसमें याची से कम अंक प्राप्त करने वाले अभ्यर्थी को काउंसलिंग के लिए बुलाया गया जबकि अभ्यर्थीको अधिक अंक मिलने के बावजूद चयन सूची से बाहर कर दिया गया है। वहीं सरकार की ओर से यह भी बताया गयाकि इस सम्बंध में एन आईसी द्वारा जांच की जा रही है और जांच का परिणाम आने पर इस प्रकार की गड़बड़ियों को दूर कर लिया जाएगा। 

सरकार के इस आश्वासन के बाद न्यायालय ने किसी अन्य आदेश को पारितकरने की आवश्यकता नहीं पाई। न्यायमूर्ति मनीष कुमार की एकल सदस्यीय पीठ ने कहा कि सरकार के उक्त आश्वासन के पश्चात याची व इस प्रकार के अन्य अभ्यर्थियों के अधिकार व हित को सुरक्षित करने के लिए किसी अन्य आदेश की आवश्यकता नहीं है। दरअसल याची पंकज यादव की ओर से दाखिल उक्त याचिका में कहा गया कि उसे 71.1 अंक मिले जबकि उससे कम अंक पाने वाले अभ्यर्थियों को काउंसलिंग के लिए बुलाया गया व उसे चयन सूची में जगह नहीं मिली। याचिका में ऐसे एक अभ्यर्थी का उदाहरण भी दिया गया जिसे 68.78 अंक मिलने के बावजूद काउंलिंग के लिए बुलाया गया। कहा गया कि दरअसल कुल 69 हजार पदों पर भर्ती की जानी थी लेकिन सर्वोच्च न्यायालय द्वारा शिक्षामित्रों के लिए 37 हजार 339 पदों को सुरक्षित रखने के आदेश के बाद 31 हजार 277 पदों पर ही भर्ती की जानी है।

प्रत्येक की नियुवित सर्वोच्च न्यायालय के आदेश के अधीनयाचिका के जवाब में राज्य सरकार की ओर से पेश अधिवक्ता का कहना था कि इस मामते में प्रत्येक नियुक्ति सर्वोच्च न्यायालय के अंतिम आदेशों के अधीन है क्योंकि वहां एक विशेष अनुमति याचिका में कट ऑफ मार्क्स और शिक्षामित्रों को समायोजित किये जाने का मुद्दा विचाराधीन है। सरकारी अधिवक्ता ने आगे कहा कि अधिक अंक पाने वाले अभ्यर्थियों को नजरंदाज कर के कम अंक वालों को नियुक्ति देने का प्रश्न ही नहीं उठता। यदि किन्हीं मामलों में हो जाता है तो अधिक अंक वाले अभ्यर्थी को फ्रेश काउंसलिंग के लिए बुलाया जाएगा व कम अंक वाले की चयन व नियुक्ति रद्‌ कर दी जाएगी। हालांकि यह भी कहा गया कि उक्त विसंगतियों को लेकर एनआईसी द्वारा जांच की जा रही है, जांच परिणाम आने के पश्चात इन्हें ठीक कर लिया जाएगा।

लखनऊ। यूपी सरकार ने हाईकोर्ट की लखनऊ खंडपीठ में सोमवार को स्वीकार किया कि सहायक शिक्षक भर्ती-2019 की चयन सूची में बिसंगतियां हैं। सरकार ने कोर्ट से यह भी कहा कि बिसंगतियों को लेकर नेशनल इन्फॉर्मेशन सेंटर (एनआईसी ) से जवाब मांगा गया है। एनआईसी का जवाब मिलने के बाद जरूरी कार्रवाई की जाएगी। सरकार की तरफ से कहा गया कि 31,277 पदों पर भर्तियों का सुप्रीम कोर्ट के समक्ष विचाराधीन एसएलपी में पारित आदेश के तहत पुनरावलोकन किया जा सकता है। 

न्यायमूर्ति मनीष कुमार ने सरकार द्वारा जवाब दाखिल किए जाने के बाद कहा कि याची पंकज यादव की याचिका पर कोई आदेश पारित करने की आवश्यकता नहीं है। याचिका में कहा गया था कि अधिक अंक पाने के बावजूद याची का नाम चयन सूची में नहों है। याची की दलील थी कि ओबीसी श्रेणी में उसका क्वालिटी प्वाइंट मार्क्स 71.1 फीसदी है, पर उसे काउंसिलिंग के लिए नहीं बुलाया गया। वहीं, 68.78 फीसदी वालों को इसके लिए बुलाया गया। राज्य सरकार की ओर से पेश हुए अपर मुख्य स्थायी अधिवक्ता रणविजय सिंह ने कहा कि कम अंक पाने बाले अभ्यर्थी को नियुक्ति देने का कोई सवाल ही नहीं उठता। अगर कोई गलती हुई है, तो उसे सुधारा जाएगा।

यह है मामला : परिषदीय स्कूलों में 69,000 शिक्षक भर्ती मामले में सोमवार कोर्ट के 21 मई के पर राज्य सरकार ने 31,661 पदों पर चयनितों की सूची जारी करने का आदेश दिया था। इसके बाद बेसिक शिक्षा परिषद ने 31,277 पर्दो पर अभ्यर्थियों का अनंतिम रूप से चयन कर उनको जिलों में भेज दिया।

लखनऊ : इलाहाबाद हाईकोर्ट की लखनऊ खंडपीठ में सोमवार को राज्य सरकार ने स्वीकार किया कि सहायक शिक्षक भर्ती-2019 भर्ती की चयन सूची में विसंगतियां हैं। साथ ही कहा कि इस विषय में एनआइसी से जवाब-तलब किया गया है, जिसका जवाब आने पर कार्यवाही की जाएगी।

सुनवाई के दौरान राज्य सरकार ने ये भी स्पष्ट किया कि 31,277 पदों पर भर्तियां फौरी हैं और इनका सुप्रीम कोर्ट के समक्ष विचाराधीन एसएलपी में पारित आदेश के तहत पुनरावलोकन किया जा सकता है। राज्य सरकार द्वारा जवाब दाखिल किए जाने के बाद जस्टिस मनीष कुमार की एकल पीठ ने कहा कि पंकज यादव द्वारा दाखिल इस याचिका पर कोई भी आदेश पारित करने की आवश्यकता नहीं है। याचिका में कहा गया था कि बेसिक शिक्षक भर्ती-2019 में उससे कम अंक पाने वाले अभ्यर्थियों को काउंसिलिंग के लिए बुलाया गया है, जबकि अधिक अंक होते हुए भी उनका नाम 24 सितम्बर, 2020 को घोषित की गई चयन सूची में नहीं है और न ही काउंसिलिंग के लिए बुलाया गया है।

दरअसल याची के अधिवक्ता का आरोप था कि ओबीसी कैटेगरी में याची के क्वालिटी प्वाइंट मार्क्‍स 71.1 प्रतिशत हैं किन्तु उसे काउंसिलिंग के लिए नहीं बुलाया गया है जबकि 68.78 प्रतिशत अंक पाने वालों को बुलाया गया है जो कि सरासर मनमाना व गलत है। वहीं राज्य सरकार की तरफ से पेश अपर मुख्य स्थायी अधिवक्ता रणविजय सिंह ने कहा कि कम अंक पाने वाले अभ्यर्थी को नियुक्ति देने का कोई सवाल ही नहीं उठता। यदि कहीं कोई गलती हुई है, तो उसे सुधारा जाएगा।

69000 शिक्षक भर्ती : स्कूल प्रबंधक समेत सभी आरोपी होंगे भगोड़ा घोषित

द्रमा यादव समेत अन्य के खिलाफ गैर जमानती वारंट लेने के बाद अब एसटीएफ उन्हें भगोड़ा घोषित कराने में लगी है । कोर्ट खुलते ही कार्रवाई की जाएगी। उन पर इनाम घोषित कराया जाएगा। इस दौरान अगर उनकी गिरफ्तारी नहीं हुई तो पुलिस कोर्ट के आदेश पर उनके घरों की कुर्की करेगी।

69000 शिक्षक भर्ती मामले में AOR के अनुसार Cut off सुनवाई 24 जुलाई सुप्रीम कोर्ट में

सुप्रीम कोर्ट नई दिल्ली

कोर्ट मास्टर से हुई वार्ता के क्रम में  69000 शिक्षक भर्ती कट ऑफ मामले की सुनवाई 24 जुलाई 2020 को ही होगी।

कानपुर नगर: 69000 शिक्षक भर्ती प्रक्रिया के अंतर्गत अभ्यर्थियों द्वारा जमा किए गए दस्तावेजों के वापसी के संबंध में आदेश जारी

कानपुर नगर: 69000 शिक्षक भर्ती प्रक्रिया के अंतर्गत अभ्यर्थियों द्वारा जमा किए गए दस्तावेजों के वापसी के संबंध में आदेश जारी

Lucknow – 69 हजार शिक्षक भर्ती मामले में सुनवाई शुरू, हाईकोर्ट की लखनऊ बेंच में सुनवाई शुरू हुई, महाधिवक्ता राघवेंद्र सिंह पक्ष रख रहे हैं, सरकार की तरफ से राघवेंद्र सिंह पक्ष रख रहे, कट ऑफ पर शिक्षामित्र,बीएड वालों की लड़ाई, शिक्षामित्रों ने कट ऑफ को चैलेंज किया था।

Lucknow – 69 हजार शिक्षक भर्ती मामले में सुनवाई शुरू, हाईकोर्ट की लखनऊ बेंच में सुनवाई शुरू हुई, महाधिवक्ता राघवेंद्र सिंह पक्ष रख रहे हैं, सरकार की तरफ से राघवेंद्र सिंह पक्ष रख रहे, कट ऑफ पर शिक्षामित्र,बीएड वालों की लड़ाई, शिक्षामित्रों ने कट ऑफ को चैलेंज किया था।

Lucknow – 69 हजार शिक्षक भर्ती मामले में सुनवाई शुरू, हाईकोर्ट की लखनऊ बेंच में सुनवाई शुरू हुई, महाधिवक्ता राघवेंद्र सिंह पक्ष रख रहे हैं, सरकार की तरफ से राघवेंद्र सिंह पक्ष रख रहे, कट ऑफ पर शिक्षामित्र,बीएड वालों की लड़ाई, शिक्षामित्रों ने कट ऑफ को चैलेंज किया था।

Lucknow – 69 हजार शिक्षक भर्ती मामले में सुनवाई शुरू, हाईकोर्ट की लखनऊ बेंच में सुनवाई शुरू हुई, महाधिवक्ता राघवेंद्र सिंह पक्ष रख रहे हैं, सरकार की तरफ से राघवेंद्र सिंह पक्ष रख रहे, कट ऑफ पर शिक्षामित्र,बीएड वालों की लड़ाई, शिक्षामित्रों ने कट ऑफ को चैलेंज किया था।

69000 शिक्षक भर्ती : सरकार ने इलाहाबाद हाइकोर्ट में स्पेशल अपील की दाखिल , 60-65 % के समर्थन में सरकार का रुख स्पष्ट, जानिए कब होगी सुनवाई ?

69000 शिक्षक भर्ती:: 60-65 परसेंट कट ऑफ केस में सरकार ने आज इलाहाबाद हाई कोर्ट की डबल बेंच में स्पेशल अपील दाखिल की।  सरकार का रुख पूरी तरीके से 60- 65 परसेंट के समर्थन में स्पष्ट रूप से दिख रहा है , सरकार जल्द से जल्द सुनवाई करने के पक्ष में । इसके साथ ही इलाहाबाद हाईकोर्ट के साथ-साथ लखनऊ हाई कोर्ट अब  दो जगह कट ऑफ प्रकरण संबंधित सुनवाई चलेगी और अब कटऑफ प्रकरण के संबंध में जल्द से जल्द फाइनल रिजल्ट आने की संभावना बढ़ती हुई ।। जानिए कब होगी सुनवाई प्रारंभ और उसके साथ ही सरकार के अन्य महत्वपूर्ण कदम बीएड और बीटीसी के अभ्यर्थियों के लिए इस वीडियो में ।

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