बेसिक शिक्षा विभाग:- सुरेश कुमार वर्मा ABSA कानपुर की CORONA से मौत

सुरेश कुमार वर्मा ABSA कानपुर की CORONA से मौत …..😢

विभाग जिस प्रकार की लापरवाही लगातार करता जा रहा आने वाले समय में कहा जा सकता है कि शिक्षक ही कोरोना के वाहक हो जाएंगे

सूचनाएं जो विभाग ऑनलाइन माध्यम से प्राप्त कर सकता है उसे भी विद्यालय में उपस्थित होकर मांगा जा रहा जिससे अदर जनपदों के अध्यापक बसों के माध्यम से अथवा अपने स्व सेल्फ वाहन से यात्रा कर विद्यालय पहुंचते हैं

एक जनपद से दूसरे जनपद की यात्रा कोरोना वाहक का कार्य करती है जबकि विद्यालय में छात्रों की उपस्थिति सरकार द्वारा 31 अगस्त तक स्थगित कर दी गई है

आने वाले समय में ऐसी घटनाएं आपको और भी अधिक संख्या में सुनने को मिल सकती है अगर विभाग इसी प्रकार की लापरवाही करता रहा तो।

कौशांबी:- फिर उठा खंड शिक्षा अधिकारी द्वारा शिक्षकों से धन उगाही एवं भ्रष्टाचार का मामला, शिक्षक संगठन के जिला अध्यक्ष ने दर्ज कराई आपत्ती

श्री रमेश चंद पटेल खण्ड शिक्षा अधिकारी वि .क्षे.-मूरतगंज ,जनपद – कौशाम्बी द्वारा शिक्षकों से धन उगाही किये जाने तथा उनके भ्रष्टाचार में संलिप्तता के संदर्भ में

उपर्युक्त विषयक अवगत कराना है कि श्री रमेश चंद पटेल खंड शिक्षा अधिकारी वि .क्षे . मूरतगंज जनपद कौशांबी जनपद के एक ही ब्लाक में विगत लगभग 7 वर्षों से कार्यरत हैं। यह पूरी तरह से भ्रष्टाचार में लिप्त हैं । विगत वर्षों में इनके उपर कई गंभीर आरोप भी लगे और उनका स्थानांतरण महाराजगंज जनपद में हो गया था परन्तु येन -केन- प्रकारेण अपने स्थानांतरण आदेश को इनके द्बारा रुकवा कर पुनः भ्रष्टाचार में पूर्णतः लिप्त हो गये। इनके द्वारा हर मद में धन उगाही की जाती है । इनके द्वारा हर मद का रेट निर्धारित है। परिषदीय शिक्षकों के ज्वाइनिंग शुल्क के रूप में प्रति शिक्षक ₹3000 से ₹4000 की वसूली की जाती है। एक माह के मेडिकल स्वीकृत हेतु लगभग ₹5000 ,सीसीएल हेतु प्रतिमाह ₹6000 मातृत्व अवकाश हेतु ₹3000 से 4000, कम्पोजिट ग्रांट में कमीशन 5 से 10 परसेंट, इनके द्बारा निर्धरित फर्म से ड्रेस आपूर्ति व कमीशन प्रति बच्चा ₹40, यू डाइस प्रपत्र फीडिंग हेतु ₹300 एवं पे स्लिप हेतु ₹500 निर्धारित है। उक्त हर मद में धन उगाही का काम स्वयं एवं उनके मातहत द्वारा किया जाता है। जो भी शिक्षक धन उगाही में नहीं शामिल होता है इनके द्बारा पहले उसे मानसिक रूप से प्रताड़ित किया जाता है । उस पर विभागीय कार्यवाही आरोपित करने की धमकी दी जाती है और अंत में गलत आरोप लगाकर उसका निलम्बन भी करा दिया जाता है जिस कारण मजबूरी बस उक्त निर्धारित मद को ससमय देने के लिए परिषदीय शिक्षकों को मजबूर कर दिया जाता हैं।अतः मूरतगंज ब्लाक के अधिकांश परिषदीय शिक्षक इनके प्रताड़ना व शोषण से पीड़ित है।
इसके अतिरिक्त इनके द्वारा एक ही फर्म से व्हाइट बोर्ड /फर्नीचर मार्केट से उच्च कीमत पर उच्च अधिकारियों का भय दिखाकर खरीदने के लिए मजबूर किया जाता है। जो भी प्र.अ ./विद्यालय प्रबंध समिति इनके द्वारा बताए गए फर्म से उक्त वस्तुओं को नहीं लेती है तो इनके द्वारा गलत आरोप लगाकर विभागीय कार्रवाई आरोपित की जाती है। इसके अतिरिक्त इनके द्वारा कुछ शिक्षकों को ₹ 5000 से 10000 प्रति माह लेकर विद्यालय में न आने की छूट दी गई । कंपॉज़िट विद्यालय रोही वि .क्षे . मूरतगंज की शिक्षिका श्रीमती रश्मि कुमारी को मातृत्व अवकाश उपरांत बिना संबंधित विद्यालय में कार्यभार ग्रहण किए रुपए लेकर आनन-फानन में ऑफलाइन चिकित्सीय अवकाश दिखाकर कार्यभार ग्रहण कराया गया जो शासन के निर्देशों का उल्लंघन है। महोदय इनके भ्रष्टाचार में जो भी शिक्षक शामिल नहीं होता है उस पर इनके द्बारा विभागीय कार्यवाही सम्पादित कर /करा दी जाती है ।
इसके अतिरिक्त इनके द्वारा सत्र 2020-21 हेतु पाठ्य पुस्तकों का उठान महा निदेशक स्कूल शिक्षा के आदेश ,स्कूल तक पुस्तकों को पहुंचाने की जिम्मेदारी खण्ड शिक्षा अधिकारी की ,के बावजूद भी अध्यापको से कराया जा रहा है और इस मद में शासन द्बारा प्रेषित धनराशि का भी फर्जी बिल लगाने की भी भविष्य में आशंका है । BRC के खातों में विभिन्न प्रशिक्षणों / कार्यों हेतु शासन द्बारा प्रेषित धनराशि का भी उपयोग शासन के आदेशों /मानक अनुरूप इनके द्बारा नहीं किया गया तथा उसका फर्जी तरीके से बिल – बाऊचर संलग्न कर धन का बंदरबाट किया गया है । इस प्रकार उक्त अधिकारी द्वारा शासन के नियमों की धज्जियां उड़ाई जा रही है और विभाग की छवि को धूमिल किया जा रहा है।
अतः पूरी तरह से भ्रष्टाचार में लिप्त व शिक्षकों का शोषण के उदेश्य से अनावश्यक प्रताडि़त करने वाले उक्त खंड शिक्षा अधिकारी द्वारा लगातार विभाग की छवि धूमिल की जा रही है । विभागीय मा . मन्त्री महोदय व उच्च अधिकारियों से मैं मांग करता हूँ कि भ्रष्टाचार में लिप्त खण्ड शिक्षा अधिकारी के उक्त कृत्यों की व उनके द्बारा बनाई गयी चल अचल संपत्तियों की जांच करा कर उचित कार्यवाही की जाय ।
धन्यवाद ।
भवदीय
नितिन कुमार यादव (जिला अध्यक्ष )
बेसिक शिक्षक वेलफेयर एसोसिएशन जनपद इकाई कौशाम्बी

बेसिक शिक्षा विभाग:- covid-19 के संक्रमण को दृष्टिगत रखते हुए तत्काल प्रभाव से बेसिक शिक्षा अधिकारी कार्यालय 29 जुलाई तक किया गया बंद

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बेसिक शिक्षा विभाग:- बेसिक शिक्षा विभाग में कर्मियों का होगा मूल्यांकन शिक्षकों से लेकर BEO, BSA तक के मूल्यांकन के मानक हुए तय

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वर्ष 2020-21 में परिषदीय स्कूलों में कक्षा 1से 8 तक निःशुल्क-यूनिफार्म वितरण हेतु 75 प्रतिशत धनराशि हुई अवमुक्त

वर्ष 2020-21 में परिषदीय स्कूलों में कक्षा 1से 8 तक #निःशुल्क_यूनिफार्म वितरण हेतु 75 प्रतिशत धनराशि हुई अवमुक्त…!!

बाराबंकी:- बेसिक शिक्षा अधिकारी हुए कोरोना पॉजिटिव जनपद के शिक्षकों में मचा कोहराम

और शिक्षक पॉजिटिव पाये जाने पर विद्यालय अगले दिन से ही खुल जाता है वो भी बिना सेनेटाइजेशन के

डीएम तथा सीडीओ से भी मिल चुके हैं बेसिक शिक्षा अधिकारी

UNLOCK 2.0 में केंद्र सरकार की नई नीति: 31 जुलाई 2020 तक देश के सभी प्रकार के विद्यालय बन्द रखने का शासनादेश

बेसिक शिक्षकों के लिए एक जुलाई से खुलेगा स्कूल, एक दर्जन कामों की जिम्मेदारी


लखनऊ। प्रदेश में सभी परिषदीय स्कूल शिक्षकों के लिए खुल जाएंगे। हालांकि अभी स्कूलों में पठन-पाठन नहीं होगा, लेकिन शिक्षकों और प्रधानाध्यापकों को स्कूल में बैठकर बच्चों की ऑनलाइन क्लास लेने के साथ एक दर्जन से अधिक काम करने होंगे। बेसिक शिक्षा विभाग ने शिक्षकों को जुलाई महीने का एजेंडा जारी कर दिया है। ब्लॉक स्तर पर सुबह और दोपहर की पाली में पांच-पांच प्रधानाध्यापकों को रोस्टर के अनुसार उपस्थित रहना है।

एक जुलाई से सभी शिक्षकों से मिड-डे-मील योजना के तहत बच्चों को कुकिंग लागत का भुगतान और अनाज वितरित कराना होगा। मानत्र संपदा पोर्टल पर अपने दस्तावेजों का सत्यापन करना होगा। मिशन प्रेरणा के तहत ई-पाठशाला संचालित कर बच्चों को ऑनलाइन क्लासेज देनी होगी। ऑपरेशन कायाकल्प के तहत स्कूलों का रंगरोगन, मरम्मत और सौंदर्य से जुड़े कार्य कराने होंगे। समर्थ कार्यक्रम के तहत दिव्यांग बच्चों को शिक्षा से जोड़कर उनकी शिक्षा और थैरेपी की व्यवस्था करनी होगी। स्कूलों में निशुल्क पाठ्यपुस्तक, यूनिफार्म वितरण करना होगा। शिक्षकों को यू-डायस पोर्टल पर विद्यालयों में बच्चों के नामांकन, इंफ्रास्ट्क्चर और शिक्षकों से जुड़े आंकड़े भी फीड करने होंगे। शारदा कार्यक्रम के तहत आउट ऑफ स्कूल बच्चों को चिहिनत कर उन्हें स्कूल में दाखिला दिलाना होगा। दीक्षा एप के जरिए शिक्षकों को कौशल विकास के लिए तैयार 75 कोर्स का प्रशिक्षण दिलाया जाएगा। एक ही परिसर में संचालित प्राथमिक और उच्च प्राथमिक विद्यालयों के संविलयन की कार्यवाही को भी पूरा कराना होगा। विभाग की अपर मुख्य सचिव रेणुका कुमार ने स्कूल खोलने के बाद सबसे पहले स्कूलों को पूरी तरह सैनिटाइज कराने और साफ-सफाई कराने के निर्देश दिए हैं। ब्यूरो

बेसिक शिक्षकों के अंतर्जनपदीय तबादले की उम्मीद हो रही धूमिल

शासन ने गत वर्ष 2 दिसंबर को शासनादेश जारी कर तबादला प्रक्रिया को स्वीकृति प्रदान की थी। पुरूषों के लिए तीन वर्ष एवं महिला शिक्षकों को एक वर्ष की सेवा के आधार पर आवेदन करने की छूट दी गई थी। दिव्यांग महिला एवं पुरूष शिक्षकों को अनिवार्य सेवावधि से छूट दी गई थी।

किसी भी जनपद में स्वीकृत पदों के सापेक्ष कुल 15 प्रतिशत शिक्षकों का ही तबादला होना था। कोरोना के कारण इस मसले पर अब तक कुछ नहीं हो सका है।

बेसिक शिक्षा विभाग:- विद्यालय को सेनेटाइज किये जाने के सम्बंध में आदेश जारी

बेसिक शिक्षा विभाग:- विद्यालय को सेनेटाइज किये जाने के सम्बंध में आदेश जारी