2011 का टीईटी प्रमाणपत्र 2018 के लिए वैध नहीं

2011 का टीईटी प्रमाणपत्र 2018 के लिए वैध नहीं

बिना वैध योग्यता के प्रधानाध्यापक की नियुक्ति पर हाईकोर्ट ने लगाई रोक, यूपी सरकार से मांगा जवाब।

प्रयागराज। इलाहाबाद हाईकोर्ट ने एक आदेश में कहा है कि वर्ष 2011 में टीईटी उत्तीर्ण का प्रमाण पत्र वर्ष 2018 में नियुक्ति के लिए वैध नहीं है। 

इसी के साथ कोर्ट ने प्रधानाध्यापक पद पर नियुक्ति के संदर्भ में बीएसए वाराणसी के एक सितंबर 2020 व प्रबंधन के तीन सितंबर 2020 के आदेश पर रोक लगा दी है और इस मामले में राज्य सरकार व विपक्षी से चार सप्ताह में जवाब मांगा है।

 कोर्ट ने कहा कि नियुक्ति के समय विपक्षी के पास पद पर नियुक्ति की योग्यता नहीं थी। ऐसे में उसे प्रधानाध्यापिका के पद पर बने रहने का अधिकार नहीं है।

इलाहाबाद हाईकोर्ट ने एक आदेश में कहा है कि वर्ष 2011 में टीईटी उत्तीर्ण का प्रमाण पत्र वर्ष 2018 में नियुक्ति के लिए वैध नहीं है। इसी के साथ कोर्ट ने प्रधानाध्यापक पद पर नियुक्ति के संदर्भ में बीएसए वाराणसी के एक सितंबर 2020 व प्रबंधन के तीन सितंबर 2020 के आदेश पर रोक लगा दी है और इस मामले में राज्य सरकार व विपक्षी से चार सप्ताह में जवाब मांगा है। कोर्ट ने कहा कि नियुक्ति के समय विपक्षी के पास पद पर नियुक्ति की योग्यता नहीं थी। ऐसे में उसे प्रधानाध्यापिका के पद पर बने रहने का अधिकार नहीं है। 

यह आदेश न्यायमूर्ति यशवंत वर्मा ने रमाकांत सेवा संस्थान माध्यमिक विद्यालय, पिशाचमोचन, वाराणसी की कार्यवाहक प्रधानाध्यापक  सुशीला उर्फ रामा की याचिका पर अधिवक्ता राजेश कुमार सिंह को सुनकर दिया है। याची रमाकांत सेवा संस्थान माध्यमिक विद्यालय में कार्यवाहक प्रधानाध्यापक पद पर कार्यरत थी।इसी पद पर चयनित रंजना चौबे की नियुक्ति की गई है, जिसे यह कहते हुए चुनौती दी गई हैं कि नियुक्ति के समय वह पद पर नियुक्ति की योग्यता नहीं रखती थी क्योंकि उसने वर्ष 2011 में टीईटी पास किया जो पांच वर्ष के लिए ही वैध था। ऐसे में जिस समय उसकी नियुक्ति हुई, उसके पास वैध प्रमाणपत्र नहीं था।

ब्रेकिंग न्यूज़:- इस साल नहीं खुल पाएंगे परिषदीय स्कूल, दिसंबर तक स्कूल ना खोलने पर बनी सैद्धांतिक सहमति, और भी जाने क्या कहा मंत्री जी ने

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बेसिक शिक्षा विभाग:- बेसिक शिक्षकों के लिए जन सूचना द्वारा प्राप्त महत्वपूर्ण एवं आवश्यक जानकारियां

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CTET JULY 2020:- परीक्षा सेंटर में बदलाव के लिए साईट को खोल दिया गया हैं, एग्जाम सेंटर की सूची देखने व आवेदन में सेंटर करेक्शन करने के लिए यहां क्लिक करें

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डीएलएड 2019 द्वितीय सेमेस्टर गणित की परीक्षा निरस्त, 2.5 लाख प्रशिक्षु फिर देंगे परीक्षा

डीएलएड 2019 द्वितीय सेमेस्टर गणित की परीक्षा निरस्त, 2.5 लाख प्रशिक्षु फिर देंगे परीक्षा

प्रयागराज : प्राथमिक स्कूलों में शिक्षक बनने की प्रशिक्षण परीक्षा डीएलएड भी नकल व पेपर आउट का शिकार हो गई है। परीक्षा नियामक प्राधिकारी के मुख्यालय वाले शहर प्रयागराज से लगातार पेपर आउट के प्रकरण सामने आ रहे हैं। सचिव ने डीएलएड 2019 द्वितीय सेमेस्टर गणित की परीक्षा प्रदेश भर में निरस्त कर दी है। वहीं, इसी सेमेस्टर में मऊ जिले के एक केंद्र की सामाजिक विज्ञान की परीक्षा निरस्त की गई है। दोनों परीक्षाएं दीपावली बाद फिर से कराई जाएंगी।

बीटीसी व डीएलएड की परीक्षाएं प्रदेश भर में 30 अक्टूबर से चल रही हैं, जो 11 नवंबर तक चलेंगी। बीटीसी बैच 2013, सेवारत (मृतक आश्रित) व 2014, 2015, डीएलएड प्रशिक्षण 2017 व 2018 (अवशेष/अनुत्तीर्ण) और डीएलएड 2019 द्वितीय सेमेस्टर की शुक्रवार दोपहर 12 से एक बजे तक गणित और दो से चार बजे तक सामाजिक अध्ययन की परीक्षा हुई। इसमें गणित व सामाजिक विज्ञान का पेपर परीक्षा शुरू होने से आधे घंटे पहले वाट्सएप पर वायरल हुआ। प्रयागराज के डायट प्राचार्य संतोष कुमार मिश्र ने शनिवार को परीक्षा नियामक प्राधिकारी सचिव को रिपोर्ट सौंपी है। सचिव अनिल भूषण चतुर्वेदी ने बताया कि गणित का पेपर प्रयागराज के अलावा मऊ, हाथरस, एटा आदि कई जिलों में वायरल होने की सूचना है इसलिए गणित विषय का इम्तिहान निरस्त कर दिया है।

खुशखबरी: 35 लाख छात्र-छात्राओं को वजीफा मिलने का रास्ता साफ

खुशखबरी: 35 लाख छात्र-छात्राओं को वजीफा मिलने का रास्ता साफ

उत्तर प्रदेश सरकार ने अनुसूचित जाति, पिछड़ा वर्ग, अल्पसंख्यक और सामान्य वर्ग के गरीब छात्र-छात्राओं को दी जाने वाली सरकारी छात्रवृत्ति व फीस भरपाई की राशि के वितरण पर लगी रोक हटा ली है। वित्त विभाग के विशेष सचिव ओम प्रकाश द्विवेदी ने इस बारे में आदेश जारी किया है। सरकार के इस कदम से लगभग 35 लाख छात्र-छात्राओं को फायदा मिलेगा।

आदेश में चालू शैक्षिक सत्र के लिए इन छात्र-छात्राओं को छात्रवृत्ति व फीस भरपाई की सुविधा देने पर सहमति दे दी गयी है। लेकिन बीएड.व बीटीसी का पाठ्यक्रम चलाने वाले शिक्षण संस्थानों के छात्र-छात्राओं को फिलहाल यह सुविधा नहीं मिलेगी। कारणों की पड़ताल करने पर पता चला कि प्रदेश सरकार अभी राज्य के बीएड. और बीटीसी पाठ्यक्रम चलाने वाले शिक्षण संस्थानों की जांच करा रही है। अल्पसंख्यक कल्याण निदेशक की अध्यक्षता में बनी तीन सदस्यीय कमेटी यह जांच कर रही है। जांच पूरी होने के बाद बीएड. व बीटीसी के छात्र-छात्राओं को भी यह सुविधा मिल सकेगी।


समाज कल्याण विभाग अनुसूचित जाति और सामान्य वर्ग, पिछड़ा वर्ग कल्याण विभाग ओबीसी और अल्पसंख्यक कल्याण विभाग अल्पसंख्यक समुदाय के गरीब एवं जरूरतमंद छात्र-छात्राओं को उनकी पढ़ाई जारी रखने के लिए छात्रवृत्ति और फीस भरपाई की सुविधा देता है। दिव्यांगजन कल्याण विभाग की ओर से दिव्यांग छात्र-छात्राओं को यह सुविधा दी जाती है।

सीएम योगी ने राज्य सरकार के अधीन कार्यरत सभी कर्मचारियों को दीपावली से पहले वेतन भुगतान के लिए दिए निर्देश

सीएम योगी ने राज्य सरकार के अधीन कार्यरत सभी कर्मचारियों को दीपावली से पहले वेतन भुगतान के लिए दिए निर्देश

निष्ठा प्रशिक्षण के माड्यूल 4,5 और 6 MODULE-4, MODULE-5, MODULE-6 की लिंक एक साथ………

निष्ठा प्रशिक्षण

निष्ठा प्रशिक्षण के माड्यूल 4,5 और 6 की लिंक एक साथ………

(A) निष्ठा प्रशिक्षण मॉड्यूल 4 की लिंक निम्नवत है……

Module 4 click here 

(B) निष्ठा प्रशिक्षण मॉड्यूल 5 की लिंक निम्नवत है…….

Module 5

(C) निष्ठा प्रशिक्षण मॉड्यूल 6 की लिंक निम्नवत है…….

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दिनेश कुमार (स.अ.) ऐरायां फतेहपुर

पंचायत चुनाव : अप्रैल व मई में पंचायत चुनाव कराने की तैयारी

🔴 फिलहाल मतपेटियों, मतपत्रों तथ्य अन्य चुनाव सामग्री संजोने का काम चल रहा है।

🔴 वोटर लिस्ट के पुनरीक्षण का भी काम जारी है। 28 दिसम्बर को फाइनल ड्राफ्ट का प्रकाशन किया जायेगा।

UPTET : यूपीटीईटी फरवरी में हर जिले में परीक्षा केंद्र, बेसिक शिक्षा विभाग के प्रस्ताव को मिली हरी झंडी

UPTET:- यूपीटीईटी फरवरी में हर जिले में परीक्षा केंद्र, बेसिक शिक्षा विभाग के प्रस्ताव को मिली हरी झंडी

लखनऊ : प्राथमिक व उच्च प्राथमिक स्कूलों में शिक्षकों की भर्ती के लिए अनिवार्य उप्र शिक्षक पात्रता परीक्षा (यूपीटीईटी) फरवरी में आयोजित होगी। यूपीटीईटी के परीक्षा केंद्र प्रदेश के हर जिले में बनाये जाएंगे। मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ ने इस बाबत बेसिक शिक्षा विभाग के प्रस्ताव को हरी झंडी दिखा दी है।

कोरोना संक्रमण और लॉकडाउन के कारण वर्ष 2020 के लिए यूपीटीईटी का आयोजन नहीं हो सका है। पिछले अनुभवों के आधार पर बेसिक शिक्षा विभाग का मानना है कि यूपीटीईटी में तकरीबन 15 लाख अभ्यर्थी शामिल होंगे। बेसिक शिक्षा राज्य मंत्री (स्वतंत्र प्रभार) डॉ.सतीश चंद्र द्विवेदी ने बताया कि यूपीटीईटी में संभावित अभ्यर्थियों की बड़ी संख्या के मद्देनजर इस परीक्षा के आयोजन के लिए कम से कम तीन महीने का समय चाहिए। इसलिए विभाग ने फरवरी में यूपीटीईटी आयोजित करने का प्रस्ताव मुख्यमंत्री की मंजूरी के लिए भेजा था। मुख्यमंत्री ने विभाग के इस प्रस्ताव से सहमति जता दी है। उन्होंने बताया कि कोरोना संक्रमण को देखते हुए फरवरी में प्रस्तावित यूपीटीईटी के लिए प्रदेश के सभी जिलों में परीक्षा केंद्र बनाए जाएंगे, ताकि अभ्यर्थियों को लंबी यात्र न करनी पड़े व उन्हें सहूलियत रहे।