69000 अंतर्गत अवशेष शिक्षक भर्ती : नई जिला आवंटन सूची से फंसेगा आरक्षण का पेंच, जानिए क्यों और कैसे ?
प्रयागराज : बेसिक शिक्षा परिषद 69000 शिक्षक भर्ती पूरी कराने के लिए शेष पदों 37339 की नई जिला आवंटन सूची जारी करता है तो आरक्षण का पेंच फंसना तय है। वजह, एसटी वर्ग के लगभग सभी अभ्यर्थी पहले ही नियुक्ति पा चुके हैं, वहीं ओबीसी अभ्यर्थी बड़ी संख्या में शेष हैं। नई सूची बनाने में सभी वर्गो का आरक्षण सही अनुपात में न होने से विवाद होगा और यदि उसे दुरुस्त करने का प्रयास हुआ तो पहले की सूची से चयनितों को बाहर होना पड़ सकता है। परिषद अब फिर से एक जून को जारी 67867 सूची से काउंसिलिंग कराए, तभी विवादों पर अंकुश लग सकता है।
परिषद ने प्राथमिक स्कूलों में 69000 शिक्षकों की नियुक्ति के लिए 67867 अभ्यर्थियों की जिला आवंटन सूची जारी की थी। तय पदों से कम संख्या की सूची इसलिए निकाली गई, क्योंकि एसटी के अभ्यर्थी नहीं मिल रहे थे। शीर्ष कोर्ट ने शिक्षामित्रों के 37339 पदों को रोककर शेष 31661 पदों पर चयन करने का आदेश दिया था। परिषद ने एक जून की सूची से ही अभ्यर्थियों का बिना जिला बदले 31277 को जिला आवंटित किया था। इस सूची में आरक्षण के अनुसार सामान्य, ओबीसी, एससी आदि थे, वहीं कम अभ्यर्थी होने की वजह एसटी अभ्यर्थी ही बने। उनमें से अधिकांश को नियुक्ति दी जा चुकी है।
सुप्रीम कोर्ट ने तय कटआफ अंक को सही माना है, अब शेष पदों पर शिक्षकों की नियुक्ति होनी है। इसकी नई जिला आवंटन सूची विवादों को बढ़ाएगी, क्योंकि ओबीसी के बड़ी संख्या में अभ्यर्थी पहली सूची में स्थान नहीं पा सके थे। शेष पदों में अनारक्षित सीटों के लिए उन्हें जिला आवंटन होगा तो आरक्षण का अनुपात गड़बड़ाएगा। साथ ही एसटी के अभ्यर्थी नए जिला आवंटन में काफी कम होंगे। आरक्षण दुरुस्त करने में पिछली जिला आवंटन सूची बेमतलब हो जाएगी।
हाईकोर्ट में चल रही सुनवाई
शिक्षक चयन की 31277 अभ्यर्थियों की सूची को हाईकोर्ट में चुनौती दी गई है, इसमें आरोप है कि ओबीसी वर्ग के कई अभ्यर्थियों का चयन न तो उनके वर्ग में हुआ और न ही सामान्य की सीटों पर चयनित हो सके हैं। अब सभी पद भरने के आदेश से हाईकोर्ट में चल रहे विवाद का पटाक्षेप हो सकता है। बशर्ते जिला आवंटन सूची ज्यों की त्यों जारी हो।
सरकार ने माना – 69000 शिक्षक भर्ती की 31277 चयन सूची में हैं विसंगतियां, समझिये पूरा मामला
31,277 अभ्यर्थियों की चयन सूची में हैं विसंगतियां, एनआइसी की जांच रिपोर्ट आने के बाद कार्यवाही
69000 शिक्षक भर्ती के अंतर्गत 31277 शिक्षकों की नियुक्ति फौरी, हो सकेगा बदलाव, प्रत्येक की नियुक्ति सर्वोच्च न्यायालय के आदेश के अधीन
हाईकोर्ट की लखनऊ बेंच में राज्य सरकार की ओर से स्पष्ट किया गया है कि सहायक अध्यापक भर्ती परीक्षा- 2019 में 31 हजार 277 पदों पर हो रही चयन व नियुक्ति प्रक्रिया फौरी है व पुनरीक्षण के अधीन है। सरकार की ओर से यह जवाब एक अभ्यर्थी की याचिका पर दिया गया जिसमें याची से कम अंक प्राप्त करने वाले अभ्यर्थी को काउंसलिंग के लिए बुलाया गया जबकि अभ्यर्थीको अधिक अंक मिलने के बावजूद चयन सूची से बाहर कर दिया गया है। वहीं सरकार की ओर से यह भी बताया गयाकि इस सम्बंध में एन आईसी द्वारा जांच की जा रही है और जांच का परिणाम आने पर इस प्रकार की गड़बड़ियों को दूर कर लिया जाएगा।
सरकार के इस आश्वासन के बाद न्यायालय ने किसी अन्य आदेश को पारितकरने की आवश्यकता नहीं पाई। न्यायमूर्ति मनीष कुमार की एकल सदस्यीय पीठ ने कहा कि सरकार के उक्त आश्वासन के पश्चात याची व इस प्रकार के अन्य अभ्यर्थियों के अधिकार व हित को सुरक्षित करने के लिए किसी अन्य आदेश की आवश्यकता नहीं है। दरअसल याची पंकज यादव की ओर से दाखिल उक्त याचिका में कहा गया कि उसे 71.1 अंक मिले जबकि उससे कम अंक पाने वाले अभ्यर्थियों को काउंसलिंग के लिए बुलाया गया व उसे चयन सूची में जगह नहीं मिली। याचिका में ऐसे एक अभ्यर्थी का उदाहरण भी दिया गया जिसे 68.78 अंक मिलने के बावजूद काउंलिंग के लिए बुलाया गया। कहा गया कि दरअसल कुल 69 हजार पदों पर भर्ती की जानी थी लेकिन सर्वोच्च न्यायालय द्वारा शिक्षामित्रों के लिए 37 हजार 339 पदों को सुरक्षित रखने के आदेश के बाद 31 हजार 277 पदों पर ही भर्ती की जानी है।
प्रत्येक की नियुवित सर्वोच्च न्यायालय के आदेश के अधीनयाचिका के जवाब में राज्य सरकार की ओर से पेश अधिवक्ता का कहना था कि इस मामते में प्रत्येक नियुक्ति सर्वोच्च न्यायालय के अंतिम आदेशों के अधीन है क्योंकि वहां एक विशेष अनुमति याचिका में कट ऑफ मार्क्स और शिक्षामित्रों को समायोजित किये जाने का मुद्दा विचाराधीन है। सरकारी अधिवक्ता ने आगे कहा कि अधिक अंक पाने वाले अभ्यर्थियों को नजरंदाज कर के कम अंक वालों को नियुक्ति देने का प्रश्न ही नहीं उठता। यदि किन्हीं मामलों में हो जाता है तो अधिक अंक वाले अभ्यर्थी को फ्रेश काउंसलिंग के लिए बुलाया जाएगा व कम अंक वाले की चयन व नियुक्ति रद् कर दी जाएगी। हालांकि यह भी कहा गया कि उक्त विसंगतियों को लेकर एनआईसी द्वारा जांच की जा रही है, जांच परिणाम आने के पश्चात इन्हें ठीक कर लिया जाएगा।
लखनऊ। यूपी सरकार ने हाईकोर्ट की लखनऊ खंडपीठ में सोमवार को स्वीकार किया कि सहायक शिक्षक भर्ती-2019 की चयन सूची में बिसंगतियां हैं। सरकार ने कोर्ट से यह भी कहा कि बिसंगतियों को लेकर नेशनल इन्फॉर्मेशन सेंटर (एनआईसी ) से जवाब मांगा गया है। एनआईसी का जवाब मिलने के बाद जरूरी कार्रवाई की जाएगी। सरकार की तरफ से कहा गया कि 31,277 पदों पर भर्तियों का सुप्रीम कोर्ट के समक्ष विचाराधीन एसएलपी में पारित आदेश के तहत पुनरावलोकन किया जा सकता है।
न्यायमूर्ति मनीष कुमार ने सरकार द्वारा जवाब दाखिल किए जाने के बाद कहा कि याची पंकज यादव की याचिका पर कोई आदेश पारित करने की आवश्यकता नहीं है। याचिका में कहा गया था कि अधिक अंक पाने के बावजूद याची का नाम चयन सूची में नहों है। याची की दलील थी कि ओबीसी श्रेणी में उसका क्वालिटी प्वाइंट मार्क्स 71.1 फीसदी है, पर उसे काउंसिलिंग के लिए नहीं बुलाया गया। वहीं, 68.78 फीसदी वालों को इसके लिए बुलाया गया। राज्य सरकार की ओर से पेश हुए अपर मुख्य स्थायी अधिवक्ता रणविजय सिंह ने कहा कि कम अंक पाने बाले अभ्यर्थी को नियुक्ति देने का कोई सवाल ही नहीं उठता। अगर कोई गलती हुई है, तो उसे सुधारा जाएगा।
यह है मामला : परिषदीय स्कूलों में 69,000 शिक्षक भर्ती मामले में सोमवार कोर्ट के 21 मई के पर राज्य सरकार ने 31,661 पदों पर चयनितों की सूची जारी करने का आदेश दिया था। इसके बाद बेसिक शिक्षा परिषद ने 31,277 पर्दो पर अभ्यर्थियों का अनंतिम रूप से चयन कर उनको जिलों में भेज दिया।
लखनऊ : इलाहाबाद हाईकोर्ट की लखनऊ खंडपीठ में सोमवार को राज्य सरकार ने स्वीकार किया कि सहायक शिक्षक भर्ती-2019 भर्ती की चयन सूची में विसंगतियां हैं। साथ ही कहा कि इस विषय में एनआइसी से जवाब-तलब किया गया है, जिसका जवाब आने पर कार्यवाही की जाएगी।
सुनवाई के दौरान राज्य सरकार ने ये भी स्पष्ट किया कि 31,277 पदों पर भर्तियां फौरी हैं और इनका सुप्रीम कोर्ट के समक्ष विचाराधीन एसएलपी में पारित आदेश के तहत पुनरावलोकन किया जा सकता है। राज्य सरकार द्वारा जवाब दाखिल किए जाने के बाद जस्टिस मनीष कुमार की एकल पीठ ने कहा कि पंकज यादव द्वारा दाखिल इस याचिका पर कोई भी आदेश पारित करने की आवश्यकता नहीं है। याचिका में कहा गया था कि बेसिक शिक्षक भर्ती-2019 में उससे कम अंक पाने वाले अभ्यर्थियों को काउंसिलिंग के लिए बुलाया गया है, जबकि अधिक अंक होते हुए भी उनका नाम 24 सितम्बर, 2020 को घोषित की गई चयन सूची में नहीं है और न ही काउंसिलिंग के लिए बुलाया गया है।
दरअसल याची के अधिवक्ता का आरोप था कि ओबीसी कैटेगरी में याची के क्वालिटी प्वाइंट मार्क्स 71.1 प्रतिशत हैं किन्तु उसे काउंसिलिंग के लिए नहीं बुलाया गया है जबकि 68.78 प्रतिशत अंक पाने वालों को बुलाया गया है जो कि सरासर मनमाना व गलत है। वहीं राज्य सरकार की तरफ से पेश अपर मुख्य स्थायी अधिवक्ता रणविजय सिंह ने कहा कि कम अंक पाने वाले अभ्यर्थी को नियुक्ति देने का कोई सवाल ही नहीं उठता। यदि कहीं कोई गलती हुई है, तो उसे सुधारा जाएगा।
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बेसिक शिक्षा परिषद ने तैयारी की, अधिक गुणांक वालों की लिस्ट, काउंसिलिंग की तारीख और अन्य निर्देश होंगे जल्द निर्गत
प्रयागराज : बेसिक शिक्षा परिषद के प्राथमिक स्कूलों में 31661 शिक्षक भर्ती की जिला आवंटन सूची जल्द आएगी। 69000 भर्ती के सापेक्ष तैयार 67867 अभ्यर्थियों की जिला आवंटन सूची से ही अधिक गुणांक वालों को सूचीबद्ध किया गया है। विभागीय अफसरों को यह सूची भेजी गई है उनकी सहमति मिलते ही इसे घोषित कर दिया जाएगा। अभ्यर्थी परिषद की वेबसाइट पर इसे देख सकेंगे। जिलों में नियुक्ति के लिए काउंसिलिंग कराने की तारीखें व अन्य निर्देश भी जारी हो सकते हैं।
परिषदीय प्राथमिक स्कूलों में 69000 सहायक अध्यापकों की जगह 31661 पदों पर चयन होना है, क्योंकि सुप्रीम कोर्ट में भर्ती के कटआफ अंक प्रकरण की सुनवाई पूरी हो चुकी है। लेकिन फैसला सुरक्षित है। इसके पहले शीर्ष कोर्ट ने 21 मई को 37339 पदों को छोड़कर शेष पदों पर भर्ती करने के लिए राज्य सरकार को छूट दी थी, क्योंकि भर्ती की लिखित परीक्षा में 45357 शिक्षामित्रों ने आवेदन किया। उनमें से 8018 शिक्षामित्र उत्तीर्ण हो गए थे, बाकी चयन से दूर हैं।
ज्ञात हो कि भर्ती की लिखित परीक्षा छह जनवरी 2019 को हुई थी। नई जिला आवंटन सूची 67867 अभ्यर्थियों की सूची से बनाई जानी है लेकिन, वह कैसे बनेगी इसका फामरूला खोजा जाता रहा। इधर अभ्यर्थी लगातार परिषद मुख्यालय व शासन तक दौड़ लगा रहे थे। परिषद अफसरों के अनुसार सूची तैयार हो गई है। कोई अफसर अब भी खुलकर बोलने को तैयार नहीं है।
कब किसने दिया आदेश 🔴 सीएम ने 19 सितंबर को आदेश दिया कि एक सप्ताह में नियुक्ति दें। 🔴 बेसिक शिक्षा की अपर मुख्य सचिव रेणुका कुमार ने 24 सितंबर को आदेश जारी किया। 🔴 30 सितंबर को बेसिक शिक्षा राज्यमंत्री डॉ. सतीश चंद्र द्विवेदी ने बैठक कर निर्देश दिया।
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