69000 शिक्षक भर्ती लखनऊ खंडपीठ हाइकोर्ट केस अपडेट : रिज़वान अंसारी

केस अपडेट: 40-45*
⚖लखनऊ खण्डपीठ⚖
केस पास ओवर होने के बाद दुबारा केस टेक अप हुआ। टीम की तरफ से *फायर ब्रांड उपेंद्र मिश्रा,मोस्ट सीनियर एच एन सिंह, विधि चाणक्य श्री अमित भदौरिया जी* कोर्ट रूम में रहे।
फायर ब्रांड एडवोकेट श्री उपेंद्र मिश्रा जी के आगे सबकी बोलती बंद रही। उनका सीधा सा तर्क था कि बीएड का तो अपील दायर करने का कोई अधिकार ही नहीं। हमारा इस पर ऑब्जेक्शन है। कोर्ट ने उपेंद्र मिश्रा जी की इस बात पर सहमति जताते हुए टीम की तरफ से ऑब्जेक्शन फ़ाइल करने को बोला।
मोस्ट सीनियर एडवोकेट श्री एच एन सिंह ने कोर्ट को बताया कि बीएड के वकीलों की तरफ से उनको कोई कॉपी ही नही दी गई तो वो बहस किस बेस पर करें? इस पर कोर्ट ने विपक्षी वकीलों को याचिका की कॉपी सर्व करने का निर्देश दिया।


विपक्षी वकीलों की तरफ से मोस्ट सीनियर जयदीप माथुर,मोस्ट सीनियर एस के कालिया,मोस्ट सीनियर प्रशांत चंद्रा जी, सीनियर एडवोकेट अनिल तिवारी आज अपीयर हुए। विपक्षी की तरफ से सभी ने 29 मार्च के फैसले पर कोर्ट से बार बार स्टे की मांग की गई। लेकिन टीम के अधिवक्ताओं की बहस के आगे विरोधी स्टे लेने में कामयाब न हो पाए।*

टीम को कहीं न कहीं इस बात का डर था कि कैसे भी स्टे न होने पाए। हम आज इसमे भी कामयाब हो गए। टीम ने सफलता की पहली सीढ़ी पार कर ली। विरोधियों को कोई भी स्टे नही मिला।

*आज की इस प्रथम जीत का श्रेय फायर ब्रांड एडवोकेट श्री उपेंद्र नाथ मिश्रा,और एच एन सिंह को जाता है।*
चूंकि टीम रिज़वान ही मुख्य विपक्षी पार्टी है । सभी पार्टियों ने टीम रिज़वान की ही लीडिंग पिटीशन को पार्टी बनाया है *इस आधार पर टीम अगली सुनवाई से पहले के ऐसा मजबूत ऑब्जेक्शन फ़ाइल करवाएगी जिससे विरोधियों की ये याचिकाएं स्वतः ही खारिज हो जाएंगी।* ये कारनामा टीम पहले भी सिंगल बेंच में कर चुकी है।
*कोर्ट ने इस केस की अगली सुनवाई- 14 मई को मुकर्रर की है।*

®टीम रिज़वान अंसारी।।
(टेट सेवा समिति-उ0प्र0)

69000 शिक्षक भर्ती : 60-65% VS 40-45% लाभ व हानि

कल दिनांक 02/05/2019 को इलाहाबाद हाई कोर्ट की लखनऊ बेंच में 69000 शिक्षक भर्ती के उत्तीर्णांक मामले में सिंगल बेंच ( रिट न. 1188 मो. रिजवान बनाम उत्तर प्रदेश सरकार) के आये आर्डर 40-45% पासिंग मार्क्स के खिलाफ सुनवाई डिवीजन बेंच लखनऊ में जस्टिस पंकज कुमार जयसवाल व जस्टिस रजनीश कुमार की संयुक्त बेंच मे होगी।

ये याचिकाएं बीटीसी अभ्यर्थियों द्वारा राघवेंद्र सिंह (SPLA- 156/ 2019), सर्वेश सिंह (SPLA- 157/ 2019) , तथा बीएड अभ्यर्थियों द्वारा विनय सिंह (SPLA-158/2019), अखिलेश कुमार शुक्ला ( SPLA- 165/2019) द्वारा दाखिल की गयी है।

ज्ञात हो कि सरकार द्वारा जारी 69000 शिक्षक भर्ती में 6 जनवरी को परीक्षा सम्पन्न होने के बाद सरकार ने 7 जनवरी को सामान्य वर्ग के लिए 60% व समस्त आरक्षित वर्ग के लिए 65% पासिंग मार्क्स जांरी कर दिया था जिसके खिलाफ शिक्षामित्रों ने इस 7 तारीख के जियो को लखनऊ खंडपीठ में चैंलेंज किया था। जिसका ऑर्डर 29 मार्च को सुनाया गया जिसमे जस्टिस राजेश चौहान की बेंच ने 7 तारीख के जियो को अवैध ठहराते हुए पिछली भर्ती 68500 के पासिंग मार्क्स 40-45% को वैध ठहराते हुए सरकार को भर्ती 3 महीने में पूरी करने का निर्देश जारी किया था।


स्टेटमेंट 👇👇

हम शुरू से ही सरकार द्वारा जारी 60-65% (90-97 अंक) उत्तीर्णांक को लेकर तटस्थ है क्योंकि अगर 40-45% में वेकैंसी सम्पूर्ण की गयी तो 60 नम्बर वाला नियुक्ति पा जाएगा और 120 नम्बर वाला अभ्यर्थी नियुक्ति से वंचित रह जाएगा जो कि शिक्षा विभाग के लिए एक काला दिन होगा। ये योग्य और योग्यतम के बीच की लड़ाई है।हम पहले भी लड़े थे और जीत हासिल करने तक लड़ते रहेंगे

  • आशीष पटेल ( 69000 शिक्षक भर्ती अभ्यर्थी)

69000 शिक्षक भर्ती कट ऑफ केस में इलाहाबाद हाइकोर्ट के आदेश का पैरा 183 देखें, किसी को खुशी किसी को गम

बड़ी खबर

जैसा कि हम लोगो को लखनऊ हाईकोर्ट से राहत मिली थी और कोर्ट ने पहली भर्ती का कट ऑफ लागू किया था जो कि 40 और 45 था

लेकिन इसके बाद हाईकोर्ट प्रयागराज का ऑर्डर आया था लेकिन अभी तक किसी भी साथी ने ऑर्डर को अच्छी तरह नही देखा था और कहा था कि प्रयागराज में कोर्ट ने 40 और 45 कर दिया है। लेकिन आज एक साथी ने कोर्ट का ऑर्डर पढा तो पता चला कि प्रयागराज में कोर्ट ने कट ऑफ जीरो कर दिया है इस लिए अब कट ऑफ जीरो रहेगा क्योंकि बाद वाला ऑर्डर प्रभावी होता है 69500 में बैठे सभी। शिक्षा मित्रों साथियो का अध्यापक बनना तय

69000 शिक्षक भर्ती ज्वलन्त मुद्दा कटऑफ और संभावनाएं

*69,000-®-शिक्षक भर्ती*
*मुद्दा-कट-ऑफ*

✍दिनांक:-19:04:2019 जबसे 69,000 शिक्षक भर्ती 2019 का कोर्ट आदेश अपलोड हुआ है तमाम कयास के बाजार गर्म है। उत्तर कुंजी और परीक्षाफल को ले कर तमाम प्रकार के दावे किए जा रहे है। आज ही एक दवा किया गया कि 24-अप्रैल-2019 को परीक्षाफल आ जायेगा क्योकि विधिक परार्मश में यह पता चला है कि इस आदेश में कुछ भी बदलने लायक नही है।
*ज्यादा इधर-उधर न ले जाते हुए आपके खुद के विचार पे छोड़ता हु। निम्म बिन्दुओ के आधार पे।*

*_1⃣ 20 दिन हो गए आदेश जारी हुए अभी तक रिजल्ट या उत्तर कुंजी जारी नही हुए।_*
सरकार की तैयारी पूरी है *डबल बेंच* हेतु लेकिन पिछली भर्ती में *टेट-2017* को लेकर हुए विवाद जिसपे आज बहुत लोग दावा करते है। कि टेट-2017 का अंक पत्र रद्दी है। उस केस में एक कोई याचिका थी *उन्हें पार्टी नही बनाया गया था सरकार द्वारा* और उसी प्रकरण में *सर्वोच्च अदालत* ने फैसला सुनाया था कि बिना सिंगल बेंच के याचीकर्ता को पार्टी बनाये क्यो आपने मामले को सुना और सिर्फ उस एक याचीकर्ता के लिए आदेश को satesaied करते हुए *पुनः मामला सुनने के लिए हाइकोर्ट में भेज दिया* सरकार अबकी बार ऐसे किसी भी परिस्थितियों से बचने के लिए समस्त कानूनी प्रक्रिया पूर्ण करना चाहती है। *ऐसे में करीब 93 याचीकर्ता जो सिंगल बेंच में 69,000 केस में पार्टी थे उन्हें पार्टी बनाने में समय लग रहा है।* सरकार पूरी तैयारी के साथ इस मामले में उतरना चाहती है और *कल दिनांक- 18/04/2019* को हुई अधिकारियों दे वार्ता के अनुसार तैयारी पूरी है और जल्द ही *24 अप्रैल तक डबल बेंच में दस्तक देगी।* बी टी सी पक्ष की तरफ से अपील तैयार है 24 से 26 के बीच किसी दिन अपील दायर ह जाएगी वो भी पूरी तैयारी के साथ इसमे उतरने को तैयार है। *बी टी सी के तमाम 90-97 अंक पास समर्थक से निवेदन है कि आपके सहयोग से ही वरिष्ट अधिवक्तता डबल बेंच में उतारा जा सकता है।आज 19-04-2019 को स्थिति ये है कि करीब 1000 याची और टीम के साथ जुड़े जिससे एक मजबूत याचिका के लिए एक मजबूत सीनियर अधिवक्तता उतारा जा सके। आप सब स्वतंत्रत है बस ये निवेदन है कि आपका भविष्य आपके हाथ मे है।* कुछ चंद छिछोरे टाइप लोग अब इस पोस्ट पे अपनी गंदी मानसकिता एव परिवार की परवरिश का असर दिखाएंगे तो कृपया अपने माँ बाप के संस्कार को इतना धूमिल न करे।

*⚖निर्णय बदलेगा की नही इस बात पे सबको सन्देह है।*
न्यायालय के मामले में पूर्वाग्रह नही किया करते है। लेकिन आप सब बस इस बात से अंदाजा लगा की *सिंगल बेंच के एक न्यायाधीश ने अपना आदेश यह कहते हुए लिखा कि सिंगल बेंच के पास नियम में बदलाव व नए नियम बनाने का अधिकार नही है।*
और दूसरे तरफ एक न्यायाधीश महोदय ने खुद आदेश लिख दिया
*जबकि नियम और कानून सिर्फ कार्यपालिका बना सकती है न्यायपालिका नही*
ऐसे में आप सब समझ सकते है कि एक ही कोर्ट और दो न्यायाधीश दोनो के मत अलग-अलग इसी लिए *डबल बेंच का अस्तित्व है* वह मामले में हुए किंचित मात्र गलती को सुधार करे।
® विशेष:- यहा स्पष्ट है कि सिंगल बेंच *रूल मेकिंग अथॉरिटी नही है।* इस आदेश में बदलाव 💯% संभव है क्या होता है वह देखने योग्य होगा।

*★✍®@√! P@πd£¥★*
*सपर्क- 9005686490*

बी0 एड को लेकर जजमेंट के कुछ महत्वपूर्ण बिंदु जिन्हें कोर्ट ने बड़ी ही गंभीरता से 69k जजमेंट में शामिल किया है, पढ़े क्या है जजमेंट में

बी0एड केस ग्राउंड रिपोर्ट, लखनऊ हाईकोर्ट (Part-1)

2 अप्रैल को डेली कॉज लिस्ट में उपरोक्त केस की सुनवाई 45 नम्बर पर लिस्ट थी, हालांकि मुख्य याची रवि सिंह द्वारा केस मेंशन कराया गया, किंतु केस टेकअप नही हुआ, इसका सीधा सा अर्थ है कि डेली कॉज लिस्ट कोर्ट सबसे अंत मे टेकअप करती है फलतः जब तक एक फ्रेश पिटीशन फ़ाइल नही होगी केस टेकअप होने के चांस न के बराबर हैं।

लखनऊ हाईकोर्ट में सर्विस मैटर के टॉप मोस्ट *एडवोकेट श्रीमान अमित भदौरिया साहब* को हायर कर हम एक फ्रेश पिटीशन से उपरोक्त केस को लिस्ट कराएंगे चूंकि सिंगल बेंच ने सरकार को कट ऑफ मैटर पर तीन महीने का समय ग्रांट किया है और जो लोग यह सोच रहे की सरकार तत्काल भर्ती करने के मूड में है तो सोचते ही रहेंगे…बल्कि सरकार चाहती है की यह 69000 23 मई के बाद हो क्योंकि यदि अभी हो गयी तो वोटर के रूप में एक बड़ा भाग सरकार खो देगी, इसलिए अभी मौका है समय है लग जाइये…भर्ती के अपने समय तक बीटीसी सेफ ज़ोन में होगा…40-45 पासिंग मार्क पर SM की संख्या 25-27K के बीच है … बाकी बची सीट में बीटीसी आप सभी को पता है जस्टिस चौहान के फैसले में सुप्रीम कोर्ट से भी हस्तक्षेप नही होता। अंततः सरकार को 40-45 पर ही भर्ती करनी होगी…69000 कट ऑफ सुनवाई के दौरान सरकार का एक तर्क था की नंबर ऑफ कैंडिडेट ज़्यादा होने के कारण कट ऑफ को अधिक किया गया…किंतु सीनियर एडवोकेट डॉ0 एल पी मिश्रा द्वारा कोर्ट को बताया गया कि बी0एड के रूप में शामिल 2.50 लाख से भी अधिक कैंडिडेट इस गतिमान 69k भर्ती के लिए पात्र ही नही हैं…जब इतनी बड़ी संख्या में अभ्यर्थी हैं ही नही तो हाई कट ऑफ किस बात की?

Part-(2)……

*बी0 एड को लेकर जजमेंट के कुछ महत्वपूर्ण बिंदु जिन्हें कोर्ट ने बड़ी ही गंभीरता से 69k जजमेंट में शामिल ककिया है:-*

*१:- पेज नम्बर 29 में 20 वें संशोधन के तहत अपेंडिक्स (I) एवं पेज नम्बर 30 में अपेंडिक्स (II) रूल 14(3)b में क्वालिटी प्वाइंट को लेकर बड़ा अंतर देखा, जिसमे अपेंडिक्स (II) बी0एड के लिए है और अपेंडिक्स (I) बीटीसी और शिक्षामित्र के लिए है, जो बिल्कुल भी मैच नही करती दोनों क्राइटेरिया का सेलेक्शन प्रोसेस डिफर है इसी संबंध में पेज 113,114 पैरा 122 में कोर्ट ने टिप्पणी की और कहा कि शिक्षक सेवानियमावली 1981 के 20 वें संशोधन के आधार पर बनी अपेंडिक्स (I), (II) जिसमे 22 वें संशोधन में भी कोई बदलाव नही हुआ है के आधार पर सरकार बताए की बी0एड के अभ्यर्थी का क़्वालिटी प्वाइंट अपेंडिक्स (I) में बीटीसी शिक्षामित्र की तरह कैसे निकालेगी?*

“Court has not been satisfied by any of the counsel for the opposite parties as to how the quality point marks of
the candidates having B.Ed. qualification may be calculated on the
basis of Appendix-I inasmuch as those candidates may not be getting
any marks.”

*२:- पेज नम्बर 31 रूल 2(1)(u) एवं 8(iii) बी0एड को एक ट्रेनी टीचर की सौगात देता है न की असिस्टेंट टीचर की और 69K एक असिस्टेंट टीचर की भर्ती है न की ट्रेनी टीचर की इसे पेज 33 के पैरा 6 में कोर्ट ने डिफाइन किया और कहा कि-*

“The perusal of the aforesaid provision of law reveals that the
candidates having B.Ed. qualification can be appointed as trainee
teachers and they can also be appointed on the post of Assistant Teacher
after those candidates successfully completes six months special
training program in the elementary education. However, there are total 69000 vacancies for Assistant Teachers.”

*३:- पेज 127 पैरा 143, 144 में कोर्ट ने टिप्पणी की यह स्पष्ट है की बीटीसी और शिक्षामित्र के लिए निर्धारित अपेंडिक्स (I) के आधार पर सरकार ने बी0एड के लिए अंको का विभाजन नही किया सिर्फ 4 अहर्ताओं (हाईस्कूल, इंटर, स्नातक, शिक्षक भर्ती परीक्षा) के आधार पर कोर्ट हैरान है की असिस्टेंट टीचर के पद की ये कैसी व्याख्या जिसमे दो डिग्रियों के विभाजन में घोर असमानता है।*

*४:- पेज 129 पैरा 149, 150 कहता है कि सरकार द्वारा निर्धारित नोटिफिकेशन में ट्रेनी टीचर पोस्ट मेंशन ही नही है जबकि असिस्टेंट टीचर और ट्रेनी टीचर में बड़ा अंतर है।*

“Perusal of the aforesaid Rule clarifies that there is no mention of
the post of ‘Trainee Teacher’, meaning thereby the ‘Trainee Teacher’
would be different from ‘Teacher’.”

*५:- पेज 131 पैरा 153 के अनुसार कोर्ट ने कहा की चूंकि अपेंडिक्स (I) के अनुसार चयन प्रक्रिया होनी है और बीएड को अपेंडिक्स (II) के आधार पर मेरिट में शामिल नही किया जा सकता इसलिए बी0एड कैंडिडेट का 69k में चयन अनवारेंटेड (बेबुनियाद) है।*

“Rule 14 (3) (b)
provides prescription in respect of B.Ed. candidates etc. and whose
merit list shall be arranged in accordance with quality points as per
Appendix-II and admittedly, in the present selection the quality points
shall be determined as per Appendix-I, therefore, it appears that in the
present selection inclusion of B.Ed. candidates is unwarranted.”

ये सभी वो प्वाइंट हैं जो जगजाहिर हैं, हमारे अपने लीगल कॉन्ट्रिब्यूशन गोपनीय हैं-

*साथियों मैं आकाश पटेल आप सभी से निवेदन करता हूँ जो बीटीसी अभ्यर्थी सिंगल बेंच के ऑर्डर से लाभान्वित हो रहे हैं, अपना चयन यदि निश्चित करना है तो इस अवैध महासमर भागीदार होना ही पड़ेगा क्योंकि 2.50 लाख की बड़ी संख्या जब 69k से बाहर होगी तो लगभग सुपर टेट में उत्तीर्ण सभी आरक्षित वर्ग के लोगों का चयन हो जाएगा, यदि सभी आरक्षित वर्ग के भाई बंधु मात्र 200 रुपये का सहयोग प्रदान करें तो टीम अपनी कुशल रणनीति से केस को आगे बढ़ा पाएगी बाकी आपकी इक्षाशक्ति पर डिपेंड है सब कुछ।*

#आकाश पटेल

*संघर्ष के चिरस्तम्भ:-*

*मनदीप सिंह भाई, लखनऊ
*मनीष भाई
*पुनीत भाई
*राजवसु भाई
*मंजुल भाई

मानसिक रूप से लड़ने के लिए तैयार रहिए। ये बात दिमाग से बिल्कुल निकाल दीजिये कि इस 148 पन्नो के जजमेंट में बदलाव सम्भव ही नही है : रिजवान अंसारी

प्राप्त जानकारी के अनुसार कटऑफ 40-45 के विरुद्ध बीएड/बीटीसी अभ्यर्थियों के द्वारा लखनऊ खण्डपीठ में स्पेशल अपील की तैयारी अंतिम चरण में है। बीएड/बीटीसी अभ्यर्थियों द्वारा इस केस में बड़े बड़े सीनियर वकीलों को इंगेज किया जा रहा है।लखनऊ और प्रयागराज के टॉप सीनियर हमारे विरुद्ध इस केस में तैयार भी हो गए हैं। इस स्पेशल अपील की सुनवाई अगले सप्ताह होगी। हमें फिर से एक बार डटकर सामना करना होगा ये तभी सम्भव होगा जब इनसे बड़े वकील हम उतारने में सक्षम हो सकें। सरकार ने अभी अपने ताश के पत्ते नही खोले। सरकार के अधिकारियों की तैयारी अभी फिलहाल में सुप्रीम कोर्ट के टॉप लॉयर से जारी है।

*अतैव मानसिक रूप से लड़ने के लिए तैयार रहिए। ये बात दिमाग से बिल्कुल निकाल दीजिये कि इस 148 पन्नो के जजमेंट में बदलाव सम्भव ही नही है। सुप्रीम कोर्ट के किसी भी जजमेंट/नजीर का इंटरप्रिटेशन कोर्ट अपने हिसाब से करती है।*

आगे की स्थिति से जल्द अवगत कराएंगे।

*✍🏼वैरागी*💯
®टीम रिज़वान अंसारी।।
(टेट सेवा समिति-उ0प्र0)