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बीएसए कार्यालय का बाबू रिश्वत लेते गिरफ्तार, सलाखों के पीछे पहुंचा भ्रष्ट बाबू

उरई : बेसिक शिक्षा अधिकारी कार्यालय के लिपिक को एंटी करप्शन टीम ने मंगलवार को रिश्वत लेते रंगेहाथ गिरफ्तार कर लिया। उसने एक शिक्षक के बकाया वेतन भुगतान के बदले रिश्वत मांगी थी। पीड़ित की शिकायत पर जाल बिछाकर आरोपित को धर लिया गया। कोतवाली में आरोपित से पूछताछ की जा रही है।

कुठौंद ब्लॉक के प्राथमिक विद्यालय भदेख में सहायक अध्यापक ओम जी राना का फरवरी व मार्च का वेतन रुका है। उन्होंने वित्त एवं लेखाधिकारी कार्यालय को प्रार्थनापत्र देकर बकाया वेतन भुगतान मांगा था, लेकिन कार्यालय से उनकी फाइल आगे नही बढ़ रही थी। उन्होंने वित्त एवं लेखाधिकारी कार्यालय के लिपिक विनय कुमार से फाइल कंपलीट कर वेतन दिलवाने की मांग की तो उसने 15 हजार रुपये रिश्वत मांगी। रुपये न देने पर परेशान किया जा रहा था। इस पर उन्होंने भ्रष्टाचार निवारण संगठन की झांसी इकाई में शिकायत की। इसके बाद टीम ने शिक्षक को लिपिक विनय के पास भेजा। विनय ने जैसे ही केमिकल लगाकर भेजे गए 10 हजार रुपये लिए तो टीम ने कार्यालय में ही उसे रंगे हाथ पकड़ लिया। इसके बाद बीएसए कार्यालय में सनसनी फैल गई। आरोपित को कोतवाली लाया गया।

दस्तावेजों की पड़ताल के लिए टीम दोबारा बीएसए कार्यालय पहुंची और वित्त एवं लेखाधिकारी से भी पूछताछ की। एंटी करप्शन सेल झांसी यूनिट के इंस्पेक्टर प्रेमचंद्र ने बताया कि पीड़ित शिक्षक की शिकायत पर आरोपित विनय कुमार को पकड़ा गया है। मुकदमा दर्ज कराकर आरोपित को कोतवाली पुलिस के सिपुर्द किया गया है।

जागरण संवाददाता, उरई : वेतन समायोजन के लिए दस हजार रुपये की रिश्वत लेने वाले बाबू विनय कुमार के खिलाफ एंटी करप्शन की टीम ने करीब चार घंटे कवायद की। सब कुछ तय होने के बाद उसे पकड़ा गया। रकम हाथ में थी लिहाजा अपने सफाई में कहने के लिए उसके बाद कुछ नहीं था। अपराधी की तरह गाड़ी में डालने के बाद उसे कोतवाली लाया गया।

एंटी करप्शन की टीम में प्रभारी निरीक्षक प्रेम चंद्र समेत कुल नौ सदस्य थे, लेकिन सरकारी कर्मचारी को रिश्वत लेते पकड़े जाने के लिए सरकारी गवाह भी जरूरी थे। लिहाजा नियमानुसार एंटी करप्शन की टीम ने डीएम कार्यालय में ऑपरेशन भ्रष्टाचार के संबंध में जानकारी दी। जिसके बाद कर्मचारी कलेक्ट्रेट के टीम में शामिल किए गए। इस तरह कुल 11 सदस्यीय टीम दबिश लेने के लिए बीएस कार्यालय पहुंची। इससे पहले ओम जी राना बाबू के पास पहुंचे। उन्होंने दस हजार रुपये बाबू के दिए। नोटों में विशेष केमिकल लगा हुआ था। जिससे बाबू को रंगे हाथ गिरफ्तार किया जा सके। अपने लालच के चलते विनय कुमार वर्मा खुद फंस गया। उसे पकड़ने वाली टीम में एंटी करप्शन यूनिट के प्रभारी निरीक्षक प्रेम कुमार , निरीक्षक सुरेंद्र सिंह, अमरीश कुमार यादव, उप निरीक्षक मोहम्मद इसरार, मुख्य आरक्षी क्रांति कुमार पांडेय, राजबहादुर सिंह, सूर्येंद्र प्रताप सिंह, इरशाद खान, निरंजन सिंह आदि शामिल थे। गिरफ्तार बाबू को बुधवार को कोर्ट में पेश किया जा सकता है। वहीं शिकायतकर्ता के बयान पहले ही दर्ज किए जा चुके हैं।

पैरवी करने वाले भी जुटे : रिश्वत लेने के आरोप में गिरफ्तार बाबू की उरई में भी अच्छी जान पहचान है, लिहाजा उसकी पैरवी के लिए कोतवाली में तमाम लोग आए, लेकिन बचाव कोई रास्ता नहीं होने से उन्हें मायूस होकर लौटना पड़ा।

उरई : कुठौंद में भदेख गांव के प्रथामिक विद्यालय में तैनात ओमजी राना महोबा से स्थानांतरित होकर आए थे, लेकिन दो माह का वेतन उनका लटका हुआ था। रिश्वत नहीं दे पाने की वजह से वेतन नहीं बनाया जा रहा था। उसने एंटी करप्शन यूनिट में सीधे शिकायत नहीं की बल्कि संगठन में बताया। यूनाइटेड टीचर्स एसोसिएशन के प्रदेश कोषाध्यक्ष विजय कुमार पटेल ने बताया कि संगठन द्वारा पूरे प्रदेश में जन जागरण अभियान चलाया जा रहा है। ओमजी राना ने पहले संगठन के लीगल सेल में शिकायत की। संगठन के प्रयास से 183वां भ्रष्ट कर्मचारी गिरफ्तार कराया गया है। जनपद जालौन समेत बुंदेलखंड के 15 रिश्वतखोर कर्मचारी व अधिकारी अभी रडार पर हैं।

सप्ताह में तीन दिन आता था कार्यालय
उरई : दस हजार रुपये की रिश्वत लेते गिरफ्तार किए बाबू के खिलाफ शिकायतों की फेहरिस्त बेहद लंबी है। हालांकि एंटी करप्शन सेल में सिर्फ एक शिक्षक ने ही शिकायत की। जिसके बाद पूरे मामले की जांच शुरू की गई। रिश्वत के रुपयों के अलावा वेतन समायोजन से संबंधित पत्रवलीं एंटी करप्शन की टीम ने साक्ष्य के तौर पर सील कीं हैं।

बीएसएस कार्यालय के वित्त एवं लेखाधिकारी शाखा में तैनात बाबू विनय कुमार वर्मा एक साल पहले ही उरई में संबद्ध हुआ था। जिसे वेतन संबंधी कार्य सौपें गए थे। झांसी के मंडलीय कार्यालय में भी वह संबद्ध है। इसलिये सप्ताह में तीन दिन ही वह उरई आता था। आरोप है कि दूसरे जनपद से ट्रांसफर होकर आये दर्जनों शिक्षकों से उसने वेतन समायोजन करने में घूस ली। शिक्षक ओमजी राणा ने उत्पीड़न की पराकाष्ठा होने के बाद एंटी करप्शन यूनिट में शिकायत करने का मन बनाया गया। अब विनय कुमार सलाखों के पीछे कई और पीड़ित अब शिकायत के लिए आगे आ सकते हैं। एंटी करप्शन टीम के निरीक्षक अमरीश कुमार यादव के अनुसार विनय कुमार द्वारा पैसे लेकर वेतन के समायोजन करने से संबंधित पत्रवलियां कब्जे में लेकर सील कर दी गईं हैं। जिनके आधार पर जांच आगे बढ़ेगी।

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शिक्षकों व शिक्षणेत्तर कर्मचारियों की 1 जुलाई 2021 का नियमित वार्षिक वेतन वृद्धि के संबंध में

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बेसिक शिक्षकों के अंतरजनपदीय तबादलों की उम्मीद कम, समायोजन के लिए विभाग ने भेजा प्रस्ताव

सरकारी प्राइमरी स्कूलों के शिक्षकों के अंतरजनपदीय तबादले इस वर्ष होने की उम्मीद नहीं है। अभी बेसिक शिक्षा विभाग ने जिले के अंदर समायोजन के लिए प्रस्ताव भेजा है। विभाग में सहमति बन गई है कि समायोजन होने तक तबादले नहीं किए जाएंगे।

🔴 प्राइमरी स्कूलों में पिछले वर्ष हुए थे 22 हजार शिक्षकों के तबादले
🔴 समायोजन के लिए बेसिक शिक्षा विभाग ने भेजा प्रस्ताव

इससे पहले दिसम्बर, 2020 में सरकार ने लगभग 22 हजार शिक्षकों के अंतरजनपदीय तबादले किए थे। पिछले वर्ष लगभग 69 हजार शिक्षक तबादले से वंचित रह गए थे। इन तबादलों के लिए 2019 में आवेदन लिए गए थे और नए में इन्हें जनवरी में तैनाती दी गई है। जिले के अंदर समायोजन 2019 के बाद नहीं हुआ है। बेसिक शिक्षा विभाग जिले के
अंदर समायोजन दो भागों में करेगा। पहला रिक्त स्कूलों की संख्या के विकल्प मांगेगा और शिक्षकों की इच्छानुसार उन्हें समायोजित करेगा। वहीं इसके बाद एकल या स्कूलों की रिक्तियों के मुताबिक बिना विकल्प लिए शिक्षकों को पदास्थापित करेगा। इसके लिए मानक तय कर दिए गए हैं। हालांकि शिक्षक अंतरजनपदीय तबादलों के लिए सरकार पर दबाव बना रहे हैं।

69000 शिक्षक भर्ती में आरक्षण मामले को लेकर बेसिक शिक्षा मंत्री का घेराव, मंत्री जी बोले, मुझ पर लगाए गए आरोप बेबुनियाद

69 हजार शिक्षक भर्ती प्रक्रिया में आरक्षण की अनदेखी को लेकर ओबीसी व एससी वर्ग के अभ्यर्थियों ने सोमवार सवेरे डालीगंज स्थित बेसिक शिक्षा मंत्री सतीश द्विवेदी के आवास का घेराव किया। कहा, इस दौरान उन्होंने जमकर हंगामा किया। बाद में बापू भवन में मंत्री से मिलाने के आश्वासन पर हंगामा बंद किया, लेकिन शाम तक उनकी वार्ता नहीं हो पाई। अभ्यर्थियों का आरोप है कि शिक्षक भर्ती में आरक्षित वर्ग के लिए आवंटित सीटें अनारक्षित वर्ग के उम्मीदवारों को दे दी गईं। इसके चलते 5844 सीटों का नुकसान हुआ है। राष्ट्रीय पिछड़ा वर्ग आयोग ने भी अपनी अंतरिम रिपोर्ट में 5,844 सीटों का आरक्षण घोटाला होने की बात स्वीकारी है। उन्होंने आयोग की रिपोर्ट लागू करने की मांग की। साथ ही कहा कि आयोग में जिन अभ्यर्थियों ने लिखित में शिकायत दर्ज कराई है, उन सभी को समायोजित की जाए।

बेसिक शिक्षा राज्यमंत्री (स्वतंत्र प्रभार) सतीश चंद्र द्विवेदी ने कहा कि बेसिक शिक्षा परिषद में 69 हजार सहायक अध्यापक भर्ती में 31 हजार अन्य पिछड़ा वर्ग के अभ्यर्थी चयनित हुए हैं। जबकि सामान्य वर्ग के महज 20301 अभ्यर्थियों का ही चयन हुआ है। उन्होंने कहा कि ओबीसी वर्ग के अभ्यर्थियों को नियमानुसार आरक्षण नहीं देने का आरोप पूरी तरह बेबुनियाद है।

शिक्षक भर्ती में 31 हजार ओबीसी अभ्यर्थी चयनित: द्विवेदी

लखनऊ। बेसिक शिक्षा राज्यमंत्री (स्वतंत्र प्रभार) सतीश चंद्र द्विवेदी ने कहा कि बेसिक शिक्षा परिषद में 69 हजार सहायक अध्यापक भर्ती में 31 हजार अन्य पिछड़ा वर्ग के अभ्यर्थी चयनित हुए हैं। जबकि सामान्य वर्ग के महज 20301 अभ्यर्थियों का ही चयन हुआ है। उन्होंने कहा कि ओबीसी वर्ग के अभ्यर्थियों को नियमानुसार आरक्षण नहीं देने का आरोप पूरी तरह बेबुनियाद है। द्विदी ने सोमवार को निशातगंज स्थित शिक्षा विभाग के कार्यालय में मीडिया से कहा कि 69,000 सहायक अध्यापक भर्ती में सामान्य वर्ग की 34,589 सीटें थीं। जबकि सामान्य वर्ग के महज 20301 अभ्यर्थी चयनित हुए हैं। शेष 14,288 पदों पर ओबीसी और एससी वर्ग के अभ्यर्थी मेरिट के आधार पर चयनित हुए हैं। उन्होंने कहा कि यह गलत है कि विभाग राष्ट्रीय अन्य पिछड़ा वर्ग आयोग के पत्र का जवाब नहीं दे रहा है। दरअसल आयोग ने कोई रिपोर्ट ही नहीं मांगी है।

69000 सहायक अध्यापक भर्ती परीक्षा 2019 में उत्तीर्ण अभ्यर्थियों के प्राप्तांक के सत्यापन के सम्बन्ध में नवीन आर्डर जारी

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