बेसिक शिक्षा विभाग में परिषदीय शिक्षकों के 70 हजार से अधिक रिक्त पद भरे जाने की तैयारी

प्रदेश सरकार की ओर से चुनावी वर्ष में बेसिक शिक्षा विभाग में नई शिक्षक भर्ती की तैयारी शुरू कर दी गई है। सचिव बेसिक शिक्षा परिषद की ओर से प्रदेश के सभी बेसिक शिक्षा अधिकारियों ने प्रदेश में 2017 में नई सरकार के गठन के बाद अप्रैल 2017 से अब तक चयनित अभ्यर्थियों के बारे में जानकारी मांगी है। सरकार की ओर से यह जानकारी खाली पदों के विवरण जुटाने के उद्देश्य से किए जा रहे हैं। बेसिक शिक्षा विभाग के सूत्रों की मानें तो इस समय पहले के 51 हजार पदों के साथ 68500 शिक्षक भर्ती के लगभग 22 हजार पदों कुल मिलाकर 70 हजार से अधिक पदों पर भर्ती की तैयारी है।

बेसिक शिक्षा विभाग की ओर से इससे पहले कोर्ट को बताया था कि उसके पास परिषदीय विद्यालयों में लगभग 51 हजार पद खाली हैं, लगभग 22 हजार से अधिक पद 68500 शिक्षक भर्ती से खाली पड़े हैं, कोर्ट के आदेश के बाद 68500 शिक्षक भर्ती में कुछ पद भरने के बाद भी 70 हजार से अधिक पदों पर नियुक्ति की जाएगी।

सचिव बेसिक शिक्षा परिषद की ओर से अचानक 2017 से अब तक हुई नियुक्ति की जानकारी मांग के जाने के बाद अब स्पष्ट हो गया है कि सरकार नई भर्ती की तैयारी में जुट गई है। सचिव बेसिक शिक्षा परिषद की ओर से बीएसए से कहा गया है कि सीधी भर्ती से चयनित अभ्यर्थियों का विवरण एक्सेल सीट में साफ्ट एवं हार्ड कॉपी के जरिए भेजने को कहा है।

26 जून को 69000 शिक्षक भर्ती के खाली पदों को भरने के लिए कार्यक्रम जारी होगा
बेसिक शिक्षा परिषद की ओर से 69000 शिक्षक भर्ती में खाली पदों को भरने के लिए सचिव बेसिक शिक्षा परिषद की ओर से 26 जून को काउंसलिंग का कार्यक्रम घोषित किया जाएगा। परिषद की ओर से 26 जून को जिला आवंटन सूची का प्रकाशन होगा। 28 एवं 29 जून को चयनित अभ्यर्थियों को नियुक्ति पत्र जारी कर दिया जाएगा।

परिषदीय स्कूल खुलने पर शिक्षकों को आवश्यकतानुसार विद्यालयों में बुलाया जाएगा

आजमगढ़ : बेसिक शिक्षा विभाग से जुड़े स्कूल पहली से आठवीं तक के परिषदीय विद्यालय एक जुलाई से खुल जाएंगे लेकिन छात्र-छात्रओं के लिए बंद रहेंगे। परिषदीय विद्यालयों में शिक्षकों को आवश्यकतानुसार विद्यालय बुलाया जाएगा। दूसरे बोर्ड से जुड़े मान्यता प्राप्त विद्यालयों में शिक्षकों एवं शिक्षणोत्तर कर्मचारियों की उपस्थिति के लिए प्रबंधन निर्णय लेगा।



इसका मतलब यह कि छोटे बच्चों को स्कूल जाने के लिए अभी और इंतजार करना होगा। 2702 परिषदीय विद्यालय हैं जिसमें प्राथमिक विद्यालय 1737, उच्च प्राथमिक विद्यालय 484 व कंपोजिट विद्यालय 481 हैं। इनमें पुराने छात्रों की संख्या 4,11,727 हैं। कोरोना की दूसरी लहर में मार्च से ही विद्यालयों को बंद किया गया है।

डेढ़ साल से ठप है पठन-पाठन:

कोरोना के चलते बच्चों की पढ़ाई पर डेढ़ साल से बंद है। आनलाइन शिक्षा के नाम पर बेसिक शिक्षा विभाग का दावा है कि बच्चों को लाभ मिला है लेकिन ग्रामीण क्षेत्रों में इंटरनेट की सुविधा से अभिभावक परेशान हैं। ऐसे में छोटे बच्चे कितना लाभ ले पा रहे हैं, इसका सहज अनुमान लगाया जा सकता है।

सचिव बेसिक शिक्षा परिषद प्रताप सिंह बघेल की ओर से जारी पत्र में कहा गया है कि स्कूल खोले जाने की अवधि में 100 फीसद बच्चों का विद्यालय में नामांकन कराना होगा। मिड-डे-मील की धनराशि को छात्र-छात्रओं, अभिभावकों के बैंक खाते में समय से भेजने की व्यवस्था करनी होगी। निश्शुल्क किताबों का वितरण, मिशन प्रेरणा के कार्यों में सहयोग एवं जिला प्रशासन एवं शिक्षा विभाग के कार्यो में सहयोग करना होगा।

परिषदीय विद्यालयों के बच्चों की पढ़ाई का नुकसान न हो इसके लिए मिशन प्रेरणा के जरिए ई-पाठशाला चलाया जा रहा है। सभी प्रधानाचार्य, शिक्षक और समाज के जागरूक लोग भी जुड़े हैं।

ई – सपोर्टिव सुपरविजन के समय पूछे जाने वाले प्रश्न

ई – सपोर्टिव सुपरविजन के समय पूछे जाने वाले प्रश्न

बेसिक स्कूलों को इसी सत्र में मिलेगा टैबलेट, शासन ने बेसिक शिक्षा विभाग को शिक्षकों की सूची अपडेट करने को कहा

गोरखपुर। बेसिक शिक्षा परिषद की ओर से संचालित जिले के 2504 परिषदीय विद्यालयों को इसी सत्र में टैबलेट की सौगात मिलने वाली है। इसे लेकर शासन ने बेसिक शिक्षा अधिकारियों से उनके जिले में मौजूद विद्यालयों पर कार्यरत शिक्षकों की सूची तलब की है। आने बाले दिनों में टैबलेट का इस्तेमाल न सिर्फ बच्चों की ई-लर्निंग बल्कि शिक्षकों की बायोमीट्रिक प्रणाली से उपस्थिति दर्ज कराने के लिए भी किया जाएगा। महानिदेशक स्कूल शिक्षा के निर्देश पर प्रथम चरण में इसका परीक्षण चल रहा है। इसके लिए लखनऊ के 15 विद्यालय पहले ही चयनित किए जा चुके हैं। धीरे-धीरे प्रदेश के अन्य जनपदों में भी परीक्षण कर इसका वितरण सुनिश्चित कराया जाएगा।

बेसिक शिक्षा विभाग की ओर से संचालित योजनाओं के क्रियान्वयन और बच्चों तक उच्चीकृत शिक्षा पहुंचाने के नजरिए से शासन ने शिक्षकों को टैबलेट वितरित करने का मन बनाया है। शासन स्तर से शिक्षकों की सूची मांगी गई है। उसे जल्द ही भेज दिया जाएगा। – बीएन सिंह, जिला बेसिक शिक्षा अधिकारी

अच्छी पहल: बेसिक शिक्षकों की अपील का अब होगा ऑनलाइन निस्तारण, जानिए कैसे?

उत्तर प्रदेश बेसिक शिक्षा परिषद के प्राथमिक व उच्च प्राथमिक विद्यालयों में कार्यरत लाखों शिक्षकों के लिए अच्छी खबर है। परिषद उनकी शिकायतों की अपील का अब ऑनलाइन निस्तारण करेगा। उन्हें मुख्यालय या फिर अफसरों का चक्कर नहीं लगाना होगा। प्रकरणों का निस्तारण गूगल मीट के जरिए किया जाएगा। तय समय में परिषद सचिव, बीएसए, शिक्षक व संबंधित सहायक एक साथ जुड़ेंगे और तत्काल उसका समाधान होगा।


उत्तर प्रदेश बेसिक शिक्षा परिषद के स्कूलों के शिक्षकों को बेसिक शिक्षा अधिकारी अलग-अलग वजहों से दंडित करते रहते हैं। कई बार बीएसए शिक्षक से नाराज होने पर भी उन्हें निलंबित करने या फिर वेतन आदि रोकने जैसी कार्रवाई कर देते हैं। परिषद की नियमावली में प्रविधान है कि शिक्षक यदि दंड से सहमत नहीं या फिर उसे जानबूझकर प्रताड़ित करने के लिए कार्रवाई की गई है तो वह बेसिक शिक्षा परिषद सचिव के यहां अपील कर सकता है।


परिषद मुख्यालय प्रयागराज में है और यहां गाजियाबाद से बलिया और आगरा से कुशीनगर तक के शिक्षकों को दौड़ लगानी पड़ती रही है। सचिव उनके प्रकरणों की सुनवाई करके फिर बीएसए से जवाब-तलब करते रहे हैं। बड़ी संख्या में प्रकरण परिषद मुख्यालय पर लंबित हो जाते थे। कई बार बीएसए सचिव की ओर से मांगी गई सूचना का महीनों जवाब नहीं देते थे, इससे निस्तारण के लिए लंबा इंतजार करना पड़ता था।



यही वजह है कि परिषद में अब भी पूर्व सचिव संजय सिन्हा और रूबी सिंह के समय के प्रकरण लंबित हैं। शिक्षकों की अपील का त्वरित निस्तारण करने के लिए अब ऑनलाइन व्यवस्था शुरू हो रही है। वैसे भी कोविड-19 की वजह से शिक्षकों की भौतिक रूप से उपस्थिति होना मुश्किल और परिस्थितियों को देखते हुए उचित नहीं है। इन मामलों की सुनवाई गूगल मीट के जरिए होगी।

यूपी : तीसरी लहर के नियंत्रित होने तक परिषदीय स्कूलों में ऑनलाइन क्लास

यूपी : तीसरी लहर के नियंत्रित होने तक परिषदीय स्कूलों में ऑनलाइन क्लास

कोरोना संक्रमण की तीसरी लहर बच्चों के लिए ज्यादा घातक होने की आशंकाओं के चलते बेसिक शिक्षा विभाग में ऑनलाइन क्लास के विकल्प को ही जारी रखने की योजना बनाई जा रही है।

प्रदेश में कोरोना संक्रमण की तीसरी लहर नियंत्रित होने तक कक्षा 1 से 8 तक के स्कूलों में ऑनलाइन क्लास के जरिये ही पढ़ाई कराने का विचार है। कोरोना संक्रमण की तीसरी लहर बच्चों के लिए ज्यादा घातक होने की आशंकाओं के चलते बेसिक शिक्षा विभाग में ऑनलाइन क्लास के विकल्प को ही जारी रखने की योजना बनाई जा रही है।


विभाग के अधिकारी ने बताया कि जिस तरह से वैज्ञानिक और देश के प्रमुख चिकित्सा संस्थान कोरोना की तीसरी लहर जुलाई से सितंबर तक रहने और उसे बच्चों के लिए ज्यादा घातक होने की बात कर रहे हैं उसके मद्देनजर स्कूलों को खोलना जोखिम भरा हो सकता है। उनका कहना है कि हालांकि विभाग इस संबंध में चिकित्सा एवं स्वास्थ्य विभाग से भी परामर्श लेगा। उनके परामर्श के बाद मुख्यमंत्री से अनुमति ली जाएगी। लेकिन, उच्च स्तर पर कोरोना की तीसरी लहर नियंत्रित होने के बाद ही स्कूलों को खोलने की सैद्धांतिक सहमति बनी है। विभाग की अपर मुख्य सचिव रेणुका कुमार ने बताया कि ऑनलाइन क्लास ही जारी रहेगी।

सरकार का बड़ा फैसला : कोरोना से मृत शिक्षकों के आश्रितों को सहायक अध्यापक व लिपिक के पद पर मिलेगी नियुक्ति

सरकार का बड़ा फैसला : कोरोना से मृत शिक्षकों के आश्रितों को सहायक अध्यापक व लिपिक के पद पर मिलेगी नियुक्ति

अब उन मृतक आश्रितों को जो बीएड/डीएलएड(पूर्व में बी टी सी) तथा टीईटी डिग्री धारक हैं उनको अध्यापक तथा जो टीईटी उत्तीर्ण नहीं है परंतु तृतीय श्रेणी में नियुक्ति की अर्हता रखते हैं उनको पद रिक्त न होने की स्थिति में भी अधिसंख्य पद पर तृतीय श्रेणी में नियुक्ति दी जाएगी।

पूर्व में अधिकांश शिक्षकों के मृतक आश्रित जो टीईटी उत्तीर्ण नहीं थे वह उच्च शिक्षित होते हुए भी चतुर्थ श्रेणी में सेवा करने के लिए विवश होते थे क्योंकि तृतीय श्रेणी में पद रिक्त नही होते थे। यह व्यवस्था उनकी योग्यता के अनुरूप नहीं थी। इसी बात को ध्यान में रखते हुए तृतीय श्रेणी की अर्हता रखने वाले मृतक आश्रितों को पद रिक्त न होने की स्थिति में भी अधिसंख्य पद पर नियुक्ति दी जाएगी।

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यूपी सरकार ने पंचायत चुनाव के दौरान कोरोना संक्रमित होकर जान गंवाने वाले शिक्षकों को लेकर बड़ा एलान किया है। ऐसे शिक्षकों के परिजनों को सहायक अध्यापक और कनिष्ठ लिपिक के पद पर नियुक्ति मिलेगी।


बेसिक शिक्षा विभाग में शिक्षकों के मृतक आश्रितों को सहायक अध्यापक और कनिष्ठ लिपिक के पद पर अनुकंपा नियुक्ति मिलेगी। अभी तक विभाग में चतुर्थ श्रेणी के पद पर ही अनुकंपा नियुक्ति देने का प्रावधान था। प्रदेश सरकार के इस निर्णय से हाल ही में पंचायत चुनाव की ड्यूटी के दौरान कोरोना संक्रमित होने से जान गंवाने वाले परिषदीय शिक्षकों और कर्मचारियों के मृतक आश्रितों को बड़ा लाभ होगा


बेसिक शिक्षा राज्यमंत्री ( स्वतंत्र प्रभार ) सतीश द्विवेदी ने बताया कि अब उन मृतक आश्रितों को जो बीएड/डीएलएड(पूर्व में बी टी सी) तथा टीईटी डिग्री धारक हैं उनको अध्यापक तथा जो टीईटी उत्तीर्ण नहीं है परंतु तृतीय श्रेणी में नियुक्ति की अर्हता रखते हैं उनको पद रिक्त न होने की स्थिति में भी अधिसंख्य पद पर तृतीय श्रेणी में नियुक्ति दी जाएगी।


उन्होंने बताया कि पूर्व में अधिकांश शिक्षकों के मृतक आश्रित जो टीईटी उत्तीर्ण नहीं थे वह उच्च शिक्षित होते हुए भी चतुर्थ श्रेणी में सेवा करने के लिए विवश होते थे क्योंकि तृतीय श्रेणी में पद रिक्त नहीं होते थे। यह व्यवस्था उनकी योग्यता के अनुरूप नहीं थी। इसी बात को ध्यान में रखते हुए तृतीय श्रेणी की अर्हता रखने वाले मृतक आश्रितों को पद रिक्त न होने की स्थिति में भी अधिसंख्य पद पर नियुक्ति दी जाएगी।


बता दें कि सरकार ने इस फैसले से उन शिक्षक व कर्मचारी संघों की नाराजगी कम करने का प्रयास किया है जो कि पंचायत चुनाव में मृत शिक्षकों व कर्मचारियों के परिजनों के प्रति सरकार पर संवेदनहीन होने का आरोप लगा रहे थे। बता दें कि उनकी नाराजगी को देखते हुए प्रदेश के मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ ने कहा था कि सरकार मृतकों के परिजनों के साथ पूरी संवेदनशीलता से पेश आएगी।


दरअसल, सरकार ने शिक्षक व कर्मचारी संघ के उन दावों को पूरी तरह नकार दिया था जिसमें पंचायत चुनाव के दौरान 1600 से भी ज्यादा शिक्षक व कर्मचारियों की मौत की बात कही गई थी। हालांकि, विरोध को देखते हुए फिर सरकार ने नरम रुख अपनाया है।

यूपी : पहली बार कक्षा एक और दो के बच्चे भी पढ़ेंगे संस्कृत

यूपी : पहली बार कक्षा एक और दो के बच्चे भी पढ़ेंगे संस्कृत

उत्तर प्रदेश बेसिक शिक्षा परिषद के 1,13,289 प्राथमिक स्कूलों में पढ़ने वाले कक्षा एक व दो के 20 लाख से अधिक बच्चों को अब संस्कृत भी पढ़ाई जाएगी।

पहले कक्षा तीन से बच्चों को संस्कृत पढ़ाई जाती थी। इस साल से कक्षा एक में संस्कृत के पांच छोटे-छोटे सचित्र पाठ शामिल किए गए हैं। जिनमें फलों व सब्जी के नाम, हमारे सहयोगी कृषक व कामगार के नाम, परिवार के सदस्यों के नाम आदि संस्कृत में हैं। कक्षा दो की किसलय में संस्कृत में चार लाइन का बाल गीत, पांच तक की संख्या आदि है।

कोरोना कंट्रोल रूम में ड्यूटी न करने वाले बेसिक शिक्षकों की अप्रैल महीने की रुकेगी सैलरी, बीएसए ने जारी की लिस्ट

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बेसिक शिक्षा विभाग के कार्यक्रमों व योजनाओं की महानिदेशक स्कूल शिक्षा ने मांगी समीक्षा, 16 मई को ज़ूम मीटिंग हेतु जारी आदेश देखें

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