परिषदीय विद्यालयों में ब्लॉक स्तरीय तबादले अब ऑनलाइन
मार्च 2017 के बाद से नहीं हुए थे ब्लॉक स्तरीय तबादले
अक्टूबर के अंतिम हफ्ते से आवेदन लिए जाने की तैयारी
68500 शिक्षक भर्ती के पुनः पुनर्मूल्यांकन का रिजल्ट आज दोपहर होगा घोषित।
हाईस्पीड ब्रॉडबैंड इंटरनेट से जुड़ेंगे परिषदीय विद्यालय, पहले चरण में करीब 28 हजार ग्राम पंचायतों के स्कूल फाइबर नेटवर्क से होंगे लैस
प्रदेश के सुदूरवर्ती इलाकों में बेसिक शिक्षा परिषद की ओर से संचालित विद्यालय भी ऑप्टिकल फाइबर के जरिये हाईस्पीड ब्रॉडबैंड नेटवर्क से जुड़ सकेंगे। डिजिटल लर्निंग को बढ़ावा देने की कोशिशों के बीच तेज इंटरनेट कनेक्टिविटी से लैस होकर परिषदीय विद्यालय भी निजी क्षेत्र के स्कूलों से इस मामले में होड़ ले सकेंगे। इंटरनेट कनेक्टिविटी की समस्या के कारण दीक्षा एप, शैक्षिक वेबसाइट और यू-ट्यूब पर क्लिक करने के बाद स्क्रीन पर देर तक गोले घूमने (बफरिंग) के ऊबाऊ अहसास से निजात मिलेगी और परिषदीय स्कूलों के बच्चे इंटरनेट के जरिये सही मायने में स्ट्रीमिंग वीडियो का लुत्फ ले सकेंगे।
पहले चरण में प्रदेश की 27,944 ग्राम पंचायतों के परिषदीय स्कूलों को फाइबर नेटवर्क से जोड़ा जाएगा। बेसिक शिक्षा विभाग की ओर से सभी जिलाधिकारियों से अनुरोध किया जा चुका है कि भारत नेट (फाइबर टू द होम) प्रोजेक्ट के पहले चरण में चयनित इन 27,944 ग्राम पंचायतों के परिषदीय स्कूलों को अविलंब फाइबर नेटवर्क से जोड़ा जाए। बुनियादी शिक्षा के क्षेत्र में निजी स्कूलों के वर्चस्व के बीच बेसिक शिक्षा विभाग परिषदीय स्कूलों को भी डिजिटल तकनीक से जोड़ने की कोशिश में जुटा है। इनोवेटिव लर्निंग और विद्यालयों के प्रबंधन में आइटी के इस्तेमाल को बढ़ावा देने के लिए विभाग जहां प्रत्येक स्कूल को टैबलेट मुहैया कराने जा रहा है, वहीं उसने सामुदायिक सहभागिता के जरिये भी स्कूलों में डिजिटल उपकरण उपलब्ध कराने के प्रयास करने के निर्देश विभागीय अधिकारियों को दिये हैं।
फाइबर नेटवर्क योजना को अमली जामा पहना रहे सीएससी ई-गवर्नेंस सर्विसेज इंडिया लिमिटेड के प्रतिनिधियों के साथ भी बेसिक शिक्षा विभाग की राज्य स्तर पर बैठक हो चुकी है। सीएससी ने इसके लिए बेसिक शिक्षा विभाग से सहयोग की अपेक्षा की है। इसी क्रम में स्कूल शिक्षा महानिदेशक विजय किरन आनंद ने सभी जिला बेसिक शिक्षा अधिकारियों को निर्देश दिया है कि वे जिला स्तर पर सीएससी के नोडल अधिकारियों से समन्वय स्थापित करके इस काम के लिए उन्हें वांछित सहयोग दें।
69000 भर्ती फर्जीवाड़ा : परीक्षा पास कराने के मामले में वांछित ने एसटीएफ को दिया चकमा, सरेंडर कर जमानत पर छूटा
69000 शिक्षक भर्ती परीक्षा पास कराने के मामले में वांछित मायापति ने एसटीएफ को चकमा देकर कोर्ट में सरेंडर कर दिया और जमानत पर रिहा भी हो गया। उसके मायाजाल में एसटीएफ घनचक्कर बन गई। अभी इस केस में छह अन्य आरोपियों की गिरफ्तारी बाकी है, जिसमें धूमनगंज का स्कूल प्रबंधक चंद्रमा यादव भी शामिल है। एसटीएफ
आरोपियों की धरपकड़ में लगी है। गौरतलब है कि 69000 सहायक शिक्षक भर्ती में फर्जीवाड़ा का आरोप लगाते हुए राहुल सिंह नामक अभ्यर्थी ने सोरांव थाने में 5 जून को मुकदमा दर्ज कराया था। पुलिस ने इस प्रकरण में डॉक्टर कृष्ण लाल पटेल समेत 11 लोगों को गिरफ्तार कर जेल भेज चुकी है। बाद में इस प्रकरण की जांच एसटीएफ को सौंप दी गई। एसटीएफ ने भी फर्जीवाड़े में शामिल एक अभ्यर्थी को गिरफ्तार करके जेल भेजा था जिसने सेटिंग से 120 से ज्यादा नंबर हासिल किए थे। अब इस मुकदमे में 6 अन्य लोगों की गिरफ्तारी बाकी की है। सभी के खिलाफ पुलिस ने वारंट जारी करा दिया है। फरार आरोपियों में भदोही का भरट्टा संचालक मायापति भी शामिल था जिसकी तलाश में एसटीएफ ने भदोही से लेकर लखनऊ तक छापेमारी की थी। इस बीच उसने 4 सप्ताह के लिए अग्रिम जमानत ले ली। एसटीएफ उसकी गिरफ्तारी करती, इससे पूर्व ही उसने कोर्ट में सरेंडर कर दिया और अग्रिम जमानत आदेश दिखाते हुए कोर्ट से उसको राहत मिल गई। अब एसटीएफ उसे पकड़कर पूछताछ करेगी लेकिन गिरफ्तार नहीं कर सकेगी।
बेसिक शिक्षा में 15 जिलों की प्रगति बहुत खराब है। विभिन्न मानदण्डों पर इन जिलों के काम संतोषजनक नहीं है लिहाजा महानिदेशक स्कूल शिक्षा विजय किरन आनंद ने इन जिलों की जांच के आदेश दिए हैं। मुख्यमंत्री व बेसिक शिक्षा राज्यमंत्री के गृह जनपद गोरखपुर व सिद्धार्थनगर की जांच महानिदेशक खुद करेंगे। जांच के लिए अधिकारियों को जिलों का दो दिवसीय दौरा करना होगा। जांच 15 दिन में पूरी कर 30 सितम्बर को रिपोर्ट सौंपनी होगी।
जाँच अधिकारी जिलों में जिलाधिकारी व मुख्य विकास अधिकारियों के साथ बैठक करेंगे। बीएसए द्वारा हर महीने की जा रही समीक्षा की रिपोर्ट चेक करेंगे। उसकी नियमितता व गुणवत्ता की रिपेार्ट लेंगे और जिला स्तर पर कंट्रोल रूम की सक्रियता परखेंगे। ऑपरेशन कायाकल्प के दौरान अंतरविभागीय कन्वर्जेंस की रिपोर्ट की समीक्षा करेंगे। इसके अलावा एक कस्तूरबा गांधी आवासीय विद्यालय का निरीक्षण करेंगे। दो स्कूलों का स्थलीय निरीक्षण कर एमडीएम खाद्यान्न वितरण व कन्वर्जेंस कॉस्ट, यूनिफार्म व पाठ्यपुस्तक वितरण और ई-पाठशाला की समीक्षा करेंगे। जांच की जिम्मेदारी राज्य परियोजना कार्यालय के अधिकारियों व सलाहकारों को सौंपी गई है।मथुरा व उन्नाव के लिए रोहित त्रिपाठी, राजीव नयन व रवि, मुजफ्फरनगर के लिए समीर कुमार, बलविंदर सिंह, सुल्तानपुर व मिर्जापुर के लिए कमलेश प्रियदर्शी, तरुणा सिंह, अमित राय, बलिया व कुशीनगर के लिए माधव तिवारी, संजय शुक्ला, सविता सिंह, गाजीपुर के लिए कमलाकर पांडे, जीवन सिंह ऐरी, नीलम सिंह, महोबा व आगरा के लिए राजेंद्र प्रसाद, राजेश कुमार शाही, रंजीत सिंह, ललितपुर के लिए उदय भान, नीलम, आरएन सिंह, कानपुर देहात व बहराइच के लिए आनंद कुमार पांडे, शिखा शुक्ला और पीएम अंसारी को जिम्मेदारी सौंपी गई है।
बेसिक शिक्षा विभाग उत्तर प्रदेश के स्कूलों में 1 लाख 41 हजार शिक्षकों के पद खाली Teacher Vacancy
यूपी में बेसिक शिक्षा परिषद के 158914 प्राथमिक और उच्च प्राथमिक स्कूलों में सहायक अध्यापकों और प्रधानाध्यापकों के 1.41 लाख से अधिक पद खाली हैं। परिषदीय शिक्षकों के अंतर जनपदीय तबादले के आंकड़ों से पता चलता है कि ये पद 69000 सहायक अध्यापक भर्ती को छोड़कर हैं। यदि इनमें 69000 रिक्त पद भी जोड़े जाएं तो खाली पदों की संख्या 2.10 लाख से अधिक हो जाएगी। निःशुल्क एवं अनिवार्य बाल शिक्षा का अधिकार अधिनियम 2009 के अनुसार यूपी के 113289 परिषदीय प्राथमिक विद्यालयों में सहायक अध्यापक और प्रधानाध्यापक के 160533 पद और उच्च प्राथमिक स्कूलों में सहायक अध्यापक व प्रधानाध्यापकों के कुल अनुमन्य पदों में से 50088 खाली हैं।
उच्च प्राथमिक स्कूलों में सीधी भर्ती पर रोक
प्रदेश सरकार ने परिषदीय 45625 उच्च प्राथमिक स्कूलों में सहायक अध्यापकों की सीधी भर्ती पर रोक लगा दी है। इससे पूर्व 2013 में विज्ञान और गणित के 29334 सहायक अध्यापकों की सीधी भर्ती शुरू हुई थी जिसके सभी पद भरने का मामला अब तक सर्वोच्च न्यायालय में विचाराधीन है। उसके बाद सरकार ने सीधी भर्ती पर रोक लगाते हुए पदोन्नति से भरने का निर्णय लिया था। इसलिए इनमें खाली सहायक अध्यापकों के 48205 पदों पर भर्ती के कोई आसार नहीं है | प्रधानाध्यापकों के 1883 पद रिक्त हैं।
प्राथमिक स्कूलों में अनुमन्य पदों से अधिक प्रधानाध्यापक
113289 परिषदीय प्राथमिक विद्यालयों में अनुमन्य पदों की तुलना में दोगुने से अधिक प्रधानाध्यापक हैं। आरटीई मानक के अनुसार प्राथमिक स्कूलों में 150 से अधिक बच्चे होने पर ही प्रधानाध्यापकों की नियुक्ति होनी चाहिए | हालांकि जिन स्कूलों में पहले से प्रधानाध्यापक हैं उन्हें नहीं हटाने का आदेश सरकार ने कर रखा है। इस लिहाज से प्रधानाध्यापकों के 22444 पद अनुमन्य हैं लेकिन वर्तमान में 68191 प्रधानाध्यापक कार्यरत हैं।
प्रदेश के सभी सरकारी प्राइमरी स्कूलों में टेबलेट इस वर्ष के अंत तक पहुंच जाएंगे। प्रदेश के 1.59 स्कूलों के प्रधानाचार्यों को एक-एक टेबलेट दिया जाना है। इसकी खरीद की प्रक्रिया शुरू हो गई है। बेसिक शिक्षा विभाग को 1,64, 323 टैबलेट खरीदने हैं और इसमें 150 करोड़ रुपए का खर्च आएगा। वर्ष के अंत तक टैबलेट स्कूलों तक पहुंच जाएंगे। टैबलेट के लिए कम्पनियां 29 सितम्बर तक आवेदन कर सकेंगी। कम्पनियों को ब्लॉक स्तर पर टेबलेट की सप्लाई देनी होगी। इस टेबलेट में बायोमीट्रिक हाजिरी की व्यवस्था है। इसके जरिए प्रधानाचार्यों व शिक्षकों की जवाबदेही तय की जाएगी। पिछले सत्र में भी टेबलेट की योजना आई थी लेकिन इसके टेण्डर में ज्यादा कम्पनियां नहीं आईं थीं। इक्का-दुकक््का कम्पनियों के चलते खरीद प्रक्रिया पूरी नहीं की गई। इस बार फिर से टेबलेट प्रधानचार्यों को देने की तैयारी है। प्रधानाध्यापकों के अलावा इसे 4400 अकादमिक रिसोर्स पर्सन और 880 ब्लॉक रिसोर्स सेण्टर को भी टेबलेट दिया जाएगा। इसके साथ डाटा प्लान भी दिया जाएगा।
बच्चों की बायोमीट्रिक हाजिरी ली जा सकेगी पिछले सत्र में राज्य सरकार ऐसे टैबलेट की खरीद करने जा रही थी जिससे फोटो के माध्यम से हाजिरी ली जा सके | लेकिन सेल्फी के माध्यम से हाजिरी का खूब विरोध हुआ जिसका तोड़ निकालते हुए सरकार ने बायोमीट्रिक हाजिरी वाले की व्यवस्था की है। इसके माध्यम से बच्चों की हाजिरी भी सुनिश्चित करने की योजना है|
प्रतापगढ़ : संपर्क बैठक एप एक मोबाइल एप है। इसके माध्यम से कक्षा एक से पांच तक के बच्चे घर में रहकर ही पढ़ाई कर सकते हैं। अभी वर्तमान में लॉकडाउन के कारण पूरे देश के स्कूलों में पढा़ई बंद हो गई है। बच्चों की पढ़ाई प्रभवित न हो इसलिए नए नए तकनीक से बच्चों तक शिक्षा पहुंचाने का प्रयास किया जा रहा है। संपर्क बैठक एप के माध्यम से शिक्षक और विद्यार्थी अध्ययन अध्यापन के नए नए तकनीक और तरीकों के बारे में जानकारी प्राप्त करेंगे। इस एप की सबसे बड़ी खासियत यह है कि इसके उपयोग की प्रक्रिया अत्यंत सरल है।
बेसिक शिक्षकों को संपर्क बैठक एप डाउनलोड करने का निर्देशमोबाइल एप के माध्यम से पढ़ाई करने के लिए बच्चों और अभिभावकों को प्रेरित करना होगा। बेसिक शिक्षकों को संपर्क बैठक एप डाउन लोड करने का निर्देश दिया गया है। यह एप आनलाइन शिक्षण को गति प्रदान करेगा। शिक्षकों को इसे अपने मोबाइल में डाउनलोड करने के बाद बच्चों व अभिभावकों के एंड्रायड मोबाइल में डाउनलोड करना होगा। इसके माध्यम से शिक्षकों को आनलाइन प्रशिक्षण भी दिया जा सकेगा।
मोबाइल एप को डाउनलोड करने हेतु यहाँ क्लिक करें https://play.google.com/store/apps/details?id=com.sf.app&hl=hi
नई दिल्ली: सरकार कोरोना संकट के बीच स्कूल खोलने में गड़बड़ी नहीं दिखाएगी। एचआरडी मिनिस्ट्री ने साफ किया है कि अभी तत्काल स्कूल-कॉलेज खोलने के संभावनाएं नहीं हैं। दरअसल पिछले दिनों स्वास्थ्य विभाग की मीटिंग में यह तर्क सामने आया था कि एक सितंबर से चरणों में खोले जा स्कूल सकते हैं और इसके लिए कुछ विकल्प भीसुझाए गए थे। सूत्रों के अनुसार, सोमवार के एचडी मिनिस्ट्री में हुई मीटिंग में तय किया गया है कि अभी स्कूलों को खोलने पर विचार नहीं किया जाएगा। सहमति बनी कि कोरोना के हालात अभी भी गंभीर है, ऐसे में अभी किसी भी विकल्पों के साथ इन्हें खोलने का जोखिम नहीं लिया जा सकता है। कमेटी ने पहले इस विकल्प पर विचार किया था कि 1 सितंबर से हाई स्कूलों के चरणों में खोला जाए और तीन महीने के चरणवद्ध तरीके से की कक्षाएं को भी खोला जाएगा।
लेकिन अधिकारियों के अनुसार इसमें डेट को लेकर कोई सहमति नहीं बनी थी और एक मॉडल के तौर पर इस पर बातचीत की गई थी। कई राज्यों ने भी स्कूलों को खोलने के प्रति अपनी चिंता जाहिर की है। अधिकारियों के अनुसार हालात की समीक्षा नियमित रूप से होगी और जब हालात वास्तव में सामान्य होंगे तो इस बारे में सभी से सहमति लेकर स्कूलों को खोलने पर फैसला होगा। वहीं सोमवार को पीएम नरेंद्र मोदी ने वाढ़ प्रभावित 6 राज्यों के सीएम के साथ विडियो कॉन्फ्रेंसिंग के माध्यम से मीटिंग की। इनमें बिहार, यूपी, महाराष्ट्र, असम, केरल और कर्नाटक के सीएम शामिल थे। चर्चा के दौरान कोरोना के हालात पर भी चर्चा हुई।
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