उत्तर प्रदेश सरकार:- अपर मुख्य सचिव द्वारा जारी आदेश , सभी शैक्षणिक संस्थानों में 30 जनवरी तक रहेगा अवकाश
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यूपी में कक्षा छह से आठ तक के स्कूल एक सितंबर से खुल सकते हैं। सीएम योगी ने टीम-9 के साथ बैठक में कहा कि बेसिक शिक्षा परिषद के स्कूलों में कक्षा 06 से 08 वीं तक की कक्षाओं में प्रवेश की प्रक्रिया शुरू कर दी जाए। स्थिति का आकलन करते हुए इन स्कूलों में एक सितंबर से पढा़ई शुरू की जा सकती है।
16 अगस्त से माध्यमिक और उच्च प्राविधिक स्कूलों में होगी पढ़ाई:
इससे पहले सीएम योगी ने आदेश दिया था कि 15 अगस्त के बाद माध्यमिक, उच्च, प्राविधिक और व्यावसायिक शिक्षण संस्थानों में पढ़ाई शुरू होगी। इसे देखते हुए 18 वर्ष से अधिक विद्यार्थियों के टीकाकरण के लिए विश्वविद्यालय/स्कूल/कॉलेज परिसर में ही टीकाकरण शिविर लगाए जाएं।
बेसिक शिक्षा परिषद के विद्यालयों में शिक्षकों और कर्मचारियों की उपस्थिति को देखते हुए आवश्यकतानुसार इन विद्यालय परिसर में भी टीकाकरण शिविर आयोजित किए जाएं। सीएम योगी ने कहा है कि प्रदेश में कोविड की नियंत्रित स्थिति को देखते हुए दो दिवसीय साप्ताहिक बंदी में आंशिक छूट दिए जाने पर विचार किया जा सकता है। इस संबंध में गृह विभाग विस्तृत गाइडलाइन प्रस्तुत करे। प्रत्येक स्थान पर प्रत्येक दशा में कोविड प्रोटोकॉल का अनुपालन कराया जाए। कहीं भी अनावश्यक भीड़भाड़ न हो। पुलिस पेट्रोलिंग सतत जारी रहे। नवीन व्यवस्था के संबंध में समुचित दिशा-निर्देश प्रस्तुत किये जाएं।
कोरोना की स्थिति अब नियंत्रण में:
सीएम ने कहा कि प्रदेश में कोरोना महामारी की दूसरी लहर पर प्रभावी नियंत्रण बना हुआ है। आज जनपद अलीगढ़, अमेठी, चित्रकूट, एटा, फिरोजाबाद, गोंडा, हाथरस, कासगंज, पीलीभीत, प्रतापगढ़, शामली और सोनभद्र में कोविड का एक भी मरीज शेष नहीं है। यह जनपद आज कोविड संक्रमण से मुक्त हैं। औसतन हर दिन ढाई लाख से अधिक टेस्ट हो रहें हैं, जबकि पॉजिटिविटी दर 0.01 बनी हुई है और रिकवरी दर 98.6 फीसदी है। विगत 24 घंटे में हुई 02 लाख 39 हजार 909 सैम्पल की टेस्टिंग में 59 जिलों में संक्रमण का एक भी नया केस नहीं पाया गया, जबकि 16 जनपदों में इकाई अंक में मरीज पाए गए। वर्तमान में प्रदेश में एक्टिव कोविड केस की संख्या 505 रह गई है। यह अतिरिक्त सतर्कता और सावधानी बरतने का समय है। थोड़ी सी लापरवाही बड़ी समस्या का कारक बन सकती है
ट्रेसिंग, टेस्टिंग और त्वरित ट्रीटमेंट के मंत्र से अच्छे परिणाम मिल रहे हैं। अब तक 06 करोड़ 81 लाख 37 हजार 752 कोविड सैम्पल की जांच की जा चुकी है। विगत 24 घंटे में हुई ट्रेस्टिंग में 27 नए मरीजों की पुष्टि हुई। इसी अवधि में 63 मरीज स्वस्थ होकर डिस्चार्ज हुए। प्रदेश में अब तक 16 लाख 85 हजार 555 प्रदेशवासी कोरोना संक्रमण से मुक्त होकर स्वस्थ हो चुके हैं। इस स्थिति को और बेहतर करने के लिए ट्रेस, टेस्ट और ट्रीट की नीति के अनुरूप सभी जरूरी प्रबंध किए जाएं।
5.50 करोड़ वैक्सीन डोज लग गई :
प्रदेश में कोविड टीकाकरण सुचारु रूप से चल रहा है। प्रदेश में अब तक 5.50 करोड़ वैक्सीन डोज लगाई जा चुकी है। कोविड से बचाव के लिए टीका-कवर अति उपयोगी है। कोविड के खिलाफ अब की लड़ाई में टीके की महत्ता स्वयं सिद्ध है। इसके दृष्टिगत, उत्तर प्रदेश एक मात्र राज्य है, जहां अब तक 05 करोड़ 50 लाख 52 हजार से अधिक वैक्सीन डोज लगाई जा चुकी है। 04 करोड़ 64 लाख 33 हजार से अधिक लोगों ने वैक्सीन की एक डोज प्राप्त कर ली है। प्रदेश में अब तक 86 लाख से अधिक लोग कोविड टीके की दोनों डोज प्राप्त कर चुके हैं। इस स्थिति को और बेहतर करने की आवश्यकता है। कोविड टीके की दूसरी खुराक समय पर मिलना सुनिश्चित कराया जाए। जिन लोगों को दूसरी डोज लगाई जानी है, उनसे संवाद-संपर्क किया जाए। शनिवार का दिन सेकेंड डोज के लिए आरक्षित रखें। बौद्ध-भिक्षु गणों, विदेशी नागरिकों व असहाय/निराश्रित जनों के टीकाकरण के लिए भी समुचित व्यवस्था की जाए।बीच अपने प्राण की परवाह न करते हुए दायित्व निर्वहन किया है। शासन के स्थायी कर्मचारी हों, अथवा संविदा या आउटसोर्सिंग कार्मिक, किसी भी दशा में एक भी कर्मचारी का वेतन बकाया न रखा जाए। किसी भी दशा में वेतन भुगतान लंबित न रहे। सभी विभाग इस आदेश का अनुपालन करना जाना सुनिश्चित करें।
कोरोना से मृत सभी कर्मियों के परिजनों को मिलेगी पारिवारिक पेंशन, लेकिन NPS आच्छादित नहीं पा सकेंगे फंड
प्रयागराज। कोविड संक्रमण की वजह मरने वाले शिक्षकों और कर्मचारियों के परिजनों को पारिवारिक पेंशन का लाभ मिलेगा 2005 के बाद नियुक्त कर्मचारियों के परिजनों को भी यह लाभ मिलेगा। हालांकि एनपीएस में जमा राशि सरकार के खाते में चली जाएगी। यानी, परिजनों को फंड नहीं मिलेगा।
जिले में विगत एक महीने में ही कोविड संक्रमण की वजह से 90 से अधिक केंद्रीय एवं राज्य कर्मियों की मौत हो गई। इनमें से 74 तो चुनावी ड्यूटी के दौरान संक्रमित हो गए। इनमें से कई शिक्षकों और कर्मचारियों को 2005 के बाद नियुक्ति मिली है। यानी ये लोग एनपीएस के दायरे में आते हैं लेकिन 2005 से पहले नियुक्त कर्मचारियों की तरह इन्हें भी पारिवारिक पेंशन का लाभ मिलेगा।
शिक्षक नेता अनुज पांडेय का कहना है कि सर्विस में रहते हुए निधन पर एनपीएस में भी पुरानी पेंशन दिए जाने का प्रावधान किया गया है। सर्विस मैटर एवं पेंशन के जानकार एजी ऑफिस से रिटायर हरिशंकर तिवारी का कहना है कि परिवार को पहले 10 वर्ष तक पूरी पेंशन यानी, वेतन का 50 फीसदी पेंशन मिलेगी। इसके बाद 33 फीसदी पेंशन मिलेगी। पेशन में नियमित तौर पर महंगाई भत्ते का भी लाभ मिलेगा लेकिन इसके एवज में एनपीएस में जमा कुल राशि सरकार के खाते में चली जाएगी।
असाधारण पेंशन की शुरु हुई मांग
कोविड से मरने वाले शिक्षकों और कर्मचारियों के परिवार के लिए असाधारण पेंशन की मांग शुरू हो गई है। उत्तर प्रदेश राज्य कर्मचारी महासंघ ने इस बाबत मुख्यमंत्री को पत्र लिखा है। कर्मचारी शिक्षक समन्वय समिति के जिला संयोजक अश्वनी कुमार श्रीवास्तव का कहना है कि इलाज के खर्च के भुगतान के साथ एक करोड़ रुपये मुआवजे की भी मांग की गई है।
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