New update for DBT 1.0.0.38 – डी बी टी का वर्जन एक क्लिक में करें अपडेट।

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DBT : यूनिफार्म आदि का पैसा खातों में 20 मई तक पहुंचेगा

DBT : यूनिफार्म आदि का पैसा खातों में 20 मई तक पहुंचेगा

लखनऊ । कक्षा एक से 8 तक के बच्चों को ड्रेस, जूता- मोजा एवं बैग आदि की राशि 20 से मई से पूर्व डीबीटी के माध्यम से बच्चों के माता-पिता या अभिभावकों के खाते में पहुंच जाएगी।
 बेसिक शिक्षा विभाग की ओर से शिक्षा सत्र 2023-24 में ग्रीष्मावकाश से पहले ही अधिकतर छात्र – छात्राओं को डीबीटी (टायरेक्ट बेनिफिट ट्रांसफर) के माध्यम से लाभान्वित करने की तैयारियां पूरी कर ली गई है।
पिछले वर्ष के वे छात्र-छात्राएं जो वर्तमान में पूर्व की कक्षा से प्रोन्नत होकर ऊपर की कक्षा में उसी विद्यालय में अध्ययनरत हैं, उन्हें प्रथम चरण में आगामी 20 मई के पूर्व ही ड्रेस आदि की रकम अभिभावक के खाते में भेज दी जाएगी ।
बीसी सखी मदद करेंगी
वर्ष 2023-24 से डीबीटी के माध्यम से भेजी गई राशि की निकासी सरल और सुगम बनाने के लिए बेसिक शिक्षा विभाग की ओर से वीसी सखी योजना के साथ जोड़ा जा रहा है ताकि अभिभावकों को उनके घर पर ही धन निकासी की सुविधा उपलब्ध हो सके। इसका मकसद है कि अभिभावक स्थानीय बाजारों से अपने मन माफिक फिटिंग वाले ड्रेस आदि खरीद सकें।

प्रेरणा पोर्टल आज से पुनः एक्टिव, न्यू रजिस्ट्रेशन और प्रथम चरण के DBT के पूर्व छात्रों को सत्यापित करने की प्रक्रिया शुरू

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सूचना :- 1. सत्र 2022-23 के छात्र/छात्रा प्रमोट तथा पास आउट कर दिए गए है ।

2-यदि कोई छात्र/छात्रा पिछले सत्र में पास आउट हो गया है तथा इस सत्र में किसी अन्य विद्यालय में पंजीकरण लेना चाहता है तो उन छात्र/छात्रा का नवीन पंजीकरण नही करना है उनको आपको वर्तमान विद्यालय में स्थानांतरण करना होगा जिसके लिए Student Transfer पर क्लिक करे ।

3- सभी अध्यापक सत्र 2023-24 के छात्र – छात्रा को वेरीफाई कर ले – यदि कोई छात्र / छात्रा विद्यालय में नहीं है तो उन्हें डिलीट करे ।

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DBT प्रक्रिया में आने वाली समस्याएं तथा शिक्षको द्वारा पूछे गए Questions Answers

  1. सारा नामांकन डीबीटी एप में नहीं दिख रहा है जिससे कि जो छात्र दिख नही रहे उनका डीबीटी नही हो पा रहा है।

Answer:- jo bacche nahi show ho rahe hai inhe ek baar dropout aur duplicate wale column me check kre yadi hai to inhe rollback kar le show ho jayenge.

2 . अगर किसी छात्र के पहले पिता का खाता लगा था और उसके पिता का देहांत हो गया है तो ऐसी स्थिति में खाता नहीं बदल पा रहा है।

Answer :-dbt me account ka option nahi diya gya hai aap sirf guardian ke aadhar ko lagaye .

  1. जिन छात्र का पिछली बार खाते में धनराशि नही पहुंची थी उनका भी खाता नहीं परिवर्तित हो पा रहा है।

Answer:- aise guardian ka aadhar lagaye jinka aadhar bank se link ho.

  1. किसी छात्र के माता पिता दोनो का आधार नहीं लगाया जा सक रहा है ऐसी स्थिति में उनका आधार प्रमाणित नहीं हो पा रहा।

Answer :- jab tk guardian ka aadhar nahi lagega tab tk wah baccha apramanit me show kare mata pita ke na hone par aap kisi any guardian ka aadhar laga sakte hai .

  1. प्रतिदिन कुल नामांकित छात्र पूरे हो जाने और प्रमाणित छात्र 0 हो जाने के कारण अध्यापक उन्ही छात्र का बार बार डीबीटी करते रह जाते है जिससे को रिपोर्ट नहीं बढ़ पा रही है।

Answer :- refresh all data kar le aapne jitne student verify kiye hai show ho jayenge.

  1. ऐसे छात्र जिनके भाई बहन विद्यालय में पढ़ रहे है उनका भी आधार प्रमाणित नहीं हो पा रहा है।

Answer :- student ke aadhar se student ki details aur guardian ke aadhar se guardian ki details fill kare verify ho jayenge .

  1. कुछ छात्रों के अभिभावक का आधार पहले से भरा हुआ है पर छात्र से संबंध वाला कॉलम खाली है और उसमे सिलेक्ट भी नही किया जा पा रहा है। Answer:- revert ka option block level par diya jayega aap un bacchon ko revert karke unke guardian ko edit kar sakte hai

आधार सत्यापन में उलझ रहे शिक्षक, आधार व स्कूल रिकार्ड में जन्मतिथि की भिन्नता बनी सबसे बड़ी समस्या

आधार सत्यापन में उलझ रहे शिक्षक, आधार व स्कूल रिकार्ड में जन्मतिथि की भिन्नता बनी सबसे बड़ी समस्या

फतेहपुर : डीबीटी ऐप पर परिषदीय शिक्षक इन दिनों कई कार्य कर रहे हैं। इनमें नए छात्रों का पंजीकरण, पुराने छात्रों की यूनीफार्म पहना कर फोटो अपलोड करने व छात्रों के आधार सत्यापन जैसे कार्य शामिल हैं। सबसे बड़ी समस्या आधार व स्कूल रिकार्ड में जन्मतिथि की भिन्नता है। जिसके चलते छात्रों के आधार सत्यापन में मुश्किलें पेश आ रही हैं।

शिक्षक बताते हैं कि जब ग्रामीण क्षेत्र के भोले भाले व जागरूकहीन अभिभावकों ने कई साल पहले अपने बच्चों के आधार कार्ड बनवाए थे तो उन्होंने आधार में जन्मतिथि अंकित कराने को लेकर समुचित गंभीरता नहीं बरती थी। इस कारण आधार सेण्टर के फीडिंग कर्मी ने अपनी मर्जी से बच्चों की गलत जन्मतिथि आधार में अंकित कर दी थी। जब बच्चे स्कूलों में प्रवेश के लिए पहुंचे तो वहां अभिभावकों ने दूसरी जन्मतिथि अंकित कराई। जन्मतिथि का यह अंतर तमाम स्कूलों में सामने आ रहा है। आधार सत्यापन के दौरान समूचा ब्यौरा आधार कार्ड के अनुसार ही होना चाहिए तभी आधार का सत्यापन हो सकेगा। भिन्न जन्मतिथियों के कारण ऐसा संभव नहीं हो पा रहा है।


बच्चों को भविष्य में होगा नुकसान

जानकार बताते हैं कि यदि बच्चों की वास्तविक जन्मतिथि की बजाए उन्हें उम्र में अधिक दिखाया गया है तो भविष्य में उनका नुकसान हो सकता है। वह आयु वर्ग के अनुसार कक्षाओं को पास नहीं कर पाएंगे।


अभिभावकों ने संशोधन में भी नहीं ली रुचि

शिक्षक बताते हैं कि ग्रामीण क्षेत्रों में अभिभावकों ने समय रहते प्रवेश पंजिका के अनुसार आधार कार्ड में संशोधन नहीं कराया। यदि अब संशोधन किया जाएगा तो समय रहते डीबीटी का कार्य नहीं पूरा हो सकेगा।

DBT का कार्य बैच बनाने की प्रक्रिया के चलते रोका गया, देखें

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Watch “UP Chief Minister’s मुख्यमंत्री जी के आज के भाषण का वो अंश जो प्रत्येक अध्यापक को जरूर सुनना चाहिए।” on YouTube

मुख्यमंत्री जी के आज के भाषण का वो अंश जो प्रत्येक अध्यापक को जरूर सुनना चाहिए

अगर बैंक में नही किया दो माह से लेन-देन तो डीबीटी के लाभ से अभिभावक रहेंगे वंचित

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44000 बच्चों का ब्यौरा अपलोड नहीं, DBT में हो सकती है देरी

अमरोहा: बेसिक शिक्षा विभाग की ओर से विद्यार्थियों की अभिभावकों के आधार सत्यापन समेत अन्य विवरण एकत्र करने में शिक्षक रूचि नहीं दिखा रहे हैं अभी तक 44222 बच्चों की ब्यौरा सत्यापित नहीं हो सके हैं। फिलहाल 90940 बच्चों की रिकॉर्ड पोर्टल पर दर्ज हो चुके हैं। इसके चलते यूनिफार्म बैग जूता और मौजा खरीदने में देरी हो सकती है। विभाग अब शिक्षकों के साथ भी ब्लॉक वार प्रगति की समीक्षा करेगा शिथिलता के लिए खंड शिक्षा अधिकारियों की जवाबदेही तय होगी।

जिले की परिषदीय , अनुदानित, इंटर कॉलेज के संलग्न प्राथमिक और जूनियर हाई स्कूल के अलावा अनुदानित मदरसों में 135162 बच्चे नामांकित हो गए हैं। इस साल इन बच्चों के लिए सरकार यूनिफॉर्म बैग जूता और मौज नहीं दी जाएगी।

इस बार सरकार ने बच्चों के अभिभावकों की अकाउंट में 1100-1100 रुपए भेजी जाने है। इसके लिए बच्चों के अभिभावक और बुरे का पोर्टल पर अपलोड किया जाना है। विभाग ने तमाम कवायद आजमा रहा है। लेकिन पोर्टल पर जोर अपलोड करने में तेजी नहीं आ रही है फिलहाल 90940 छात्रों के अभिभावक का आधार सत्यापन हो चुका ‌‌अब तक 44222 बच्चों के आधार समेत अन्य ब्यौरे सत्यापित होने हैं।

डीबीटी नहीं ‘दबाव बनाओ तकनीक’, शिक्षक के ही मोबाइल व इंटरनेट पैक के खर्च से ही कार्य कराने पर आमादा है विभाग

फतेहपुर : डीबीटी फीडिंग इन दिनों जिले में परिषदीय शिक्षकों के लिए बड़ी चुनौती बनी हुई है। शासन की तरफ से बढ़ते दबाव के चलते अफसर भी अपने अधीनस्थों पर दबाव बढ़ाते दिख रहे हैं। प्रतिदिन इस कार्य की समीक्षा की जाने लगी है। शिक्षकों का कहना है कि यह डीबीटी नहीं बल्कि दबाव बनाओ तकनीक है। जबरन दबाव डालकर कम्प्यूटर आपरेटरों की बजाए हमसे काम कराया जा रहा है।

ड्रेस, जूता मोजा व बैग समेत अन्य सुविधाओं को भौतिक रूप से देने की बजाए इनकी धनराशि स्कूली बच्चों के खातों में ट्रांसफर करने के लिए इन दिनों युद्धस्तर पर काम चल रहा है। मजे की बात है कि इसके लिए शिक्षकों को कोई तकनीकी प्रशिक्षण भी नहीं दिया गया। शिक्षकों के ही मोबाइल फोन व इंटरनेट पैक से डीबीटी का काम होने से शिक्षकों के अंदरखाने तगड़ा विरोध है। अब तक शिक्षक डीबीटी के तकनीकी पहलुओं से भली भांति परिचित नहीं हो पाए हैं। इस स्थिति में जिले के करीब ढाई लाख बच्चों की डीबीटी फीडिंग त्रुटिरहित होना बड़ा काम है।

कुछ होमवर्क या रिहर्सल तो कराते
शिक्षकों का कहना है कि इतने बड़े पैमाने पर फीडिंग कराने से पहले शिक्षकों का आफलाइन ट्रेनिंग सत्र आयोजित करना बेहद जरूरी था ताकि शिक्षकों को डीबीटी से जुड़े सभी तकनीकी पहलुओं की जानकारी हो जाती। डीबीटी ऐप के संचालन में ही तमाम दिक्कते हैं। अब तक तमाम शिक्षक मोबाइल नंबर फीड न होने के कारण अब तक ऐप में लागिन ही नहीं कर पाए।

शिक्षक का ही मोबाइल व इंटरनेट पैक
बिडंबना यह भी है कि विभाग शिक्षकों के मोबाइल व इंटरनेट खर्च से ही विभागीय कार्य कराने पर आमादा है। हालात यह हैं कि अपनी निजी जरूरतों व बच्चों की आनलाइन क्लासेज के लिए मोबाइल डाटा रखने वाले शिक्षकों का तमाम डाटा इसी में खर्च हो रहा है। शासन स्तर से इस मामले पर नजर रखे जाने के कारण अफसर भी कुछ सुनने या देखने की स्थिति में नहीं हैं।