विधानसभा में परिषदीय स्कूल के बच्चों के डीबीटी – यूनिफार्म और मिड डे मील को कनवर्जन कास्ट को लेकर सवालों पर छिड़ी बहस, पढ़िए पूरा मामला

विधानसभा में परिषदीय स्कूल के बच्चों के डीबीटी – यूनिफार्म और मिड डे मील को कनवर्जन कास्ट को लेकर सवालों पर छिड़ी बहस, पढ़िए पूरा मामला

उत्तर प्रदेश विधान सभा में मंगलवार को सत्ता पक्ष और विपक्ष में इस बात को लेकर बहस हुई कि परिषदीय स्कूलों के बच्चों की यूनिफार्म में नाप ज्यादा जरूरी है या कपड़े की गुणवत्ता। संसदीय कार्यमंत्री सुरेश खन्ना ने कहा कि अभिभावकों की मांग थी कि यदि वे खुद यूनिफार्म खरीद सकेंगे तो नाप सही होगी। इस पर नेता प्रतिपक्ष अखिलेश यादव ने पूछा कि सरकार वह दुकान बता दे जहां से 1100 रुपये में बच्चों के लिए यह सारा सामान मिल जाएगा।

विधानसभा में प्रश्नकाल के दौरान सपा के विरेन्द्र कुमार यादव के सवाल पर बेसिक शिक्षा राज्य मंत्री (स्वतंत्र प्रभार) संदीप सिंह ने बताया कि परिषदीय स्कूलों के हर बच्चे को प्रत्येक शैक्षिक सत्र में दो जोड़ी यूनिफार्म, एक जोड़ी जूता व दो जोड़ी मोजे, एक स्वेटर और एक स्कूल बैग देने के लिए अभिभावक के खाते में 1100 रुपये दिए जाते हैं। सत्र 2021-22 में इसके लिए 1852.52 करोड़ रुपये की धनराशि जारी हुई थी जिसमें से 1695.05 करोड़ रुपये खातों में भेजे गए हैं।


संसदीय कार्यमंत्री सुरेश खन्ना ने कहा कि पहले जो सिली-सिलाई यूनिफार्म मिलती थी, उसमें बच्चों को उनकी नाप के कपड़े नहीं मिल पाते थे। अभिभावकों की मांग थी कि यदि वे खुद यूनिफार्म खरीद सकेंगे तो नाप सही होगी। इस पर नेता प्रतिपक्ष अखिलेश यादव और सपा के लालजी वर्मा ने पूछा कि सरकार वह दुकान बता दे जहां से 1100 रुपये में बच्चों के लिए यह सारा सामान मिल जाएगा।


सुरेश खन्ना ने कहा कि मिल जाएगा बशर्ते यूनिफार्म के लिए 1000 रुपये प्रति मीटर वाला कपड़ा न लिया जाए। इस पर अखिलेश ने कहा कि कपड़े की गुणवत्ता से ही यूनिफार्म की कीमत बढ़ती है। डबल इंजन की सरकार को बच्चों को 1000 रुपये प्रति मीटर वाला कपड़ा देना चाहिए। उन्होंने सवाल किया कि गुणवत्ता पहले देखी जाए या नाप? जवाब में खन्ना ने कहा कि नाप पहले जरूरी है, गुणवत्ता बाद में।


महंगाई बढ़ी तो मिड-डे मील का लागत मूल्य क्यों नहीं : राष्ट्रीय लोक दल के प्रसन्न कुमार ने बेतहाशा बढ़ती महंगाई के सापेक्ष बच्चों को स्कूल में दिये जाने वाले मिड-डे मील के लागत मूल्य में पिछले दो वर्षों के दौरान वृद्धि न किये जाने का मुद्दा उठाया। उन्होंने सवाल किया कि महंगाई को देखते हुए कम लागत मूल्य में भोजन की पौष्टिकता कैसे सुनिश्चित की जा सकती है। इस पर बेसिक शिक्षा मंत्री संदीप सिंह ने कहा कि समय-समय पर मिड-डे मील की परिवर्तन लागत में वृद्धि होती रही है। बच्चों को निर्धारित मेन्यू के तहत भोजन दिया जाता है जिसकी पौष्टिकता भी सुनिश्चित की जाती है। उनके जवाब से असंतुष्ट प्रसन्न कुमार ने कहा कि क्या जहर खिला देंगे बच्चों को?

DBT: बढ़ गई ठंड, बच्चों को स्वेटर का इंतजार, खाते निष्क्रिय होने की वजह से जिनकी धनराशि वापस

गोरखपुर : जनपद के परिषदीय स्कूलों के एक लाख से अधिक बच्चों को कड़ाके की ठंड में अभी भी स्वेटर का इंतजार है। ठंड शुरू होने से पहले साढ़े तीन लाख बच्चों को डीबीटी (डायरेक्ट बेनिफिट ट्रांसफर) के तहत उनके अभिभावकों के खाते में धनराशि भेजनी थी, जिसमें से अभी तक महज दो चरण में 2.16 लाख बच्चों के खाते में ही धनराशि भेजी जा सकी है। अभी भी एक लाख से अधिक बच्चे ऐसे हैं, जिनके खाते में यूनीफार्म, जूता-मोजा, स्कूल बैग व स्वेटर खरीदने के लिए धनराशि नहीं भेजी जा सकी है। विभाग का कहना है कि खातों का सत्यापन नहीं होने व अभिभावकों द्वारा अधिकांश खातों को आधार खाते से लिंक नहीं कराए जाने की वजह से धनराशि स्थानांतरण में बाधा आ रही है।



योजना के तहत जनपद में कक्षा एक से आठ तक के कुल 3.34 लाख बच्चों के अभिभावकों के खाते में स्कूल बैग, यूनीफार्म व जूता-मोजा के लिए 1100 रुपये प्रति छात्र धनराशि स्थानांतरित की जानी है। पहले चरण में 1.20 लाख तथा दूसरे चरण में 96 हजार अभिभावकों के खाते में धनराशि स्थानांतरित हो चुकी है। जबकि 1.18 लाख अभिभावकों के खाते में अभी भी धनराशि प्रेषित की जानी है।

अब तक दो चरणों में 2.16 लाख अभिभावकों के खाते में ही भेजी गई है धनराशि

सत्यापन में विलंब होने व आधार से खाते लिंक न होने से अधर में लटकी शेष धनराशि

पहले चरण में भेजी गई धनराशि में से 2597 अभिभावकों के खाते से वापस हो चुकी है। विभाग का कहना है कि इसकी वजह खातों का निष्क्रिय होना, आधार लिंक न होना तथा कई माह से खाता संचालित न होना है।

समीक्षा में भी सामने आ चुकी है सत्यापन की खराब स्थिति: गत माह महानिदेशक स्कूल शिक्षा ने प्रदेश के सभी जनपदों में डीबीटी को लेकर समीक्षा की थी, जिसमें अभिभावकों के खाते में पैसा भेजने की खराब स्थिति मिलने व ब्योरा सत्यापित न हो पाने पर नाराजगी जताई थी। इसको लेकर सभी बीएसए को प्रक्रिया जल्द पूरी करने के निर्देश भी दिए थे। बावजूद इसके नतीजा सिफर है।

खाते निष्क्रिय होने की वजह से जिनकी धनराशि वापस हुई है उनसे संपर्क कर खाता सक्रिय कराने का प्रयास किया जा रहा है। जिनके आधार का सही ब्योरा अभी तक उपलब्ध नहीं हो सका है उसके लिए भी निर्देशित कर दिया गया है। सत्यापन पूरा होते ही शेष खातों में भी धनराशि एक साथ भेज दी जाएगी।

रमेंद्र कुमार सिंह, बीएसए

DBT ट्रांसफर राशि:- जाने दूसरे चरण में अभिभावकों के खाते में कब ट्रांसफर किए जाएंगे राशि, दूसरे चरण में 6000000 बच्चों के अभिभावकों को ट्रांसफर होंगे पैसे

DBT ट्रांसफर राशि:- जाने दूसरे चरण में अभिभावकों के खाते में कब ट्रांसफर किए जाएंगे राशि, दूसरे चरण में 6000000 बच्चों के अभिभावकों को ट्रांसफर होंगे पैसे

डीबीटी में जारी पैसा के उपयोग के सम्बन्ध मे PTM में लिखी जाने वाली बैठक का एजेंडा

उत्तर प्रदेश के मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ ने बेसिक शिक्षा परिषद के शिक्षक को बच्चों को विद्यालय गणवेश में आने के लिए तथा जारी धनराशि को इसी कार्य में व्यय करने के लिए प्रधानाध्यापक व सम्बंधित कक्षाध्यापक को जिम्मेदारी दी है. अतः शिक्षक के लिए अभिभावक शिक्षक बैठक पंजिका ( Parents Teacher Meeting Register ) में इस प्रारूप पर बैठक लिख कर अभिलेखीकरण की सलाह देता है.

बैठक का एजेंडा

आप सभी माता/पिता/अभिभावकों को यह बताते हुए हर्ष हो रहा है कि अब शासन के आदेशानुसार छात्र-छात्राओं की यूनीफार्म, स्वेटर जूते-मोजे एंव स्कूल बैग खरीदने के लिए धनराशि सीधे लाभार्थी के माता/पिता/अभिभावक के बैंक खाते में आ चुकी होगी या जल्द ही आ जाएगी| इसके सम्बन्ध में आप सभी को विद्यालय की ओर से इस धनराशि के उपयोग के बारे में निम्न बाते बताई जा रही है|

1. छात्र-छात्राओं की यूनीफार्म, स्वेटर जूते-मोजे एंव स्कूल बैग खरीदने के लिए माता/पिता/अभिभावकों के बैंक खातों में कुल रू.1100/- धनराशि भेजी जा रही है|



2. छात्र-छात्राओं को यूनीफार्म खरीदने के लिए 300 ₹ की दर से दों जोड़ी यूनीफार्म हेतु 600 ₹, स्वेटर खरीदने के लिए 200 ₹, जूता-मोजा क्रय हेतु 125 ₹ तथा स्कूल बैग क्रय हेतु रू. 175 ₹ भेजे गए है|

3. यूनिफार्म – लाल छोटे चेक की शर्ट व डार्क ब्राउन रंग की पैंट / स्कर्ट
जूता – काले रंग का फॉर्मल
मोजा – भूरे रंग
स्वेटर – मरून रंग का



आप सभी से विनम्र निवेदन है कि –

🔴 धनराशि प्राप्त करने हेतु छात्र-छात्राओं के माता/पिता/अभिभावकों का बैंक खाता आधार सीडेड (अर्थात बैंक खाता आधार से जुड़ा हो) और सक्रिय होना आवश्यक है।

🔴 बैंक खाता सक्रिय होने हेतु आवश्यक है कि बैंक खाते में पिछले तीन महीने में लेन-देन किया गया हो ।


🔴 लाभार्थियों द्वारा प्राप्त धनराशियों को यूनीफार्म, स्वेटर, जूता-मोजा एवं स्कूल बैंग खरीदनेके लिए ही खर्च किया जाए।

🔴 डी.बी.टी. के माध्यम से धनराशि प्राप्त होने के एक सप्ताह के अन्दर यूनीफार्म, स्वेटर, जूता-मोजा एवं स्कूल बैग खरीद लें एवं विद्यालय के प्राधानाध्यापक को अवश्य सूचित करें।

🔴 कृपया छात्र-छात्राओं को प्रतिदिन यूनीफार्म में ही विद्यालय भेजें।



उक्त सभी सूचनाओं को मैंने ध्यानपूर्वक पढ़ व समझ लिया है तथा मै इनका अनुपालन करूँगा/करुँगी|