प्रदेश में पहली बार प्रधानाध्यापक व सहायक अध्यापक भर्ती के लिए लिखित परीक्षा, बेसिक के एडेड स्कूलों जल्द होंगी नई भर्तियां
प्रयागराज : प्रदेश के तीन हजार से अधिक एडेड जूनियर हाईस्कूलों के लिए शिक्षक चयन नए साल में शुरू हो सकता है। पहली बार इन स्कूलों में प्रधानाध्यापक व सहायक अध्यापक भर्ती के लिए लिखित परीक्षा कराई जाएगी। बेसिक शिक्षा अधिकारियों से पदों का ब्योरा मांगा है। हालांकि शासन स्तर पर परीक्षा से जुड़ी अन्य तैयारियां लंबित हैं। उधर बेसिक शिक्षा विभाग भी एक साल में लिखित परीक्षा का स्वरूप तय नहीं कर पाया है। अपर शिक्षा निदेशक बेसिक शिक्षा सरिता तिवारी ने अध्यापक भर्ती नियमावली का संशोधन आदेश जिलों को भेजा है।
अशासकीय सहायताप्राप्त (एडेड) जूनियर हाईस्कूलों में शिक्षक चयन के लिए प्रबंधतंत्र साक्षात्कार कराकर नियुक्ति करता रहा है। बीएसए उनका अनुमोदन करते थे, जिससे चयन में जमकर गड़बड़ियों के आरोप भी लगते थे। इन्हीं वजहों से योगी सरकार ने चार दिसंबर, 2019 को अध्यापक भर्ती नियमावली 1978 में संशोधन किया था। इसके तहत शिक्षक चयन की लिखित परीक्षा राज्य स्तर पर होनी है। प्रधानाध्यापक व सहायक अध्यापक की अर्हता में भी बदलाव हो चुका है। साथ ही चयन परिषदीय शिक्षकों की तरह गुणांक के आधार पर होना है। सरकार ने चयन नियमावली में जब बदलाव किया, उस समय 3082 स्कूलों में शिक्षकों के 24 हजार पद सृजित और करीब 4300 पद रिक्त थे।
शासन ने इस साल जनवरी में सचिव परीक्षा नियामक प्राधिकारी उप्र प्रयागराज को यह कहते हुए परीक्षा संस्था बनाया था कि नया आयोग गठित होने तक वह चयन करेंगे। हालांकि यह अटकलें भी लग रही हैं कि परीक्षा संस्था में बदलाव हुआ है। इस बाबत बीएसए से बीती 15 जनवरी तक रिक्त पदों का ब्योरा मांगा गया था, लेकिन सूचना नहीं मिली। फिर जून में बेसिक शिक्षा विभाग के अपर निदेशक गायत्री ने पदों का ब्योरा जल्द मांगा, पत्र में लिखा था कि रिक्त पदों पर चयन होना है।