Uttar Pradesh Panchayat Chunav 2021: उत्तर प्रदेश पंचायत चुनावों की आरक्षण सूची पर आज कोर्ट में सुनवाई, प्रत्याशियों के दिल की धड़कनें तेज

उत्तर प्रदेश पंचायत चुनाव में 1995 के आरक्षण को आधार वर्ष मान कर किये गए सीट आरक्षण निर्धारण को हाइकोर्ट की लखनऊ खण्ड पीठ ने रद्द कर दिया , और सरकार को आदेशित किया है कि वर्ष 2015 को आधार मानने वाले शासनादेश के आलोक में नए सिरे से सीटों का निर्धारण करें। न्यायालय ने जनहित याचिका अलाउ कर दी ।।

सरकार ने कोर्ट में कहा-
2015 को आरक्षण आधार वर्ष मानने में कोई दिक्कत नहीं है..
कोर्ट ने 27 मार्च तक रिजर्वेशन प्रक्रिया फाइनलाइज करने के आदेश दिये..

त्रिस्तरीय पंचायत चुनाव को लेकर जारी की गई आरक्षण सूची के अंतिम प्रकाशन पर लगी रोक को लेकर सोमवार को हाई कोर्ट में सुनवाई होगी। शुक्रवार को इलाहाबाद हाई कोर्ट ने इन चुनावों के लिए आरक्षण प्रकिया पर रोक लगा दी।

लखनऊ
त्रिस्तरीय पंचायत चुनाव को लेकर जारी की गई आरक्षण सूची के अंतिम प्रकाशन पर लगी रोक को लेकर सोमवार को हाई कोर्ट में सुनवाई होगी। इस पर जिला प्रशासन से लेकर प्रत्याशियों की नजर बनी हुई है। प्रत्याशियों के दिल की धड़कनें बढ़ी हैं। आरक्षण सूची के आधार पर चुनाव प्रचार भी तेजी के साथ शुरू हो चुका था, लेकिन रोक के बाद प्रचार थम गया। शुक्रवार को इलाहाबाद हाई कोर्ट ने इन चुनावों के लिए आरक्षण प्रकिया पर रोक लगा दी। हाई कोर्ट ने आरक्षण और आवंटन कार्रवाई रोक दी।

लोनी के एक पूर्व ग्राम प्रधान का कहना है कि आरक्षण की सूची में शासनादेश 2015 का पालन नहीं किया गया। इसकी वजह से जहां सामान्य सीट होनी चाहिए थी, वहां पर ओबीसी कर दिया गया और जहां ओबीसी होना चाहिए, वहां एससी कर दिया गया है। इसकी वजह से चुनाव नहीं लड़ पाने वाले लोगों में काफी निराशा हो गई थी, लेकिन हाई कोर्ट से रोक लगने के बाद अब एक बार फिर उम्मीद जाग गई है।

बता दें कि अजय कुमार ने प्रदेश सरकार के 11 फरवरी 2011 के शासनादेश पर हाई कोर्ट में पीआईएल दाखिल की थी। तर्क दिया कि इस बार की आरक्षण सूची 1995 के आधार पर जारी की जा रही है, जबकि 2015 को आधार वर्ष बनाकर आरक्षण सूची जारी की जानी चाहिए, जिस पर सुनवाई करते हुए कोर्ट ने अंतिम आरक्षण सूची जारी किए जाने पर रोक लगा दी थी।

250 लोगों ने की है आपत्ति

सीटों के आरक्षण की सूची पर 250 लोगों ने आपत्ति दर्ज कराई गई थी। जिला पंचायत राज अधिकारी अनिल कुमार त्रिपाठी का कहना है कि फिलहाल अभी आरक्षण की अंतिम सूची के प्रकाशन पर रोक लगा दी गई है। सोमवार को हाई कोर्ट के फैसले के बाद आगे की प्रक्रिया शुरू की जाएगी।

161 ग्राम पंचायत पर होना है चुनाव
जिले में 161 ग्राम पंचायत पर चुनाव होना है। इसके अलावा 14 जिला पंचायत सदस्य, 323 क्षेत्र पंचायत सदस्य और 2141 ग्राम पंचायत सदस्यों का चुनाव होना है। जिला प्रशासन की तरफ से आरक्षण सूची जारी कर दी गई थी। जिला प्रशासन की तरफ से चुनाव की तैयारी भी तेजी के साथ की जा रही है। जिले में इस बार 5 लाख 56 लाख मतदाता वोटिंग करेंगे, जो पिछली बार से 63 हजार अधिक होंगे। जिले में 311 मतदान स्थल और 958 मतदेय स्थल बनाए गए हैं।

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