डीएलएड 2017 की सेमेस्टर परीक्षा जल्द
Month: May 2019
नया पद सृजन कर शिक्षकों के समायोजन की तैयारी
स्कूलों में चोरियों से शिक्षा विभाग परेशान, बीएसए ने अवकाश के पहले स्कूलों का सामान सुरक्षित कराने के निर्देश दिए : फतेहपुर
अवैध बीएड डबल बेंच लखनऊ हाईकोर्ट तमाम सवाल और जवाब
यह पोस्ट प्रदेश भर के तमाम साथियों के विशेष आग्रह पर जिन्होंने बीएड विरोध हेतु राजबसु यादव या मुझे डबल बेंच में सहयोग किया है और कर रहे हैं उन्हें आश्वश्त करना चाहता हूँ, कि आपके लिए बीएड विरोध पर वह टीम खड़ी है जिसने टीईटी-2017 में 4500 लोगों को न्यायालय से पास कराया और 68500 में लोग नियुक्त भी हुए साथ ही 69000 सहायक अध्यापक भर्ती परीक्षा में टीईटी 2017 अनुत्तीर्ण साथियों ने परीक्षा भी दी, 68500 की सीबीआई जाँच में भी टीम के सदस्यों का योगदान रहा है, ये सब इसलिए कि आज किसी ने पूछा टीम के केस लड़ने से अब तक किसी का भला भी हुआ है या नही….. मुद्दे की बात करें तो सभी साथी परेशान है कि डबल बेंच में रिट कब फाइल हो रही है, तो पहली बात अभी टीम के पास उतना अमाउंट ही नही हुआ जिससे किसी सीनियर को स्टैंड कराया जा सके, फिर भी सभी गिले शिकवों को दरकिनार करते हुए टीम के एक एक सदस्य ने कड़ी मेहनत कर एडवोकेट अमित भदौरिया साहब से रिट को फाइनल करा लिया है और प्रदेश भर के सभी साथियों की गुडविल पर फीस का आधा हिस्सा जमा न होते हुए भी भदौरिया साहब रिट फ़ाइल करने के लिए तैयार बैठे हैं। एडवोकेट अमित भदौरिया साहब के कुछ लीगल डिस्क्रेशन के चलते उन्ही के द्वारा रिट को रोक कर रखा गया है, क्योंकि उन्हें बखूबी इल्म है की कौन सी चोट कहाँ और कब करनी है? टीम पूरी तरह से प्रयासरत है, इसी सप्ताह रिट एडमिट हो जाए, किन्तु आखिरी निर्णय भदौरिया साहब का ही मान्य होगा। कुछ विशेष आप सभी के लिए:-
*1:- ऑब्जेक्शन से शुरू करें तो 40-45 पर दाखिल ऑब्जेक्शन में 69000 के साथ 28 जून 2018 को जारी एनसीटीई के अवैध पत्र हेतु पर्याप्त मसाला है।*
*2:- अवैध बीएड को लेकर 69000 मुश्किल ही नही नामुमकिन है, क्योंकि जो विधिक जानकारी रखते हैं वो बखूबी परिचित होंगे 2011 में जस्टिस अरुण टण्डन के जजमेंट से जो शिव प्रकाश कुशवाहा केस में हुआ था।*
*3:- एमएचआरडी गवर्निंग बॉडी है, जिसने आर्टिकल 23 क्लॉज 2 में न्यूनतम अहर्ता धारक न होने पर 72825 बीएड को लेकर किया था और उसी समय कहा था कि उत्तर प्रदेश राज्य न्यूनतम अहर्ता धारी पैदा करे, अब जब अहर्ता धारी पैदा हो गए तो उनका लालन पालन भी तो राज्य की जिम्मेदारी है, लेकिन राज्य ने इसके उलट अवैध तरीके से राजनैतिक लाभ के लिए अन्य योग्यताधारियों को ऐड किया।*
*4:- डबल बेंच में अवैध बीएड पर 69000 में एक स्टे और बनता है…अगर सरकार ने जल्दबाजी की तो।*
*5:- 69000 का खेल 1 दिसम्बर 2018 को शुरू हो चुका है, जो की 22 वें संशोधन पर है और 22 वें संशोधन पर बीएड की कोई वेलिडिटी नही है, रही बात 1 दिसम्बर 2018 की गाइडलाइन में 28 जून 2018 एनसीटीई का अवैध पत्र शामिल है तो वो अवैध पत्र कलकत्ता में स्टे है।*
इतना पर्याप्त है बाकी है बहुत कुछ है आप सभी धैर्य रखें…खासकर राजबसु यादव टीम के मेम्बर या उनसे जुड़े सम्मानित सदस्य टीम के सदस्यों से रिट कब तक फ़ाइल होगी, जल्दी कर दो या समय निकल जाएगा? आदि प्रश्न न करें।
क्योंकि…. *हम (बीटीसी/डीएलएड) प्राथमिक के लिए गुणवत्तायुक्त हैं वो भी पूरे 2 वर्ष वाले और यह गुणवत्ता 6 महीने का दिखावा नही एक आदत है।*
CTET : चार साल की लंबी लड़ाई के बाद इंसाफ मिला
69000 कट ऑफ मामले पर आज हुई सुनवाई का सार टीम रिजवान की कलम से, आज कोर्ट न0-1 में 40/45 मुद्दे की सुनवाई हुई, मिली अगली तारीख 23 मई
*आज का सार:*
आज कोर्ट न0-1 में 40/45 मुद्दे की सुनवाई हुई….
💥सीनियर एडवोकेट एल पी मिश्रा जी अपीयर नही हुए।
💥टीम की तरफ से सीनियर एडवोकेट श्री एच एन सिंह, सीनियर अधिवक्ता उपेंद्र नाथ मिश्रा एवम टीम के विधिक चाणक्य अमित भदौरिया सहित पूरा पैनल रहा मौजूद।
💥विपक्ष पार्टी भाग गई।
💥विपक्ष ने बहाना बनाकर टीम के ऑब्जेक्शन को रीड करने और तैयारी के लिए समय मांगा।
💥कोई स्टे नही।
*कोर्ट ने विपक्ष को पूरी तैयारी के साथ आने एवम सुनवाई की अगली तारीख 23 मई नियत की।*
शेष रिज़वान जी के औंथेंटिक आडियो में…….
*®टीम रिज़वान अंसारी।।*
कालेजों में शिक्षकों के हजारों पद खाली और रिक्तियां घोषित नहीं:- 2019 का नया शैक्षिक सत्र, अब तक खाली पदों को भरने की तैयारी नहीं, आरक्षण देने में भी आनाकानी
CTET-2019: आर्थिक रूप से पिछड़े लोगों के लिए 10 फीसद आरक्षण की मांग, सुप्रीम कोर्ट की टिप्पणी, पात्रता परीक्षा में आरक्षण नहीं
परिषदीय विद्यालयों में खेल सामग्रियां मानक के मुताबिक खरीदी गई हैं अथवा नहीं, जुलाई में गुणवत्ता की परख होगी
प्रयागराज : परिषदीय विद्यालयों में खेलकूद को बढ़ावा देने के लिए बेसिक शिक्षा विभाग का विशेष जोर है। इस शैक्षिक सत्र में प्रत्येक विद्यालय को खेलकूद का सामान खरीदने के लिए 10-10 हजार रुपये शासन से दिए गए हैं। यह खेल सामग्रियां मानक के मुताबिक खरीदी गई हैं अथवा नहीं। इसकी गुणवत्ता की परख होगी।
कक्षा एक से आठ तक के बच्चों के खेलकूद की सामग्री खरीदने के लिए शासन ने स्कूल प्रबंध समिति के खाते में धनराशि भेज दी है। लेकिन जिन विद्यालयों में मानक के मुताबिक खेल सामग्रियां नहीं खरीदी। उन पर कार्रवाई भी होगी। जुलाई में खरीदी गई खेल सामग्रियों का सत्यापन होगा। वहीं जिन विद्यालयों में खेलकूद शिक्षकों के भरोसे है। उन शिक्षकों को जुलाई में ही छह सदस्यीय टीम ट्रेनिंग देगी। ताकि वह बच्चों को जिले स्तर की प्रतियोगिताओं के लिए तैयार कर सकें। इसके अलावा पिछले महीने हुई बैठक में शिक्षा निदेशक (बेसिक) ने विद्यार्थियों के चयन के आधार को प्रतियोगिता की जगह ट्रायल को बनाने के लिए कहा था। लिहाजा, अब ट्रायल के जरिए विद्यार्थियों का चयन होगा। जिले स्तर पर होने वाली प्रतियोगिताओं के लिए जो कार्यक्रम अप्रैल में था, वह अब जुलाई में होगा।
चार ब्लॉकों में व्यायाम शिक्षक नहीं : खेलकूद को बढ़ावा देने के लिए सभी ब्लॉकों पर व्यायाम शिक्षकों की नियुक्ति जरूरी है। लेकिन चार ब्लॉकों में व्यायाम शिक्षक नहीं हैं। कोरांव, प्रतापपुर, करछना और मेजा में यह पद रिक्त हैं। इससे इन ब्लॉकों में खेलकूद की व्यवस्था फिलहाल पटरी पर नहीं आ पा रही है।
बेसिक शिक्षा परिषद के प्राथमिक व उच्च प्राथमिक शिक्षकों के मामले में जिले में तैनाती और पदोन्नति एक साथ नहीं
प्रयागराज : बेसिक शिक्षा परिषद के प्राथमिक व उच्च प्राथमिक शिक्षकों की नियुक्ति व वरिष्ठता जिला स्तर की है। यदि शिक्षक मनचाहे किसी और जिले में तबादला कराता है तो नए जिले में वह सबसे कनिष्ठ हो जाता है। ऐसे शिक्षकों को उस जिले के अन्य शिक्षकों की तरह तय सेवाकाल पूरा होने पर पदोन्नति का लाभ नहीं दिया जा सकता। यह आदेश बेसिक शिक्षा परिषद सचिव रूबी सिंह ने बेसिक शिक्षा अधिकारियों को दिया है।
असल में, पिछले वर्षो में हुए अंतर जिला तबादले के दौरान जारी निर्देशों में इस तथ्य को प्रमुखता से बताया जा चुका है। इसके बाद भी मनचाहे जिले में पहुंचने वाले शिक्षक फिर पदोन्नति के लिए आवेदन कर रहे हैं। इससे बीएसए असहज हैं और उन्होंने परिषद सचिव से मार्गदर्शन मांगा। परिषद यह भी स्पष्ट कर चुका है कि परिषदीय शिक्षकों के लिए अंतर जिला तबादला उनका अधिकार नहीं है, बल्कि यह प्रक्रिया होगी या नहीं यह निर्णय शासन करता है।
इसमें स्पष्ट प्रावधान है कि तबादला लेने वाले शिक्षक की वरिष्ठता नए जिले में सबसे कनिष्ठ हो जाएगी। ज्ञात हो कि प्रदेश के गौतमबुद्ध नगर सहित अन्य जिलों में अंतर जिला तबादला कराकर पहुंचे शिक्षक पदोन्नति की मांग कर रहे हैं। उनका दावा है कि वे दस वर्ष की सेवा पूरी कर चुकी है इसलिए पदोन्नत किया जाए। सचिव ने बीएसए को भेजे निर्देश में कहा है कि 20 दिसंबर 2001 के शासनादेश में दिया गया है कि प्राथमिक शिक्षकों को साधारण वेतनमान में 10 वर्ष की संतोषजनक सेवा पूर्ण करने पर चयन वेतनमान अनुमन्य कराया जाएगा। 20 अगस्त 2004 का शासनादेश में कहा गया है कि समयमान वेतनमान की व्यवस्था किसी कर्मचारी को सेवा में वृद्धिरोध बचाने के लिए उसे उसकी संपूर्ण सेवा अवधि में निर्धारित शर्तो के अधीन दी जाएगी। वहीं, पदोन्नति होने पर प्रोन्नति में जाने से इन्कार करने वाले कर्मचारी के मामले में सेवा वृद्धि रोध नहीं माना जा सकता है। ऐसा कर्मचारी अनुमन्य लाभों का पात्र नहीं रह जाता है। सचिव ने यह भी लिखा है कि अध्यापकों की पदोन्नतियां पूर्व में की गई थी, वहीं जिन्होंने खुद डिमोशन लिया है उन्हें समयमान वेतनमान दिए जाने की कोई व्यवस्था नहीं है।