पंचायत चुनाव के कारण शिक्षकों की मौत और अन्य कर्मचारियों के मौत बढ़ते सिलसिले को रोकने के लिए यूपी पंचायत चुनाव की काउंटिंग रोकने की मांग को सुप्रीम कोर्ट ने किया ख़ारिज

दिल्ली –

यूपी पंचायत चुनाव की काउंटिंग रोकने की मांग

याचिका पर सुप्रीम कोर्ट में सुनवाई शुरू हुई

हम पहले राज्य चुनाव आयोग को सुनेंगे-SC

राज्य चुनाव आयोग ने क्या कदम उठाया है-SC

आखरी दौर का चुनाव खत्म हो चुका है- ASG

चुनाव आयोग की तरफ से कदम उठाए गए हैं- ASG

क्या आप दिन की स्थिति का आंकल कर रहे थे?-SC

क्या आपने वर्तमान स्थिति का आकलन किया है? –SC

आपका नवीनतम क्या कदम उठाया है?-SC

हमने कल आदेश पास कर दिए हैं, 4 स्तरों में हैं-ASG

एएसजी ने माना कि केंद्रों पर रैपिड एंटीजन काउंटर उपलब्ध होंगे। वह बताती हैं कि हर मतगणना टेबल पर 150 से अधिक अधिकारी नहीं होंगे और 15-20 से अधिक उम्मीदवार नहीं होंगे।

कोर्ट को बताया गया कि मतगणना स्थल पर 75 से अधिक लोग नही रहेंगे, सुरक्षा कर्मियों को भी ले कर
कोर्ट ने कहा यह संख्या भी कम कीजिये

बेंच: आप वापस नहीं आ सकते हैं और कह सकते हैं कि हमारे पास सबसे अच्छी सुविधाएं थीं।

ASG: जब चुनाव प्रक्रिया शुरू हुई थी, हम दूसरे उछाल में नहीं थे।

#SupremeCourt # COVID19 भारत

एएसजी: 25000 सुरक्षा अधिकारी हैं जिन्हें स्थिति की निगरानी के लिए परिधि पर रखा गया है।

बेंच: आपके पास अपने अधिकारियों के निर्देश हैं। लेकिन आज वहां शिक्षक संघ का प्रतिनिधित्व है। 700 शिक्षकों की मौत हो चुकी है।
आप उसे कैसे संभालेंगे?

ASG ने 8 घण्टे की वर्किंग शिफ्ट करने का प्रस्ताव दिया।

यादव: अगले 10-15 दिन बहुत फर्क नहीं पड़ेगा।

बेंच: आप केवल 10 दिन ही क्यों कहते हैं?

यादव: यह मेरा मूल सबमिशन है। जब तक स्थिति में सुधार नहीं होता।

#SupremeCourt # COVID19 भारत

🅰️जज- जीवन की रक्षा ज़रूरी है, चाहे कितने भी संसाधन लगें

भाटी- मतगणना शिफ्ट में होगी। एक बार में अधिकतम 75 कर्मचारी मतगणना केंद्र पर होंगे। 8 घंटे बाद सेनिटाइजेशन होगा।मतगणना केंद्र के बाहर स्थिति नियंत्रित रखने के लिए सुरक्षाकर्मी होंगे। परिणाम लाउडस्पीकर से बताए जाएंगे

बत्रा: मैं एक मास्क पहन रहा हूं क्योंकि मैं एक संक्रमित वातावरण में बैठा हूं। हम अग्नि-युद्ध कर रहे हैं।

न्यायालय: आप कार्यवाही में भाग ले रहे हैं, आप जानते हैं कि स्थिति क्या है। इस अग्निशमन को आगे बढ़ना होगा।

यूपी पंचायत चुनाव की काउंटिंग रोकने की मांग

➡याचिका पर सुप्रीम कोर्ट में सुनवाई जारी

➡हमने दो आदेश जारी किए हैं-निर्वाचन आयोग

➡‘यह पूरी तरह से EC के निर्देशों पर आधारित है’

➡‘काउंटिंग में सोशल डिस्टेंसिंग,मास्क अनिवार्य है’

➡‘हम तापमान के साथ ऑक्सीमीटर चेक,SPO2 भी देखते हैं’

➡तालिकाओं को दूरी पर रखा जाएगा-निर्वाचन आयोग

➡‘जिनमे भी कोरोना के लक्षण हैं उसे अनुमति नहीं दी जाएगी’

एएसजी ने माना कि केंद्रों पर रैपिड एंटीजन काउंटर उपलब्ध होंगे। वह बताती हैं कि हर मतगणना टेबल पर 150 से अधिक अधिकारी नहीं होंगे और 15-20 से अधिक उम्मीदवार नहीं होंगे।
आलम: कुछ अधिकारी ऐसे होते हैं जिन्हें मामले में जिम्मेदारी और जिम्मेदारी लेनी पड़ती है। मुझे खुशी होगी अगर प्रोटोकॉल का पालन किया जाएगा, मैं केवल इस बात से चिंतित हूं कि वे नहीं हो सकते हैं।

एएसजी: पहले हम तेजी से एंटीजन काउंट उपलब्ध नहीं करा पा रहे थे। लेकिन, अब हम करते हैं और इसमें कम समय लगता है।

बेंच: RTPCR को कम से कम 24 घंटे की समय सीमा की आवश्यकता होती है।

ASG: इसमें संशोधन किया गया है।

एएसजी: तेजी से प्रतिजन काउंटरों के साथ, प्रत्येक व्यक्ति को प्रवेश करने से पहले परीक्षण करना संभव होगा।

पीठ: यह “या” नहीं होना चाहिए। यह “और” होना चाहिए।

ASG: यह एक रचनात्मक सुझाव है, हम इसे अधिकारियों के सामने रखेंगे।

एएसजी: आप आज हमसे आश्वासन ले सकते हैं कि कर्फ्यू भी रहेगा।

बेंच: हमें चर्चा के लिए पांच मिनट का समय दें।

बेंच: ,०० केंद्र हैं, आप कह रहे हैं। यदि आप पर्यवेक्षण के अनुसार 2-3 मिनट में अपने निर्देश प्राप्त कर सकते हैं। अधिकारी संयुक्त सचिव के स्तर का होना चाहिए।

ASG: प्रभुत्व सिर्फ मुझे एक मिनट देता है।

एएसजी: मुझे सूचित किया गया है कि प्रत्येक जिले में वरिष्ठ अधिकारियों की प्रतिनियुक्ति की गई है। वे COVID प्रोटोकॉल के पालन की देखरेख करेंगे। और ये प्रमुख सचिव स्तर के IAS अधिकारी होंगे।

खंडपीठ: केवल पर्यवेक्षक ही नहीं, यदि कुछ भी गलत होता है, तो उन्हें जवाबदेह होना चाहिए।

खंडपीठ: आपको अपनी वेबसाइट पर तुरंत सूचित करना होगा। ASG: आप हमें निर्देशित कर सकते हैं।

आलम: आप स्थिति पर नजर रखने के लिए सीसीटीवी कैमरे होने पर विचार कर सकते हैं। यह एक गंभीर मसला है। जब हम प्रबंधन के बारे में बात करते हैं, हम केवल केंद्रों के बारे में बात कर रहे हैं। जो कोई भी शेड्यूल के पीछे चल रहा है, उसमें भारी भीड़ होगी।

एएसजी: एक क्लास १ राजपत्रित अधिकारी है। हम यह कहते हुए एक आदेश पारित करेंगे कि वे COVID दिशानिर्देशों के लिए पूरी तरह से जिम्मेदार होंगे। सीसीटीवी कैमरे भी मौजूद हैं।

खंडपीठ: जिसे संरक्षित किया जाएगा। एएसजी: हां, इसे अंत तक संरक्षित रखा जाएगा।

आलम: कृपया हमें अवमानना के मामले में न्यायालय का दरवाजा खटखटाएं। बेंच: उसके लिए किसी लिबर्टी की आवश्यकता नहीं है। जो अधिकारी वहां हैं, हमें आभारी होना चाहिए। आलम: मैं उन्हें नमन करता हूं। इसलिए मैं उनकी सुरक्षा से चिंतित हूं।

आर्डर

खंडपीठ ने आदेश सुनाया। “एसएलपी इलाहाबाद एचसी के आदेश के खिलाफ निर्देशित है। हम SEC के सबमिशन रिकॉर्ड करके खारिज किए गए चुनावों के अनुरोध को मानते हैं कि सभी प्रोटोकॉल पत्र और भावना में देखे जाएंगे। ”

खंडपीठ: विभिन्न प्रस्तुतिकरण पर विचार करने के बाद, हम राज्य सरकार द्वारा दिए गए आश्वासन के साथ-साथ एसईसी, यूपी को दिए गए आश्वासन को रिकॉर्ड करते हुए एसएलपी में हस्तक्षेप करने से इनकार करते हैं, जो कि समय-समय पर जारी दिशा-निर्देशों के संदर्भ में आवश्यक उपाय करेंगे।

ऑर्डर :

मतगणना टालने की याचिका ख़ारिज : सुप्रीम कोर्ट

मशहूर न्यूज एंकर रोहित सरदाना का निधन, कोरोना वायरस से थे पीड़ित, सुधीर चौधरी ने दी जानकारी

मशहूर न्यूज एंकर रोहित सरदाना की कोरोना से मौत हो गई है। लंबे समय तक जी न्यूज में एंकर रहे रोहित सरदाना इन दिनों आज तक न्यूज चैनल में एंकर के तौर पर काम कर रहे थे। रोहित सरदाना की मौत को लेकर पत्रकार सुधीर चौधरी ने भी ट्वीट कर जानकारी दी है। सुधीर चौधरी ने ट्वीट किया, ‘अब से थोड़ी पहले जितेंद्र शर्मा का फोन आया। उसने जो कहा सुनकर मेरे हाथ काँपने लगे। हमारे मित्र और सहयोगी रोहित सरदाना की मृत्यु की ख़बर थी। ये वायरस हमारे इतने क़रीब से किसी को उठा ले जाएगा ये कल्पना नहीं की थी। इसके लिए मैं तैयार नहीं था। यह भगवान की नाइंसाफ़ी है…। ॐ शान्ति।’

लंबे समय से टीवी मीडिया का चेहरा रहे रोहित सरदाना इन दिनों ‘आज तक’ न्यूज चैनल प्रसारित होने वाले शो ‘दंगल’ की एंकरिंग करते थे।

कोविड19 के कारण वर्तमान शैक्षिक सत्र के अंत 20 मई तक बेसिक शिक्षा परिषद के सभी शिक्षकों के वर्क फ्रॉम होम के संबंध में

कोविड19 के कारण वर्तमान शैक्षिक सत्र के अंत 20 मई तक बेसिक शिक्षा परिषद के सभी शिक्षकों के वर्क फ्रॉम होम के संबंध में

प्रदेश भर के 550 अध्यापकों की जिंदगी निगल गया कोरोना, पंचायत चुनाव की वजह से हजारों अध्यापक कोरोना से हुए संक्रमित

Covid-19 India: देश को अब पिछले साल जैसे लॉकडाउन की क्यों है जरूरत ?

यूपी से खबर आ रही है कि 24 घंटे के भीतर सत्ताधारी भारतीय जनता पार्टी के 2 विधायकों की मौत हो गई है. तथा सैकड़ों अध्यापकों की जान चली गई है। कोरोना का वायरस मरने वाले का स्टेटस नहीं देख रहा है. मरने वालों में वीआईपी लोगों के नाम भी उसी रेशियो में आ रहे है जितना जनसाधारण के. जम्मू से लेकर कन्याकुमारी तक और अहमदाबाद से लेकर गौहाटी तक लोग आक्सिजन सिलिंडर के लिए भटक रहे हैं, थोक के भाव में मरीज आॉक्सिजन न मिलने के चलते प्राण त्याग दे रहे है. आरटी पीसीआर टेस्ट के लिए आपको मजबूत सिफारिश करवानी होगी तभी आपका टेस्ट हो सकेगा पर रिजल्ट कब मिलेगा सिफारिश के बाद भी कन्फर्म नहीं है. रेमडेसिविर को तो भूल जाइये छोटी पैरासिटामॉल भी आपको मुश्किल से मिल रहा है.

अब हवा में पहुंच गया नया वैरिय़ंट

हेल्थ एक्सपर्ट ने यह मान लिया है कि कोरोना के वायरस हवा में घुल जा रहे हैं. इधर कई डॉक्टरों ने भी कहा है गर्मियों में तो सांसों की हवा वाष्प बनकर हवा में उड़ जाएगी. इस कारण माना जा रहा खुली हवा में कोरोना वायरस फैलकर बहुत तेजी से लोगों को बीमार बनाएगा. इसलिए अभी से आम जनता को सावधान किया जा रहा है कि वे खुले में डबल मास्क का इस्तेमाल करें. इस तरह बीमारी को और फैलने से रोकने के लिए यह जरूरी है कि संपूर्ण लॉकडाउन का फैसला ले. कुछ दिन का लॉकडाउन या रात की बंदी इस नए खतरे से मुकाबला नहीं कर सकता. भारत की संकरी गलिया और घनी आबादी , भरे बाजार , पुराने स्टाइल के अॉफिस इस खतरे से लड़ने के लिए तैयार नहीं हैं. इस तरह संपूर्ण लॉकडाउन ही अंतिम विकल्प दिख रहा है.

डबल म्यूटेंट के बाद अब ट्रिपल म्यूटेंट का खतरा बढ़ा

हेल्थ एक्सपर्ट का मानना है कि भारत में ट्रिपल म्यूटेंट का खतरा बहुत बढ़ गया है. बंगाल , दिल्ली और महाराष्ट्र में इस वैरियंट के मरीज मिले हैं. इस तीन मुखी कोरोना रूपी रावण से मुकाबला करना बहुत कठिन है. इसके बारे में बताया जा रहा है कि यह अभी लग रही सभी प्रकार की वैक्सीन को बेअसर कर देता है और इसके फैलने की स्पीड डबल म्यूटेंट वाले वायरस से भी तेज है. अभी देश में मुंबई और लखनऊ और दिल्ली में जिस तेजी से कोरोना बढ़ा है और जिस तेजी से मरीज पर हमला कर रहा है उसके पीछे डबल म्यूटेंट वाले वायरस को कारण माना जा रहा है. इतना तय है कि तीसरा वैरिएंट इस डबल वैरियेंट से खतरनाक तो रहेगा ही. दुनिया के पंद्रह देशों में पहुंच चुके इस वैरिएंट का जब तक कोई तोड़ न ढूढ़ न लिया जाए तब देश में संपूर्ण लॉकडाउन करना ही उचित रहेगा.

तीन लाख हर रोज केस के लिए मुफीद नहीं आंशिक लॉकडाउन

आम तौर पर अगर देश में हर रोज नए केस बढ़ने की संख्या 10 से 20 हजार तक होती तो एक बार वीकेंड लॉकडाउन , रात्रि कर्फ्यू , और कुछ प्रतिबंधों के साथ वीकली लॉकडाउन चल जाता पर अब स्थितियां गंभीर हो चुकी हैं. कोरोना का विस्फोट हो चुका है.पिछले तीन दिनों से रह रोज कोरोना के नए केस की संख्या 3 लाख से ऊपर जा रही है. कैजुअल्टी भी हर रोज बढ़ रही है. इसका मतलब है कि आंशिक लॉकडाउन काम नहीं कर रहा है. देश को संपूर्ण लॉकडाउन की जरूरत है.

दवाओं और आक्सिजन के लिए त्राहि-त्राहि
प्रशासनिक शिथिलता , दवाओं की कमी और सप्लाई चेन टूटने के चलते जीवनरक्षक दवाएं कहां जा रही हैं किसी को समझ में नहीं आ रहा है. आक्सिजन के अभाव में हो रही मौतें लगातार एक हफ्ते से ऊपर बीत जाने के बाद भी रुका नहीं है इसका मतलब स्पष्ट है कि हम कारगर उपाय करने में सक्षम साबित नहीं हो सके हैं. ब्लेक मार्केट में अगर रेमेडेसिविर मिल रहा है तो इसका मतलब है कि प्रशासन लुंज-पुंज हो चुका है. हो सकता है कि संपूर्ण लॉकडाउन के चलते कुछ मरीज कम हो और कालाबाजारियों पर नियंत्रण करने मे आसानी हो सके.
देश में कुल 7000 टन आक्सिजन का हर रोज उत्पादन हो सकता है. जिसमें महाराष्ट्र अकेले हर रोज 1350 टन कंज्यूम कर रहा है, गुजरात 500 टन , मध्यप्रदेश को भी 250 टन चाहिए. कमी को देखते हुए सभी इंडस्ट्री में सरकार ने आक्सिजन की सप्लाई को रोक दिया है. इसके साध ही देश में सिलिंडरों और क्रायोजेनिक टैंकरों की भी कमी है. इस तरह आक्सिजन की फैक्ट्रियों से हॉस्पिटल के बेड तक पहुंचने में 6 से 8 दिन का समय लग जा रहा है. संपूर्ण लॉकडाउन इस समय को कम कर सकेगा.

स्वास्थ्य कर्मियों और पुलिस वालों सहित फ्रंट लाइन वर्कर को थोड़ी राहत
लगातार कोरोना से लड़ते हुए फ्रंटलाइन वर्कर टूटने के कगार पर हैं. अस्पताल कर्मियों और पुसिल कर्मि्यों पर कई गुना बोझ है. आधे से अधिक कर्मी या तो बीमार हैं , बहुत से जान भी गंवा चुके हैं. संख्या बल में कमी और काम के घंटों में बढ़ोतरी और लगातार ड्यूटी से अब इन्हें कुछ राहत चाहिए. संपूर्ण लॉकडाउन इसमें सहायक हो सकता है.

हॉस्पिटल बेड का रेशियो पाकिस्तान और बांग्लादेश से भी कम

देश भर के अस्पतालों को कोरोना मरीजों के लिए रिजर्व करने के बाद भी बेड की कमी है. भारत में अस्पतालों में बेड की उपलब्धता वैसै भी बहुत कम है. आजादी मिलने के सत्तर साल बाद भी हमारे देश प्रति दस हजार लोगों पर केवल 5 बेड उपलब्ध है. दुनिया में केवल 12 देश ऐसे हैं जिनकी स्थित भारत से भी खराब हैं. हॉस्पिटल बेड के मामले में पाकिस्तान और बांग्लादेश की स्थित भी भारत से बेहतर है. हॉस्पिटल के बेड के मामले में ह्यूमन डेवलपमेंट रिपोर्ट 2020 के अनुसार दुनिया के 167 देशों में भारत का स्थान 155 वां है. इतने कम बेड के साथ अगर यूरोप और अमेरिका की तरह कोरोना संक्रमण से मुकाबले के लिए आंशिक लॉकडाउन का सहारा ले रहे हैं तो यह भारत की जनता के साथ अन्याय होगा. देश में तुरंत लॉकडाउन हो सकता है कि बेड के लिए तड़पते देश के लिए कुछ राहत लेकर आए.

व्यापारियों की ओर से ही आ रही लॉकडाउन की डिमांड
देश का व्यापारी समुदाय खुद इस बार टोटल लॉकडाउन की डिमांड कर रहा है. चाहे लखनऊ हो या दिल्ली व्यापारी वर्ग खुद आगे आकर डिमांड ही नही कर रहा है बल्कि आपसी सहमति से व्यापारी संगठनों ने शटर गिरा दिए हैं. यूपी सरकार ने हाई कोर्ट के आदेश के बाद भी लॉकरडाउन नहीं किए तो लखनऊ के व्यापारियों ने अपनी ओर से खुद दुकानें बंद कर दी. इसी तरह दिल्ली में चांदनी चौक के दुकानदारों ने अापसी सहमति से दुकानें बंद कर दी थीं. बाद में दिल्ली सरकार ने एक हफ्ते का लॉकडाउन की भी घोषणा कर दी. लोग अब समझ रहे हैं जान है तो जहान है.

मई के दूसरे सप्ताह में कोरोना का पीक
हेल्थ एक्सपर्ट बता रहे हैं कि मई के दूसरे सप्ताह मे कोरोना का पीक हो सकता है. एक आईआईटी के प्रख्यात मैथमेटिशियन ने अपनी गणितिय आधार पर आशंका जताई है कि मई के दूसरे सप्ताह में करीबह 35 लाख एक्टिव केस हो सकते हैं. अगर ये सही साबित होता है निश्चित रूप से इसका मुकाबला करना बहुत कठिन होगा. देश भर का संपूर्ण लॉकडाउन हो सकता है कि कुछ राहत मिल जाए.

All BSAs please note – I have been instructed to inform that all schools will remain closed for students till 30th April

All BSAs please note – I have been instructed to inform that all schools will remain closed for students till 30th April…Teachers will continue to come to schools for critical administrative activities as instructed earlier and we have to ensure strictly that covid protocol is followed… Official instructions will follow from shasan soon..Please ensure 100% compliance and pass on the instructions…Best wishes and take care…We will win the battle against covid together as a team…

निर्वाचन ड्यूटी से मुक्त केवल निम्न कारणों व निम्न प्रक्रिया के अनुसार है किया जाएगा, प्रक्रिया देखने के लिए अभी क्लिक करें

निर्वाचन ड्यूटी से मुक्त केवल निम्न कारणों व निम्न प्रक्रिया के अनुसार है किया जाएगा, प्रक्रिया देखने के लिए अभी क्लिक करें

पति/पत्नी दोनों के चुनाव में ड्यूटी लगने के उपरांत ड्यूटी कटाने के सम्बन्ध में प्रार्थना पत्र प्रारूप व राज्य निर्वाचन आयोग द्वारा जारी आदेश। डाऊनलोड करने के लिए अभी क्लिक करें

TGT/PGT के आवेदन की अंतिम तिथि फिर से बढ़ी, पूरी जानकारी के लिए अभी क्लिक करें

टीजीटी-पीजीटी के आवेदन की तारीख एक बार फिर बढ़ी

 
TGT-PGT की आवेदन तिथि फिर बढ़ी, देखें विज्ञप्ति
 
 
 
 
 
 
 
 
 
 
 
उत्तर प्रदेश माध्यमिक शिक्षा सेवा चयन बोर्ड ने अशासकीय सहायता प्राप्त इंटर कॉलेजों में 15 हजार से अधिक प्रशिक्षित स्नातक (टीजीटी) और प्रवक्ता (पीजीटी) भर्ती 2021 की आवेदन तिथि 10 दिन और बढ़ा दी है। यह तीसरा अवसर है जब आवेदन तिथि 10 दिन के लिए बढ़ाई गई है। अब ऑनलाइन आवेदन के लिए पंजीकरण, शुल्क जमा करने और ऑनलाइन आवेदन सबमिट करने की अंतिम तिथि क्रमश: 10, 12 और 15 मई निर्धारित की गई है। 
 
 
उपसचिव नवल किशोर की ओर से शनिवार को जारी विज्ञप्ति के अनुसार इसके बाद कोई अवसर नहीं मिलेगा। अभ्यर्थियों से अनुरोध है कि वे चयन बोर्ड की वेबसाइट पर विज्ञापन संबंधी निर्देशों का भलीभांति अध्ययन कर पूर्ण जानकारी प्राप्त कर लें।
 
 
प्रयागराज : प्रदेश के एडेड माध्यमिक कालेजों की शिक्षक भर्ती के लिए अब अभ्यर्थी 15 मई तक आवेदन कर सकेंगे। चयन बोर्ड ने ऑनलाइन आवेदन करने की मियाद तीसरी बार फिर दस दिन के लिए बढ़ा दी है। वजह, एनआइसी के परीक्षा पोर्टल पर सभी अभ्यर्थियों के आवेदन नहीं हो पा रहे थे। प्रशिक्षित स्नातक शिक्षक व प्रवक्ता (टीजीटी-पीजीटी) भर्ती 2021 के लिए दावेदारों की बड़ी संख्या हैं, वे परेशान थे।
 
 
चयन बोर्ड ने अशासकीय सहायताप्राप्त माध्यमिक कालेजों के लिए लंबे समय बाद शिक्षक भर्ती घोषित की है। एनआइसी की ओर से तैयार परीक्षा पोर्टल पर शुरू में आवेदनों की रफ्तार ठीक थी लेकिन, बाद में धीमी होती गई। बीते 15 मार्च को एडेड कालेजों में 15198 पदों के लिए आनलाइन आवेदन मांगे गए थे। मार्च के अंत में ही पोर्टल गड़बड़ा गया। विरोध होने पर चयन बोर्ड ने पंजीकरण के लिए 21 व आवेदन 25 अप्रैल तक करने की समय सीमा बढ़ाई थी, लेकिन फिर भी आवेदन नहीं हो पाए।

जिला बेसिक शिक्षा अधिकारी ने बोला, हाईकोर्ट के आदेश के बाद अपने मूल विद्यालय में वापस होंगे 50 शिक्षक

जिला बेसिक शिक्षा अधिकारी ने बोला, हाईकोर्ट के आदेश के बाद अपने मूल विद्यालय में वापस होंगे 50 शिक्षक