आवेदन के बाद प्रमाण पत्र में संशोधन होने पर भी अभ्यर्थी को मिलेगी नियुक्ति : 69000 सहायक अध्यापक भर्ती में रिकॉर्ड की विसंगति को लेकर शासन ने जारी किए दिशा-निर्देश,शिक्षामित्रों को भी मिली राहत

लखनऊ। 69 हजार सहायक अध्यापक भर्ती में चयनित अभ्यर्थी के आवेदन के बाद अंक पत्र में विश्वविद्यालय या संबंधित शैक्षिक संस्थान के स्तर से परिवर्तन हुआ है तो अभ्यर्थी को नियुक्ति से वंचित नहीं किया जाएगा। वहीं अभ्यर्थी ने बिना किसी रिकॉर्ड के स्वयं के स्तर पर ही वास्तविक प्राप्तांक से अधिक अंक या कम पूर्णांक अंकित करता है तो उसका चयन निरस्त किया जाएगा।

बेसिक शिक्षा विभाग ने भारांक की गणना गलत होने या भारांक का लाभ प्राप्त नहीं होने के चलते नियुक्ति से वंचित रहे शिक्षामित्रों को भी राहत दी है। बेसिक शिक्षा विभाग की अपर मुख्य सचिव रेणुका कुमार ने सहायक अध्यापक भर्ती में रिकॉर्ड की विसंगति को लेकर दिशा-निर्देश जारी किए हैं।

शासन ने स्पष्ट किया है कि भर्ती

के आवेदन के बाद उनके प्रमाण पत्र या अंक पत्र में पुनर्मूल्यांकन, बैक पेपर में प्राप्त अंक या अन्य किसी कारण से प्राप्तांक में विश्वविद्यालय या संबंधित शैक्षिक संस्थान ने स्वयं परिवर्तन किया है तो ऐसे अभ्यर्थियों
को त्रुटिपूर्ण आवेदन के लिए जिम्मेदार नहीं माना जा सकता है।

इसके अलावा शासन ने उन अभ्यर्थियों के चयन निरस्त करने के आदेश दिए हैं जिन्होंने 28 मई 2020 के बाद का जारी जाति एवं निवास प्रमाण पत्र प्रस्तुत किया है।



शिक्षामित्रों को भी मिली राहत

बेसिक शिक्षा विभाग ने भर्ती में शिक्षामित्रों को भी राहत दी है। विभाग ने स्पष्ट किया है कि जिन शिक्षामित्रों को अधिकतम 25 भारांक प्राप्त हो गया है, लेकिन उनकी सेवा दस वर्ष से कम है। ऐसे अभ्यर्थियों की प्रति वर्ष की सेवा के 2.5 भारांक के आधार पर गणना की जाए।

. शिक्षामित्र अभ्यर्थी के वास्तविक भारांक की गणना करने पर यदि संबंधित अभ्यर्थी का गुणांक संबंधित जिले में उनकी श्रेणी में अंतिम चयनित अभ्यर्थी के गुणांक से अधिक है तो उन्हें नियुक्ति पत्र जारी किया जाए। यदि गुणांक अंतिम चयनित अभ्यर्थी से कम है तो उनका प्रस्ताव शासन को भेजने के निर्देश दिए हैं।

शिक्षामित्र श्रेणी का लाभ प्राप्त नहीं होने के कारण जिन 138 शिक्षामित्रों का चयन नहीं हो सका है। उनकी सेवा के आधार पर भारांक की गणना कर नियुक्ति देने या चयन निरस्त करने की कार्यवाही की जाएगी। जिन शिक्षामित्रों के भारांक की गणना करने के बाद गुणांक यदि संबंधित श्रेणी में चयनित अंतिम अभ्यर्थी के गुणांक से अधिक है तो उनके चयन और जिला आवंटन के लिए स्कूल शिक्षा महानिदेशक

की ओर से शासन को प्रस्ताव भेजा जाएगा यदि शिक्षामित्र का गुणांक उनकी श्रेणी के अंतिम चयनित अभ्यर्थी से कम है तो उनका चयन निरस्त किया जाएगा।

प्रदेश में बेसिक शिक्षा विभाग के अन्तर्गत फर्जी⁄संदिग्ध शिक्षको की जॉच⁄कार्यवाही के संबंध में जनपद स्तर पर गठित त्रि–सदस्यीय जॉच समिति की हस्ताक्षरित निर्धारित प्रारूप पर सूचना उपलब्ध कराये जाने के संंबंध में।

प्रदेश में बेसिक शिक्षा विभाग के अन्तर्गत फर्जी⁄संदिग्ध शिक्षको की जॉच⁄कार्यवाही के संबंध में जनपद स्तर पर गठित त्रि–सदस्यीय जॉच समिति की हस्ताक्षरित निर्धारित प्रारूप पर सूचना उपलब्ध कराये जाने के संंबंध में।

स्कूल में खिचड़ी खाने के बाद परिषदीय छात्रा की मौत, परिजनों का हंगामा: प्रधानाध्यापिका निलंबित

बलिया। बांसडीहरोड थाना क्षेत्र के प्राथमिक विद्यालय जैदोपुर में बुधवार की दोपहर में एक छात्रा की खिचड़ी खाने के बाद बेहोश हो गई। घटना के बाद विद्यालय में हड़कंप मच गया। तुरंत छात्रा गुंजन (5) को अस्पताल ले जाया गया, जहां उपचार के दौरान उसकी मौत हो गई।

विद्यालय पहुंचकर छात्रा के परिजनों ने हंगामा किया। पुलिस के साथ बेसिक शिक्षा विभाग के अधिकारी भी स्कूल पहुंचे और घटना की जानकारी ली। बच्ची के शव का पोस्टमार्टम होने के बाद स्कूल से भोजन सामग्री के सैंपल जांच के लिए भेज दिए गए हैं। बीईओ की जांच रिपोर्ट पर बीएसए ने प्रधानाध्यापिका को निलंबित कर दिया है।

बीएसए शिवनारायण सिंह का कहना है कि विद्यालय में 34 बच्चों ने एमडीएम की खिचड़ी खाई थी, जिनमें गुंजन को छोड़कर सभी सामान्य हैं। प्रारंभिक जांच में यह तथ्य सामने आया है कि गुंजन घर से बेर लेकर आई थी और खाना खाने के बाद खा रही थी, जो उसके गले में फंस गया, जिससे उसकी मौत हो गई।

परिषदीय शिक्षकों का समायोजन ग्रीष्मावकाश में, सरकार का दावा प्रदेश में एक भी परिषदीय विद्यालय शिक्षक विहीन नहीं

सहायक अध्यापकों की नई तबादला नियमावली जल्द

डॉ सतीश चंद्र द्विवेदी ने कहा कि प्रदेश सरकार जल्द ही सहायक अध्यापकों के तबादलों की नियमावली में संशोधन कर नई नियमावली लाने जा रही है इसके बाद शिक्षकों के ग्रामीण शहरी और शहरी से ग्रामीण क्षेत्रों में तबादले का रास्ता साफ हो जाएगा वह बसपा दल के नेता लालजी वर्मा के इस संबंध में पूछे सवाल का जवाब दे रहे थे।

एक और भर्ती में शिक्षामित्रों को वेटेज, बेसिक शिक्षा मंत्री ने दी जानकारी

लखनऊ : राज्य सरकार परिषदीय प्राथमिक स्कूलों में होने वाली एक और शिक्षक भर्ती में शिक्षामित्रों को अधिकतम 25 अंकों का भारांक (वेटेज) देने के लिए तैयार है। मंगलवार को विधान परिषद में बेसिक शिक्षा राज्य मंत्री (स्वतंत्र प्रभार) डा.सतीश चंद्र द्विवेदी ने यह जानकारी दी। यह भी साफ कर दिया कि शिक्षामित्रों का मानदेय बढ़ाने का फिलहाल कोई प्रस्ताव नहीं है।

उन्होंने बताया कि योगी सरकार के कार्यकाल में परिषदीय प्राथमिक स्कूलों में हुई 68500 और 69000 शिक्षकों की भर्ती में शिक्षामित्रों को सेवा के प्रति वर्ष के लिए 2.5 अंक और अधिकतम 25 अंक का वेटेज दिया गया है। वेटेज की मदद से इन दोनों भर्तियों में लगभग 15,000 शिक्षामित्र शिक्षक बनने में कामयाब हुए। मंत्री ने कहा कि एक याचिका की सुनवाई करते हुए सुप्रीम कोर्ट ने कहा है कि यदि राज्य सरकार चाहे तो वह शिक्षामित्रों को एक और भर्ती में मौका दे सकती है। मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ ने इसके लिए सहमति दे दी है।

बेसिक शिक्षा मंत्री ‘समान कार्य के लिए समान वेतन’ के सिद्धांत पर शिक्षामित्रों का मानदेय बढ़ाने के लिए सपा की ओर से लाए गए कार्यस्थगन प्रस्ताव पर जवाब दे रहे थे। शिक्षक दल के सुरेश कुमार त्रिपाठी और ध्रुव कुमार त्रिपाठी ने भ्रष्टाचार के आरोपित वाराणसी के जिला अल्पसंख्यक कल्याण अधिकारी के खिलाफ अभियोजन की स्वीकृति न दिये जाने का मुद्दा उठाया।

🔴 विधान परिषद में बेसिक शिक्षा मंत्री ने दी जानकारी

🔴 दो भर्तियों में सरकार दे चुकी है भारांक का लाभ

फर्जी 812 शिक्षकों की सेवा समाप्ति के आदेश

प्रयागराज : बेसिक शिक्षा परिषद के विद्यालयों में तैनात 812 शिक्षकों की सेवा समाप्त करते हुए उनके विरुद्ध एफआइआर दर्ज कराने के आदेश हुए हैं। इन शिक्षकों का आगरा विश्वविद्यालय की बीएड डिग्री के आधार पर चयन हुआ था, पिछले दिनों हाई कोर्ट ने उनकी डिग्री को फर्जी करार दिया था। परिषद सचिव प्रताप सिंह बघेल ने बेसिक शिक्षा अधिकारियों को आदेश दिया है कि नियमानुसार कार्रवाई करें।

हाई कोर्ट ने विशेष अपील किरनलता सिंह व अन्य बनाम उत्तर प्रदेश राज्य व अन्य में 26 फरवरी को परिषदीय विद्यालयों में तैनात 814 शिक्षकों की बीएड डिग्री को फर्जी करार दिया था। परिषद सचिव ने उसी के अनुपालन के लिए आदेश जारी किया है। इसमें कहा गया है कि दो अभ्यर्थियों अनीता मौर्या पुत्री भोला सिंह टीआरके कॉलेज अलीगढ़ व विजय सिंह पुत्र हरि सिंह केआरटीटी कॉलेज मथुरा को छोड़कर अन्य 812 अभ्यर्थियों की डिग्री फर्जी होने की पुष्टि की गई है। नियमानुसार सेवा समाप्ति व एफआइआर की कार्रवाई की जाए।

सेवा समाप्ति यूनिवर्सिटी की ओर से पारित तारीख से मान्य: परिषद सचिव ने लिखा है कि जिन अभ्यर्थियों के अंकपत्र में कूटरचना की गई है, के संबंध में हाई कोर्ट के आदेश की तारीख से चार माह का समय निर्णय लेने के लिए दिया गया है।

परिषदीय स्कूलों में इस बार भी परीक्षा नहीं, कक्षा एक से आठ तक के छात्र असेसमेंट से होंगे प्रमोट

परिषदीय स्कूलों में इस बार भी परीक्षा नहीं,  कक्षा एक से आठ तक के छात्र असेसमेंट से होंगे प्रमोटप्रेरणा

ज्ञानोत्सव के जरिये सीखने- पढ़ने की क्षमता का होगा आकलन

लखनऊ। बेसिक शिक्षा परिषद के स्कूलों में कक्षा एक से आठ तक के विद्यार्थियों को इस बार भी बिना परीक्षा अगली कक्षा में भेजा जाएगा। शैक्षिक सत्र 2020-21 में करीब 10 माह शिक्षण कार्य प्रभावित रहने के कारण परिषदीय स्कूलों में छात्रों का कक्षा स्तर पर असेसमेंट कर उन्हें प्रमोट किया जाएगा। 

मानव संपदा पोर्टल/ऑनलाइन अवकाश संबंधी शंकाओं का समाधान Solution of MANAVSAMPADA PORTAL / online holiday related doubts

मानव संपदा पोर्टल/ऑनलाइन अवकाश संबंधी शंकाओं का समाधान

🔴 यूजर आईडी एवं पासवर्ड गलत बता रहा है।

💁‍♂️ सर्वप्रथम अपने द्वारा डाले जा रहे हैं पासवर्ड को फिर से चेक कर ले कि कहीं पासवर्ड में स्मॉल लेटर/ कैपिटल लेटर/ स्पेस आदि का अंतर तो नहीं आ रहा है।

यदि फिर भी समाधान ना हो तो बीआरसी पर मानव संपदा का काम देख रहे ऑपरेटर से संपर्क करें।

🔴 एम. स्थापना से अवकाश कैसे लें ?

💁‍♂️सर्वप्रथम प्ले स्टोर से एम. स्थापना एप्लीकेशन डाउनलोड करें, उसके बाद अपनी मानव संपदा यूजरआईडी और पासवर्ड डालकर लॉगइन कर लें।
अपने रिपोर्टिंग ऑफिसर का चयन करें।
(समस्त सहायक अध्यापक शिक्षा मित्र एवं अनुदेशक हेतु उनके विद्यालय के प्रधानाध्यापक अथवा प्रभारी प्रधानाध्यापक उनके रिपोर्टिंग ऑफिसर होंगे तथा प्रधानाध्यापक एवं प्रभारी प्रधानाध्यापक हेतु संबंधित ब्लॉक के खंड शिक्षा अधिकारी उनके रिपोर्टिंग ऑफिसर होंगे।)

🔴रिपोर्टिंग ऑफिसर का चयन एक ही बार करना होगा, उसके पश्चात अपनी आवश्यकतानुसार अवकाश ले सकते हैं।

🙇🏻‍♂️मानव संपदा पोर्टल से अवकाश कैसे लें ?

💁‍♂️सर्वप्रथम मानव संपदा पोर्टल पर अपनी यूजर आईडी और पासवर्ड से लॉगिन करें।
तत्पश्चात लीव मॉड्यूल में जाकर उक्तवत् अवकाश ले सकते हैं।

🙇🏻‍♂️प्री-फिक्स / सफिक्स अवकाश क्या हैं?

💁‍♂️उदाहरण के लिए यदि आप सोमवार का अवकाश लेना चाहते हैं तथा मंगलवार को कोई घोषित अवकाश है तब रविवार का अवकाश प्री-फिक्स कहलाएगा तथा मंगलवार का अवकाश सफिक्स कहलाएगा।
ऐसी स्थिति में प्री-फिक्स के कॉलम में 01 तथा सफिक्स के कॉलम में भी 01 भरना होगा, तब यह दोनों अवकाश आपके कुल अवकाश की गिनती में नहीं आएंगे अन्यथा आपके तीन अवकाश गिने जाएंगे।

🙇🏻‍♂️पासवर्ड रिसेट कैसे करें ?

💁‍♂️फारगेट पासवर्ड पर क्लिक करके अपने रजिस्टर्ड मोबाइल पर ओटीपी प्राप्त करके आप अपना पासवर्ड रिसेट कर सकते हैं।
किंतु यदि ओटीपी प्राप्त नहीं हो रहा है तब ऐसी स्थिति में आपको अपने ब्लॉक संसाधन केंद्र के ऑपरेटर से संपर्क करके अपना पासवर्ड रीसेट करवाना होगा।

🙇🏻‍♂️रिपोर्टिंग ऑफिसर का नाम नहीं दिख रहा है ?

💁‍♂️अपनी रिपोर्टिंग ऑफिसर के मानव संपदा कोड के द्वारा आप सर्च कर सकते हैं, अन्यथा की स्थिति में अपने ब्लॉक संसाधन केंद्र के ऑपरेटर से संपर्क करें।

🙇🏻‍♂️रिपोर्टिंग ऑफिसर कैसे बदलें ?

💁‍♂️मानव संपदा पोर्टल के लीव माड्यूल में जाकर अथवा एम. स्थापना एप्लीकेशन के द्वारा आप अपनी रिपोर्टिंग ऑफिसर को बदल सकते हैं। (समस्त सहायक अध्यापक शिक्षा मित्र एवं अनुदेशक हेतु उनके विद्यालय के प्रधानाध्यापक अथवा प्रभारी प्रधानाध्यापक उनके रिपोर्टिंग ऑफिसर होंगे तथा प्रधानाध्यापक एवं प्रभारी प्रधानाध्यापक हेतु संबंधित ब्लॉक के खंड शिक्षा अधिकारी उनके रिपोर्टिंग ऑफिसर होंगे।)



🙇🏻‍♂️लीव अप्लाई नहीं हो रही है ?

💁‍♂️संभवतः नेटवर्क अथवा सर्वर डाउन होने की स्थिति में ऐसा होता है थोड़ा इंतजार करके पुनः प्रयास करें।

🙇🏻‍♂️पासवर्ड सही डालने पर भी गलत बता रहा है?

💁‍♂️संभवत आपके द्वारा फॉरगेट पासवर्ड पर क्लिक किया गया है अथवा लंबे समय से पोर्टल पर लॉगइन नहीं किया गया है।
👉ऐसी समस्या से बचने के लिए सप्ताह में एक बार लॉगिन अवश्य करें।

🙇🏻‍♂️ई-सर्विस बुक पर फोटो नहीं दिख रही है ?

💁‍♂️आपकी लॉगइन आईडी से लॉग इन करने पर आपको फोटो नहीं दिखेगी, इसके लिए आपको परेशान होने की आवश्यकता नहीं है।

🙇🏻‍♂️सिगनेचर अपलोड नहीं हुए हैं !

💁‍♂️अद्यतन सूचना के अनुसार कुछ तकनीकी कारणों से सिग्नेचर अपलोड करने का कार्य रोका गया है।
कार्य प्रारंभ होते ही आपको सूचना मिल जाएगी।
सिग्नेचर आप ही के द्वारा अपलोड किए जाने हैं जैसे ही कार्य प्रारंभ होगा आपको आपके ब्लॉक संसाधन केंद्र के ऑपरेटर के द्वारा अवगत करा दिया जाएगा।

🙇🏻‍♂️ सेवानिवृत्ति की तिथि में अंतर आ रहा है।

💁‍♂️ अद्यतन प्राप्त सूचना के अनुसार सेवानिवृत्ति निर्धारित नियमावली के अनुसार ही होगी।
सेवानिवृत्ति की तिथि में आ रहा अंतर संभवत किसी तकनीकी कारणों से है, जिसकी सूचना दे दी गई है।
संभवत कुछ समय में से अपडेट कर दिया जाएगा।
इसके लिए आपको परेशान होने की आवश्यकता नहीं है।

812 सहायक शिक्षकों को हाइकोर्ट से झटका, गई नौकरी: सरकार के निर्णय को हाईकोर्ट ने दिया सही करार: वेतन की वसूली के आदेश को किया रद्द

के सरकार के निर्णय को हाईकोर्ट ने सही करार दिया है , जबकि ऐसे अभ्यर्थी जिन की मार्कशीट में छेड़छाड़ किए जाने की शिकायत थी उनके संबंध में निर्णय लेने का विश्वविद्यालय को निर्देश दिया है । कोर्ट ने सहायक शिक्षकों की विशेष अपील खारिज कर दी गई है। प्रदेश सरकार ने बीएड डिग्री को फर्जी करार देते हुए लगभग 812 शिक्षकों की सेवा समाप्त कर दी थी और भुगतान किए गए वेतन की वसूली शुरू हुई थी। इसके खिलाफ शिक्षक कोर्ट पहुंच गए थे। एकल पीठ ने सरकार के निर्णय को सही करार दिया। इसे विशेष अपील में चुनौती दी गई। न्यायमूर्ति एम एन भंडारी और न्यायमूर्ति एस.एस. शमशेरी की पीठ ने विशेष अपील पर सुनवाई के बाद अपना फैसला सुनाया।

सहायक अध्यापकों से भुगतान किए गए वेतन की वसूली के आदेश को खण्डपीठ ने रद्द कर दिया है। एकल न्यायपीठ ने इस निर्णय को सही करार दिया है।
आपको बता दें कि एकल जज ने एसआईटी की रिपोर्ट के आधार पर इन शिक्षकों की बीएसए द्वारा की गई बर्खास्तगी को मंजूरी दे दी थी। एकल जज के इस आदेश को खंडपीठ में चुनौती दी गई थी। कहा गया था कि बीएसए का बर्खास्तगी आदेश एसआईटी की रिपोर्ट के आधार पर पारित किया गया है, जो गलत है। यह भी दलील दी गई कि पुलिस रिपोर्ट को शिक्षकों की बर्खास्तगी का आधार नहीं बनाया जा सकता है। कहा गया था कि बीएसए ने बर्खास्तगी से पूर्व सेवा नियमावली के कानून का पालन नहीं किया। 

जबकि सरकार की तरफ से बहस की गई कि इन शिक्षकों की बर्खास्तगी एसआईटी की रिपोर्ट के आधार पर की गई है। हाईकोर्ट ने इस मामले में जांच कर रही एसआईटी को रिपोर्ट देने को कहा था। बहस यह भी की गई थी कि फर्जी डिग्री या मार्कशीट के आधार पर सेवा में आने वाले की बर्खास्तगी के लिए सेवा नियमों का पालन करना जरूरी नहीं है। 

बेसिक शिक्षा विभाग में बड़ा घपला आया सामने, तकरीबन साढ़े 03 साल से गैर हाजिर शिक्षिका लेती रही वेतन, रिकवरी के आदेश

बेसिक शिक्षा विभाग में बड़ा घपला सामने आया है। एक शिक्षिका का 1297 दिनों तक गैर हाजिर रहने के बाद भी उसका वेतन जारी होता रहा। मामले का खुलासा होने के बाद अब आरोपी शिक्षिका और उसके पति समेत तीन के खिलाफ रिपोर्ट दर्ज कराकर गैरहाजिरी के दौरान वेतन के रूप में ली गई धनराशि की रिकवरी कराने की कार्रवाई शुरू कर दी है। डीएम ने शिक्षिका से रिकवरी के आदेश भी दिए हैं।

अफसरों और शिक्षिका की साठ-गांठ का यह मामला अजीमनगर थाना क्षेत्र के सैदनगर ब्लाक के कुम्हरिया गांव के प्राथमिक स्कूल से जुड़ा हुआ है। यहां प्रीति यादव नाम की एक शिक्षका की तैनाती लगभग 62 माह (2011 से 2015) तक रही है। वह स्कूल से लगातार गैरहाजिर रही। पांच सालों में वह 1297 दिन गैर हाजिर रही। रजिस्ट्रर में उसे गैर हाजिर दिखाया गया है, लेकिन उसके वेतन का भुगतान कर दिया जाता रहा। खास बात यह है कि तत्कालीन बीएसए ने उसके खिलाफ कार्रवाई के आदेश दिए थे।
एबीएसए ने भी वेतन जारी करने की संस्तुति नहीं की थी, इसके बाद भी वेतन जारी कर दिए गए थे। इस मामले की जानकारी मिलने के बाद जिलाधिकारी ने जांच बैठा दी और बीएसए से रिपोर्ट तलब की थी। रिपोर्ट मिलने के बाद डीएम के आदेश पर अजीमनगर थाने में खंड शिक्षाधिकारी प्रेम सिंह राणा की ओर से रिपोर्ट दर्ज कराई गई है। एसओ रविंद्र कुमार ने पुष्टि की कि आरोपी शिक्षिका, उसके पति और एक अन्य के खिलाफ मुकदमा दर्ज कर लिया गया है।
फिलहाल बाराबंकी में तैनात है शिक्षिकासैदनगर के कुम्हरिया कलां गांव के स्कूल में तैनात रही शिक्षिका प्रीति यादव 2011 में रामपुर में तैनात हुई थीं। वह 2005 से शिक्षिका के पद पर तैनात हैं। बेसिक शिक्षा अधिकारी ऐश्वर्य लक्ष्मी ने बताया कि प्रीति यादव 15 जुलाई 2011 से रामपुर में तैनात थी। ज्वाइन करने के दो दिन बाद से ही वह गैरहाजिर हो गईं। खंड शिक्षाधिकारी ने उसके खिलाफ कार्रवाई को लिखा। वेतन रोकने के आदेश हुए, लेकिन जब बैंक स्टेटमेंट जारी हुआ तो पता चला कि वेतन जारी हो रहा है। तत्कालीन बीएसए ने सेवा समाप्ति को भी लिखा था, लेकिन जब सेवा समाप्ति का नोटिस जारी हुआ तो उक्त शिक्षिका अंतरजनपदीय तबादले के तहत बाराबंकी चली गई। कार्रवाई के लिए बाराबंकी के बीएसए को भी लिखा गया है।
अफसरों की साठ-गांठ से निकलता रहा वेतनरामपुर। स्कूल न जाने वाली शिक्षिका का वेतन यूं ही नहीं निकलता रहा। इसके पीछे अफसरों और लेखा विभाग से जुड़े अफसरों और कर्मियों की साठ-गांठ भी कम जिम्मेदार नहीं है। ब्लाक स्तर से बीएसए दफ्तर और लेखा दफ्तर और आला अफसरों तक की साठ-गांठ के चलते यह सब हुआ है। इस तरह के कई केस सामने आ चुके हैं।