UP PANCHAYAT CHUNAV RESULT 2021: पंचायत चुनाव मतगणना स्थगित करने की मांग पर कर्मचारी संगठन एकजुट, जानें- क्‍या है कारण

यूपी एजूकेशन आफीसर्स एसोसिएशन व प्राथमिक शिक्षक प्रशिक्षित स्नातक एसोसिएशन के अतिरिक्त कई अन्य शिक्षक संगठन एकजुट हो गए हैं। संगठनों ने राज्य निर्वाचन आयोग को चिट्ठी लिखकर दो मई को होने वाली पंचायत चुनाव की मतगणना स्थगित करने की मांग की है।

प्रयागराज, कोरोना संक्रमण की बढ़ती लहर के बीच त्रिस्तरीय पंचायत चुनाव भी तमाम तरह की कठिनाई का सबब बन रहा है। खासकर चुनाव ड्यूटी करने वाले कर्मचारियों में संक्रमण तेजी से फैल रहा है। इसकी वजह यह कि चुनाव कराने के प्रशिक्षण से लेकर मतदान व मतगणना तक शारीरिक दूरी जैसे नियम का पालन सख्ती से नहीं हो पाता।

संगठनों ने राज्‍य निर्वाचन आयोग को भेजा पत्र

इसे लेकर अब यूपी एजूकेशन आफीसर्स एसोसिएशन व प्राथमिक शिक्षक प्रशिक्षित स्नातक एसोसिएशन के अतिरिक्त कई अन्य शिक्षक संगठन एकजुट हो गए हैं। संगठनों ने राज्य निर्वाचन आयोग को चिट्ठी लिखकर दो मई को होने वाली पंचायत चुनाव की मतगणना स्थगित करने की मांग की है।

पंचायत चुनाव ड्यूटी के दौरान कोरोना संक्रमित हुए कर्मचारी

यूपी एजुकेशनल आफीसर्स एसोसिएशन ने पत्र भेजकर स्थिति की गंभीरता को स्पष्ट किया है। बताया है कि पोलिंग पार्टियों की रवानगी और मतपेटियों के जमा करने के दौरान भारी भीड़ होती है। इसकी वजह से संक्रमण भी तेजी से फैल रहा है। चुनाव कराने के बाद तमाम कर्मचारी संक्रमित हुए कई की तो जान भी चली गई। ऐसे में अब मतगणना के दौरान फिर मतपेटियों को जब छुआ जाएगा तो संक्रमण का खतरा होगा। मतगणना के दौरान कोविड-19 से बचाव संबंधी कोई ब्लू प्रिंट भी नहीं तैयार किया गया है। यह सब कर्मचारियों के प्रति उपेक्षा का द्योतक है। आयोग से गुजारिश है कि सभी कर्मचारियों के हित में फैसला लिया जाए।

135 शिक्षकों व शिक्षामित्रों की की जा चुकी है जान

शिक्षक संगठनों का कहना है कि चुनाव ड्यूटी से लौटने के बाद अब तक 135 शिक्षकों, शिक्षामित्रों की जान कोरोना वायरस संक्रमण के कारण जा चुकी है। राष्ट्रीय शैक्षिक महासंघ का कहना है कि आए दिन लोगों के संक्रमित होने का दौर जारी है। इससे सभी लोग सहमे हुए हैं। जहां भी चुनाव हो जा रहे हैं उसके बाद संक्रमण की रफ्तार भी बढ़ रही है। ऐसे में आयोग को गंभीरता से विचार करना चाहिए।

उत्तर प्रदेश माध्यमिक शिक्षक संघ (ठकुराई गुट) भी आगे आया

उत्तर प्रदेश माध्यमिक शिक्षक संघ (ठकुराई गुट) ने मुख्यमंत्री व राज्य निर्वाचन आयोग को पत्र भेजा है। इसमें मांग की गई है कि कोरोना संक्रमण के बढऩे व शिक्षकों, कर्मचारियों की हो रही मौत को देखते हुए पंचायत चुनाव की मतगणना को स्थगित किया जाए। बताया है कि मतगणना के दौरान पूरे प्रदेश में सभी विकासखंडों में कुल 25 से 30 लाख लोग एकत्र होंगे। ऐसे में महामारी का और विस्फोटक स्वरूप सामने आ सकता है। स्वास्थ्य सेवाओं के अभाव में स्थिति विकराल हो जाएगी। अत: मतगणना को स्थगित करना ही सभी के हित में है। उधर, केंद्रीय विद्यालय शिक्षक संघ के महासचिव वाईएन सिंह ने घोषणा की है कि पंचायत चुनाव की मतगणना का बहिष्कार किया जाएगा।

ब्रेकिंग लखनऊ मुख्यमन्त्री योगी आदित्यनाथ का बयान :- Covid-19 के बढते कदम को देखते हुए राज्य सरकार पंचायत चुनाव को इस समय स्थगित करने कि मांग उच्च न्यायलय से मागी है

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शाम 6 बजे तक आ सकता है लखनऊ उच्च न्यायलय का आदेश

पंचायत चुनाव के आरक्षण प्रक्रिया पर हाईकोर्ट ने रोक लगा दी है अग्रिम शासनादेश आने तक सारे कार्य होंगे बंद

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पंचायती राज निर्वाचन 2021 हेतु चुनाव ड्यूटी के लिये कार्मिक का डाटा भरने का फॉर्मेट जारी

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चुनावनिर्वाचनपंचायत चुनावफॉर्म
पंचायती राज निर्वाचन 2021 हेतु चुनाव ड्यूटी के लिये कार्मिक का डाटा भरने का फॉर्मेट जारी ।

उत्तर प्रदेश पुलिस:- 31 मार्च 2020 को 50 वर्ष या इससे अधिक की आयु पूरी करने वाले कर्मियों को अनिवार्य रूप से सेवानिवृत्ति हेतु की जाएगी स्क्रीनिंग

31 मार्च 2020 को 50 वर्ष या इससे अधिक की आयु पूरी करने वाले कर्मियों को अनिवार्य रूप से सेवानिवृत्ति हेतु स्क्रीनिंग की

कार्यवाही नियमानुसार कराकर सूचना जोन्स / मुख्यालय स्तर पर संकलित कर 25 अक्टूबर तक उपलब्ध कराई जाए :

मुख्यालय पुलिस महानिदेशक, उत्तर प्रदेश

योगी सरकार का बड़ा फैसला, यूपी के कर्मचारियों को भी मिलेगा त्योहारी एडवांस और बोनस

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बेसिक शिक्षकों को छात्रों की अनुपस्थिति अर्थात बिना शिक्षण कार्य के विद्यालयों में बुलाने के आदेश के संबंध में कल माननीय मंत्री जी से वार्ता करके इस आदेश पर पुनः विचार करने का अनुरोध किया गया।
डॉ दिनेश चन्द्र शर्मा

कोरोना के कहर को देखते हुए दिल्ली सरकार का ऐलान जुलाई में नहीं खुलेंगे कोई भी स्कूल

Delhi School news : दिल्ली के शिक्षा मंत्री मनीष सिसोदिया ने किया ऐलान, 31 जुलाई 2020 तक बंद रहेंगे स्कूल

दिल्ली के स्कूल के छात्रों व अभिभावकों के लिए महत्वपूर्ण खबर है। दिल्ली के सभी सरकारी और निजी स्कूलों को 31 जुलाई 2020 तक बंद रखा जायेगा।


Delhi School news : दिल्ली के स्कूल के छात्रों व अभिभावकों के लिए महत्वपूर्ण खबर है। दिल्ली के सभी सरकारी और निजी स्कूलों को 31 जुलाई 2020 तक बंद रखा जायेगा। यानी, 31 जुलाई 2020 तक दिल्ली के सभी स्कूलों में शैक्षणिक गतिविधियां पूरी तरह से स्थगित रहेंगी। यह घोषणा दिल्ली के शिक्षा मंत्री मनीष सिसोदिया ने की है। बता दें कि देश भर में कोरोना वायरस महामारी के कारण बढ़ते हुए संक्रमण को ध्यान में रख कर यह निर्णय लिया गया है। सिसोदिया ने कहा है कि बच्चों की सुरक्षा हमारी पहली प्राथमिकता है। बच्चों के स्वास्थ्य के साथ कोई जोखिम नहीं उठाया जा सकता है।

बता दें कि देश भर में कोरोना वायरस के संक्रमण से सबसे ज्यादा प्रभावित मुंबई के बाद अगर कोई शहर हुआ है तो वह दिल्ली है। यहां हर दिन तेजी से मामले बढ़ रहे हैं। इस समस्या को मद्देनजर यह फैसला लिया गया है। मार्च में कोरोना वायरस का संक्रमण फैलने की वजह से सभी स्कूल-कॉलेज सहित शैक्षणिक संसस्थान बंद कर दिए गए थे। इसके बाद जैसे-जैसे लॉकडाउन में छूट मिली थीं, उसके आधार पर शैक्षणिक गतिविधियों को आगे बढ़ाया गया। इसके तहत सीबीएसई बोर्ड सहित कई अन्य राज्यों ने बची हुईं 10वीं और 12वीं की परीक्षाएं कराने का ऐलान किया। लेकिन कोरोना संक्रमण के नहीं थम रहे मामलों की वजह से आखिरकार सीबीएसई सहित कई अन्य राज्यों को परीक्षाएं टालनी पड़ीं। वहीं हाल ही सीबीएसई ने ऐलान किया है कि वह 15 जुलाई तक परिणाम जारी कर देगा। इसके अलावा कई अन्य बोर्ड पहले ही नतीजे जारी कर चुके हैं। इनमें सबसे पहले बिहार बोर्ड नरे जारी किए थे। वहीं अब कल यानी कि 27 जून को यूपी बोर्ड 10वीं और 12वीं के नतीजे एक साथ जारी करने जा रहा है। शनिवार की दोपहर साढ़े 12 बजे रिजल्ट घोषित किया जाएगा।

किसी भी प्रकार के एरियर के भुगतान पर 30 सिंतबर 2020 तक रोक के सम्बन्ध में

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यूपी में तय समय पर ही होंगे पंचायत चुनाव, कार्यकाल बढ़ाने का फिलहाल सरकार का कोई इरादा नहीं

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लखनऊ।
जिलों में वार्डों का परिसीमन होना है
लाकडाउन में ढील बढ़ने के साथ ही अब उत्तर प्रदेश में त्रि-स्तरीय पंचायत चुनाव अपने निर्धारित समय पर ही करवाए जाने की तैयारी भी तेजी से शुरू होगी। अगर आने वाले महीनों में स्थितियां बिगड़ी नहीं हुईं तो कोरोना संकट से उपजे हालात में फिलहाल प्रदेश सरकार का पंचायतों का कार्यकाल बढ़ाने का फिलहाल कोई इरादा नहीं है। राज्य के पंचायतीराज मंत्री चौधरी भूपेन्द्र सिंह ने ‘हिन्दुस्तान’ से खास बातचीत में कुछ ऐसे ही संकेत दिए हैं।
बकौल श्री चौधरी-‘मुझे नहीं लगता कि पंचायतों का कार्यकाल बढ़ाने की कोई जरूरत पड़ेगी।’ चुनाव की तैयारियों के बाबत उन्होंने कहा कि पिछले 5 वर्षों के दरम्यान प्रदेश की करीब 1000 ग्राम सभाओं का शहरी क्षेत्र में विलय हुआ है। राज्य के 48 जिले सीमा विस्तार से प्रभावित हुए हैं। इनमें उतने क्षेत्र में ही परिसीमन होगा जो आंशिक रूप से पंचायत में शामिल हुई हैं। मुरादाबाद, संभल और गोण्डा में 2015 के चुनाव में परिसीमन नहीं हो सका था। इन कुल 51 जिलों में नए सिरे से वार्डों का परिसीमन किया जाना है। जैसे वार्ड बन जाएंगे उसके तुरंत बाद ही मौजूदा वोटर लिस्ट राज्य निर्वाचन आयोग को सौंप दी जाएगी, फिर आयोग इस वोटर लिस्ट का वृहद पुनरीक्षण का काम शुरू करवा देगा।
पंचायतीराज मंत्री ने कहा कि वैसे भी मौजूदा ग्राम पंचायतों का कार्यकाल 26 दिसम्बर तक है। क्षेत्र पंचायतों का अगले साल जनवरी के अंत तक और जिला पंचायतों का अगले साल मार्च तक कार्यकाल है। इस नाते अभी पर्याप्त समय है। उन्होंने उम्मीद जताई कि अगर जुलाई से भी चुनाव की तैयारियों ने तेजी पकड़ी तो सब कुछ समय से होता चला जाएगा। उधर, राज्य निर्वाचन आयोग में भी पंचायतों के पुनर्गठन की सूचना पहुंचने लगी है। बीती 18 मई को आयोग में एक पत्र के जरिये पंचायतीराज विभाग ने 32 जिलों की 267 पंचायतों की सूचना दी है जो पूर्णरूप से शहरी क्षेत्र में शामिल हो गई हैं। आयोग के सूत्रों का कहना है अभी इस बाबत और सूचनाएं शासन से आनी बाकी हैं।