परीक्षा कार्यक्रम (चतुर्थ सेमेस्टर):- बी0टी0सी0 प्रशिक्षण-2013, सेवारत् मृ०आ0/उर्दू, बी०टी0सी0- 2014 एवं बी0टी०सी0-2015 एवं डी0एल0एड0 प्रशिक्षण-2017 (अवशेष/अनुत्तीर्ण) तथा डी0एल0एड0 प्रशिक्षण-2018 चतुर्थ सेमेस्टर परीक्षा वर्ष-2021 का कार्यक्रम जारी
Category: यूपी सरकार( UP GOVERNMENT)
समस्त शिक्षकों/शिक्षा मित्रों/अनुदेशकों के लिये मिशन प्रेरणा की जानकारी के लिए विशेष
1- मिशन प्रेरणा
यह सरकार का सर्वोच्च महत्वकांक्षी कार्यक्रम है जो 5 सितंबर 2019 से गतिमान है जिसका उद्देश्य प्रेरणा लक्ष्य में परिभाषित है।
अथवा
यह सरकार की सर्वोच्च महत्वाकांक्षी योजना है । यह 5 सितंबर 2019 को लागू हुई थी। इसका उद्देश्य परिषदीय विद्यालयों में अध्ययनरत सभी बच्चों को Grade Competency हासिल कराना है।
2- प्रेरणा लक्ष्य
कक्षा वार एवं विषय वार निर्धारित न्यूनतम अधिगम स्तर ही प्रेरणा लक्ष्य है। जो कक्षा 1 से 5 तक भाषा और गणित के लिए निर्धारित किए गए हैं। इस प्रकार 5 भाषा के और 5 गणित के लक्ष्य हैं।
भाषा- 5, 20, 30 ,छोटा 75, बड़ा 75
गणित -5 ,75 ,75 ,75 ,75
3- प्रेरणा सूची
कक्षा वार एवं विषय वार अपेक्षित दक्षताओं की सूची ही प्रेरणा सूची है।
Or
बच्चों में विकसित की जाने वाली कक्षा वार एवं विषय वार अपेक्षित दक्षताओं की सूची प्रेरणा सूची कहलाती है। कक्षा 1 से 3 तक 14 -14 एवं कक्षा 4और 5 में 16-16 दक्षताएं निर्धारित हैं। यह प्रेरणा लक्ष्य रूपी छत पर चढ़ने के लिए बनाई गई सीढ़ी है।
4- प्रेरणा तालिका
बच्चों के द्वारा अर्जित की गई कक्षा वार एवं विषय वार दक्षताओं की वास्तविक स्थिति को प्रदर्शित करने वाली तालिका ही प्रेरणा तालिका कहलाती है । इसमें भी प्रेरणा सूची में वर्णित दक्षताएं ही दी गई हैं इसके अतिरिक्त इसमें 1 से लेकर 30 तक छात्रों का विवरण और जोड़ दिया गया है यहां हम छात्रों का नाम लिख देंगे।
5- लर्निंग आउटकम
इसका शाब्दिक अर्थ होता है अधिगम के प्रतिफल/ सीखने के परिणाम /अधिगम संप्राप्ति।
लेकिन जिस भाव से इस शब्द का प्रयोग पाठ्य पुस्तकों में /शैक्षिक जगत में किया जा रहा है उसके अनुसार इसका अर्थ कुछ इस प्रकार है- विद्यार्थियों के सीखने को ध्यान में रखते हुए दैनिक कक्षा शिक्षण के उद्देश्य से कक्षावार, विषय वार पाठ्यक्रम में निर्धारित ज्ञान को छोटे-छोटे भागों में विभाजित किया गया है जिसे लर्निंग आउटकम या एक्सपेक्टेड लर्निंग आउटकम कहते हैं।
अथवा
विद्यार्थियों में विकसित की जाने वाली कक्षा के स्तरानुसार, विषय वार, पाठ्यक्रम में निर्धारित अपेक्षित दक्षताओं को ही अपेक्षित सीखने के प्रतिफल कहते हैं।
अथवा
अपेक्षित अधिगम प्रतिफल /दक्षताओं का बच्चों के व्यवहार में परिलक्षित होना ही वास्तविक अधिगम के प्रतिफल (Actual Learning outcomes ) या लर्निंग आउटकम का प्राप्त होना कहलाता है।
अपेक्षित सीखने के प्रतिफल Expected learning outcomes
कक्षा के स्तर के अनुसार एवं विषय वार पाठ्यक्रम में निर्धारित अपेक्षित दक्षताएं ही अपेक्षित सीखने के प्रतिफल (Expected Learning outcomes )/अपेक्षित सीखने के परिणाम /अपेक्षित अधिगम संप्राप्ति हैं।
6- वास्तविक अधिगम प्रतिफल
कक्षावार एवं विषय वार पाठ्यक्रम में निर्धारित अपेक्षित दक्षताओं में से बच्चे द्वारा अर्जित दक्षताएं जो उसके व्यवहार में परिलक्षित होती हैं वास्तविक अधिगम प्रतिफल कहलाता है।
7- अधिगम स्तर में अंतर Learning Gap
कक्षा अनुरूप अपेक्षित अधिगम स्तर और वास्तविक अधिगम स्तर के अंतर को अधिगम स्तर में अंतर( learning gap )कहते हैं।
EL-AL= LG Expected learning outcome-Actual learning outcome= Learning gap
8- अध्ययन- अध्यापन की दृष्टि से लर्निंग आउटकम को तीन श्रेणियों में विभाजित किया गया है-
a- Focal learning outcomes केंद्रिक लर्निंग आउटकम
यह व्यापक दृष्टिकोण पर आधारित होते हैं।
b- Nested learning outcomesनेस्टेड लर्निंग आउटकम
नेस्टेड का अर्थ होता है छुपा हुआ अंतर्निहित अर्थात् यह फोकल लर्निंग आउटकम के अंदर निहित होते हैं जो सीधे तौर पर शिक्षण प्रक्रिया को दिशा देने तथा शिक्षण में सुधार की दृष्टि से विकसित किए गए हैं।
c- उप लर्निंग आउटकम
नेस्टेड लर्निंग आउटकम को उप लर्निंग आउटकम में विभाजित किया गया है जिनके आधार पर शिक्षक कक्षा शिक्षण करते हैं।
भाषा के लिए चार फोकल लर्निंग आउटकम हैं
1- सुनना बोलना ,2- पढ़ना लिखना 3- भाषा संरचना और व्याकरण4- कल्पना और सृजनशीलता
गणित के लिए 5 फोकल लर्निंग आउटकम निर्धारित हैं-
नौकरी में भर्ती की उम्र 30 वर्ष करने की सिफारिश, सरकारी नौकरी पाने के बाद दूसरी नौकरी के लिए केवल दो मौके
लखनऊ। प्रदेश की सरकारी सेवाओं में भर्ती की अधिकतम उम्र में फिर बदलाव पर चर्चा शुरू हो गई है। इसे 40 से घटाकर 30 वर्ष किया जा सकता है। इसके अलावा एक बार सरकारी सेवा में आने के बाद दूसरी सरकारी सेवा के लिए आवेदन के अवसर भी सीमित करने की योजना है। विभागीय कर्मियों की संख्या का युक्तिकरण, प्रभावशीलता व दक्षता में सुधार के लिए गठित समिति ने सरकारी सेवाओं में नियुक्ति के लिए निर्धारित अधिकतम आयु सीमा सामान्य वर्ग के लिए 40 से घटाकर 30 और आरक्षित वर्ग के लिए 35 बर्ष किए जाने की सिफारिश की है। आरक्षित वर्ग के लिए यह सीमा 45 वर्ष है। सपा शासनकाल में छह जून, 2012 को अधिकतम आयु सीमा 35 वर्ष से बढ़ाकर 40 वर्ष कर दी गई थी। 35 वर्ष की अधिकतम आयु सीमा पहले 32 वर्ष थी।
सरकारी नौकरी पाने के बाद दूसरी नौकरी के लिए केवल दो मौके
सरकारी सेवा में भर्ती के बाद कार्मिक को अन्य सेवाओं की परीक्षा में शामिल होने के लिए अधिकतम 2 अवसर देने का सुझाव दिया गया है। सेवा में चयन होने के बाद यदि कोई अभ्यर्थी अन्य परीक्षा में शामिल होने के लिए आवेदन करता है तो उसे पहली बार कार्यभार ग्रहण करने के लिए एक वर्ष का वेतन रहित अवकाश स्वीकृत करने की सिफारिश की गई है।
परिवर्तनीय वार्षिक वेतन वृद्धि का फॉर्मूला आजमाएं
अच्छे व मेहनती कार्मिकों का मनोबल बनाए रखने व काम में रुचि न लेने वाले को हतोत्साहित करने
का हवाला देते हुए ‘परिवर्तनीय’ वार्षिक वेतन वृद्धि दिए जाने की संस्तुति की गई है।
सेवा की कसौटी ‘संतोषजनक’ से ‘बहुत अच्छा’ हो
प्रदेश में विभागाध्यक्ष व अपर विभागाध्यक्ष के पदों को छोड़कर विभिन्न संवर्ग के पदों पर संबंधित नियमावली में पदोन्नति व एसीपी के लिए संतोषजनक सेवा होना अनिवार्य शर्त है। समिति ने पदोन्नति व एसीपी के लिए संतोषजनक सेवा के स्थान पर बहुत अच्छा मापदंड तय करने को कहा है। इसी तरह विभागों व कार्मिकों को प्रोत्साहित करने के लिए प्रत्येक वर्ष मुख्यमंत्री पुरस्कार योजना शुरू करने को कहा गया है। यह उत्कृष्ट प्रदर्शन व नवाचार के लिए व्यक्तिगत व विभाग दोनों श्रेणियों में देने को संस्तुति है।
यूपी के शिक्षामित्रों के कब बदलेंगे दिन, शिक्षामित्रों को ढाई साल से है रिपोर्ट का इंतजार: शिक्षामित्रों को 12 माह का मानदेय और सेवाकाल 62 वर्ष उम्मीद
प्रदेश के 1.55 लाख शिक्षामित्रों को ढाई साल से हाई पावर कमेटी का इंतजार है। 25 जुलाई 2017 को 1.37 लाख शिक्षामित्रों के सहायक अध्यापक पद पर समायोजन निरस्त होने के बाद शिक्षामित्रों ने बड़ा आंदोलन किया था। जिसके बाद मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ ने उपमुख्यमंत्री डॉ. दिनेश शर्मा की अध्यक्षता में शिक्षामित्रों की समस्याओं के समाधान के लिए हाईपावर कमेटी गठित की थी। शिक्षामित्रों की प्रमुख मांगों में 12 माह का मानदेय देते हुए सेवाकाल 62 वर्ष करने, मानदेय में आवश्यक वृद्धि करने, प्रतिवर्ष महंगाई के क्रम में मानदेय बढ़ाने, टीईटी पास सभी शिक्षामित्रों को सहायक अध्यापक का दर्जा देने, 14 सीएल व निःशुल्क चिकित्सा सुविधा सहित शिक्षकों की भांति समस्त लाभ देने की मांग लंबे समय से कर रहे हैं। इस कमेटी की बैठक 20 अगस्त 2018 को हुई थी।
लेकिन कमेटी की रिपोर्ट तकरीबन ढाई साल बीतने के बाद आज तक सार्वजनिक नहीं हो सकी है। लगभग 20 साल की सेवा के बाद भी सड़क पर खड़े शिक्षामित्र हाईपॉवर कमेटी रिपोर्ट लाइए, शिक्षामित्र बचाइए् हैज हैशटैग से पिछले कुछ दिनों से ट्विटर पर अभियान चला रहे हैं। शुरुआत में 1.70 लाख शिक्षामित्र थे लेकिन 12- 13 हजार शिक्षामित्रों के सहायक अध्यापक पदपर चयन और ढाई हजार के आसपास शिक्षामित्रों के निधन से वर्तमान में 1.55 लाख बचे हैं।
महानिदेशक स्कूली शिक्षा के तुगलकी फरमान के विरोध में शिक्षक लामबंद, आदेश के मुताबिक करे कोई भरे कोई, विकास विभाग का ठीकरा शिक्षकों पर गया फोड़ा
बाराबंकी। उत्तर प्रदेश सरकार के ऑपरेशन कायाकल्प के अंतर्गत महानिदेशक स्कूली शिक्षा विजय किरण आनंद द्वारा जारी शिक्षकों के वार्षिक मूल्यांकन के आदेश को लेकर शिक्षकों में आक्रोश और रोष व्याप्त हो गया है सुबे के लाखों शिक्षकों में इस आदेश को लेकर जहां तरह-तरह की चर्चाएं हैं तो वहीं इस आदेश को लेकर के लोगों में इस कदर आक्रोश है लोगों ने इस आदेश के खिलाफ माननीय न्यायालय at शरण लेने का भी मन बना लिया है। स्कूली शिक्षा मह्मननिदेशक विजय किरण आनंद के आदेश के अनुसार शिक्षकों की वार्षिक मूल्यांकन आख्या ऑनलाइन भरी जानी है जिसमें शिक्षकों द्वारा अपना स्वयं का मूल्यांकन करना है और प्रतिवेदक अधिकारी ध्खंड शिक्षा अधिकारी द्वारा मूल्यांकन किया जाना है और उनके अंक निर्धारित कियें गए है लेकिन महानिदेशक के आदेश के कुछ बिंदुओं को लेकर शिक्षकों में गहरा आक्रोश है।
प्राथमिक शिक्षक संघ के जिला उपाध्यक्ष विवेक कुमार गुप्ता ने शिक्षकों को बैठक आयोजित करके बताया की आपरेशन कायाकल्प के अंतर्गत जारी आदेश के मुताबिक विद्यालय में मूल भूत सुविधाएँ उपलब्ध कराने का आदेश दिया गया था जिसको लेकर शासन द्वारा भी आदेश जारी करते हुए जिला अधिकारी ,मुख्य विकास अधिकारी और खंड विकास अधिकारी को आदेश पारित किया गया कि ग्राम निधि के माध्यम से ग्राम पंचायत स्तर पर ग्राम प्रधान और सचिव के द्वारा स्कूलों को 14 मूलभूत सुविधाओं से संतृप्त किया जाए इसके लिए बकायदा फंड की व्यवस्था भी शासन द्वारा ग्राम पंचायतों को उपलब्ध कराई गई थी। एक साल से अधिक समय बीत जाने के बाद भी स्कूलों के बंद होने के बावजूद द ज्यादातर ग्रामो में ग्राम प्रधान पंचायत सचिव की लापरबाही की बजह से स्कूलों में मूलभूत सुविधाएं पूरी नहीं हो पाई, लेकिन महानिदेशक के ताजा आदेश के अनुसार ग्राम प्रधान द्वारा कराए जा रहे कार्यों को लेकर भी शिक्षकों को जिम्मेदारी तय कर दी गई जिसके लिए ना तो उनको कोई फंड की व्यवस्था की गई ना थी न ही इसको पूरा कराने को लेकर उनको कोई आदेश शासन द्वारा दिया गया। डीजी के इस आदेश की बजह से शिक्षकों का कहना है कि करे कोई भरे कोई अर्थात मूलभूत सुधार की जिम्मेदारी के लिए जिनको जिम्मेदारी दी गई थी उनके द्वारा काम न किए जाने को लेकर के उन पर तो कोई कार्यवाही नहीं की गईं लेकिन स्कूलों में मूलभूत सुविधाएं दिए जाने के नाम पर स्कूल के शिक्षकों की जिम्मेदारी तय करके उनकी गोपनीय आख्या में कम अंक देकर कार्यवाही का मन बना लिया है।जबकि यह नियम विरुद्ध हैं। शिक्षक धीरेंद्र प्रताप सिंह और सुजीत कुमार शर्मा ने बैठक में बताया को इस आदेश के दो बिंदुओं पर आपत्ति है। जिसमें आपरेशन कायाकल्प के अंतर्गत कार्य पूर्ण ना छोने का जिम्मेदार अध्यापक को बनाया जाना जबकि ग्राम प्रधानों द्वारा मुख्यतः उन्हीं विद्यालयों में कार्य कराए गए हैं जहां पर पोलिंग बूथ हैं।विद्यालयों में आने बाली कम्पोजिट ग्रांट 14 पैरामीटर का काम कराने के लिए नाकापी है लेकिन उसको खर्च करने के निर्देश अलग है इस मद में खर्च नही कर सकते है। इसके लिए शिक्षक स्वयं के वेतन से हो कार्य कराएँ। ब्लाक अध्यक्ष बृजेंद्र प्रताप सिंह ने कहा की यह बात सर्जवरिदित है कि सभी विद्यालयों में छात्र संख्या एक समान नहीं है किसी विद्यालय में 600 है तो किसी में 30 है, तो विभाग किस आधार पर किसी अध्यापक का आकलन कैसे कर सकता है कि उसने ई- लर्निंग पाठशाला में कितनी संख्या में अभिभावकों को जोड़ा है जहां पर छात्र संख्या कम है वहाँ कम ही संख्या में सदस्य जोड़े जा सकते है।सभी जगह पर अभिभावकों की सामाजिक आर्थिक स्थिति एक समान नहीं है कहीं कहीं पर अभिभावक के पास स्मार्टफेन नहीं मिलेगा , अगर मिलेगा भी तो मोबाइल में डाटा नहीं मिलेगा।
प्रदीप मिश्रा का कहना है को ई ग्रुप में जोड़ी गई संख्या के आधार पर अध्यापक का आकलन करना हास्यास्पद है, इस आदेश का सन्देश स्पष्ट है कि अगर अभिभावक के पास स्मार्टफेन नहीं है तो अध्यापक अक्षम है। बैठक में शिक्षकों ने इस आदेश के विरोध में अपने विचार रखे और लामबंद होकर आगे की रणनीति तय करते हुए माननीय न्यायालय की शरण में जाने की बात कही। विवेक कुमार गुप्ता ने बताया की इस आदेश को लेकर प्रदेश के प्रदेश अध्यक्ष सुशील कुमार पाण्डेय ने शिक्षा मंत्री सतीश द्विबेदी के समक्ष पत्र देकर अपना विरोध दर्ज कराया है यदि आदेश वापस नहीं लिया जाता है तो शिक्षक हित में आगे को रणनीति तय करते हुए माननीय न्यायालय की शरण में जाया जाएगा। इस मौके पर धीरेंद्र प्रताप सिंह, विमला सिंह, रजनीश शुक्ला, पछाली, अलोक, अनीता, इमामुद्दीन अंसारी, श्रद्धा मणि, रीता राना, भावना मिश्रा, रुद्रकांत, शेरबहादुर, सुजीत शर्मा, प्रभाकांत व सत्य प्रकाश आदि उपस्थित रहे।
बीएलओ द्वारा किये गए मतदाता पुनरीक्षण कार्यक्रम का नोडल अधिकारी करेंगे निरीक्षण, फतेहपुर जिले के ब्लॉकवार नोडल अधिकारियों की सूची देखें 👇
त्रिस्तरीय पंचायतों के निर्वाचक्त नामावली 2020-21 के वृहद पुनरीक्षण कार्यक्रम के अन्तर्गत बीएएल0ओ0 द्वारा घर-घर जाकर गणना किये जाने के सम्बन्ध में आदेश👇
अंतर्जनपदीय स्थानांतरण 2019 में सांसदों व विधायकों के रिश्तेदारों को मिल सकती है मनचाहे जिले में तैनाती, आज की ब्रेकिंग न्यूज
अंतर्जनपदीय स्थानांतरण 2019 में सांसदों व विधायकों के रिश्तेदारों को मिल सकती है मनचाहे जिले में तैनाती, आज की ब्रेकिंग न्यूज
लखनऊ। बेसिक शिक्षा परिषद के स्कूलों के वे सहायक अध्यापक जो सत्तारूढ़ दल के सांसद, विधायक या पार्टी पदाधिकारी के करीबी रिश्तेदार हैं, उन्हें मनचाही तैनाती का तोहफा मिल सकता है। चुनावी वर्ष में जनप्रतिनिधियों और पार्टी पदाधिकारियों को संतुष्ट करने के लिए तबादले शासनादेश से करने की कवायद शुरू की गई है। सूत्रों के मुताबिक बेसिक शिक्षा विभाग में इस पर सैद्धांतिक सहमति बन चुकी है।
तबादले की अर्जी लेकर सचिवालय पहुंच रहे सत्ता और संगठन के लोगों को ताकीद किया जा रहा है कि सिर्फ अपने करीबी रिश्तेदार या परिवार के सदस्य के तबादले की ही अर्जी दें। इसके बाद तैयार लिस्ट की छंटनी कर शासनादेश का प्रस्ताव तैयार कर मुख्यमंत्री की मंजूरी ली जाएगी। सीएम की हरी झंडी मिलते ही तबादलों के आदेश जारी किए जाएंगे।
UPPSC Recruitment calender 2021
DIKSHA TRAINING ALL MODULES : मिशन प्रेरणा के अंतर् रहे आनलाइन शिक्षक प्रशिक्षण कोर्सेज दीक्षा प्लेटफार्म पर रहे हैं जिन्हें अधिकतम 31 मार्च 2021 तक पूर्ण करने हैं
महत्त्वपूर्ण सूचना/निर्देश —
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सभी शिक्षक /शिक्षामित्र /अनुदेशक कृपया ध्यान दें–
मिशन प्रेरणा के अंतर् रहे आनलाइन शिक्षक प्रशिक्षण कोर्सेज दीक्षा प्लेटफार्म पर रहे हैं जिन्हें अधिकतम 31 मार्च 2021 तक पूर्ण करने हैं, नीचे कोर्सों के लिंक दिए जा रहे हैं जो सभी के लिए अनिवार्य व महत्त्वपूर्ण है—..
1 . बच्चों की भाषा : स्कूलV/S घर -(1jan-8 Jan)
https://diksha.gov.in/explore-course/course/do_31304326532734976016046?referrer=utm_source%3Dmobile%26utm_campaign%3Dshare_content
2. गणित के मुख्य कौशल (1 jan-8jan)
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3. बच्चों की बात-चीत कक्षा का अहम संसाधन- ( 9jan – 15jan)
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4. गणित की शिक्षण पद्धति – (9jan-15 jan)
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5. बच्चों की कक्षा में सक्रिय भागीदारी – (16 jan-23 jan)
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6. गणित में आकलन (16 jan – 23 jan)
https://diksha.gov.in/explore-course/course/do_31308440531162726411724?referrer=utm_source%3Dmobile%26utm_campaign%3Dshare_content
7. पढ़ने-लिखने के शुरुआती व्यवहार – (24 jan-31 jan)
https://diksha.gov.in/explore-course/course/do_31308440322433843212362?referrer=utm_source%3Dmobile%26utm_campaign%3Dshare_content
8. संख्याओं की शुरूआती समझ – (24 jan-31 jan)
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9. कक्षाओं में प्रिंट भरा वातावरण कैसे बनाएं- (01 feb-7 feb)
https://diksha.gov.in/explore-course/course/do_31317292501355724812751?referrer=utm_source%3Dmobile%26utm_campaign%3Dshare_content
10. सौ तक की संख्याओं की समझ- (01 feb – 07 feb)
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11. बच्चों का पढ़ने से परिचय – (08 feb-14 feb)
https://diksha.gov.in/explore-course/course/do_31317292615306444812524?referrer=utm_source%3Dmobile%26utm_campaign%3Dshare_content
12. स्थानीय मान की समझ (08 feb-14 feb) –https://diksha.gov.in/explore-course/course/do_31317292872474624012766?referrer=utm_source%3Dmobile%26utm_campaign%3Dshare_content
13. शुरूआती लेखन – (15 feb-21 feb)
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14. स्थानीय मान कैसे पढ़ायें – (15 feb-21 feb)
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15. प्राथमिक कक्षाओं में बोलने का कौशल – (22 feb-28 feb)
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16. बड़ी संख्याएं और स्थानीय मान -(22 feb – 28 feb)
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17. समझ के स्तर – (01 mar-7 mar)
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18. जोड़ और घटा – (01mar-7 mar)
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19 . प्राथमिक शालाओं में साहित्य – (8 mar-14mar)
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20. बहु अंकीय संख्याओं का जोड़ और घटा- (8 mar-14mar)
https://diksha.gov.in/explore-course/course/do_31317293096990310413016?referrer=utm_source%3Dmobile%26utm_campaign%3Dshare_content