परिषदीय विद्यालयों में कार्यरत शिक्षक /शिक्षिकाओं हेतु परिषद कार्यालय द्वारा आयोजित 30 दिवसीय कम्प्यूटर प्रशिक्षण के सम्बन्ध में
Category: यूपी सरकार( UP GOVERNMENT)
कोरोना टीकाकरण : उत्तर प्रदेश में कल 1,500 केंद्रों पर एक साथ होगा ड्राई रन
GOVERNMENT JOBS : इंटर कॉलेजों में 5000 बाबुओं की होंगी भर्तियां
राजकीय इंटर कॉलेज और सहायता प्राप्त इंटर कॉलेज में रिक्त 5000 से अधिक कनिष्ठ लिपिक के पदों पर उत्तर प्रदेश अधीनस्थ सेवा चयन आयोग भर्तियांकरेगा। उच्चाधिकारियों की बैठक में इस पर सहमति बन गई है और जल्द ही आयोग को प्रस्ताव मिल जाएगा। अधीनस्थ सेवा चयन आयोग प्रदेशभर के सरकारी विभागों में खाली कनिष्ठ लिपिक के पदों पर भर्तियां करेगा।
खाली हैं बाबुओं का पदः राजकीय इंटर कॉलेज और सहायता प्राप्त इंटर कॉलेजों में सालों से कनिष्ठ लिपिक के पद खाली हैं। राजकीय इंटर कॉलेजों में कनिष्ठ लिपिक के पदों पर भर्तियां विभागीय स्तरपर होती थीं औरसहायता प्राप्त इंटर कॉलेजों में बाबुओं की भर्ती का अधिकार कालेज प्रबंधन को होता था। राज्य सरकार ने इन भर्तियों में पारदर्शिता लाने के लिए एक ही स्तर पर इसे भरने का फैसला किया है।
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अंतरजनपदीय तबादले : नवनियुक्त 36590 शिक्षकों से पहले 21 हजार से ज्यादा शिक्षकों को मिलेगी ऑनलाइन विद्यालय तैनाती
अंतरजनपदीय तबादले : नवनियुक्त 36590 शिक्षकों से पहले 21 हजार से ज्यादा शिक्षकों को मिलेगी ऑनलाइन विद्यालय तैनाती
अंतर्जनपदीय तबादला
🔴7521 शिक्षकों पुरुष के हुए तबादले
🔴14174 महिलाओं को हुआ तबादला
अंतरजनपदीय तबादलों के 21695 शिक्षकों को तैनाती ऑनलाइन दी जाएगी। जब ये अपने जिले से कार्यमुक्त होकर जिलों में पहुंचेंगे तो स्कूल का आवंटन ऑनलाइन होगा। वहीं इन्हें स्कूल आवंटन करने के बाद ही 69 हजार शिक्षक भर्ती के दूसरे बैच के 35 हजार शिक्षकों को तैनाती दी जाएगी।
69 हजार शिक्षक भर्ती के दूसरे चक्र में भर्ती शिक्षकों को अभी तक स्कूल आवंटन नहीं किया गया है। इनमें से लगभग एक हजार ऐसे शिक्षक हैं, जिनके मामलों में कुछ विसंगतियां है। इन्हें किया जा रहा है और कुछ दूर मामलों में केस-टु-केस शासन को निर्णय लेना है। लिहाजा इनका स्कूल आवंटन रोका गया है । शासन द्वारा निर्णय लेने के बाद ही इन नवनियुक्त शिक्षकों को आवंटन दिया जाएगा।
ऑनलाइन तैनाती से जिलों में बेसिक शिक्षा अधिकारियों का दखल तैनाती में कम हो जाएगा। शिक्षकों को वरीयता के मुताबिक स्कूलों का विकल्प चुनना होगा और वहीं पर इसे लॉक कर दिया जाएगा। अभी तक स्थानांतरित शिक्षकों को तैनाती के नाम पर बीएसए कार्यालयों में खूब चक्कर कटाया जाता है।
📌ब्रेकिंग📌: अंतर्जनपदीय ट्रांसफर लिस्ट हुई सार्वजनिक देखें स्थिति👇
📌ब्रेकिंग📌: अंतर्जनपदीय ट्रांसफर लिस्ट हुई सार्वजनिक देखें स्थिति👇
अंतर्जनपदीय तबादला : दावा चार बार, तबादला सूची एक भी नहीं हो सकी जारी, कभी सत्यापन पूरा न हो पाना बनी वजह तो कभी कोर्ट का आदेश बना कारण
प्रयागराज : परिषदीय शिक्षकों की मनचाहे जिले में जाने की चाहत पूरी होने का नाम ले रही। बेसिक शिक्षा परिषद ने बीते एक साल में चार बार तबादले की सूची प्रकाशित करने की समय सारिणी घोषित की। दिसंबर, 2019 से शुरू हुई इस प्रक्रिया के बाद अब दिसंबर, 2020 भी बीतने जा रहा है, लेकिन अब तक एक भी सूची जारी नहीं हो सकी है। कभी सत्यापन पूरा न होने को वजह बनाया गया तो कभी कोर्ट के आदेश की शरण ली गई।
🔴 बेसिक शिक्षा परिषद की मनमानी कार्यशैली से हजारों शिक्षक परेशान
🔴 हाईकोर्ट व मुख्यमंत्री की अनुमति के बाद भी तय नहीं हो पा रही सूची
यह हाल तब है, जब कोर्ट व मुख्यमंत्री तबादलों की अनुमति दे चुके हैं। इससे बेसिक शिक्षा परिषद की कार्यशैली पर गंभीर सवाल उठ रहे हैं। समय सारिणी के अनुसार 30 दिसंबर को तबादला सूची का प्रकाशन नहीं हो सका है, हजारों शिक्षकों का इंतजार जारी है।
परिषद के प्राथमिक व उच्च प्राथमिक शिक्षकों ने ख्वाब संजोया था कि वे 2020-21 का शैक्षिक सत्र शुरू होने के समय अपने गृह जिले में होंगे। उनका यह सपना साल भर साकार नहीं हो पाया। विभाग ने एक साथ दो तरह की तबादला प्रक्रिया शुरू की। पहली जिलों में रिक्त पदों के सापेक्ष अंतर जिला तबादले और दूसरी पारस्परिक स्थानांतरण यानी एक से दूसरे के स्थान पर जाने को लेकर थी।
पहली प्रक्रिया में 70 हजार से अधिक आवेदन हुए तो दूसरे में करीब नौ हजार से अधिक। दोनों प्रक्रिया पहले अलग-अलग रहीं। दावा किया गया था कि दोनों सूची एक साथ निर्गत होंगी, जबकि हालत यह है कि एक ही तबादला आदेश निर्गत करने में विभाग हलकान है। अब फिर कहा जा रहा है कि सूची जल्द निर्गत होगी। बेसिक शिक्षा परिषद सचिव प्रताप सिंह बघेल से इस बाबत फोन पर संपर्क नहीं हो सका, जबकि वाट्स एप पर भी उनका जवाब नहीं आया।
🔴 ऐसे तय हुई थी समय सारिणी
आदेश प्रकाशन तारीख
1. दो दिसंबर 2019 – 15 मार्च 2020
2. 22 सितंबर – 15 अक्टूबर
3.29 सितंबर – 22 अक्टूबर
4.15 दिसंबर – 30 दिसंबर
बड़ी खबर : 36 हजार शिक्षकों को स्कूलों में तैनाती का अभी करना होगा इंतजार, जानिए क्या समस्या है???
प्राथमिक स्कूलों (Primary Schools) में नियुक्ति पाए 36 हजार से ज्यादा शिक्षकों (Teachers) को अभी भी स्कूलों में तैनाती का इंतजार है. नियुक्ति के लगभग एक महीने बाद भी इन्हें अभी तक तैनाती नहीं दी जा सकी है. अब इन्हें नए साल में ही तैनाती मिल सकेगी।
लखनऊ. उत्तर प्रदेश (Uttar Pradesh) में 69 हजार शिक्षक भर्ती के दूसरे चरण के तहत जिन 36 हजार 590 शिक्षकों (Teachers) को नियुक्ति पत्र दिये गये थे उन्हें अभी तैनाती के लिए थोड़ा इंतजार करना पड़ेगा. वैसे तो सभी शिक्षकों को दिसंबर के पहले ही हफ्ते में जॉइनिंग मिल गयी है, लेकिन उनके स्कूलों का आवंटन अभी तक नहीं हो पाया है. स्कूलों का आवंटन सबसे पहले दिव्यांगों और महिला शिक्षकों को किया जाएगा. इन्हें स्कूल चुनने का विकल्प भी दिया जाएगा. इनको तैनाती मिल जाने के बाद ही बाकी शिक्षकों को स्कूलों का आवंटन किया जाएगा।
यूपी के शिक्षा विभाग के एक अधिकारी ने नाम न छापने की शर्त पर कहा कि नवनियुक्त शिक्षकों की तैनाती में अभी और समय लगेगा. इनके स्कूल आवंटन की प्रक्रिया तब तक शुरू नहीं हो सकेगी जब तक शिक्षकों के एक जिले से दूसरे जिले में होने वाले तबादले खत्म नहीं हो जाते. यानी अंतरजनपदीय तबादलों की प्रक्रिया के खत्म होने के बाद ही शिक्षकों के स्कूल आवंटन की प्रक्रिया शुरू की जाएगी. ऐसा इसलिए किया जा रहा है जिससे स्कूलों में खाली जगहों की सही स्थिति का आकलन हो जाए. हालांकि इस मसले पर शिक्षा विभाग के किसी सीनियर अफसर से बात नहीं हो पायी.
नव नियुक्त शिक्षकों को किसी तरह का आर्थिक नुकसान नहीं
हालांकि तैनाती में देरी से नव नियुक्त शिक्षकों को किसी तरह का आर्थिक नुकसान नहीं हो रहा है. बहराइच जिले में नियुक्ति पाए ऐसे ही एक नवनियुक्त शिक्षक अरुण सिंह ने बताया कि जॉइनिंग की तारीख से ही तनख्वाह बननी शुरू हो गयी है. हालांकि एक महीना पूरा होने के बाद तुरंत खाते में पैसे नहीं आएंगे. इसमें थोड़ी देरी हो सकती है क्योंकि वेरीफिकेशन के बाद ही वेतन का भुगतान होगा.
बता दें कि 69 हजार शिक्षक भर्ती के पहले चरण में 31 हजार से ज्यादा शिक्षकों को तैनाती मिल चुकी है. उनके स्कूलों का आवंटन हो चुका है. अब 36 हजार शिक्षकों के स्कूलों का आवंटन होना है।
अब स्कूल जाने से नहीं बच पाएंगे शिक्षक विद्यालय आने और वापसी के समय सेल्फी के साथ प्रेरणा एप पर देनी होगी हाजिरी
🔴 विभाग प्रधानाध्यापक को देगा टेबलेट, नए सत्र से शुरू होगी व्यवस्था
विभाग के चहेते नहीं जाते स्कूल विभाग के करीब 5% चाहते शिक्षक कभी कबार ही स्कूल जाते हैं इनमें शिक्षक नेता और उनके करीबी शिक्षक हैं इनके अलावा कई शिक्षकों को वेतन फील्डिंग के साथ विभाग ने अन्य कार्यों के लिए कार्यालयों में संबंध कर रखा है ऐसे शिक्षकों को भी नियुक्त स्कूलों की फोटो के साथ हाजरी भेजना होगा क्योंकि कोई भी संबंध शिक्षक को नियुक्त विद्यालय से ही वेतन जारी होता है।
फतेहपुर परिषदीय स्कूलों के शिक्षक अब स्कूल जाने से बच नहीं पाएंगे नए शैक्षिक सत्र में अनिवार्य रूप से शत-प्रतिशत परिषदीय स्कूलों में प्रेरणा एप प्रभावी होगा। शिक्षकों को विद्यालय में खड़े होकर दो बार सेल्फी के साथ अपनी हाजिरी इस ऐप पर लगानी होगी व्यवस्था लागू करने के लिए विभाग ने बाधा भी दूर कर ली है ,जल्द ही सभी स्कूलों के प्रधानाध्यापकों को टेबलेट देने के लिए शासन ने मंजूरी दे दी है मेरी स्ट बेसिक शिक्षा विभाग ने पिछले सत्र में प्रेरणा एप लागू किया था लेकिन प्राथमिक शिक्षक संघ ने अपने मोबाइल में ऐप लोड करने से साफ मना कर दिया था इस ऐप के माध्यम से सभी शिक्षकों को स्कूल पहुंचने और बंद कर दे समय स्कूल भवन और बच्चों के साथ अपनी फोटो भेजना था।
इसके साथ ही एमडीएम पकाते और खाते समय का फोटो भी भेजना है प्रेरणा एप व्यवस्था लागू होने से शिक्षकों को समय से स्कूल पहुंच कर पूरे समय स्कूल में उपस्थिति अनिवार्य थी इसलिए शिक्षक संगठनों ने इसका विरोध किया था शिक्षकों ने विभाग से मोबाइल उपलब्ध कराने पर ऐप के माध्यम से काम करने को कहा था ऐसे में विभाग ने सभी स्कूलों के प्रधानाध्यापकों को बीमारी के बजाया टेबलेट उपलब्ध कराने को हरी झंडी दे दी है इसके लिए शासन पहले चरण में फतेहपुर समेत 18 बीएसए को पत्र भेजा है जिसमें जल्द ही प्रशिक्षण कराने को भी कहा गया है ।
ऐप लागू होने के पहले जिलों को 2123 टेबलेट उपलब्ध कराए जाएंगे इनमें 480 कमपोजिट विद्यालय 266 उच्च प्राथमिक स्कूल और 1384 प्राथमिक स्कूलों के प्रधानाध्यापक शामिल है बी एस एस शिवेंद्र प्रताप सिंह का कहना है कि नए शैक्षिक सत्र में शत-प्रतिशत स्कूलों को टेबलेट उपलब्ध करा दिए जाएंगे शिक्षकों को दिन में दो बार शिक्षकों को उपस्थित दर्ज कराना अनिवार्य होगा हाजिरी ना देने दे पाने वाले शिक्षकों को अनुपस्थित मांग मानते हुए कार्यवाही की जाएगी।