कोरोना अपडेट :- 10 वी और 12 वी की up बोर्ड की परीक्षाएं स्थगित। कोरोना के मद्देनजर up सरकार का बड़ा फैसला। 15मई तक 1 से 12 तक के स्कूल बंद।

10 वी और 12 वी की up बोर्ड की परीक्षाएं स्थगित।
कोरोना के मद्देनजर up सरकार का बड़ा फैसला।
15मई तक 1 से 12 तक के स्कूल बंद।

कोरोना टीकाकरण : उत्तर प्रदेश में कल 1,500 केंद्रों पर एक साथ होगा ड्राई रन

उत्तर प्रदेश में कल 1,500 केंद्रों पर एक साथ होगा ड्राई रन

UP Covid19 VACCINE LATEST UPDATE : – कोरोना वैक्सीन के लिए यूपी सरकार की प्लानिंग देखें, कैसे होगा टीकाकरण

Up Covid19 Vaccine Latest Update – कोरोना वैक्सीन के लिए यूपी सरकार की प्लानिंग देखें, कैसे होगा टीकाकरण

सुरक्षित रखने के लिए राज्य सरकार को 6000 रिफर (रेफ्रिजरेटेड) वैन की जरूरत है। सरकार इसके इंतजाम में जुट गई है। साथ ही चिकित्सा एवं स्वास्थ्य विभाग से कहा गया है कि वह वैक्सीन को दूरदराज के क्षेत्र में जरूरतमंदों तक पहुंचाने के लिए अभी से फूलप्रूफ रणनीति तैयार करें, जिसमें किसी भी प्रकार की चूक की कहीं कोई गुंजाइश न रह जाए। 

दूसरी तरफ प्रसंस्कृत खाद्य पदार्थों तथा फ्रोजन मीट को एक स्थान से दूसरे स्थान तक ले जाने वाले रिफर वैन के लिए उद्यान एवं खाद्य प्रसंस्करण विभाग, पशुपालन विभाग तथा दुग्ध विकास विभाग से उनके पास उपलब्ध अतिरिक्त रिफर वैन की जानकारी मांगी गई है ताकि समय रहते उसकी जांच कराकर जो तकनीकी गड़बड़ी हो उसे दूर किया जा सके। चिकित्सा एवं स्वास्थ्य विभाग के एक शीर्ष अधिकारी ने बताया कि सरकार की एक बड़ी टीम कोरोना वैक्सीन के लिए इन्फ्रास्ट्रक्चर तैयार कराने में जुटी हुई है, जिसकी निगरानी मुख्य सचिव की अध्यक्षता वाली उच्च स्तरीय समिति कर रही है।

प्रदेश में अगर हवाई मार्ग से वैक्सीन मंगाए जाएंगे तो उसके लिए हवाई अड्डे पर वहां के कार्गो टर्मिनल से लेकर उसे दूर-दराज के गांव तक ले जाने के लिए कूल चेन की फूलप्रूफ व्यवस्था कैसे हो, इस दिशा में युद्ध स्तर पर कार्य चल रहा है। वैक्सीन को माइनस 20 से लेकर माइनस 60 डिग्री तक के तापमान में ही सुरक्षित रहने की बात की जा रही है। ऐसे में ग्रामीण इलाकों में उसके अनुकूल तापमान कैसे बनाए रखा जाए उस दिशा में तेजी से कार्य शुरू कर दिया गया है। अनुमान लगाया जा रहा है कि 24 करोड़ की आबादी वाले प्रदेश उत्तर प्रदेश में कम से कम 6000 रिफर वैन की जरूरत पड़ेगी। 
प्रशिक्षण के लिए तकनीकी स्टाफ का जुटाता जा रहा ब्योरा कोरोना वैक्सीन लगाने के लिए कुशल और प्रशिक्षित स्टाफ की जरूरत होगी। इसके लिए राज्य सरकार ने चिकित्सा एवं स्वास्थ्य विभाग के साथ-साथ चिकित्सा शिक्षा विभाग को भी कहा है कि वह अपने फार्मासिस्टों व लैब टेक्नीशियन से लेकर स्टाफ नर्स का पूरा ब्योरा सरकार को शीघ्र भेजें ताकि उन्हें प्रशिक्षण दिया जा सके। इन्हें सात से 10 दिनों का प्रशिक्षण दिया जाएगा। बताया जाता है कि कोरोना वैक्सीन लगाने का पूरा दारोमदार इन्हीं तकनीकी पैरामेडिकल स्टाफों के जिम्मे रहेगा।

जनवरी-फरवरी में देश में लगने लगेगा कोरोना का टीका, 50-60 फीसद आबादी का ही टीकाकरण

जनवरी-फरवरी में देश में लगने लगेगा कोरोना का टीका, 50-60 फीसद आबादी का ही टीकाकरण

नई दिल्ली : अखिल भारतीय आयुर्विज्ञान संस्थान (एम्स) के निदेशक डॉ. रणदीप गुलेरिया ने कहा कि देश में इस महीने के अंत तक या अगले माह जनवरी में कोरोना का टीका उपलब्ध हो जाएगा और इसे आपातकालीन इस्तेमाल की मंजूरी मिल सकेगी। जनवरी के अंत या फरवरी के शुरुआत में टीकाकरण कार्यक्रम शुरू हो जाएगा। उन्होंने बताया कि भारत के पास दो-तीन टीके के विकल्प है।


एम्स निदेशक ने बताया कि पूरे देश को टीकाकरण की जरूरत नहीं है, क्योंकि 50 से 60 फीसद आबादी का टीकाकरण करने के बाद कोरोना वायरस की चेन टूट सकती है। उन्होंने बताया कि सीरम इंस्टीट्यूट और भारत बायोटेक के टीके का तीसरे चरण में ट्रायल चल रहा है। इस महीने के अंत तक ये उपलब्ध हो जाने चाहिए और नए साल की शुरुआत में इसके आपातकालीन इस्तेमाल की मंजूरी मिल जानी चाहिए। रूस में निर्मित टीके का भी ट्रायल चल रहा है। फरवरी तक उसे मंजूरी मिल सकती है, जिससे हमारे पास ज्यादा विकल्प और ज्यादा खुराक उपलब्ध होंगी। उन्होंने कहा कि टीकाकरण के प्रशिक्षण पर काम चल रहा है। जिन लोगों को टीका सबसे पहले लगाया जाएगा, उसकी सूची तैयार की जा रही है। पहली खुराक के बाद दूसरी खुराक तीन हफ्ते बाद दी जाएगी, उसके लिए भी तैयारी की जा रही है, ताकि दूसरी खुराक न छूटे। टीकाकरण का पहला मकसद मौतों को रोकना है।