सीएम योगी का ऐलान: सरकारी कर्मचारियों को मिलेगा 28 प्रतिशत की बढ़ोत्तरी के साथ DA, एरियर के साथ मिलेगी बढ़ी सैलरी

मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ ने गुरुवार को विधानसभा में सरकारी कर्मचारियों के सम्बंध में बढ़ा ऐलान किया। उन्होंने कहा कि सभी राज्य कर्मचारियों को एक जुलाई से 28% की बढ़ोतरी के साथ DA मिलेगा। इसके अलावा उन्होंने वकीलों के लिए भी योजना का ऐलान किया। अधिवक्ताओं को अब सामाजिक सुरक्षा के तहत 5 लाख मिलेंगे,पहले मिलते थे 1.5 लाख मिलते थे।

कर्मचारियों व पेंशनर्स को अब 28 फीसदी डीए व डीआर मिलने लगेगा। अभी यह 17 फीसदी ही है। जनवरी 2020, जुलाई 2020 तथा जनवरी 2021 में देय महंगाई भत्ते का लाभ एक अगस्त को मिलने वाले जुलाई माह के वेतन के साथ जुड़ जाएगा। राज्य के करीब 15 लाख कर्मचारियों व शिक्षकों के साथ ही करीब 12 लाख पेंशनर्स को बढ़े दर पर डीए, डीआर दिए जाने पर राज्य सरकार के खजाने पर करीब 6500 करोड़ रुपये सालाना का व्ययभार बढ़ेगा।

10 लाख मानदेय कार्मिकों के मानदेय में एक हजार की वृद्धि, पढ़ें विस्तृत खबर

योगी सरकार ने विधानसभा चुनाव से पहले अपने पहले ‘मिनी बजट’ (अनुपूरक बजट) को पूरी तरह चुनावी चाशनी से भर कर अपनी उम्मीदें बढ़ाने का दांव चल दिया है। वित्त वर्ष 2021-22 के 7,301.51 लाख करोड़ रुपये के अनुपूरक बजट का बड़ा जोर मानदेय पर काम करने वाले प्रदेश के करीब 10 लाख नाराज फील्डकर्मियों को पुचकारने, प्रबुद्ध अधिवक्ताओं को खुश करने, खिलाड़ियों-युवाओं को साधने व अपने फ्लैगशिप प्रोग्राम से जुड़े इन्फ्रास्ट्रक्चर प्रोजेक्ट को रफ्तार देने पर रहा है। सरकार ने अयोध्या व वाराणसी के जरिये अपने धार्मिक व सांस्कृतिक एजेंडे पर भी फोकस बनाए रखा है।

प्रदेश के कर्मचारी पिछले चार वर्षों से महंगाई व तमाम तरह की मुश्किलों का हवाला देकर पारिश्रमिक बढ़ाने की गुहार लगा रहे थे। सुनवाई न होने पर सरकार को चुनाव में सबक सिखाने की चेतावनी देने लगे थे। सरकार ने सबसे पहले मानदेय पर काम करने वाले 10 लाख फील्डकर्मियों को साधने का दांव चला है। शिक्षा विभाग के शिक्षामित्र, अंशकालिक अनुदेशक तथा कस्तूरबा गांधी बालिका विद्यालय की मुख्य व सहायक रसोइयां के साथ आशा कार्यकर्ता व संगिनी, आंगनबाड़ी कार्यकर्ता, मिनी आंगनबाड़ी कार्यकर्ता व सहायिका, पीआरडी जवानों, रोजगार सेवकों व चौकीदारों/ग्राम प्रहरियों के मानदेय में 1,000 रुपये प्रतिमाह की वृद्धि का प्रस्ताव किया गया है।


ये वे कर्मी हैं जो विधानसभा चुनाव में बीएलओ के रूप में वोट घटाने-बढ़ाने से लेकर मतदान संपन्न कराने तक में अहम भूमिका निभाते हैं। इन कर्मियों को बढ़ा मानदेय सितंबर में जुड़कर मिलेगा और अक्तूबर से भुगतान होगा। सरकार को इस निर्णय से प्रति वर्ष करीब 576 करोड़ रुपये अतिरिक्त व्यय भार आएगा। सरकार की ओर से आधिकारिक रूप से कर्मिकों के मानदेय में एक हजार की वृद्धि का कोई स्पष्ट उल्लेख नहीं किया गया है पर आवंटित बजट के हिसाब से यह वृद्धि एक हजार तय मानी जा रही है।


युवाओं-खिलाड़ियों के लिए 3,002 करोड़
सरकार ने युवाओं व खिलाड़ियों को आकर्षित करने के लिए नई योजनाओं का एलान किया है। युवाओं को डिजिटली सक्षम बनाने के लिए भारी उद्योग विभाग के अंतर्गत एक कोष की स्थापना की जाएगी। इसके लिए 3000 करोड़ रुपये का प्रावधान किया गया है। इसी तरह टोक्यो ओलंपिक के विजयी भारतीय खिलाड़ियों के सम्मान समारोह के लिए दो करोड़ रुपये की अतिरिक्त राशि दी गई है। युवा कल्याण परिषद के कर्मचारियों के वेतन के लिए एक लाख रुपये की टोकन राशि की व्यवस्था कर दी है।
अधिवक्ता कल्याण निधि अब 5 लाख
भाजपा ने 2017 के विधानसभा चुनाव में अधिवक्ता कल्याण निधि की राशि 1.5 लाख से बढ़ाकर 5 लाख रुपये करने का वादा किया था। इसकी लगातार मांगों को देखते हुए विधि एवं न्याय मंत्री ब्रजेश पाठक ने इस वर्ष ‘अमर उजाला’ के वेबिनार में वादा जल्द पूरा करने का भरोसा दिया था। प्रमुख सचिव न्याय प्रमोद कुमार श्रीवास्तव ने बताया कि 40 से 70 वर्ष के बीच अधिवक्ताओं की मृत्यु पर उनके आश्रितों को 1.5 लाख देने की व्यवस्था है। इस राशि को बढ़ाकर 5 लाख रुपये कर दिया गया है। अनुपूरक बजट प्रस्ताव में 30 वर्ष की सदस्यता पूरी करने पर 5 लाख रुपये देने की व्यवस्था कर दी गई है। इसके लिए 90 करोड़ रुपये का प्रावधान किया गया है।
छुट्टा गोवंश के लिए 300 करोड़, स्वच्छ भारत के लिए 200 करोड़
किसानों को छुट्टा गोवंश की समस्या से निजात दिलाने के लिए सरकार ने खजाना खोल दिया है। इसके लिए 300 करोड़ रुपये की अतिरिक्त व्यवस्था की गई है। इसी तरह स्वच्छ भारत अभियान के लिए 200 करोड़ रुपये दिए गए हैं।
चुनाव से पहले भरपूर प्रचार
चुनाव आचार संहिता लागू होने से पहले अपनी उपलब्धियों के प्रचार-प्रसार पर सरकार का पूरा फोकस है। इसके लिए अनुपूरक बजट में सूचना विभाग को 500 करोड़ रुपये अतिरिक्त दिए गए हैं।
अयोध्या-वाराणसी पर फोकस बरकरार, पुरस्कृत होंगे संस्कृत पंडित
सरकार ने अयोध्या व वाराणसी के जरिए अपने धार्मिक व सांस्कृतिक एजेंडे पर फोकस बरकरार रखा है। वाराणसी में गंगा से विश्वनाथ मंदिर तक के मार्ग के विस्तारीकरण व सुदृढ़ीकरण का काम चल रहा है। इसके लिए 40 करोड़ रुपये की व्यवस्था की गई है। इसके अलावा अयोध्या के लिए 209 करोड़ 69 लाख 74 हजार रुपये की नई परियोजना का एलान किया गया है। इसके अंतर्गत अयोध्या के मोहल्ला मच्छरहठा स्थित भूखंड पर पब्लिक एमभनेटीज व एक मंजिला पार्क के लिए 54 करोड़ 78 लरचर 67 हजार रुपये, टेढ़ी बाजार चौराहे पर पार्किंग व जनुसविधाओं के विकास के लिए 80 करोड़ 77 लाख 93 हजार रुपये, टेढ़ी बाजार के निकट जिला पंचायत के निष्प्रयोज्य अतिथि गृह परिसर भूखंड पर जन सुविधाओं व दो मंजिला पार्क के लिए 42 करोड़ 40 लाख 87 हजार रुपये दिए गए हैं। कौशलेश कुंज योजना में पार्किंग व जन सुविधाओं के विकास के लिए 7 करोड़ 65 लाख 21 हजार तथा अयोध्या मार्ग स्थित जलकल अमानीगंज के सामने भूमि पर जन सुविधाओं के विकास, दो मंजिला पार्क के लिए 24 करोड़ 7 लाख 6 हजार रुपये दिए गए हैं। इसी तरह संस्कृत पंडितों को पुरस्कृत करने के लिए यूपी संस्कृत संस्थान को अनुदान के लिए 30 लाख रुपये दिए गए हैं। संस्कृत संस्थान के बहुउद्देशीय भवन के लिए 9.70 करोड़ रुपये दिए गए हैं।
राष्ट्रीय विधि विश्वविद्यालय, मेडिकल डिवाइस पार्क का रास्ता साफ
सरकार ने प्रयागराज में राष्ट्रीय विधि विश्वविद्यालय व नोएडा में मेडिकल डिवाइस पार्क की स्थापना की नई योजना का एलान किया है। राष्ट्रीय विधि विश्वविद्यालय के लिए 5 करोड़ रुपये इस वित्त वर्ष में निर्माण कार्यों के लिए दिए गए हैं। राजस्व मद में खर्च के लिए एक लाख रुपये प्रतीक प्रावधान किया गया है। कहा गया है, राजस्व मद के लिए आवश्यक राशि की व्यवस्था अनुदान में हो रही बचतों से कर ली जाएगी। इसके अलावा महाधिवक्ता कार्यालय में आउटसोर्सिंग कार्यों से जुड़े भुगतान के लिए 1.83 करोड़ रुपये दिए गए हैं। इसी तरह नोएडा में मेडिकल डिवाइस पार्क की स्थापना की जाएगी। इसके लिए 1 लाख रुपये का प्रतीक प्रावधान किया गया है। इसके लिए आवश्यक राशि की व्यवस्था अनुदानों की बचत से की जाएगी।
डॉ. अंबेडकर स्मारक के लिए 50 करोड़
सरकार अनुसूचित जातियों व जनजातियों को आकृष्ट करने के लिए पूरा प्रयास कर रही है। इसके लिए लखनऊ में भारत रत्न डॉ. भीमराव अंबेडकर स्मारक एवं संस्कृति केंद्र की स्थापना का एलान किया गया है। इस प्रोजेक्ट के लिए 50 करोड़ रुपये दिए गए हैं। राष्ट्रपति रामनाथ कोविंद ने पिछले दिनों इसका ऐशबाग में शिलान्यास किया था।
युवाओं को मिलेगा रोजगार, विकास भी होगा : खन्ना
विधानसभा में अनुपूरक बजट प्रस्तुत करते हुए वित्तमंत्री सुरेश कुमार खन्ना ने कहा कि सरकार ने आम बजट 2021-22 की तुलना में मात्र 1.33 प्रतिशत राशि का बहुत छोटा अनुपूरक बजट पेश किया है। इसमें अत्यंत आवश्यक जनकल्याणकारी योजनाओं के साथ कुछ नई योजनाओं के लिए बजट का प्रावधान किया गया है। अनुपूरक बजट में युवाओं को रोजगार, गन्ना किसानों के भुगतान, अधिवक्ता कल्याण, आंगनबाड़ी कार्यकर्ताओं सहित अन्य मानदेय कर्मियों के मानदेय वृद्धि का प्रावधान किया गया है। योगी सरकार ने साढ़े चार साल के शासन में प्रदेश के प्रति धारणा बदली है। न केवल नए रिकॉर्ड बनाएं है बल्कि पुराने तोड़े भी हैं।
इन कार्यों के लिए भी पैसे
– राजीव गांधी ग्रामीण विद्युतीकरण योजना में ग्रामीण विद्युतीकरण निगम से प्राप्त ऋण पर दिए जाने वाले ब्याज के भुगतान के लिए 17 करोड़ 23 लाख 95 हजार रुपये।
– उदय योजना में विद्युत वितरण कंपनियों की हानियों की फंडिंग के लिए 1500 करोड़।
– राजीव गांधी ग्रामीण विद्युतीकरण योजना के लिए आरईसी से प्राप्त ऋण की वापसी के लिए 13 करोड़ 54 लाख 76 हजार रुपये।
– एक जनवरी 2008 से 24 अप्रैल, 2008 तक बिक्री किए गए एनपीके उर्वरक पर भुगतान किए गए वैट पर बकाया ब्याज के भुगतान के लिए 66.50 लाख रुपये।
– भारतीय प्रशासनिक सेवा के परिवीक्षाधीन अधिकारियों के प्रशिक्षण अवधि के वेतन भुगतान के लिए 1 करोड़ 27 लाख 38 हजार रुपये।
– लोकायुक्त संगठन के वेतन आदि खर्चों के लिए 28.55 लाख रुपये।
विधान परिषद सचिवालय में ई-ऑफिस, ई-विधान व्यवस्था
विधान परिषद सचिवालय में ई-ऑफिस व ई-विधान व्यवस्था लागू की जाएगी। ई-ऑफिस के लिए 44.91 लाख व ई-विधान के लिए 8 करोड़ 23 लाख 53 हजार रुपये दिए गए हैं। विधान परिषद सचिवालय में कुछ पदों पर आयोजित परीक्षा के आयोजन संबंधी भुगतान के लिए 2 करोड़ 8 लाख 80 हजार रुपये दिए गए हैं।
चुनाव पर खर्च होंगे 300 करोड़
विधानसभा चुनाव के विभिन्न तरह के खर्चों के लिए 300 करोड़ रुपये की व्यवस्था की गई है। इनमें बूथ बनाने, कार्मिकों की तैनाती व अन्य खर्चों के लिए 297 करोड़ व वीवीपैट के भंडारण के लिए तीन करोड़ की अतिरिक्त व्यवस्था की गई है।

योगी सरकार ने विधानसभा में पेश किया बजट : युवाओं को मिला बड़ा तोहफा शिक्षामित्रों, अनुदेशकों सहित अन्य विभागों के कर्मियों का मानदेय वृद्धि बजट विधानसभा में पेश, जानिए किसको क्या मिला

उत्तर प्रदेश विधानसभा चुनाव की तैयारी में जुटी योगी आदित्यनाथ सरकार बुधवार को वित्तीय वर्ष 2021-22 का पहला अनुपूरक बजट विधान मंडल में पेश किया। मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ की घोषणाओं और अगले छह माह में पूरी की जा सकने वाली परियोजनाओं को अमली जामा पहनाने के लिए 7301.52 करोड़ रुपये का अनुपूरक बजट विधानसभा में पेश किया गया, जो आम बजट का 1.33 प्रतिशत है। इससे पहले मंत्रिपरिषद की बैठक में बजट के प्रस्‍तावों पर मुहर लगी। वित्त मंत्री सुरेश खन्ना ने अनुपूरक बजट पेश करते हुए कहा कि इन साढ़े चार वर्षों के कार्यकाल में पब्लिक का परसेप्शन बदला है। उत्तर प्रदेश की योगी सरकार ने कई नए रिकार्ड बनाए और कई रिकार्ड तोड़े गए हैं।

उत्तर प्रदेश के वित्त मंत्री सुरेश खन्ना ने विधानसभा में अनुपूरक बजट पेश करते हुए कहा कि जो अत्यंत जरूरी योजनाओं को पूरा करने के लिए यह बजट लाया गया है। इसमें युवाओं को रोजगार के लिए तीन हजार करोड़ रुपये की व्यवस्था की गई है। गन्ना किसानों का भुगतान और अधिवक्ताओं के लिए सामाजिक सुरक्षा निधि का बजट में प्रावधान किया गया है। राजधानी में अंबेडकर स्मारक तथा सांस्कृतिक केंद्र का निर्माण, आंगनबाड़ी, आशावर्कर और चौकीदारों के लिए मानदेय में वृद्धि, गोवंश का रखरखान और आयोध्या में पार्किंग की व्यवस्था व बेसिक इफ्रास्ट्रक्चर के लिए बजट में प्रावधान किया गया है।


वित्त मंत्री सुरेश खन्ना ने कहा कि अनुपूरक बजट में प्रदेश के युवाओं को डिजिटली सक्षम बनाने के लिए कोष की स्थापना की खातिर 3000 करोड़ रुपये का आवंटन किया गया है। बुंदेलखंड एक्सप्रेस-वे के लिए 100 करोड़ रुपये की अतिरिक्त व्यवस्था की गई है। बलिया लिंक एक्सप्रेस वे के लिए 50 करोड़ रुपये का आवंटन किया गया है। बिजली व्यवस्था में सुधार के लिए भी संसाधनों का इंतजाम किया गया है। टोक्यो ओलंपिक के विजयी भारतीय खिलाड़ियों के सम्मान समारोह के लिए दो करोड़ रुपये की अतिरिक्त व्यवस्था भी अनुपूरक बजट में की गई है।



अनुपूरक बजट में रोजगार सेवकों के मानदेय में वृद्धि के लिए 40.62 करोड़ रुपये, पीआरडी जवानों के मानदेय में वृद्धि के लिए 61.07 करोड़ रुपये, आंगनबाड़ी कार्यकर्ताओं, मिनी आंगनबाड़ी कार्यकर्ताओं तथा आंगनबाड़ी सहायिकाओं के मानदेय में वृद्धि के लिए 265.7 करोड़ रुपये, आशा कार्यकर्ताओं के मानदेय वृद्धि के लिए 129.78 करोड़ रुपये, ग्राम प्रहरी/चौकीदार के मानदेय में वृद्धि के लिए 47.88 करोड़ रुपये, शिक्षामित्रों के मानदेय में वृद्धि के लिए 123.55 करोड़ रुपये, मुख्य व सहायक रसोइयों का मानदेय बढ़ाने के लिए 160 करोड़ रुपये और अंशकालिक अनुदेशकों के मानदेय वृद्धि के लिए 28.91 करोड़ रुपये का प्रावधान किया गया है।

छुट्टा गोवंश के रखरखाव के लिए 300 करोड़ रुपये, उत्तर प्रदेश सहकारी चीनी मिल संघ की चीनी मिलों के बकाया गन्ना मूल्य भुगतान के लिए 200 करोड़ रुपये, अधिवक्ताओं की सामाजिक सुरक्षा के लिए 90 करोड़ रुपये, स्वच्छ भारत मिशन के लिए 200 करोड़ रुपये, वाराणसी में गंगा नदी से श्री काशी विश्वनाथ मंदिर तक मार्ग के विस्तार व मरम्मत के लिए 40 करोड़ रुपये, अयोध्या में पार्किंग व जन सुविधाओं के विकास के लिए 209 करोड़ रुपये, लखनऊ में अंबेडकर स्मारक के लिए 50 करोड़ रुपये, उदय योजना के तहत विद्युत वितरण कंपनियों की हानियों की भरपाई के लिए 1500 करोड़ रुपये की व्यवस्था की गई है।


इससे पहले उत्तर प्रदेश विधान मंडल का मानसून सत्र के दौरान विधानसभा में सुबह 11 बजे कार्यवाही शुरू होते ही विपक्ष ने महंगाई के मुद्दे पर चर्चा कराने की मांग करते हुए हंगामा और नारेबाजी शुरू कर दिया। विधानसभा में सदन की कार्यवाही शुरू होते ही नेता प्रतिपक्ष रामगोविंद चौधरी ने महंगाई का मुद्दा उठाया। उन्होंने कहा कि पेट्रोल डीजल के दाम लगातार बढ़ते जा रहे हैं। घरों में खाने के लाले पड़े हैं। सदन में सबसे पहले महंगाई पर चर्चा होनी चाहिए। इसी बीच सपा समेत विपक्षी सदस्यों हंगामा और नारेबाजी शुरू कर दी।


संसदीय कार्य मंत्री सुरेश कुमार खन्ना ने कहा कि सरकार गरीबों को मुफ्त में खाद्यान्न बांट रही है। प्रदेश में पेट्रोल और डीजल के दाम अन्य राज्यों से कम हैं। उन पर वैट भी अन्य राज्यों की तुलना में कम है। विपक्ष के पास कोई काम नहीं है। वह सदन की कार्यवाही में बाधा डालना चाहता है। विधानसभा अध्यक्ष हृदय नारायण दीक्षित ने भी विपक्षी सदस्यों को समझाने की कोशिश की लेकिन वे नहीं माने। इस पर उन्होंने सदन की कार्यवाही को 40 मिनट के लिए स्थगित कर दिया। इसके बाद 11.45 बजे विधान सभा में सदन के स्थगन की अवधि को 12.20 बजे तक बढ़ाने की घोषणा हुई।

34 प्रस्तावों को योगी कैबिनेट ने सोमवार को दी मंजूरी, देखें किन-किन प्रस्तावों पर लगी मुहर

लखनऊ : विधानसभा चुनाव से ठीक पहले योगी सरकार ने गांव, गरीब और किसान को ध्यान में रखते हुए बड़ा निर्णय लिया है। नगर निकाय में शामिल किए गए नए ग्रामीण क्षेत्रों को सरकार ने सभी टैक्स से छूट दे दी है। समय सीमा का उल्लेख न करते हुए कहा गया है कि जब तब उन क्षेत्रों में अवस्थापना सुविधाएं विकसित नहीं हो जातीं, तब तक टैक्स नहीं लिया जाएगा। इसका लाभ प्रदेश के सैकड़ों गांवों में लाखों की आबादी को मिलेगा।

लगभग छह माह बाद प्रदेश में विधानसभा चुनाव होने हैं। ऐसे में सरकार विभिन्न वर्गो को ध्यान में रखते हुए नीतिगत फैसले ले रही है। ऐसा ही एक अहम प्रस्ताव सोमवार को कैबिनेट की बैठक में रखा गया। उल्लेखनीय है कि सोमवार को मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ की अध्यक्षता में उनके सरकारी आवास पर हुई कैबिनेट की बैठक में कुल 34 प्रस्ताव मंजूर किए गए।

योगी सरकार ने जनप्रतिनिधियों की मांग के साथ ही ग्रामीण क्षेत्रों के विकास को देखते हुए कई नगर निगम और नगर पालिका परिषद का सीमा विस्तार किया है। सैकड़ों गांवों को नगर निकायों में शामिल किया गया है। यह सारी प्रक्रिया त्रिस्तरीय पंचायत चुनाव के पहले हो चुकी थी। अब अपने-अपने नियमों के मुताबिक निकाय और विभागों ने इन क्षेत्रों में गृह कर, जल कर, शहरी टैरिफ से बिजली बिल आदि की वसूली के लिए नोटिस देना शुरू कर दिया।

अभी तक इन क्षेत्रों में संबंधित निकायों द्वारा किसी भी प्रकार का विकास नहीं कराया गया है, ऐसे में जनता में नाराजगी थी। कई जगहों से इस पर आपत्ति आ रही थी। इन हालात को देखते हुए योगी सरकार ने कैबिनेट के जरिये इस प्रस्ताव को मंजूररी दी है। सरकार के प्रवक्ता व एमएसएमई मंत्री सिद्धार्थनाथ सिंह ने बताया कि प्रस्ताव स्वीकृत कर दिया गया है। इसके तहत जब तक इन नए शामिल ग्रामीण क्षेत्रों में सड़क, बिजली, पानी व सीवर आदि की आधारभूत सुविधाएं विकसित नहीं हो जातीं, तब तक यहां टैक्स नहीं लगेगा। कोई विभाग नोटिस जारी नहीं करेगा। संबंधित सामग्री 12


🔴 सरकार कर चुकी है नगरीय निकायों का सीमा विस्तार

🔴 विधानसभा चुनाव से पहले लाखों की आबादी को मिलेगी बड़ी राहत

🔴 गृह कर, जल कर, शहरी टैरिफ से बिजली बिलों की वसूली के लिए जारी किए जा रहे थे नोटिस

राज्य ब्यूरो, लखनऊ : प्रदेश सरकार ने उत्तर प्रदेश जल निगम को ग्रामीण व शहरी, दो हिस्सों में बांटने का निर्णय किया है। कैबिनेट की बैठक में इस प्रस्ताव को हरी झंडी दे दी गई। जल निगम की वित्तीय हालत सुधारने के लिए सरकार ने यह फैसला किया है। ग्रामीण क्षेत्रों की पेयजल आपूर्ति सहित अन्य काम जल निगम ग्रामीण देखेगा। यह जल शक्ति तथा बाढ़ नियंत्रण विभाग के अधीन होगा, जल निगम शहरी पहले की तरह नगर विकास विभाग के अधीन होगा।

जल निगम की वर्तमान में माली हालत ठीक नहीं है। साथ ही कई प्रदेशों में शहरी व ग्रामीण जल निगम पहले से संचालित हैं। इसलिए प्रदेश सरकार ने भी जल निगम को दो हिस्सों में विभाजित करने का निर्णय लिया है। इसके लिए प्रदेश सरकार उत्तर प्रदेश जल संभरण तथा सीवर व्यवस्था अधिनियम 1975 में संशोधन का प्रस्ताव विधान मंडल में पेश करेगी। प्रमुख सचिव नगर विकास, प्रमुख सचिव अवस्थापना एवं औद्योगिक विकास, प्रमुख सचिव आवास एवं शहरी नियोजन, उत्तर प्रदेश जल निगम नगरीय के पदेन सदस्य होंगे। इसी प्रकार प्रमुख सचिव पंचायती राज, प्रमुख सचिव नमामि गंगे एवं ग्रामीण जलापूर्ति, प्रमुख सचिव ग्राम्य विकास, उत्तर प्रदेश जल निगम ग्रामीण के पदेन सदस्य होंगे। निदेशक स्थानीय निकाय, उत्तर प्रदेश जल निगम शहरी तथा निदेशक पंचायती राज उत्तर प्रदेश जल निगम ग्रामीण के पदेन सदस्य होंगे। प्रस्तावित विधेयक में दोनों जल निगमों के कार्यक्षेत्र एवं कृत्यों को निर्धारित किया गया है।

जल निगम की वित्तीय हालत सुधारने के लिए सरकार का फैसला, विधानमंडल में आएगा अधिनियम में बदलाव का प्रस्ताव

लखनऊ : यूपी के किसानों को अब बीज पर विशेष अनुदान मिलेगा। सोमवार को मुख्यमंत्री योगी की अध्यक्षता में मंत्रिपरिषद की बैठक में इस पर मुहर लग गई है। सूबे के किसानों को धान पर 250 व गेहूं के बीज पर 400 रुपये प्रति ¨क्वटल विशेष अनुदान दिया जाएगा। ये सौगात इसी वित्तीय वर्ष से लागू हो रही है, जो आगे भी प्रभावी रहेगी। इस पहल से किसान केंद्रीय योजनाओं के बराबर अनुदान पा सकेंगे।

बीज ग्राम योजना के तहत गेहूं व धान के बीज पर अन्य केंद्रीय योजनाओं के बराबर अनुदान नहीं मिल रहा था। इसीलिए विशेष अनुदान की नई व्यवस्था शुरू की जा रही है। केंद्र सरकार की योजनाओं जैसे राष्ट्रीय खाद्य सुरक्षा मिशन, पूर्वी भारत में हरित क्रांति के विस्तार की योजना, एकीकृत धान्य विकास कार्यक्रम के तहत धान व गेहूं बीज वितरण पर कृषकों को मूल्य का 50 प्रतिशत व अधिकतम दो हजार रुपये प्रति ¨क्वटल जो भी कम हो, अनुदान अनुमन्य है। सूबे में बीज ग्राम योजना के तहत धान व गेहूं के बीजों के वितरण पर मूल्य का 50 प्रतिशत व अधिकतम 1,750 रुपये प्रति ¨क्वटल धान पर व 1,600 रुपये प्रति ¨क्वटल गेहूं पर अनुदान दिया जाता रहा है। योगी सरकार ने अब विशेष अनुदान की व्यवस्था की है। इसका उद्देश्य कृषकों के माध्यम से उन्नतिशील प्रजातियों के बीजों का उत्पादन करके उन्हें प्रोत्साहित करना, उत्पादन व उत्पादकता में वृद्धि करना और अनुदान पर विभिन्न फसलों के उन्नतशील प्रजातियों के बीज अधिकाधिक किसानों को उपलब्ध कराना है। अब गेहूं व धान के बीज मूल्य पर अन्य केंद्रीय योजनाओं के बराबर अनुदान की धनराशि दो हजार रुपये प्रति ¨क्वटल रहेगी।

बाजार से अधिक कर्ज ले सकेगी सरकार: बढ़ते खर्च से पार पाने के लिए राज्य सरकार अब बाजार से अधिक कर्ज ले सकेगी। कैबिनेट बैठक में सरकार ने तय किया है कि वित्तीय वर्ष 2021-22 में सरकार सकल राज्य घरेलू उत्पाद (जीएसडीपी) के चार फीसद की अधिकतम सीमा तक कर्ज ले सकेगी। वहीं 2022-23 से 2025-26 तक कर्ज लेने की अधिकतम सीमा जीएसडीपी का 3.5 प्रतिशत होगी। कैबिनेट बैठक के बाद राज्य सरकार के प्रवकता व एमएसएमई मंत्री सिद्धार्थनाथ सिंह ने यह जानकारी दी।

अब 13 हवाई पट्टियों में मिलेगा उड़ान का प्रशिक्षण

योगी कैबिनेट ने ‘उड्डयन के क्षेत्र में प्रशिक्षण कार्यक्रमों के लिए फ्लाइंग क्लब व अकादमियों को हवाई पट्टियों के उपयोग की नीति’ को स्वीकृति प्रदान कर दी है। इसके तहत प्रदेश की कुल 13 हवाई पट्टियों व उनकी परिसंपत्तियां को उड्डयन के क्षेत्र में प्रशिक्षण कार्यक्रम संचालित करने के लिए अनुमति दी गई है। इन हवाई पट्टियों में अकबरपुर (अंबेडकरनगर), अंधऊ (गाजीपुर), श्रवस्ती, फरुखाबाद, धनीपुर (अलीगढ़), अमहट (सुलतानपुर), म्योरपुर (सोनभद्र), सैफई (इटावा), पलिया (खीरी), झांसी, रसूलाबाद (कानपुर देहात), आजमगढ़ व चित्रकूट शामिल हैं।

विध्यवासिनी देवी मंदिर के लिए 128 करोड़ की परियोजनाएं मंजूर

मीरजापुर में ¨विध्यवासिनी देवी मंदिर और वहां जाने वाले रास्तों व गलियों के कायाकल्प के लिए महंगी निर्माण सामग्रियों के इस्तेमाल को मंजूरी देने के साथ सरकार ने कुल 128 करोड़ रुपये की परियोजनाओं को मंजूरी दी है। कैबिनेट बैठक में इन परियोजना प्रस्तावों पर मुहर लगी। ¨वध्यवासिनी मंदिर को जाने वाले रास्तों को जोड़ने वाले मार्गाें के निर्माण और मरम्मत से संबंधित परियोजना के लिए 40.38 करोड़ रुपये, मंदिर के परकोटा व परिक्रमा पथ के निर्माण के लिए 45.75 करोड़ रुपये तथा गलियों के सुंदरीकरण के लिए 41.87 करोड़ रुपये की परियोजनाओं को मंजूरी दी गई है। कैबिनेट ने परियोजना पर आगे की कार्यवाही के बारे में निर्णय लेने के लिए मुख्यमंत्री को अधिकृत किया है।

सोसाइटी करेगी इंस्टीट्यूट आफ फोरेंसिक साइंसेस का संचालन

लखनऊ में बन रहे उप्र स्टेट इंस्टीट्यूट आफ फोरेंसिक साइंसेस का संचालन सोसाइटी के तहत होगा। कैबिनेट ने इस प्रस्ताव पर मुहर लगा दी है। सोसाइटी का पंजीकरण कराया जाएगा। अपर मुख्य सचिव/प्रमुख सचिव, गृह सोसाइटी के अध्यक्ष तथा डीजीपी उपाध्यक्ष होंगे। सदस्य सचिव सोसाइटी के निदेशक होंगे। इसके अलावा डा.एपीजे अब्दुल कलाम प्राविधिक विश्वविद्यालय (एकेटीयू), लखनऊ के कुलपति या उनके द्वारा नामित प्रतिनिधि तथा फोरेंसिक साइंस के तीन विशेषज्ञ सोसाइटी के सदस्य होंगे।

सदन में पेश की जाएगी बिकरू कांड की रिपोर्ट

कैबिनेट ने कानपुर के बहुचर्चित बिकरू कांड की जांच के लिए उच्चतम न्यायालय के पूर्व न्यायाधीश डा.बीएस चौहान की अध्यक्षता में गठित आयोग की रिपोर्ट सदन के पटल पर रखे जाने की मंजूरी दी है। कानपुर के बिकरू गांव में कुख्यात विकास दुबे व उसके साथियों ने पिछले साल दो जुलाई की रात सीओ समेत आठ पुलिसकर्मियों की हत्या कर दी थी। बाद में पुलिस ने विकास दुबे व उसके साथियों को मुठभेड़ में मार गिराया था। मामले में विभिन्न ¨बदुओं की जांच के लिए तीन सदस्यीय जांच आयोग का गठन हुआ था।


अन्य प्रमुख फैसले

’जिला खनिज फाउंडेशन न्यास में नामित हो सकेंगे सांसद व विधायक

’नागरिक उड्डयन में चार नए पद सृजित किए गए।

’देवरिया में शहीद रामचंद्र विद्यार्थी के नाम पर बनेगा संग्रहालय

’उप्र मलिन बस्ती क्षेत्र (सुधार एवं निपातन) अधिनियम, 1962 में प्रथम संशोधन

’अब दस लाख तक के बुक वैल्यू के जर्जर भवनों को गिराने का फैसला कर सकेंगे विभाग

’सरकार 31 मार्च 2019 को समाप्त हुए वित्तीय वर्ष के लिए भारत के नियंत्रक महालेखा परीक्षक (सीएजी) की रिपोर्ट को विधानमंडल के समक्ष प्रस्तुत करेगी।

’राष्ट्रीय राजधानी क्षेत्र (एनसीआर) में आरआरटीएस की दिल्ली-गाजियाबाद-मेरठ कारिडोर परियोजना से आच्छादित परिवहन निगम के भवनों को दूसरी जगह शिफ्ट करने के लिए तीन एकड़ भूमि निश्शुल्क दी

’उप्र ग्रामीण अभियंत्रण विभाग में अब अवर अभियंता (प्राविधिक) के पद पर अब बीटेक व समकक्ष शैक्षिक योग्यता वाले अभ्यर्थियों की भी भर्ती होगी। इसके लिए ड्राइंग अधिष्ठान सेवा नियमावली-1983 के संसोधन के प्रस्ताव को मंजूरी दी

’देवरिया के कृषि ज्ञान केंद्र को भूमि

’उप्र औद्योगिक शांति (मजदूरी का यथासमय संदाय) अधिनियम, 1978 में संशोधन को मंजूरी

’उप्र निजी विश्वविद्यालय अधिनियम 2019 में संशोधन पर मुहर।


स्मारक मित्र करेंगे स्मारकों का रखरखाव
लखनऊ : सरकार ने अब पुरातात्विक महत्व वाले स्मारकों के रखरखाव के लिए केंद्र की तर्ज पर ‘एडाप्ट ए हेरिटेज नीति’ के तहत ‘अपनी धरोहर, अपनी पहचान’ को प्रदेश में भी लागू करने का फैसला किया है। इसके तहत स्मारक मित्र बनाए जाएंगे, जो सीएसआर फंड से स्मारकों का रखरखाव करेंगे।

‘उप्रEOFप्ट ए हेरिटेज नीति’ को कैबिनेट ने सोमवार को मंजूरी दे दी। इसके तहत उत्तर प्रदेश राज्य पुरातत्व निदेशालय (संस्कृति विभाग) द्वारा संरक्षित स्मारकों/पुरास्थलों का स्थलीय विकास, रखरखाव और जन सुविधाओं का प्रबंधन सार्वजनिक उद्यम इकाइयों व निजी क्षेत्र की सहभागिता से किया जाएगा। संरक्षित स्मारकों/पुरास्थलों को विकसित करने के लिए निजी क्षेत्र के उद्यमियों को स्मारक मित्र बनाया जाएगा। चयनित स्मारक मित्र अपने संसाधनों से स्मारकों का स्थलीय विकास, पर्यटकों के लिए स्मारक परिसर में जनसुविधा प्रबंधन और वार्षिक रखरखाव आदि की व्यवस्था करेंगे। स्मारक मित्र के लिए उप्र राज्य पुरातत्व निदेशालय (संस्कृति विभाग), पर्यटन विभाग और संबंधित जिलाधिकारी के बीच एमओयू होगा, जिसकी अधिकतम अवधि पांच वर्ष होगी। प्रस्तावित काम संस्कृति विभाग (उप्र राज्य पुरातत्व निदेशालय) और पर्यटन विभाग द्वारा संबंधित जिलाधिकारी के माध्यम से पारस्परिक सहयोग से किया जाएगा। योजना के क्रियान्वयन के लिए संस्कृति विभाग और पर्यटन विभाग की एक संयुक्त समिति बनाई जाएगी। कैबिनेट ने पहले चरण में राज्य पुरातत्व विभाग के 11 प्रमुख स्मारकों/पुरास्थलों का चयन स्मारक मित्र बनाने के लिए करने के प्रस्ताव को भी अनुमति दे दी। इन स्मारकों में लखनऊ के कैसरबाग स्थित छतरमंजिल एवं फरहत बख्श कोठी, कोठी गुलिस्ताने इरम, दर्शन विलास कोठी, हुलासखेड़ा उत्खनन स्थल मोहनलालगंज, कुसुमवन सरोवर गोवर्धन मथुरा, गोवर्धन की छतरियां, रसखान समाधि गोकुल मथुरा, गुरुधाम मंदिर वाराणसी, कर्दमेश्वर महादेव मंदिर कंदवा वाराणसी, चुनार किला मीरजापुर और प्राचीन दुर्ग बरुआसागर झांसी शामिल हैं।

नगरीय निकायों में समायोजित होंगे जल निगम के अतिरिक्त कर्मी
लखनऊ : जल निगम के अतिरिक्त कर्मियों को स्थानीय निकायों में बाडीशा¨पग के आधार पर प्रतिनियुक्ति के आधार पर तैनात किया जाएगा। जल निगम के मृतक आश्रितों को भी स्थानीय निकायों में नियुक्ति प्रदान की जाएगी। कैबिनेट ने इस प्रस्ताव को पास कर दिया। प्रतिनियुक्ति पर रखे जाने वाले कर्मियों को निर्धारित आयु सीमा तथा प्रतिनियुक्ति की अवधि की सीमा से मुक्त रखा जाएगा। वह नगरीय निकायों में आवश्यकतानुसार सेवानिवृत्त होने तक कार्य कर सकेंगे। जल निगम के इन कर्मियों के कार्य, अनुभव एवं दक्षता के आधार पर पदों की अर्हता के संबंध में यथा संभव शिथिलता प्रदान की जाएगी। इन्हें जल निगम में मिल रहे वेतन के बराबर धनराशि मिलेगी।

अब सरकारी स्कूलों के बच्चे सीखेंगे कोडिंग : E-mail, C. Language, HTML व Java Script

अब सरकारी स्कूलों के बच्चे सीखेंगे कोडिंग : E-mail, C. Language, HTML व Java Script

उत्तर प्रदेश में अब 6वीं कक्षा से ही बच्चों को कोडिंग यानी कम्प्यूटर की भाषा सिखाई जाएगी , विद्यार्थियों को ई – मेल करना , फाइल बनाना , इंटरनेट के जरिये सूचना प्राप्त करना , पाठ्यक्रम से जुड़ी सामग्री को इंटरनेट से डाउनलोड करना सहित अन्य कार्य सिखाए जाएंगे।

इसके लिए पाठ्यक्रम में सत्र 2022-23 से डिजिटल लिट्रेसी ( डिजिटल साक्षरता ) को शामिल किया जाएगा , माध्यमिक शिक्षा विभाग ने राष्ट्रीय शिक्षा नीति -2022 के तहत यह योजना तैयार की है।

इसके तहत राजकीय विद्यालयों में कक्षा 6 से कोडिंग ( कम्प्यूटर की भाषा ) को लागू उसे कक्षा 8 तक विस्तार दिया जाएगा , बच्चों को सी लैंग्वेज , सी प्लस प्लस , जावा स्क्रिप्ट , एचटीएमएल , सीएसएस और पीएचपी सहित कोडिंग की अन्य भाषाओं का अध्ययन कराया जाएगा , कोडिंग के जरिये आर्टिफिशियल इंटेलीजेंस ( कृत्रिम बौद्धिकता ) सहित अन्य भाषा सीखी जा सकेगी ।

हर स्कूल की अपनी वेबसाइट व डिजिटल क्लासरूम


हर स्कूल की अपनी वेबसाइट होगी , सभी विद्यालयों में डिजिटल क्लासरूम व वर्चुअल लैब की व्यवस्था की जाएगी , सभी विद्यालयों में कम से कम एक कम्प्यूटर शिक्षक की नियुक्ति होगी ।

बेसिक शिक्षा मंत्री सतीश द्विवेदी की अध्यक्षता में जिले के भीतर समायोजन, प्रोन्नति एवं हेडमास्टर के लिए टैब आदि प्रकरण पर होगा विचार विमर्श

बेसिक शिक्षा मंत्री सतीश द्विवेदी की अध्यक्षता में जिले के भीतर समायोजन, प्रोन्नति एवं हेडमास्टर के लिए टैब आदि प्रकरण पर होगा विचार विमर्श 

LUCKNOW: डिप्टी सीएम दिनेश शर्मा का बयान➡1 से 8वीं तक के स्कूल अभी नहीं खुलेंगे’➡स्नातक में एडमिशन प्रक्रिया 5 अगस्त से
➡16 अगस्त से पीजी-यूजी की कक्षाएं होंगी’

#Lucknow

➡डिप्टी सीएम दिनेश शर्मा का बयान

➡1 से 8वीं तक के स्कूल अभी नहीं खुलेंगे’

➡स्नातक में एडमिशन प्रक्रिया 5 अगस्त से

➡16 अगस्त से पीजी-यूजी की कक्षाएं होंगी’

➡1 सितंबर से यूजी फर्स्ट ईयर की क्लासेज’

➡स्वास्थ्य की सुरक्षा सबसे ऊपर है-दिनेश

यूपी में स्कूल खोलने की कार्ययोजना बने: सीएम योगी

लखनऊ। मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ ने प्रदेश में कोरोना संक्रमण की सुधरती स्थिति को देखते हुए बेसिक, माध्यमिक, उच्च, प्राविधिक और व्यावसायिक शिक्षण संस्थानों को खोलने की तैयारी करने के निर्देश दिए हैं।

उन्होंने इस संबंध में आवश्यक कार्यवाही करने को कहा है। मुख्यमंत्री ने शनिवार को टीम 9 की बैठक में यह निर्देश दिए।

मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ ने प्रदेश में कोरोना संक्रमण की सुधरती स्थिति को देखते हुए बेसिक, माध्यमिक, उच्च, प्राविधिक और व्यावसायिक शिक्षण संस्थानों को खोलने की तैयारी करने के निर्देश दिए हैं। उन्होंने इस संबंध में आवश्यक कार्यवाही करने को कहा है।

मुख्यमंत्री ने शनिवार को टीम 9 की बैठक में यह निर्देश दिए। उन्होंने कहा कि प्रदेश में कोरोना महामारी की दूसरी लहर पर प्रभावी नियंत्रण बना हुआ है। उत्तर प्रदेश में हर दिन ढाई लाख से तीन लाख टेस्ट हो रहें हैं, जबकि पॉजिटिविटी दर 0.01 फीसदी तक आ सैम्पल की जांच की जा चुकी है। अलीगढ़, अमरोहा, एटा, कासगंज, कौशाम्बी, महोबा, मुरादाबाद और श्रावस्ती में अब कोविड का एक भी मरीज शेष नहीं है। यह जिले कोविड संक्रमण से मुक्त हैं। 55 जिलों संक्रमण का एक भी नया केस नहीं पाया गया। मुख्यमंत्री ने कहा कि कोविड की तीसरी लहर की आशंका देखते हुए सभी जरूरी प्रयास यथाशीघ्र पूरी की जाए।

30 हजार रिक्त पदों की भर्ती कराएगा अधीनस्थ चयन आयोग, भर्ती कैलेंडर जारी, विधानसभा चुनाव से पहले होगी भर्ती

30 हजार रिक्त पदों की भर्ती कराएगा अधीनस्थ चयन आयोग, भर्ती कैलेंडर जारी, विधानसभा चुनाव से पहले होगी भर्ती :30 Thousand recruitment in up govt