बेसिक और माध्यमिक शिक्षा विभाग में 15508 एलटी ग्रेड शिक्षकों समेत 90 हजार पदों पर होगी भर्ती, विज्ञापन इसी माह

चुनावी समर का आगाज हो चुका है। अन्य राजनीतिक दल जहां अपने वोट बैंक के साथ नई जमीन बनाने में लगे हैं तो राज्य सरकार भी अपने वादों को पूरा करने में तेजी से जुट गई है। युवाओं की निगाहें भर्तियों पर हैं। नए साल में सिर्फ बेसिक और माध्यमिक शिक्षा विभाग में ही लगभग 90 हजार पदों पर भर्तियां होनी हैं। इनमें से कुछ तो अगले छह महीने में पूरी हो जाएंगी।

इस वर्ष की सबसे पहले भर्ती माध्यमिक शिक्षा के सहायता प्राप्त स्कूलों में 15508 एलटी ग्रेड व प्रवक्ता के पदों पर होगी। इसके लिए विज्ञापन इसी महीने जारी होगा। हालांकि विज्ञापन बीते वर्ष भी जारी किया गया था लेकिन हाईकोर्ट के एक फैसले के बाद इसे रद्द कर दिया गया। अब इसे नए सिरे से जारी किया जाएगा। वहीं एडेड स्कूलों में लिपिकों के लगभग 2971 पदों पर भर्ती आधीनस्थ सेवा चयन आयोग से करवाई जा रही है।

वहीं विभाग में भी लिपिकों के लगभग 2000 पद खाली हैं। पहली बार राज्य सरकार एडेड स्कूलों के लिपिकों की भर्ती करने जा रही है। माध्यमिक शिक्षा के राजकीय इंटर कॉलेजों में भी एलटी ग्रेड के 8166 पदों पर भर्ती की घोषणा राज्य सरकार कर चुकी है। वर्ष 2018 में हुई 10768 एलटी ग्रेड भर्ती में 3 हजार से ज्यादा पद खाली रह गए हैं यानी लगभग 11 हजार पदों से भी ज्यादा पदों पर भर्ती भी जल्द ही होगी। लोक सेवा आयोग ये भर्तियां करेगा।

इसके अलावा प्रवक्ता के भी 1400 से ज्यादा पदों पर भर्ती के लिए लोक सेवा आयोग अधियाचन भेजा जा चुका है। सरकारी प्राइमरी स्कूलों में 69 हजार शिक्षक भर्ती पूरी होने वाली है। इसके बाद 51 हजार शिक्षक भर्ती भी करवाई जानी है। हालांकि इससे पहले राज्य सरकार को टीईटी भी करवानी है और फिर शिक्षक भर्ती की लिखित परीक्षा की तैयारी भी लिहाजा, ये भर्ती अप्रैल-मई के बाद ही शुरू होने की उम्मीद है।

बेसिक शिक्षा परिषद से सहायताप्राप्त जूनियर हाईस्कूलों में भी शिक्षकों के पदों पर सरकार पहली बार लिखित परीक्षा के माध्यम से भर्ती करवाने जा रही है। प्रदेश के लगभग तीन हजार जूनियर हाईस्कूलों में पांच हजार से ज्यादा शिक्षकों के पद खाली हैं।

किन पदों पर कितनी भर्तियां:
-सरकारी प्राइमरी स्कूलों में लगभग 51 हजार सहायक अध्यापक

-राजकीय इंटर कॉलेजों में लगभग 11 हजार एलटी ग्रेड
-राजकीय इंटर कॉलेजों में लगभग 1400 प्रवक्ता

-सहायताप्राप्त इंटर कॉलेजों में 15508 सहायक अध्यापक व प्रवक्ता
-माध्यमिक शिक्षा व एडेड स्कूलों में लगभग 5000 लिपिकों के पद

-एडेड जूनियर हाईस्कूलों में लगभग 5000 शिक्षकों के पद

बेसिक स्कूलों में शिक्षिकाओं की दो व शिक्षकों की पांच साल की पिछड़े क्षेत्र में सेवा पर ही तबादला, आवेदन प्रकिया शुरू

बेसिक स्कूलों में शिक्षिकाओं की दो व शिक्षकों की पांच साल की पिछड़े क्षेत्र में सेवा पर ही तबादला, आवेदन प्रकिया शुरू

प्रयागराज : बेसिक शिक्षा परिषद के प्राथमिक व उच्च प्राथमिक स्कूलों में कार्यरत उन्हीं शिक्षिकाओं को दूसरी बार अंतर जिला तबादले का लाभ मिलेगा, जिन्होंने पिछड़े क्षेत्र में अनिवार्य रूप से दो साल की सेवा पूरी कर ली है। इसी तरह शिक्षकों के लिए पांच साल तक पिछड़े क्षेत्र में सेवा करना अनिवार्य किया गया है। हाईकोर्ट के आदेश पर परिषद ने शुक्रवार से आनलाइन आवेदन लेना शुरू कर दिया है। सभी बेसिक शिक्षा अधिकारियों को भी इसके निर्देश भेजे गए हैं। परिषदीय स्कूल शिक्षकों की अंतर जिला तबादले की प्रक्रिया दिसंबर, 2019 से चल रही है।

परिषदीय विद्यालयों में अंतरजनपदीय स्थानांतरण के लिए शुक्रवार को ऑनलाइन आवेदन प्रक्रिया शुरू हो गई। ऑनलाइन आवेदन से पहले सचिव बेसिक शिक्षा परिषद की ओर से जारी दिशा निर्देश में कहा गया है कि आवेदन में पुरुष अध्यापकों में पांच वर्ष की सेवा एवं महिला अध्यापकों में दो वर्ष की सेवा पूरी करने वालों को स्थानांतरण का लाभ दिया जाएगा।

सचिव बेसिक शिक्षा परिषद प्रताप सिंह बघेल की ओर से जारी सूचना में कहा गया है कि शिक्षिकाएं जो विवाह के पूर्व स्थानांतरण का लाभ ले चुकी हैं, दोबारा स्थानांतरण का लाभ ले सकेंगी। महिला एवं पुरुष अभ्यर्थी 18 से 21 दिसंबर के बीच ऑनलाइन आवेदन कर सकते हैं। 

सचिव बेसिक शिक्षा परिषद की ओर से कहा गया है कि आवेदन के बाद 22 से 24 दिसंबर के बीच जनपद स्तर पर काउंसलिंग एवं ऑनलाइन सत्यापन होगा। 26 दिसंबर को बीएसए की ओर से काउंसलिंग के बाद डाटा लॉक किया जाएगा। एनआईसी की ओर से अर्ह आवेदन पत्रों के आधार पर 26 दिसंबर को सूची तैयार की जाएगी। 29 दिसंबर को एनआईसी की ओर से तैयार सूची का परीक्षण होगा। 30 दिसंबर को स्थानांतरण की सूची का प्रकाशन होगा।

प्रदेश में परिषदीय विद्यालयों के 700 शिक्षकों की बर्खास्तगी तय, फर्जी डिग्री के आधार पर पाई नौकरी

संपूर्णानंद संस्कृत विश्वविद्यालय प्रशासन 71 जिलों के शिक्षकों के प्रमाणपत्रों का सत्यापन रिपोर्ट विशेष अनुसंधान दल काे सौंप चुकी है।
वाराणसी । सूबे के परिषदीय विद्यालयों में करीब 700 शिक्षकों की बर्खास्तगी तय मानी जा रही है। इनका चयन संपूर्णानंद संस्कृत विश्वविद्यालय की फर्जी डिग्री के आधार पर हुआ है। इनके प्रमाणपत्रों का सत्यापन कर विश्वविद्यालय प्रशासन ने रिपोर्ट विशेष अनुसंधान दल को सौंप दी है। ऐसे में माना जा रहा कि फर्जी डिग्रीधारी शिक्षकों की दो माह में बर्खास्तगी हो सकती है।

बेसिक शिक्षा विभाग के विद्यालयों में बड़ी संख्या में संस्कृत विश्वविद्यालय के डिग्रीधारी शिक्षक नियुक्त हैं। चयन के समय विभाग ने इन शिक्षकों के प्रमाणपत्रों का सत्यापन कराया था। रिपोर्ट में व्यापक हेराफेरी की शिकायत मिली थी। इसमें एक शिक्षक का पहले फर्जी फिर बाद में उसका प्रमाणपत्र वैध घोषित कर दिया गया था। इसे लेकर भ्रम की स्थिति बनी थी। वहीं व्यापक पैमाने पर सत्यापन में हेराफेरी को देखते हुए शासन ने जांच एसआइटी को सौंपी। एसआइटी ने नए सिरे से शिक्षकों के प्रमाणपत्रों का सत्यापन कराया है।

तीन वर्ष से जारी एसआइटी की जांच
तीन सालों में करीब 15 से अधिक बार एसआइटी की टीम विश्वविद्यालय का दौरा कर चुकी है। विश्वविद्यालय प्रशासन उसे अंकचिट, टीआर सहित तमाम दस्तावेजों को उपलब्ध भी करा चुका है। प्रमाणपत्रों के वहीं जल्द सत्यापन के लिए एसआइटी का विश्वविद्यालय पर दबाव था। जिसका असर रहा कि 75 में 71 जिलों के शिक्षकों के प्रमाणपत्रों की सत्यापन रिपोर्ट एसआइटी को मिल चुकी है। वहीं दो जिलों की रिपोर्ट इस माह के अंत तक भेजने का निर्णय लिया गया है। सत्यापन में करीब सात सौ में शिक्षकों के प्रमाणपत्र फर्जी निकले हैं। ऐसे इनकी बर्खास्तगी तय मानी जा रही है।

दस वर्ष के प्रमाणपत्र जांच की जद में
मुख्य रूप से संस्कृत विवि से जारी दस साल के प्रमाणपत्र जांच की जद में हैं, जिन शिक्षकों ने वर्ष 2004 से 2014 तक का अंकपत्र, प्रमाणपत्र लगाया था एसआइटी ने उन्हीं के प्रमाणपत्रों का दोबारा सत्यापन कराया। इसमें पूर्व मध्यमा (हाईस्कूल), उत्तर मध्यमा, (इंटर), शास्त्री (स्नातक), बीएड के प्रमाणपत्र शामिल हैं।
फर्जी डिग्री मिली है
फर्जीवाड़े की जांच अब अंतिम चरण में है। संस्कृत विवि ज्यादातर जिलों की सत्यापन रिपोर्ट सौंप चुका है। जिसमें सूबे के 700 से अधिक शिक्षकों की डिग्री फर्जी मिली है। कुछ जिलों की सत्यापन रिपोर्ट का इंतजार है। विवि जैसे ही हर जिले की रिपोर्ट सौंप देगा एक सप्ताह में कार्रवाई के लिए शासन को संस्तुति कर दी जाएगी। – विनोद कुमार सिंह, इंस्पेक्टर, विशेष अनुसंधान दल
अंकपत्रों का प्रमाणपत्रों का सत्यापन चुनौती थी
75 जिलों के करीब चार-पांच हजार शिक्षकों के अंकपत्रों का प्रमाणपत्रों का सत्यापन चुनौती थी। एक जिले से 50-50 शिक्षकों के अंकपत्रों का सत्यापन करना था। रिपोर्ट सावधानी से तैयार कराई गई है। रिकार्ड से मिलान कराया ताकि चूक न हो। दो जिलों के प्रमाणपत्रों का सत्यापन लंबित है। उसकी रिपोर्ट सप्ताहभर में मिलेगी। – प्रो. राजाराम शुक्ल, कुलपति, संविवि
डिग्री की जांच
● 75 जिलों के शिक्षकों के दस्तावेजों का सत्यापन होना था● 71 जिलों के शिक्षकों के प्रमाणपत्रों का सत्यापन पूर्ण● 15 बार संविवि का दौरा किया एसआइटी ने सत्यापन को लेकर● 10 वर्ष यानी 2004-14 तक के प्रमाणपत्रों का हुआ सत्यापन

रेलवे में 1.40 लाख पदों को भरने के लिए 15 से परीक्षाएं, 2.5 करोड़ अभ्यर्थियों ने किया है आवेदन

नई दिल्ली : कोरोना महामारी के चलते करीब दो साल से रुकी भर्ती प्रक्रिया को रेलवे फिर से शुरू कर रहा है। रेलवे के लगभग डेढ़ लाख रिक्त पदों को भरने के लिए 15 दिसंबर से परीक्षाएं शुरू हो रही हैं। महामारी से बचाव के उपायों के साथ तीन चरणों में कंप्यूटर आधारित परीक्षाएं कराई जाएंगी। इन पदों के लिए तकरीबन ढाई करोड़ अभ्यर्थियों ने आवेदन किया है। फेस मास्क को अनिवार्य बनाया गया है।

रेलवे बोर्ड के मानव संसाधन निदेशक आनंद के. खाती ने बताया कि परीक्षाएं तीन चरणों में होगी। पहले चरण की परीक्षाएं 15 दिसंबर से 18 दिसंबर के बीच चलेगी, जिसके लिए ई-कॉल लेटर 11 दिसंबर की शाम चार बजे से डाउनलोड किया जाने लगा है। इसमें स्टेनो, शिक्षक और अनुवादक जैसे 1,663 पदों के लिए 1.03 लाख परीक्षार्थी परीक्षा देंगे। दूसरे चरण की परीक्षाएं 28 दिसंबर से मार्च, 2021 के मध्य तक चलेंगी, जिसमें कुल 35,208 पदों के लिए 1.26 करोड़ लोगों ने आवेदन किया है। इनमें स्टेशन मास्टर, गार्ड, क्लर्क के पद हैं। तीसरे चरण में ट्रैक मेंटेनर्स, प्वाइंट्समैन और लेवल वन की भर्ती के लिए परीक्षाएं होंगी।

दो दिन में मंजूर करनी होगी चाइल्ड केयर लीव:- चार दिन का सीएल हेडमास्टर करेंगे मंजूर, दो दिनों में मंजूर होगा चिकित्सा अवकाश- महानिदेशक स्कूली शिक्षा

दो दिन में मंजूर करनी होगी चाइल्ड केयर लीव:- चार दिन का सीएल हेडमास्टर करेंगे मंजूर, दो दिनों में मंजूर होगा चिकित्सा अवकाश- महानिदेशक स्कूली शिक्षा

सरकारी विद्यालयों में पढ़ाने वाले शिक्षकों की ओर से अवकाश को लेकर किए गये आनलाइन आवेदन को तय समय में निपटाना स्वीकृत करना होगा। इस संबंध में शिक्षा महानिदेशक विजय किरण आनंद ने गुरुवार को सभी बेसिक शिक्षा अधिकारियों को आदेश जारी करते हुए शासनादेश के बारे में अवगत कराया और कहा कि शिक्षकों की ओर से अवकाश को लेकर किए गये आनलाइन आवेदन कोई भी हो उसे समय के साथ निस्तारण करना होगा। बता दें कि इस संबंध में अमृत विचार में बीते 30 नवंबर को शिक्षा विभाग में सिटीजन चार्टर के अनुसार नहीं होता काम, सीसीएल से लेकर एरियर तक हो रही शिक्षकों को समस्याएं, शीर्षक से प्रमुखता से खबर प्रकाशित की गयी थी। जिसके बाद महानिदेशक विजय किरण आनद ने सभी बेसिक शिक्षा अधिकारियों को आदेश जारी किर दिए है।

चार दिन का सीएल हेडमास्टर करेंगे मंजूर

आदेश में महानिदेशक ने कहा कि नवंबर माह में 675 सीएल के आनलाइन आवेदन प्राप्त हुए हैं। जबकि शिक्षको की संख्या करीब 6 लाख के आस- पास है। वहीं चार दिन से कम के भी अवकाश के लिए बीईओ से स्वीकृत कराये जा रहे हैं जो सही नहीं है। ऐसे में 4 दिन की सीएल हेडमॉस्टर स्वीकृत कर सकते हैं। नडीजी ने माना कि बीते माह प्रदेश के 880 ब्लाकों में सीएल के लिए महज 100 आवेदन आये है। इससे साफ है कि आनलाइन प्रक्रिया कहीं न कहीं लापरवाही हो रही है।

दो दिनों में मंजूर होगा चिकित्सा अवकाश

महानिदेशक ने आदेश में कहा कि शिक्षकों दो दिनों में चिकित्सीय अवकाश मंजूर करने होंगे। उन्होंने कहा कि जांच में पाया गया कि कई ऐसे आवेदन थे जिसमें काफी दिनों से विचार नहीं किया गया। उन्होंने कहा कि चिकित्सीय अवकाश गंभीरता से स्वीकृत करना चाहिए। आवेदन के 50 दिनों बाद भी नहीं मंजूर हुई सीसीएल। वहीं चाइल्ड केयर लीव को लेकर भी खंड शिक्षा अधिकारियों की बड़ी लापरवाही देखने को मिली। शिक्षकों के आवेदन 50 दिनों से पेडिंग पड़े थे। जिस पर डीजी ने नाराजगी जाहिर करते हुए कहा कि बीएसए इस पर विशेष तौर पर ध्यान दे और सीसीएल के मामले भी दो दिनों में निपटाये जायें। यदि डाक्यूमेंट पूरे नहीं तो नामंजूर करने का स्पष्ट कारण भी बताये जाये।

प्रशिक्षण से जुड़ी महत्वपूर्ण जानकारियाँ

निष्ठा प्रशिक्षण उत्तर प्रदेश
Module 7 Launch
Start Date : 16 November 2020
End Date: 30 November 2020

BSA, DIET प्राचार्य, BEO, KRP, SRG, ARP, DIET मेंटर,
शिक्षक संकुल, निष्ठा एडमिन/कोऑर्डिनेटर एवं अन्य सभी सदस्य कृपया ध्यान दें:

जैसा की आप अवगत है कि, निष्ठा प्रशिक्षण प्रदेश में 16 october 2020 से दीक्षा पोर्टल के माध्यम से शुरू किया गया है ।

इसी क्रम मे Module 7, 16 November 2020 से Live किया जा रहा हैं, सभी BSA, DIET प्राचार्य, BEO, SRG, KRP, ARP, DIET मेंटर एवं निष्ठा एडमिन/कोऑर्डिनेटर इस अनिवार्य प्रशिक्षण से सभी शिक्षकों को जोड़ना सहुनिश्चित करें |

प्रशिक्षण से जुड़ी महत्वपूर्ण जानकारियाँ निम्वत है-

Module 7 (दीक्षा Link) : https://diksha.gov.in/explore-course/course/do_31314956697672908812890


Note- 1. दीक्षा पर सर्वर प्रॉब्लम के कारण Module 4,5&6 के सर्टिफ़िकेट इस सप्ताह के अंत तक सभी course completed शिक्षकों को इशू कर दिये जाएंगे ।


2. सभी user अपना दीक्षा ऐप playstore से अनिवार्य रूप से update कर लें ।
Dashboard Link- https://rebrand.ly/upnishthadashboard


Note- 1. Module 7 की रिपोर्ट डैशबोर्ड पर 18 Nov से प्रदर्षित होगी |
2. जिन शिक्षकों के कोर्स मॉड्यूल 4,5,6 पूर्ण करने के उपरांत उनका डेटा डैशबोर्ड पर प्रदर्षित नही हो रहा है वे 18 Nov तक डैशबोर्ड पर निष्ठा फॉर्म भरें ।

Video Link: https://youtu.be/m_7zt6j5EVQ Continue reading “प्रशिक्षण से जुड़ी महत्वपूर्ण जानकारियाँ”

द्विस्तरीय भर्ती परीक्षा प्रणाली को हरी झंडी, मुख्यमंत्री ने दी मंजूरी, दिवाली बाद आयोग प्री परीक्षा के आयोजन पर करेगा विचार – विभागों से मांगा जल्द भर्ती प्रस्ताव

लखनऊ। सरकारी नौकरी के इच्छुक युवा अधीनस्थ सेवा चयन आयोग (यूपीएसएसएससी) की प्रीलमिनरी एलिजबिलिटी टेस्ट (पीईटी-पेट ) को तैयारी शुरू कर सकते हैं। मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ ने आयोग की द्विस्तरीय परीक्षा प्रणाली (प्री व मेंस) के जरिए भर्ती संबंधी प्रस्ताव को मंजूरी दे दी है। आयोग जल्दी ही अपनी बैठक कर पेट आयोजन पर चर्चा कर निर्णय करेगा। पेट पास अभ्यर्थी ही मुख्य परीक्षा में शामिल हो पाएंगे। आयोग ने इस वर्ष मार्च में द्विस्तरीय परीक्षा प्रणाली (प्री व मेंस) के जरिए भर्ती करने संबंधी प्रस्ताव शासन को मंजूरी के लिए. भेजा था। इसी बीच केंद्र सरकार ने एक राष्ट्र-एक परीक्षा के लिए नेशनल रिक्रूटमेंट.. एजेंसी (एनआरए) का एलान कर दिया। इसमें प्री परीक्षा पूरे देश में एनआरए से कराने और मुख्य परीक्षा राज्यों को आयोजित करने की व्यवस्था की गई। यूपी ने तुरंत इस व्यवस्था में शामिल होने का एलान कर दिया। इसके बाद आयोग का प्रस्ताव अटक गया।

इधर भर्तियां न होने से युवाओं में नाराजगी के फीडबैक के बाद सरकार ने आयोग के प्रस्ताव को मंजूरी दे दी है। ‘अमर उजाला’ ने आयोग के प्रस्ताव पर शासन से निर्णय में देशी व उसका असर लंबित भर्तियों पर पड़ने को प्रमुखता से उठाया था। एनआरए की व्यवस्था अमल में आने तक आयोग अपनी प्रणाली से भर्ती का आयोजन कर सकेगा। मुख्यमंत्री की मंजूरी के बाद शासन का कार्मिक विभाग इससे संबंधित आदेश जारी करने की तैयारी कर रहा है। शासन की हरी झंडी मिलने के बाद आयोग प्री-परीक्षा के आयोजन पर चर्चा के लिए दीवाली बाद बैठक की तैयारी कर रहा है। आयोग के एक वरिष्ठ अधिकारी ने बताया कि आने वाले दिनों में पंचायत चुनाव व बोर्ड परीक्षाएं होनी हैं। इनके कार्यक्रम को ध्यान में रखकर मार्च-अप्रैल में प्री- परीक्षा कराने पर विचार होगा।

विभागों से मांगा जल्द भर्ती प्रस्ताव आर्थिक आधार पर कमजोर वर्ग के अभ्यर्थियों के लिए घोषित 10 प्रतिशत आरक्षण लंबित भर्ती प्रस्तावों में शामिल करने के लिए विभागों को वापस किया गया है। आयोग की ओर से सरकार से आग्रह किया गया है कि वह विभागों से जल्द से जल्द भर्ती प्रस्ताव आयोग को उपलब्ध करवाए ताकि अगली कार्यवाही पर तेजी से निर्णय किया जा सके। नियमानुसार भर्ती प्रस्ताव आते ही प्री परीक्षा की तैयारी पर निर्णय की योजना है।


35 हजार से अधिक रिक्त पदों का ब्योरा शामिलआयोग की ओर से विभागों को भर्ती प्रस्ताव नए आरक्षण प्रावधानों के हिसाब से तैयार करने के लिए लौटाए जाने के वक्‍त करीब 550 भर्ती  प्रस्ताव लंबित थे। इन प्रस्तावों में करीब 35 हजार से अधिक रिक्त पदों का ब्योरा शामिल था। आयोग के वरिष्ठ अधिकारी के मुताबिक नए सिरे से प्रस्ताव आने तक रिक्त पदों की संख्या बढ़ सकती है। आंकड़ा 40 हजार तक जा सकता है।

सीएम योगी ने राज्य सरकार के अधीन कार्यरत सभी कर्मचारियों को दीपावली से पहले वेतन भुगतान के लिए दिए निर्देश

सीएम योगी ने राज्य सरकार के अधीन कार्यरत सभी कर्मचारियों को दीपावली से पहले वेतन भुगतान के लिए दिए निर्देश

TGT PGT Vacancy 2020:- प्रतियोगी व तदर्थ शिक्षकों के लिए नियम अलग, क्लिक कर जाने क्या हुआ बदलाव

TGT PGT Vacancy 2020:- प्रतियोगी व तदर्थ शिक्षकों के लिए नियम अलग, क्लिक कर जाने क्या हुआ बदलाव

चयन बोर्ड ने पहली बार तदर्थ शिक्षकों को भी खुली भर्ती में शामिल होने का मौका दिया है। चयन का आधार लिखित परीक्षा है ऐसे में आम प्रतियोगी व तदर्थ शिक्षकों के लिए परीक्षा के नियम अलग हैं। परीक्षा में शामिल होने वाले तदर्थ शिक्षक उत्तीर्ण होने पर नियमित हो जाएंगे लेकिन, फेल होने पर उनके स्थान पर आम प्रतियोगी का चयन किया जाएगा। साथ ही आवेदन करने वाले हर तदर्थ शिक्षक का सत्यापन जिला विद्यालय निरीक्षक करेंगे, उनकी रिपोर्ट पर ही वे परीक्षा में शामिल हो सकेंगे।

शीर्ष कोर्ट में संजय सिंह व अन्य बनाम उप्र शासन व अन्य में संबद्ध 16 अन्य सिविल अपील में 28 अगस्त 2020 को पारित आदेश के अनुपालन में तदर्थ शिक्षकों को अधिभार अंक मिल रहे हैं। ये वे शिक्षक हैं जो कोर्ट के आदेश पर चयन बोर्ड से शिक्षक आने तक कालेजों में तदर्थ आधार पर नियुक्त रहे हैं। याचिका में वैसे तो कुल 659 तदर्थ शिक्षकों का ही जिक्र है लेकिन यह संख्या हजारों में हो सकती है।


टीजीटी प्रतियोगी: प्रशिक्षित स्नातक शिक्षक चयन को विषय पर आधारित सामान्य योग्यता की लिखित परीक्षा में 500 अंकों का प्रश्नपत्र होगा, उसमें 125 प्रश्न होंगे। हर प्रश्न चार अंक और दो घंटे में सभी प्रश्न करने होंगे।


तदर्थ शिक्षक : टीजीटी में तदर्थ शिक्षक के लिए लिखित परीक्षा 465 अंकों की होगी व हर प्रश्न का 3.72 अंक होगा। इनके कार्य की अवधि के आधार पर सेवा आधारित अधिभार मिलेगा। एक वर्ष की सेवा पर 1.75 अंक व अधिकतम 35 अंक दिए जाएंगे। लिखित परीक्षा में मिले अंकों में अधिभार जोड़ा जाएगा। ये 500 अंक होगा। इसी सेमेरिट बनेगी।
पीजीटी प्रतियोगी : प्रवक्ता पद के चयन के लिए 425 अंकों की लिखित परीक्षा होगी। प्रश्नपत्र के 125 सवालों में 3.4 अंक मिलेंगे। दो घंटे में सभी बहुविकल्पीय प्रश्न करना अनिवार्य है। साक्षात्कार 50 अंक का और 25 अंक विशेष योग्यता का अधिभार मिलेगा।


तदर्थ शिक्षक : तदर्थ प्रवक्ताओं के लिए लिखित परीक्षा 390 अंक की होगी। हर प्रश्न पर 3.12 अंक दिए जाएंगे। इन्हें भी 35 अंक का अधिभार मिलेगा। साक्षात्कार में लिखित परीक्षा व अधिभार के अंक जबकि चयन में लिखित परीक्षा के 85 फीसद अंक, साक्षात्कार के 10 फीसद व विशेष योग्यता के पांच } अंक जोड़े जाएंगे।


मुकाबला योग्यता का बना रहेगा : चयन बोर्ड भले ही तदर्थ शिक्षकों को अधिभार सेवा के आधार पर दे रहा है लेकिन, चयन में योग्यता का पैमाना बरकरार रहेगा। सिर्फ अधिभार के आधार पर चयन संभव नहीं होगा।


उदाहरण : टीजीटी का एक प्रतियोगी यदि परीक्षा में 100 प्रश्न सही करता है तो 400 अंक मिल जाएंगे। तदर्थ शिक्षक भी 100 सवाल सही करता है तो उसे 372 अंक ही मिलेंगे। यानी अधिभार पाकर भी आम प्रतियोगी से मुकाबला होगा।

वर्ष 2019 में ऐडेड जू0हाईस्कूलों में प्रबंधकों द्वारा गैर कानूनी तरह से हुई अध्यापकों की नियुक्ति निरस्त करने के सम्बन्ध में

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