परिषदीय विद्यालयों में ‘प्रेरणा तालिका’ के उपयोग करने के संबंध में नए निर्देश जारी
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DBT : प्राथमिक शिक्षकों का विरोध, दो दिन का मिला समय
लखनऊ। परिषदीय विद्यालयों में पढ़ने वाले बच्चों को निशुल्क यूनिफार्म, स्वेटर, बैग एवं जूता मोजा क्रय से धनराशि डीबीटी (डायरेक्ट बेनीफिट ट्रांसफर) के माध्यम से सीधे छात्रों के अभिभावकों के खाते में भेजी जानी है। डीबीटी योजना का प्राथमिक शिक्षक संघ ने विरोध किया है।
जिलाध्यक्ष सुधांशु मोहन ने कहा कि शासन से सिर्फ दो दिन में सभी विवरण पोर्टल में दर्ज करने के आदेश दिए हैं। लेकिन ग्रामीण शिक्षकों के पास इंटरनेट, लैपटाप की समस्या है। परिषदीय शिक्षकों को शिक्षण कार्य छोड़कर अन्य कामों में लगाया जा रहा है। जबकि ये कार्य बीआरसी से होना चाहिए।
स्कूल में अनुसूचित जाति के बच्चों के अलग रखे जा रहे थे बर्तन, प्रधानाध्यापक निलंबित
मैनपुरी। विकास खंड बेवर के प्रॉथमिक विद्यालय दौदापुर में झित्रों के साथ जाणगेट भेदभाव यहां अनुवाद जनत के लिए के लिए बर्तन अलग वेका जा। गॉन्व की प्राधान के पति की शिकायत पर सीडीएए ने स्कूल पहुंचकर पोरे का मैदान क उन्हें दोंंओं के लिए रुसियोन को बर्खास्ट करने के लिए विभाजाधाईका को उनके लिए उपयोग किया जाता है बीएएएस ने प्रधनाध्यापिका को एमडीएम की खराब गुणा परटकार लगई।
वहीं इस मामले का शुक्रवार को वीडियो भी वायरल हुआ। अनुसूचित जाति के बच्चों के बर्तन जहां उनके पास कक्षाओं में रखे जाते थे, वहीं अन्य जाति के बच्चों के बर्तन रसोई में रखे जा रहे थे। दो दिन पहले गांव की प्रधान मंजूदेवी के पति सहाब सिंह स्कूल पहुंचे तो यहां उनसे शिकायत की गई। तब उन्होंने ऐसा न करने की चेतावनी रसोइया को दी थी। फिर भी सुधार न होने पर उन्होंने बीएसए से शिकायत की। वीडियो वायरल होने के बाद प्रशासन हरकत में आया।
परिषदीय विद्यालयों में 1-30 तक की छात्रसंख्या पर कंपोजिट ग्रांट में कटौती, अब 10000₹ देने का PAB बैठक में प्रस्ताव
बेसिक शिक्षा विभाग में शिक्षकों के सवा लाख पद खाली, शिक्षक- छात्र औसत का पुनः निर्धारण को भी कहा
बेसिक शिक्षा विभाग में शिक्षकों के सवा लाख पद खाली, शिक्षक- छात्र औसत का पुनः निर्धारण को भी कहा, केंद्र ने खाली पदों को भरने के दिए निर्देश।
लखनऊ: बेसिक शिक्षा परिषद के प्राथमिक व उच्च प्राथमिक विद्यालयों में सहायक अध्यापकों और प्रधानाध्यापकों के सवा लाख से अधिक पद खाली है भारत सरकार के शिक्षा मंत्रालय के स्कूल शिक्षा एवं साक्षरता विभाग ने बेसिक शिक्षा परिषद में इन खाली पदों को भरने के लिए कहा है साथ ही इसे औसत के आधार पर सहायक अध्यापकों व प्रधानाध्यापकों के सवा लाख पदों को भरने के निर्देश दिए हैं।
केजीबीवी में भी 2715 पद खाली
प्रदेश में 878 कस्तूरबा गांधी बालिका विद्यालय संचालित है। इनमें वार्डन पूर्णकालिक शिक्षक,अंशकालिक शिक्षक, उर्दू शिक्षक, लेखाकार, मुख्य रसोइया, सहायक रसोइया व चौकीदार के कुल 11041 पद स्वीकृति हैं। जिनमे से 2715 पद खाली है।मंत्रालय ने इन स्कूलों के बेहतर संचालन के लिए रिक्त पदों को भरने की संतुष्टि की है।
UPTET UPTET EXAM SYLLABUS DOWNLOAD HERE :उत्तर प्रदेश पात्रता परीक्षा यूपीटेट सिलेबस
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अच्छी खबर: गुरूजी बनने को रहें तैयार, क्योंकि पहले यूपीटीईटी और फिर नई शिक्षक भर्ती परीक्षा का ऐलान इसी माह होगा
उत्तर प्रदेश के प्राइमरी स्कूलों में शिक्षक भर्ती का इंतजार कर रहे प्रतियोगियों के लिए अच्छी खबर है। परिषदीय विद्यालयों में नई शिक्षक भर्ती की मांग लंबे समय से कर रहे अभ्यर्थियों की मुराद जल्द पूरी हो सकती है। बेसिक शिक्षा परिषद के प्राथमिक स्कूलों की नई शिक्षक भर्ती का ऐलान इसी माहीने होने की संभावना हैं। भर्ती प्रक्रिया शुरू होते ही उत्तर प्रदेश शिक्षक पात्रता परीक्षा 2021 (यूपीटीईटी) करने की तैयारी है। बताया जा रहा है कि भर्ती की तैयारियों के तहत यूपीटीईटी नवंबर में कराई जा सकती है। शासन ने परीक्षा संस्था से इस संबंध में प्रस्ताव मांगा है। इसके बाद दिसंबर में शिक्षक भर्ती परीक्षा कराई जा सकती है।
उत्तर प्रदेश के बेसिक शिक्षा परिषद के प्राइमरी स्कूलों की नई शिक्षक भर्ती प्रक्रिया जल्द शुरू हो सकती है। मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ के निर्देश पर राजस्व परिषद अध्यक्ष मुकुल सिंघल की अगुवाई में बनी तीन सदस्यीय कमेटी 15 दिन से रिक्त पदों व विद्यालयों के पद निर्धारण प्रक्रिया को खंगाल रही है। नई भर्ती पदों के हिसाब से सबसे बड़ी हो सकती है, स्कूलों में शिक्षकों के करीब 70 हजार से अधिक पद खाली हैं। कमेटी की रिपोर्ट सौंपने के बाद ऐलान किए जाने की तैयारी है।
बता दें कि उत्तर प्रदेश के बेसिक शिक्षा विभाग ने 69000 शिक्षक भर्ती के दौरान शीर्ष कोर्ट में हलफनामा दिया था कि विभाग में 51,112 शिक्षकों के पद रिक्त हैं। पिछले वर्षों में हुई शिक्षक भर्ती के खाली पदों को नई शिक्षक भर्ती में जोड़ा जा सकता है। 68500 भर्ती अब तक पूरी नहीं हो सकी है इसलिए रिक्त पदों को लेकर माथापच्ची की जा रही है। वहीं, 69000 शिक्षक भर्ती के सारे पद तीन चरण की काउंसिलिंग के बाद भी भरे नहीं जा सके हैं। हाल के वर्षों में सेवानिवृत्त होने वाले और कोरोना काल में कालकवलित हुए शिक्षकों का ब्योरा जुटाया जा रहा है। संकेत हैं कि कमेटी अपनी रिपोर्ट जल्द सीएम योगी आदित्यनाथ को सौंपेगी, क्योंकि विलंब होने पर भर्ती विधानसभा चुनाव से पहले पूरी हो पाना मुश्किल होगा।
2018 व 2019 में कराया गया पद निर्धारण : उत्तर प्रदेश में निश्शुल्क एवं बाल शिक्षा अधिकार अधिनियम 2009 लागू है। उसी की सिफारिशों के अनुरूप 2018 में शिक्षकों का पद निर्धारण करते हुए स्कूलों में बड़ी संख्या में प्रधानाध्यापक पद का अनुमोदन नहीं हुआ लेकिन, सरकार ने इन पदों को खत्म नहीं किया है। स्कूलों में छात्र शिक्षक अनुपात दुरुस्त करने के लिए 2019 में भी पद निर्धारण प्रक्रिया चली।
बेसिक के उच्च प्राथमिक स्कूलों में दूर होगी हेडमास्टर की कमी, विभागीय परीक्षाओं को करना होगा पास
वाराणसी। बेसिक शिक्षा परिषद के उच्च प्राथमिक स्कूलों में हेडमास्टर बनने के लिए अब शिक्षकों को विभागीय परीक्षाओं को पास करना होगा।
जिले में साल 2012 के बाद से 300 उच्च प्राथमिक विद्यालयों में प्रधानाध्यापकों के पद रिक्त हैं। इन रिक्त पदों पर 40 फीसदी भर्ती विभागीय परीक्षाओं से की जाएगी। वहीं, 60 फीसदी भर्ती के लिए विभिन्न मानकों पर प्रोन्नति कर नियुक्ति दी जाएगी।
केंद्र ने राज्य सरकार को इन रिक्त पदों पर भर्ती के लिए 31 दिसंबर 2021 तक का समय दिया है। मंगलवार को वार्षिक कार्ययोजना की बैठक में राज्य ने केंद्र को लिखित रूप से प्रधानाध्यापकों की रिक्तियों को विभागीय परीक्षाओं व मानकों के आधार पर प्रोन्नति देकर भरने की बात कही है।
60 फीसदी पदों के लिए ऑपरेशन कायाकल्प, बच्चों की हाजिरी, स्कूल का सैट स्कोर, मिशन प्रेरणा के अन्य बिंदुओं को मानक बनाया गया है।