खंड शिक्षाधिकारी लामबंद तो शिक्षक भी भर रहे हुंकार, शिक्षकों ने बैठक कर बीइओ के खिलाफ बनाई रणनीति

फतेहपुर : खजुहा विकास खंड के बीइओ (खंड शिक्षा अधिकारी ) और शिक्षकों के बीच उपजा विवाद शांत होने का नाम नहीं ले रहा है। दोनों पक्ष एक दूसरे को शिकस्त देने के लिए रणनीति बना रहे हैं। बीइओ संगठन ने मामले को महानिदेशक के संज्ञान में डालकर न्याय की गुहार लगाई है तो बीइओ के पक्ष में शिक्षक कलेक्ट्रेट में प्रदर्शन करके आरोपों को निराधार बताया है। रविवार को शिक्षकों ने बैठक कर बीइओ के खिलाफ रणनीति बनाई है।

बीइओ खजुहा राजीव गंगवार और प्राथमिक शिक्षक संघ के ब्लाक अध्यक्ष बलराम सिंह के बीच तलवारे खिंची हुई हैं। ब्लाक में इसके चलते शैक्षिक माहौल पर बुरा असर भी पड़ा है। खजुहा ब्लाक अध्यक्ष बलराम सिंह कहते हैं कि शिक्षकों की मांग है कि बीइओ के खिलाफ जांच हो। जब तक बीइओ को हटाया नहीं जाएगा तब तक न्याय नहीं मिलेगा । सोमवार को विद्यालय अवधि के बाद कलेक्ट्रेट में प्रदर्शन किया जाएगा। शिक्षकों के मान-सम्मान से खिलवाड़ बर्दाश्त नहीं किया जाएगा। वहीं बीइओ संघ मामले में पत्ते खोलने से खुद को मना किए हुए है।

रिश्वत लेते गिरफ्तार खंड शिक्षा अधिकारी को भेजा जेल, शिक्षक की शिकायत पर प्रयागराज की एंटी करप्शन टीम ने पकड़ा था

गोरखपुर : शिक्षक से रिश्वत लेते गिरफ्तार प्रतापगढ़ के खंड शिक्षा अधिकारी (बीईओ) सुनील कुमार को विशेष न्यायाधीश, भ्रष्टाचार निवारण अधिनियम ओम प्रकाश मिश्र ने बुधवार को न्यायिक अभिरक्षा में जेल भेज दिया। सतर्कता अधिष्ठान, प्रयागराज की टीम ने उन्हें मंगलवार को गिरफ्तार किया था।

प्रतापगढ़ के मंगरौरा ब्लाक स्थित एक पूर्व माध्यमिक विद्यालय के सहायक अध्यापक ने 18 दिसंबर, 2020 को पुलिस अधीक्षक उत्तर प्रदेश सतर्कता अधिष्ठान, प्रयागराज से खंड शिक्षा अधिकारी के रिश्वत मांगने की शिकायत की थी। उन्होंने बताया था कि नवंबर, 2019 से मई, 2020 तक का 2.20 लाख रुपये उनका एरियर भुगतान होना है। औपचारिकता पूरी करने के लिए खंड शिक्षा अधिकारी 20 हजार रुपये रिश्वत मांग रहे हैं।
पुलिस अधीक्षक के निर्देश पर गठित विशेष टीम ने मंगलवार को खंड शिक्षा अधिकारी को प्राथमिक विद्यालय मदाफरपुर के पास रिश्वत लेते गिरफ्तार कर लिया। बुधवार को आरोपित बीईओ को गोरखपुर में विशेष न्यायाधीश भ्रष्टाचार निवारण अधिनियम की अदालत में पेश किया गया, जहां से जेल भेज दिया गया।

RAEBARELI : परिषदीय स्कूल की शिक्षिका ने बीईओ और बीएसए पर मानसिक उत्पीड़न का लगाया आरोप

रायबरेली : शिक्षिका ने निलंबन और फिर बहाली में प्रतिकूल प्रविष्टि व चेतावनी की कार्रवाई का विरोध करते हुए बीईओ और बीएसए पर सामाजिक और मानसिक उत्पीड़न का आरोप लगाया है। शिकायत सहायक शिक्षा निदेशक बेसिक षष्ठ मंडल से किया है। मामले में बीएसए को तलब किया गया है।

मामला डीह विकास क्षेत्र के पूर्व माध्यमिक विद्यालय निगोही का है। सहायक अध्यापिका अर्चना वर्मा ने आरोप लगाया कि उन्हे बेवजह निलंबित कर दिया गया है। वहीं प्रतिकूल प्रविष्टि और चेतावनी देते हुए बहाल किया गया है। लगातार सामाजिक और मानसिक उत्पीड़न खंड शिक्षा अधिकारी और जिला बेसिक शिक्षा अधिकारी द्वारा किया जा रहा है। मामले में मंडलीय सहायक शिक्षा निदेशक बेसिक पीएन सिंह ने सात दिसंबर को सुनवाई बैठक में बीएसए को पत्र जारी कर बीईओ डीह को पत्रावलियों के साथ तलब किया है। उधर, बीएसए आनंद प्रकाश शर्मा का कहना है कि आरोप गलत है, जो भी कार्रवाई की गई है वह विभागीय नियमानुसार ही है।

बेसिक शिक्षा विभाग में 1 करोड़ की राशि का बड़ा घोटाला, किसी को कानों कान खबर भी नहीं, जानिए इंसीनेटर घोटाले के बारे में

बेसिक शिक्षा विभाग में ब्लॉक स्तर के अधिकारी भरस्टाचार के ऐसे ऐसे अवसर तलाश लेते है जिनके बारे में आपको सुनकर भी ताज्जुब होगा ,पूरे ज़िले में तकरीबन 1 करोड़ की राशि का ऐसा ही एक बड़ा घोटाला इतनी खामोशी के साथ अंजाम दिया गया कि किसी को कानो कान खबर भी न हुई और प्रत्येक खण्ड शिक्षा अधिकारी ने बड़ी खामोशी के साथ 1 से 2 लाख रुपयो की रकम कमीशन के तौर पर डकार ली , यह तो एक जिले के घोटाले कि राशि है, यदि पूरे प्रदेश की बात करें तो घोटाले कि रकम का आसमान छूना तय है।।

आखिर इंसिनेटर क्या है व इसका उपयोग क्या है, शासन इंसीनेटर बनवाने को लेकर क्यों इतना गंभीर है ??

शासन की इंसीनेटर को लेकर सोच है कि बालिकाएं पीरियड के दौरान स्कूल जाने से बचा करती हैं। ऐसे में बालिका शौचालय के साथ एक इंसीनेटर बॉक्स अटैच कराने का निर्णय लिया गया था। जिसका उपयोग बालिकाओं द्वारा किया जा रहा है। इससे टॉयलेट में गंदगी भी नहीं फैलती है, जिससे विभिन्न प्रकार के रोगों का संक्रमण भी नहीं फैलता हैं। इंसीनेटर एक बॉक्स की तरह काम करता है, जिसे टॉयलेट के बाहरी तरफ लगाया जाता है, जबकि उपयोग अंदर से होता है। इसमें पीरियड के दौरान उपयोग किए गए पैड, कपड़े आदि डाले जाते है, जो नीचे स्थित बॉक्स में जमा हो जाते हैं। जिन्हें बाद में जलाकर नष्ट किया जाता हैं।

मामला ये है कि पिछले वित्तीय वर्ष में ज़िले के सभी जूनियर हाइस्कूल के खातों में बालिका शौचालय के पास इंसिनेटर बनाये जाने के लिए प्रति विद्यलय 10 हजार रुपयो की धनराशि प्रेषित की गई थी ,अब बेचारे शिक्षकों को तो ये पता नही था कि इंसिनेटर है क्या बला ,और न ही अधिकारियों ने कभी इस बारे में बताने की ही कोशिश की ,हो सकता है कुछ खंड शिक्षा अधिकारी भी इस बारे में जानते ही न हो ,कुछ दिनों के बाद तंबौर और लखीमपुर के एक निर्माण कर्ता के साथ सौदा तय हो गया तो खण्ड शिक्षा अधिकारियों ने जूनियर के हेड्स को सम्बंधित व्यक्ति से इंसिनेटर बनवाने का फरमान फोन पर जारी कर दिया ,कुछ जगह ये व्यक्ति सीधे गया और साहब से बात करा दी ,इस मामले में 2 से 3 हजार प्रति यूनिट कमीसन की बात बीईओ के लिए तय हुई जिसकी आधी रकम उन्हें पेशगी मिली और आधी चेक कलेक्शन के बाद
सबसे खास बात तो ये है कि अधिकांश विद्यलयो में शौचालय निर्माण का काम पंचायतो द्वारा कराया गया है ,लेकिन तब तक पंचायतो का ये काम हुआ नही था और 70 प्रतिशत से भी अधिक इंसिनेटर पुराने जर्जर शौचालयों में बना दिये गए है जो निस्पयोजय है ,और कई जगह तो बिना बने ही इसकी पूरी धनराशि बीईओ हजम कर गए है ,लेकिन खास बात ये है कि विभाग ने तो कभी इसकी जांच नही ही की,बल्कि स्वक्षता अभियान से जुड़ा होने के बाद भी ये मामला कभी ज़िलाधिकारी ,मुख्य विकास अधिकारी ,पंचायतराज अधिकारी ,या स्वक्षता समिति के सामने नही लाया गया ,
अगर भविष्य में ये मामला सामने आता है तो प्रबंध समिति से भुगतान करने के नाते शिक्षकों का फंसना तय है ,ऐसे में प्राथमिक शिक्षक संघ ज़िलाधिकारी महोदय और मुख्य विकास अधिकारी महोदय से मांग करता है कि पूरे जिले में इंसिनेटर की जांच कराकर दोषी खण्ड शिक्षा अधिकारियों की जवाबदेही सुनिश्चित की जाए और शौचालय घोटाला करने वाले सभी खण्ड शिक्षा अधिकारियों के विरुद्ध प्रथम सूचना रिपोर्ट अंकित कराई जाए ताकि भविष्य में किसी भी शिक्षक को प्रतिकूल स्थितियो का सामना न करना पड़े,ये घोटाला गांव में पढ़ने वाली मासूम बालिकाओ की साफ सफाई स्वक्षता और हाइजीन को लेकर एक बड़ा खिलवाड़ है ,प्राथमिक शिक्षक संघ सीतापुर के मंत्री आरध्य शुक्ल जी ने बताया कि इस संबंध में सम्बंधित अधिकारियों को संघ द्वारा पत्र प्रेषित किया गया है ,पूरा मामला प्रदेश नेतृत्व की मॉर्फत महानिदेशक महोदय और विभागीय मंत्री के संज्ञान में भी लाया जाएगा ।।

BEO भर्ती : प्रारम्भिक परीक्षा 16 अगस्‍त को होना तय, इलाहाबाद हाईकोर्ट ने रोक लगाने से मना किया

प्रारम्भिक परीक्षा 16 अगस्‍त को होना तय, इलाहाबाद हाईकोर्ट ने रोक लगाने से किया इनकार

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प्रयागराज : उत्‍तर प्रदेश में खंड शिक्षा अधिकारी (बीईओ) के लिए प्रारम्भिक परीक्षा 16 अगस्‍त को ही होगी। इलाहाबाद हाईकोर्ट ने यूपी सरकार और उत्‍तर प्रदेश लोकसेवा आयोग को बड़ी राहत देते हुए इस परीक्षा पर रोक लगाने से इनकार कर दिया। इलाहाबाद हाईकोर्ट में जनहित याचिका दाखिल कर बीईओ परीक्षा स्थगित करने की मांग की गई थी। इस पर हाईकोर्ट ने यह कहते हुए याचिका खारिज कर दी कि याची संगठन को परीक्षा के आयोजन को चुनौती देने का अधिकार नहीं है। 

याचिका पर जस्टिस शशिकांत गुप्‍ता और जस्टिस विवेक कुमार बिड़ला की डिवीजन बेंच ने तत्‍काल आधार पर सुनवाई की। बेंच ने कहा कि याचिका पोषणीय नहीं है। कोर्ट ने याचिका में जताई गई आशंकाओं को भी आधारहीन बताया। 

बीईओ परीक्षा रद करने के लिए जनहित याचिका प्रतियोगी छात्र संघर्ष समिति और अन्य की ओर से दाखिल की गई थी। याचिका में कोविड-19 संक्रमण के चलते परीक्षा में शामिल होने वाले अभ्‍यर्थियों की सुरक्षा को लेकर चिंता जताई गई थी। कोर्ट ने कहा है कि याची संगठन को जनहित याचिका में परीक्षा आयोजित करने को चुनौती देने का अधिकार नहीं है। कोर्ट ने परीक्षा के आयोजन पर हस्तक्षेप से इनकार करते हुए याचिका खारिज कर दी। इसके साथ ही 16 अगस्‍त को बीईओ परीक्षा का रास्‍ता साफ हो गया है। 


22 जिलों में 5.15 लाख अभ्‍यर्थी देंगे परीक्षा 

बीईओ परीक्षा 16 अगस्त को प्रदेश के 22 जिलों में आयोजित की गई है। प्रतियोगी छात्र संघर्ष समिति का कहना था कि कोरोना संक्रमण तेजी से बढ़ रहा है। ऐसे में परीक्षा देने जाने वाले अभ्‍यर्थियों को परीक्षा केंद्रों पर भीड़ का सामना करना पड़ सकता है। संक्रमण फैल सकता है।

खंड शिक्षा अधिकारी भर्ती परीक्षा रोकने के लिए SC में याचिका फ़ाइल

BEO एग्जाम रोकने के लिए SC में याचिका फ़ाइलDairy no.16882/2020डिफेक्ट में है अब देखते है कि कल और परसो वर्किंग डे में सुनवाई हो पाती है या नही

श्रीमती शुचि गुप्ता, खण्ड शिक्षा अधिकारी BEO भरखनी (अतिरिक्त प्रभार विकास क्षेत्र शाहाबाद) हरदोई द्वारा निन्दनीय कृत्य करने एवं स्वैच्छाचारिता बरतने के कराण उक्त अधिकारी के विरुद्ध कठोर अनुशासनात्मक कार्यवाही किये जाने के सम्बन्ध में।

श्रीमती शुचि गुप्ता, खण्ड शिक्षा अधिकारी भरखनी (अतिरिक्त प्रभार विकास क्षेत्र शाहाबाद) हरदोई द्वारा निन्दनीय कृत्य करने एवं स्वैच्छाचारिता बरतने के कराण उक्त अधिकारी के विरुद्ध कठोर अनुशासनात्मक कार्यवाही किये जाने के सम्बन्ध में।

अब BEO परीक्षा कराने का रास्ता साफ Admit card Download करें👇

अब beo परीक्षा कराने का रास्ता साफ ,

16 अगस्त को 309 पदों के लिए होगी परीक्षा

यू पी पी एस सी की परीक्षा में 500000 से अधिक अभ्यर्थियों होंगे शामिल

बी ई ओ परीक्षा का ऐडमिट कार्ड डाऊनलोड करने के लिए क्लिक करेंBEO ADMIT CARD

खंड शिक्षा अधिकारी समेत चार को कोरोना

कानपुर। अधिकारी और उनकी पत्नी व एक सहायक अध्यापक व उनकी बेटी के कोरोना पॉजिटिव निकली है। बेसिक शिक्षा अधिकारी प्रवीण कुमार तिवारी ने बताया कि चूंकि खंड शिक्षा अधिकारी कार्य लय आए थे इसलिए मंगलवार को कार्यालय में सभी कर्मचारियों की कोरोना जांच कराई जाएगी। 

बीएसए ने बताया कि एक खंड शिक्षा अधिकारी का टेस्ट कोरोना पॉजिटिव आया है। दो एआरपी और एक अन्य खंड शिक्षा अधिकारी का स्वास्थ्य खराब है। शिक्षकों की कोविड ड्यूटी आदि के कारण लॉकडाउन के बावजूद कार्यालय खोलना पड़ा था।