मंहगाई भत्ता बढ़ने से 1 जुलाई से केंद्रीय कर्मचारियों को मिल सकता है ज्यादा वेतन, जानिए कितनी बढ़ेगी सैलरी?

मंहगाई भत्ता बढ़ने से 1 जुलाई से केंद्रीय कर्मचारियों को मिल सकता है ज्यादा वेतन, जानिए कितनी बढ़ेगी सैलरी?

मंहगाई भत्ता बढ़ने से 1 जुलाई से केंद्रीय कर्मचारियों को मिल सकता है ज्यादा वेतन, जानिए कितनी बढ़ेगी सैलरी?
केंद्रीय कर्मचारियों के लिए अच्छी खबर है. 1 जुलाई से महंगाई भत्ता बढ़ने जा रहा है. फिलहाल रुकी हुई तीन किस्त अदा की जाएंगी. इसके बाद कर्मचारियों का महंगाई भत्ता 28 फीसदी हो जाएगा, जो फिलहाल 17 फीसदी है. महंगाई भत्ता बढ़ने से सीधे तौर पर सैलरी में इजाफा होगा. कर्मचारियों को सीधे दो साल के DA का फायदा एकसाथ मिलने जा रहा है. जनवरी 2020 में केंद्रीय कर्मचारियों का DA 4% बढ़ा था. इसके बाद दूसरी छमाही यानि जून 2020 में 3% इजाफा हुआ. अब जनवरी 2021 में यह 4% बढ़ा है. इससे यह बढ़कर 28% पर पहुंच गया है. हालांकि, इन तीनों ही किस्तों का भुगतान नहीं हुआ है.
कितनी बढ़ेगी सैलरी?
फिलहाल केंद्रीय कर्मचारियों के पे-मैट्रिक्स के हिसाब से न्यूनतम सैलरी 18000 रुपए है. इसमें 15 फीसदी महंगाई भत्ता जुड़ने की उम्मीद है. इस लिहाज से 2700 रुपए महीना सीधे तौर पर सैलरी में जुड़ जाएगा. सालाना आधार पर अगर देखें तो कुल DA 32400 रुपए बढ़ जाएगा. दरअसल, जून 2021 के महंगाई भत्ते का भी ऐलान होना है. सूत्रों की मानें तो वह भी 4 फीसदी बढ़ने का अनुमान है. अगर ऐसा होता है तो 1 जुलाई को तीन किस्तों के भुगतान के बाद अगले छह महीने में 4 फीसदी का और भुगतान होगा. महंगाई भत्ता कुल 32 फीसदी पहुंच सकता है.
फिलहाल 17% मिलता है DA
AG ऑफिस ब्रदरहुड के पूर्व अध्यक्ष और सिटिजन्स ब्रदरहुड के अध्यक्ष हरीशंकर तिवारी ने बताया कि जून 2021 तक भी DA में और 3-4% का उछाल आने की उम्‍मीद है. इससे जून 2021 के बाद DA बढ़कर 32% तक पहुंच जाएगा. फिलहाल DA का पेमेंट 17% के हिसाब से हो रहा है. केंद्र सरकार इसे हर 6 महीने में Revise करती है. इसका कैलकुलेशन बेसिक पे (Basic Pay) को आधार मानकर प्रतिशत में होता है. अभी कर्मचारियों और पेंशनरों को अलग-अलग DA मिल रहा है.
पिछले साल रोका गया था महंगाई भत्ता
कोविड-19 के चलते पिछले साल सरकार ने 1 जनवरी 2020 से 1 जुलाई 2021 तक के लिए महंगाई भत्‍ते को फ्रीज कर दिया था. पेंशनरों की महंगाई राहत (Dearness relief, DR) की रकम भी 1 जुलाई 2021 तक नहीं बढ़ेगी. इस फैसले से सरकार को FY 2021-2022 में कुल 37000 करोड़ रुपये की बचत हुई है. हालांकि, केंद्रीय कर्मचारियों की मांग है कि उन्हें 1 जनवरी के बाद से एरियर का भी भुगतान होना चाहिए. लेकिन, केंद्र सरकार ने साफ कर दिया है कि एरियर का भुगतान नहीं होगा. जुलाई 2021 में DA और DR को लेकर जो फैसला होगा, उसे एक-एक कर लागू किया जाएगा.

UP Board 2021 : छात्र ध्यान दें, 10वीं-12वीं की परीक्षाएं नहीं हुईं रद्द, अभी फैसला आना बाकी

UP Board 10th 12th Exam 2021 : अभी उत्तर प्रदेश सरकार और उत्तर प्रदेश माध्यमिक शिक्षा परिषद की ओर से 2021 की 10वीं और 12वीं बोर्ड परीक्षाओं के आयोजन को लेकर कोई अंतिम फैसला नहीं किया है।

उत्तर प्रदेश बोर्ड की परीक्षा देने वाले विद्यार्थियों को सचेत रहने की आवश्यकता है। 10वीं और 12वीं बोर्ड की परीक्षा रद्द नहीं हुई है। अभी उत्तर प्रदेश सरकार और उत्तर प्रदेश माध्यमिक शिक्षा परिषद की ओर से 2021 की 10वीं और 12वीं बोर्ड परीक्षाओं के आयोजन को लेकर कोई अंतिम फैसला नहीं किया है। फिलहाल, यूपी बोर्ड अपनी वैकल्पिक तैयारी में व्यस्त है। कोरोना महामारी के बढ़ते मामलों के बीच परीक्षाओं के आयोजन को लेकर कई सवाल उठ रहे हैं।
ऐसे में कई राज्यों में बोर्ड परीक्षाओं को लेकर रद्द करने या स्थगित करने की खबरें सामने आ रही हैं। ऐसे में उत्तर प्रदेश बोर्ड परीक्षाओं को लेकर भी ऐसे ही कयास लगाए जा रहे हैं। जबकि यूपी बोर्ड की ओर से अभी कोई आधिकारिक घोषणा नहीं की गई है। इस संबंध में मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ और उपमुख्यमंत्री दिनेश शर्मा के नेतृत्व में उत्तर प्रदेश माध्यमिक शिक्षा परिषद की ओर से जल्द निर्णय कर लिया जाएगा।

इस बीच, उपमुख्यमंत्री दिनेश शर्मा ने रविवार, 23 मई, 2021 को आयोजित एक उच्च स्तरीय मंत्री समूह की बैठक में भाग लिया था। बैठक प्रधानमंत्री के निर्देशानुसार रक्षा मंत्री राजनाथ सिंह की अध्यक्षता में हुई थी। इसमें बोर्ड एवं अन्य प्रतियोगी परीक्षाओं के आयोजन पर चर्चा की गई थी। बैठक में केंद्रीय शिक्षा मंत्री डॉ रमेश पोखरियाल निशंक और अन्य राज्यों के शिक्षा मंत्री, सीबीएसई बोर्ड, राज्य बोर्डों के सचिव भी मौजूद रहे थे।

सभी को प्रोन्नति मिली तो नया इतिहास बनेगा
बताया जा रहा है कि उत्तर प्रदेश माध्यमिक शिक्षा परिषद (यूपी बोर्ड) ने कक्षा दसवीं की बोर्ड परीक्षा को रद्द करने की तैयारी की जा रही है। बोर्ड द्वारा जल्द ही सभी विद्यार्थियों को अगली कक्षा में प्रमोट करनी घोषणा की जा सकती है।
यानी सत्र 2020-21 में हाईस्कूल में पढ़ रहे 29.94 लाख छात्र-छात्राओं को सीधे बना परीक्षा के कक्षा 11वीं में प्रोन्नति मिल सकती है। अगर ऐसा होता है तो यूपी बोर्ड के 100 साल के इतिहास में पहली बार कक्षा 10वीं बोर्ड का सफलता परिणाम 100 फीसदी होगा। इससे पहले 10वीं में पास होने का सर्वाधिक रिकॉर्ड 87.66 फीसदी रहा है।

नौवीं कक्षा के आधार पर मिलेगा प्रमोशन
बता दें कि यूपी बोर्ड 10वीं के छात्रों को प्रमोट किए जाने के कयास बोर्ड के उस आदेश से पक्के हो गए थे, जिसमें माध्यमिक शिक्षा परिषद द्वारा विद्यालयों से 10वीं के सभी छात्र-छात्राओं के नौवीं कक्षा के अंक मांगे गए हैं।
बोर्ड द्वारा विद्यालयों को 24 मई तक विद्यार्थियों के नौवीं कक्षा के अंक पोर्टल पर अपलोड करने के निर्देश दिए गए थे। प्राप्त जानकारी के मुताबिक बोर्ड नौवीं कक्षा का अंतिम परिणाम के आधार पर विद्यार्थियों को प्रोन्नति दी जाएगी। कक्षा दसवीं का अंतिम परिणाम तैयार करने की योजना का एलान जल्द ही हो सकता है।

शुरू हुई ऑनलाइन कक्षाएं, ऑफलाइन की मंजूरी नहीं
इस बीच, राज्य के सभी विद्यालयों में 20 मई से ऑनलाइन कक्षाएं शुरू हो गई हैं। कोरोना संक्रमण की वजह से विद्यालयों को ऑफलाइन कक्षाएं संचालित करने की अनुमति नहीं दी गई है। बताया जा रहा है कि प्रदेश में आंशिक लॉकडाउन की वजह से 24 मई के बाद कक्षा दसवीं की बोर्ड परीक्षा रद्द करने के संबंध में आधिकारिक सूचना जारी की जा सकती है।

सरकार का बड़ा फैसला : कोरोना से मृत शिक्षकों के आश्रितों को सहायक अध्यापक व लिपिक के पद पर मिलेगी नियुक्ति

सरकार का बड़ा फैसला : कोरोना से मृत शिक्षकों के आश्रितों को सहायक अध्यापक व लिपिक के पद पर मिलेगी नियुक्ति

अब उन मृतक आश्रितों को जो बीएड/डीएलएड(पूर्व में बी टी सी) तथा टीईटी डिग्री धारक हैं उनको अध्यापक तथा जो टीईटी उत्तीर्ण नहीं है परंतु तृतीय श्रेणी में नियुक्ति की अर्हता रखते हैं उनको पद रिक्त न होने की स्थिति में भी अधिसंख्य पद पर तृतीय श्रेणी में नियुक्ति दी जाएगी।

पूर्व में अधिकांश शिक्षकों के मृतक आश्रित जो टीईटी उत्तीर्ण नहीं थे वह उच्च शिक्षित होते हुए भी चतुर्थ श्रेणी में सेवा करने के लिए विवश होते थे क्योंकि तृतीय श्रेणी में पद रिक्त नही होते थे। यह व्यवस्था उनकी योग्यता के अनुरूप नहीं थी। इसी बात को ध्यान में रखते हुए तृतीय श्रेणी की अर्हता रखने वाले मृतक आश्रितों को पद रिक्त न होने की स्थिति में भी अधिसंख्य पद पर नियुक्ति दी जाएगी।

अब विस्तार से 👇


यूपी सरकार ने पंचायत चुनाव के दौरान कोरोना संक्रमित होकर जान गंवाने वाले शिक्षकों को लेकर बड़ा एलान किया है। ऐसे शिक्षकों के परिजनों को सहायक अध्यापक और कनिष्ठ लिपिक के पद पर नियुक्ति मिलेगी।


बेसिक शिक्षा विभाग में शिक्षकों के मृतक आश्रितों को सहायक अध्यापक और कनिष्ठ लिपिक के पद पर अनुकंपा नियुक्ति मिलेगी। अभी तक विभाग में चतुर्थ श्रेणी के पद पर ही अनुकंपा नियुक्ति देने का प्रावधान था। प्रदेश सरकार के इस निर्णय से हाल ही में पंचायत चुनाव की ड्यूटी के दौरान कोरोना संक्रमित होने से जान गंवाने वाले परिषदीय शिक्षकों और कर्मचारियों के मृतक आश्रितों को बड़ा लाभ होगा


बेसिक शिक्षा राज्यमंत्री ( स्वतंत्र प्रभार ) सतीश द्विवेदी ने बताया कि अब उन मृतक आश्रितों को जो बीएड/डीएलएड(पूर्व में बी टी सी) तथा टीईटी डिग्री धारक हैं उनको अध्यापक तथा जो टीईटी उत्तीर्ण नहीं है परंतु तृतीय श्रेणी में नियुक्ति की अर्हता रखते हैं उनको पद रिक्त न होने की स्थिति में भी अधिसंख्य पद पर तृतीय श्रेणी में नियुक्ति दी जाएगी।


उन्होंने बताया कि पूर्व में अधिकांश शिक्षकों के मृतक आश्रित जो टीईटी उत्तीर्ण नहीं थे वह उच्च शिक्षित होते हुए भी चतुर्थ श्रेणी में सेवा करने के लिए विवश होते थे क्योंकि तृतीय श्रेणी में पद रिक्त नहीं होते थे। यह व्यवस्था उनकी योग्यता के अनुरूप नहीं थी। इसी बात को ध्यान में रखते हुए तृतीय श्रेणी की अर्हता रखने वाले मृतक आश्रितों को पद रिक्त न होने की स्थिति में भी अधिसंख्य पद पर नियुक्ति दी जाएगी।


बता दें कि सरकार ने इस फैसले से उन शिक्षक व कर्मचारी संघों की नाराजगी कम करने का प्रयास किया है जो कि पंचायत चुनाव में मृत शिक्षकों व कर्मचारियों के परिजनों के प्रति सरकार पर संवेदनहीन होने का आरोप लगा रहे थे। बता दें कि उनकी नाराजगी को देखते हुए प्रदेश के मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ ने कहा था कि सरकार मृतकों के परिजनों के साथ पूरी संवेदनशीलता से पेश आएगी।


दरअसल, सरकार ने शिक्षक व कर्मचारी संघ के उन दावों को पूरी तरह नकार दिया था जिसमें पंचायत चुनाव के दौरान 1600 से भी ज्यादा शिक्षक व कर्मचारियों की मौत की बात कही गई थी। हालांकि, विरोध को देखते हुए फिर सरकार ने नरम रुख अपनाया है।

UP BOARD: वर्ष 2021 के कक्षा-12 के परीक्षार्थियों के प्री बोर्ड परीक्षा एवं उनके कक्षा 11 के छमाही एवं वार्षिक परीक्षा के प्राप्तांक एवं पूर्णांक परिषद की बेबसाइट पर अपलोड कराये जाने के सम्बन्ध में आदेश जारी

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स्कूलों में अवस्थापना सुविधाओं की प्रेरणा एप पर जियो टैगिंग करने वाले सर्वेकर्ताओं (SRG/ARP/शिक्षक संकुल) हेतु 2.67 करोड़ का मानदेय जारी, देखें

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CBSE Board 12th Exam 2021: क्या होंगी 12वीं की परीक्षाएं? कल केंद्र के टॉप मंत्रियों की मीटिंग

CBSE Board 12th Exam, NTA NEET, JEE Main 2021 Date: बैठक की अध्यक्षता केंद्रीय रक्षामंत्री राजनाथ सिंह करेंगे जिसमें केंद्रीय शिक्षा मंत्री रमेश पोखरियाल निशंक, केंद्रीय महिला एवं बाल मंत्री स्मृति ईरानी तथा केंद्रीय सूचना एवं प्रसारण मंत्री श्री प्रकाश जावड़ेकर शामिल रहेंगे.

🔴 कल 23 मई को बोर्ड परीक्षाओं की डेट्स पर फैसला संभव
🔴NTA के स्‍थगित एंट्रेंस एग्‍जाम्स पर भी होगा विचार

CBSE Board 12th Exam, NTA NEET, JEE Main 2021 Date: देश में कोरोना के खतरे के चलते स्‍थगित हुईं 12वीं की बोर्ड परीक्षाओं तथा NTA NEET, JEE Main 2021 समेत अन्‍य एग्‍जाम्‍स की डेट पर कल 23 मई को फैसला हो सकता है. सभी राज्यों/संघ राज्य क्षेत्रों के शिक्षा मंत्रियों, शिक्षा सचिवों और राज्य परीक्षा बोर्ड के अध्यक्षों और हितधारकों की कल एक हाई लेवल वर्चुअल मीटिंग बुलाई जाएगी, जिसमें इन परीक्षाओं को आयोजित करने के प्रस्‍ताव पर चर्चा होगी.

बैठक की अध्यक्षता केंद्रीय रक्षामंत्री राजनाथ सिंह करेंगे जिसमें केंद्रीय शिक्षा मंत्री रमेश पोखरियाल निशंक, केंद्रीय महिला एवं बाल मंत्री स्मृति ईरानी तथा केंद्रीय सूचना एवं प्रसारण मंत्री श्री प्रकाश जावड़ेकर शामिल रहेंगे.

प्रधानमंत्री मोदी ने इस बैठक के विषय में कहा है कि जहां तक देश के छात्रों के हितों का सवाल है, तो ऐसे में सभी राज्‍य सरकारों और हितधारकों के साथ मिलकर केवल सबसे बेहतर फैसला ही लिया जाना चाहिए. इसकी जानकारी शिक्षामंत्री रमेश पोखरियाल निशंक ने दी.

शिक्षामंत्री निशंक द्वारा राज्यों/केंद्र शासित प्रदेशों को लिखे गए एक पत्र में उन्होंने कहा है कि स्कूली शिक्षा विभाग, शिक्षा मंत्रालय और CBSE परीक्षा आयोजित करने के संबंध में विकल्प तलाश रहे हैं. छात्रों और शिक्षकों की सुरक्षा और सुरक्षा का ध्‍यान रखते हुए उच्च शिक्षा संस्थानों के लिए भी परीक्षाओं की तारीखें निर्धारित करने पर विचार जारी है.

पत्र में लिखा गया है कि Covid-19 महामारी ने शिक्षा क्षेत्र, विशेष रूप से बोर्ड परीक्षा और प्रवेश परीक्षाओं को प्रभावित किया है. मौजूदा स्थिति को देखते हुए, लगभग सभी राज्य शिक्षा बोर्ड, CBSE और ICSE ने अपनी 12वीं कक्षा की परीक्षा को स्थगित कर दिया है. इसी तरह, NTA और अन्य राष्ट्रीय परीक्षा आयोजित करने वाले संस्थानों ने भी अपनी प्रवेश परीक्षाओं को स्थगित कर दिया है.

शिक्षामंत्री यह कह चुके हैं कि चूंकि 12वीं कक्षा की परीक्षाओं के आयोजन से पूरे देश में राज्य बोर्ड परीक्षाओं और अन्य प्रवेश परीक्षाओं पर प्रभाव पड़ता है, इसलिए यह जरूरी है कि विभिन्न राज्य सरकारों और केंद्र शासित प्रदेशों के प्रशासन के इनपुट के आधार पर 12वीं कक्षा के बोर्ड एग्‍जाम्स पर जल्‍द फैसला किया जाए. उन्‍होंने ट्विटर पर इस संबंध में सुझाव भी मांगे हैं.

यूपी : पहली बार कक्षा एक और दो के बच्चे भी पढ़ेंगे संस्कृत

यूपी : पहली बार कक्षा एक और दो के बच्चे भी पढ़ेंगे संस्कृत

उत्तर प्रदेश बेसिक शिक्षा परिषद के 1,13,289 प्राथमिक स्कूलों में पढ़ने वाले कक्षा एक व दो के 20 लाख से अधिक बच्चों को अब संस्कृत भी पढ़ाई जाएगी।

पहले कक्षा तीन से बच्चों को संस्कृत पढ़ाई जाती थी। इस साल से कक्षा एक में संस्कृत के पांच छोटे-छोटे सचित्र पाठ शामिल किए गए हैं। जिनमें फलों व सब्जी के नाम, हमारे सहयोगी कृषक व कामगार के नाम, परिवार के सदस्यों के नाम आदि संस्कृत में हैं। कक्षा दो की किसलय में संस्कृत में चार लाइन का बाल गीत, पांच तक की संख्या आदि है।

NPS FORM:- नवीन पेंशन योजना(NPS) में आवेदन फार्म डाउनलोड करने के लिए यहां पर क्लिक करें

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UP Board High School Result 2021: UP बोर्ड के 100 वर्ष के इतिहास में पहली बार हाईस्कूल का परिणाम 100 प्रतिशत

UP Board High School Result 2021माध्यमिक शिक्षा परिषद (यूपी बोर्ड) कोरोना संक्रमण की वजह से हाईस्कूल की परीक्षा न कराने की दिशा में प्रयासरत है। सीबीएसई सहित देशभर के कई शिक्षा बोर्ड इस ओर पहले ही कदम बढ़ा चुके हैं।

प्रयागराज : वैश्विक महामारी कोरोना वायरस संक्रमण ने विश्व में अनके जगह का भूगोल ही बदल कर रख दिया। भारत में भी लम्बा लॉकडाउन चला तो उत्तर प्रदेश माध्यमिक शिक्षा परिषद यानी यूपी बोर्ड में तो इतिहास ही रच दिया गया। यहां पर सौ वर्ष के इतिहास में पहली बार हाईस्कूल में सौ प्रतिशत छात्र-छात्राएं पास हो रहे हैं। वर्ष 2020-21 के लिए हाईस्कूल में पंजीकृत सभी 29.94 लाख छात्र-छात्राओं को इस बार प्रोन्नति मिलेगी। इससे पहले का सर्वाधिक सफलता का परिणाम प्रतिशत 87.66 फीसद तक रहा है।

उत्तर प्रदेश माध्यमिक शिक्षा परिषद यानी यूपी बोर्ड के सौ वर्ष के इतिहास में पहली बार हाईस्कूल की परीक्षा निरस्त करने की तैयारी है, वहीं परीक्षा के लिए पंजीकृत सभी छात्र-छात्राओं को कक्षा 11 में प्रोन्नति मिल सकती है। इसकी प्रक्रिया के लिए बोर्ड प्रशासन की वेबसाइट पर नौवीं कक्षा के विषयवार अंक अपलोड होना शुरू हो गए हैं। इस क्रम में गुरुवार देर शाम तक करीब डेढ़ लाख परीक्षार्थियों के अंक अपलोड हो गए थे। आज भी काम जारी है। यह जरूर है कि इस पर अभी शासन की मुहर लगना बाकी है।

माध्यमिक शिक्षा परिषद (यूपी बोर्ड) कोरोना संक्रमण की वजह से हाईस्कूल की परीक्षा न कराने की दिशा में प्रयासरत है। सीबीएसई सहित देशभर के कई शिक्षा बोर्ड इस ओर पहले ही कदम बढ़ा चुके हैं। उत्तर प्रदेश बोर्ड में देरी की वजह परीक्षा प्रणाली दुरुस्त न होना है। असल में, कई दिन तक उस फार्मूले की तलाश हुई, जिसमें परीक्षार्थियों को मिलने वाले विषयवार अंक निर्विवाद हों। सभी को अंक देना इसलिए भी जरूरी है कि आगे मेरिट से चयन में छात्र-छात्राओं को परेशानी न हो। हर किसी की जन्म तारीख का हाईस्कूल का प्रमाणपत्र अहम रिकॉर्ड भी है।

प्रदेश में नौवीं व ग्यारहवीं की वार्षिक परीक्षा के अंक बोर्ड मुख्यालय नहीं आते हैं। अब बोर्ड को रिकॉर्ड कालेजों से मांगना पड़ रहा है। इससे पहले हाईस्कूल की परीक्षा का सफलता प्रतिशत अधिकतम 87.66 फीसद तक रहा है, इसमें हर वर्ष उतार-चढ़ाव होता रहा है। इस बार प्रमोट करने में सभी छात्र-छात्राओं को सफल घोषित करने की तैयारी है। यानी पहली बार 100 फीसद उत्तीर्ण हो सकते हैं।

कालेज वार्षिक परीक्षा पर निरुत्तर: बोर्ड की ओर से नौवीं वार्षिक परीक्षा के विषयवार अंक मांगे जाने पर कई कालेजों ने 13 अप्रैल 2020 के शासनादेश का हवाला दिया था। उनका कहना था कि बीते वर्ष सभी प्रमोट हुए थे, लेकिन यह नहीं बता सके कि बीते वर्ष जब सत्र मार्च में ही खत्म हो रहा था और उस समय कोविड नियम लागू नहीं थे तो वार्षिक परीक्षा क्यों नहीं कराई। इंटर की प्रायोगिक परीक्षाओं के बाद व बोर्ड परीक्षा शुरू होने से पहले गृह परीक्षाएं होती रही हैं। क्या उन्हें यह पता था कि सरकार अप्रैल में प्रमोट करने का आदेश देगी। उन्होंने परीक्षार्थियों को प्रमोट भी किया है तो फिर किस फार्मूले का प्रयोग किया। हकीकत में स्कूलों में वार्षिक परीक्षाएं हुई थी लेकिन, प्रमोट करने का आदेश होने पर सभी उसकी आड़ ले रहे हैं।

बीते दस वर्ष के परिणाम

वर्ष हाईस्कूल

2010 70.79

2011 70.82

2012 83.75

2013 86.63

2014 86.71

2015 83.74

2016 87.66

2017 81.18

2018 75.16

2019 80.07

2020 83.31।

फर्रुखाबाद:- 69000 शिक्षक भर्ती में शपथ पत्र के नाम पर पैसे BSA ऑफिस में वसूली

फर्रुखाबाद:- 69000 शिक्षक भर्ती में शपथ पत्र के नाम पर पैसे BSA ऑफिस में वसूली