NISHTHA TRAINING : अब तक दीक्षा एप पर SPO से प्रेषित किए गए शिक्षक- प्रशिक्षण कोर्सेज और उनके लिंक

अब तक दीक्षा एप पर SPO से प्रेषित किए गए शिक्षक- प्रशिक्षण कोर्सेज और उनके लिंक-

1- उपचारात्मक शिक्षण (उत्तर प्रदेश)
लिंक- https://bit.ly/remedialteachingcourse


2- बच्चों का पढ़ने से परिचय (उत्तर प्रदेश)
लिंक- https://bit.ly/foundationalskill


3- Introduction to Prerna Lakshya
लिंक- https://bit.ly/dikshaprernalakshyacourse


4- गणित में आकलन (उत्तर प्रदेश)
लिंक- http://bit.ly/mathsassessmentcourse


5- बच्चों की बातचीत: कक्षा का अहम संसाधन (उत्तर प्रदेश)
लिंक- http://bit.ly/DIKSHABacchonkibaatcheet


6- दीक्षा पोर्टल पर उपलब्ध निष्ठा प्रशिक्षण के मॉड्यूल्स- 1, 2 और 3
(पूर्ण करने की अन्तिम तिथि- 31 अक्टूबर 2020)

कोर्स-1: पाठ्यचर्या और समावेशी कक्षा (उत्तर प्रदेश)
Link- https://diksha.gov.in/explore-course/course/do_31312924087232102412562


कोर्स-2: स्वस्थ विद्यालयी परिवेश निर्मित करने के लिए व्यक्‍त‍िगत-सामाजिक योग्यता विकसित करना (उत्तर प्रदेश)
Link- https://diksha.gov.in/explore-course/course/do_3131313859664363521329


कोर्स-3 विद्यालय में स्वास्थ्य और कल्याण (उत्तर प्रदेश)
Link- https://diksha.gov.in/explore-course/course/do_3131313944558796801388


परिषदीय स्कूलों को मिलेगा टैबलेट, ऑनलाइन दर्ज होगी हाजिरी : प्राथमिक और उच्च प्राथमिक विद्यालयों को दिसंबर तक मिलेगा लाभ

प्रयागराज। बेसिक शिक्षा परिषद से संबद्ध प्राथमिक और जूनियर विद्यालयों में टैबलेट का वितरण दिसंबर से शुरू हो जाएगा टैब मिलते ही शिक्षकों की उपस्थिति भी ऑनलाइन दर्ज की जाएगी। शिक्षकों को टैब मिलने के बाद एप के माध्यम से समय से उपस्थिति दर्ज करानी होगी। कोरोना काल में विद्यालयों में बच्चों को भी बुलाये जाने का विचार शुरू हो गया है।

इस बारे में 15 अक्टूबर के बाद निर्णय लिया जा सकता है। जो शिक्षक अब तक मनमाने तरीके से स्कूल आते-जाते हैं, उन पर अंकुश लगेगा। समय से नहीं पहुंचने वालों पर कार्रवाई होगी। टैब के माध्यम से एप पर उपस्थिति दर्ज कराने के लिए सभी शिक्षकों का नाम उसमें फीड किया जाएगा। इस टैब की जिम्मेदारी प्रधानाध्यापक की होगी प्रधानाचार्य के अवकाश पर होने की दशा में स्कूल के वरिष्ठ शिक्षक की जिम्मेदारी होगी कि वह टैब के जरिए उपस्थिति दर्ज करें। पूरी प्रक्रिया ऑनलाइन होने से समय से नहीं पहुंचने वाले शिक्षकों को अधिक परेशानी का सामना करना पड़ेगा।

दिनदहाड़े प्रधानाध्यापिका की गोली मारकर हत्या, बेटी गम्भीर

दिनदहाड़े प्रधानाध्यापिका की गोली मारकर हत्या, बेटी गम्भीर

68500 शिक्षक भर्ती : पुनर्मूल्यांकन में सफल होने वाले कम, एससीईआरटी में जांची कॉपियां, परीक्षा नियामक कार्यालय जल्द देगा रिजल्ट

68500 शिक्षक भर्ती : पुनर्मूल्यांकन में सफल होने वाले कम, एससीईआरटी में जांची कॉपियां, परीक्षा नियामक कार्यालय जल्द देगा रिजल्ट

प्रयागराज : बेसिक शिक्षा परिषद के प्राथमिक स्कूलों की 68500 सहायक अध्यापक भर्ती का एक और परिणाम आने जा रहा है। हाईकोर्ट के आदेश पर परीक्षा संस्था ने पुनमरूल्यांकन कराया है, हालांकि इसमें अंतिम रूप से सफल होने वालों की तादाद कम होगी। इसी के साथ लिखित परीक्षा में पूछे गए एक सवाल का जवाब शीर्ष कोर्ट ने दूसरा माना है, उन याचियों का भी परिणाम अब औपबंधिक रूप से जारी होगा। शीर्ष कोर्ट से अंतिम फैसला आना बाकी है।

परिषदीय स्कूलों की 68500 शिक्षक भर्ती की प्रक्रिया दो साल बाद अब तक जारी है। करीब 47 हजार से अधिक को नियुक्ति मिल चुकी है लेकिन, कई अभ्यर्थी जिन्होंने पुनमरूल्यांकन पर भी सवाल उठाए। हाईकोर्ट ने ऐसे मामलों का फिर से मूल्यांकन कराने का आदेश दिया था। लंबे समय से इनका मूल्यांकन एससीईआरटी में चल रहा था। पुनमरूल्यांकन का परिणाम न आने से कोर्ट में अवमानना याचिका दाखिल हुई।

 परीक्षा नियामक प्राधिकारी कार्यालय अब इसी सप्ताह रिजल्ट घोषित करने की तैयारी में है। लगभग 600 कॉपियों का फिर से मूल्यांकन हुआ है और इसमें सफल होने वालों की तादाद दहाई में ही है। इसके अलावा भर्ती की लिखित परीक्षा में संस्कृत विषय में एक सवाल का जवाब शीर्ष कोर्ट ने विशेषज्ञों से इतर माना है। परीक्षा संस्था ने कोर्ट के आदेश पर कॉपियों का मूल्यांकन कराया है और उस परिणाम की घोषणा औपबंधिक रूप से करेगा, क्योंकि याचिका का अंतिम निर्णय आना शेष है। इस याचिका में सफल होने वालों की तादाद ठीक-ठाक है। परीक्षा नियामक प्राधिकारी सचिव अनिल भूषण चतुर्वेदी का कहना है कि रिजल्ट इसी सप्ताह जारी करने की तैयारी है।

माध्यमिक शिक्षा : नियुक्ति के लिए अगले सप्ताह मांगे जाएंगे आवेदन

🔴माध्यमिक शिक्षा।विभाग ने नियुक्ति के लिए तैयार कराया साफ्टवेयर

अंतर्जनपदीय स्थानांतरण- 2019: योजना/प्रस्ताव बनने के बावजूद बेसिक शिक्षा परिषद के प्राथमिक व उच्च प्राथमिक विद्यालयों के शिक्षक/शिक्षिकाओं के तबादलों को यह कहकर लगा रखी रोक

अंतर्जनपदीय स्थानांतरण- 2019: योजना/प्रस्ताव बनने के बावजूद बेसिक शिक्षा परिषद के प्राथमिक व उच्च प्राथमिक विद्यालयों के शिक्षक/शिक्षिकाओं के तबादलों को यह कहकर लगा रखी रोक


योजना प्रस्ताव बनने के बावजूद बेसिक शिक्षा परिषद के प्राथमिक व उच्च प्राथमिक विद्यालयों के शिक्षक/शिक्षिकाओं के अंतर्जनपदीय स्थानांतरण जुलाई 2019 में यह कहकर रोक दिया गया कि बीच सत्र सम्भव नही है क्योंकि बच्चों की पढ़ाई में बाधा पहुंचेगी ! सभी शिक्षक ख़ुशी ख़ुशी मान गए ( जबकि आपने सरकार में आते ही अंतर्जनपदीय स्थानान्तरण  3 वर्ष से बढ़ाकर 5 वर्ष कर दिया था जिसका विभाग को क्या लाभ मिला आज तक स्पष्ट नही हुआ )। पुनः दिसम्बर 2019 में शुरू किया गया ताकि आगामी नवीन सत्र अप्रैल 2020 से स्थानांतरित होकर शिक्षक अपने नवीन विद्यालय में पहुंच जाएं । स्थानान्तरण पत्र जारी होने की अंतिम दिनांक 15 मार्च रखा गया । अधिकारी गण की शिथिल कार्यप्रणाली के चलते फिर बढाकर 20 अप्रैल- 30 अप्रैल रखा गया । लगभग 80 प्रतिशत कार्य पूर्ण हो चुके । बीच में ही कोविड-19 के चलते 25 मार्च से गतिमान प्रक्रिया रुक गयी । अनलॉक-01 से ही हजारो शिक्षकों के बारम्बार विनम्र निवेदन के बावजूद यह कहकर लौटाया गया कि कोरोना में स्थानान्तरण नही होगा । यहां तक तो सबको बात समझ आयी। सभी शिक्षक अपनी सभी परेशानियों को एक किनारे कर आपकी इच्छा शिरोधार्य की । किन्तु अब विभिन्न परीक्षाओं की भीड़ को देखते हुए, विभागीय कार्यालय, विद्यालय खुले होने( कार्यमुक्त होने-कार्यभार ग्रहण करने में भी कोई समस्या नही) साथ ही विद्यालय में अभी बच्चों की उपस्थिति भी नही है, ऐसे में “”अंतर्जनपदीय स्थानान्तरण – 2019″” को रोका जाना प्रदेश के समूचे शिक्षक समाज व उनके परिवार सहित उनके शुभचिंतकों की समझ से परे है .

बेसिक शिक्षा विभाग में 1 करोड़ की राशि का बड़ा घोटाला, किसी को कानों कान खबर भी नहीं, जानिए इंसीनेटर घोटाले के बारे में

बेसिक शिक्षा विभाग में ब्लॉक स्तर के अधिकारी भरस्टाचार के ऐसे ऐसे अवसर तलाश लेते है जिनके बारे में आपको सुनकर भी ताज्जुब होगा ,पूरे ज़िले में तकरीबन 1 करोड़ की राशि का ऐसा ही एक बड़ा घोटाला इतनी खामोशी के साथ अंजाम दिया गया कि किसी को कानो कान खबर भी न हुई और प्रत्येक खण्ड शिक्षा अधिकारी ने बड़ी खामोशी के साथ 1 से 2 लाख रुपयो की रकम कमीशन के तौर पर डकार ली , यह तो एक जिले के घोटाले कि राशि है, यदि पूरे प्रदेश की बात करें तो घोटाले कि रकम का आसमान छूना तय है।।

आखिर इंसिनेटर क्या है व इसका उपयोग क्या है, शासन इंसीनेटर बनवाने को लेकर क्यों इतना गंभीर है ??

शासन की इंसीनेटर को लेकर सोच है कि बालिकाएं पीरियड के दौरान स्कूल जाने से बचा करती हैं। ऐसे में बालिका शौचालय के साथ एक इंसीनेटर बॉक्स अटैच कराने का निर्णय लिया गया था। जिसका उपयोग बालिकाओं द्वारा किया जा रहा है। इससे टॉयलेट में गंदगी भी नहीं फैलती है, जिससे विभिन्न प्रकार के रोगों का संक्रमण भी नहीं फैलता हैं। इंसीनेटर एक बॉक्स की तरह काम करता है, जिसे टॉयलेट के बाहरी तरफ लगाया जाता है, जबकि उपयोग अंदर से होता है। इसमें पीरियड के दौरान उपयोग किए गए पैड, कपड़े आदि डाले जाते है, जो नीचे स्थित बॉक्स में जमा हो जाते हैं। जिन्हें बाद में जलाकर नष्ट किया जाता हैं।

मामला ये है कि पिछले वित्तीय वर्ष में ज़िले के सभी जूनियर हाइस्कूल के खातों में बालिका शौचालय के पास इंसिनेटर बनाये जाने के लिए प्रति विद्यलय 10 हजार रुपयो की धनराशि प्रेषित की गई थी ,अब बेचारे शिक्षकों को तो ये पता नही था कि इंसिनेटर है क्या बला ,और न ही अधिकारियों ने कभी इस बारे में बताने की ही कोशिश की ,हो सकता है कुछ खंड शिक्षा अधिकारी भी इस बारे में जानते ही न हो ,कुछ दिनों के बाद तंबौर और लखीमपुर के एक निर्माण कर्ता के साथ सौदा तय हो गया तो खण्ड शिक्षा अधिकारियों ने जूनियर के हेड्स को सम्बंधित व्यक्ति से इंसिनेटर बनवाने का फरमान फोन पर जारी कर दिया ,कुछ जगह ये व्यक्ति सीधे गया और साहब से बात करा दी ,इस मामले में 2 से 3 हजार प्रति यूनिट कमीसन की बात बीईओ के लिए तय हुई जिसकी आधी रकम उन्हें पेशगी मिली और आधी चेक कलेक्शन के बाद
सबसे खास बात तो ये है कि अधिकांश विद्यलयो में शौचालय निर्माण का काम पंचायतो द्वारा कराया गया है ,लेकिन तब तक पंचायतो का ये काम हुआ नही था और 70 प्रतिशत से भी अधिक इंसिनेटर पुराने जर्जर शौचालयों में बना दिये गए है जो निस्पयोजय है ,और कई जगह तो बिना बने ही इसकी पूरी धनराशि बीईओ हजम कर गए है ,लेकिन खास बात ये है कि विभाग ने तो कभी इसकी जांच नही ही की,बल्कि स्वक्षता अभियान से जुड़ा होने के बाद भी ये मामला कभी ज़िलाधिकारी ,मुख्य विकास अधिकारी ,पंचायतराज अधिकारी ,या स्वक्षता समिति के सामने नही लाया गया ,
अगर भविष्य में ये मामला सामने आता है तो प्रबंध समिति से भुगतान करने के नाते शिक्षकों का फंसना तय है ,ऐसे में प्राथमिक शिक्षक संघ ज़िलाधिकारी महोदय और मुख्य विकास अधिकारी महोदय से मांग करता है कि पूरे जिले में इंसिनेटर की जांच कराकर दोषी खण्ड शिक्षा अधिकारियों की जवाबदेही सुनिश्चित की जाए और शौचालय घोटाला करने वाले सभी खण्ड शिक्षा अधिकारियों के विरुद्ध प्रथम सूचना रिपोर्ट अंकित कराई जाए ताकि भविष्य में किसी भी शिक्षक को प्रतिकूल स्थितियो का सामना न करना पड़े,ये घोटाला गांव में पढ़ने वाली मासूम बालिकाओ की साफ सफाई स्वक्षता और हाइजीन को लेकर एक बड़ा खिलवाड़ है ,प्राथमिक शिक्षक संघ सीतापुर के मंत्री आरध्य शुक्ल जी ने बताया कि इस संबंध में सम्बंधित अधिकारियों को संघ द्वारा पत्र प्रेषित किया गया है ,पूरा मामला प्रदेश नेतृत्व की मॉर्फत महानिदेशक महोदय और विभागीय मंत्री के संज्ञान में भी लाया जाएगा ।।

आंगनबाड़ी कार्यकत्रियों की अब जल्द होगी भर्ती, प्रयागराज जनपद में अगले माह शुरू हो जाएगी भर्ती प्रक्रिया

आंगनबाड़ी कार्यकत्रियों की अब जल्द होगी भर्ती, प्रयागराज जनपद में अगले माह शुरू हो जाएगी भर्ती प्रक्रिया

यागराज : महिलाओं को रोजगार उपलब्ध कराने के लिए जल्द ही आंगनबाड़ी कार्यकत्रियों की भर्ती होगी। इसके लिए सभी ब्लॉकों से आंगनबाड़ी कार्यकत्रियों के खाली पदों की रिपोर्ट लेकर एक विस्तृत रिपोर्ट तैयार हो रही है। जिससे जल्द ही भर्ती प्रक्रिया शुरू की जा सके। भर्ती सितंबर में शुरू कर दी जाएगी।

जिले में आंगनबाड़ी कार्यकत्रियों के पद लंबे समय से खाली चल रहे हैं। इन पदों पर तमाम विवादों के कारण वर्ष 2011 के बाद से अब तक भर्ती नहीं हुई है। इधर लॉकडाउन के बाद खड़ी हुई समस्या को देखते हुए शासन इन पदों पर भर्ती करने जा रहा है। ऐसे में सभी जिलों में इस प्रक्रिया को शुरू करने के लिए कहा गया है। जिला कार्यक्रम अधिकारी मनोज रावत ने बताया कि भर्ती के लिए रिक्त पदों की सूची तैयार की जा रही है।
लगभग 500 पद के आसपास जिले में रिक्त हैं। इनकी अंतिम रिपोर्ट तैयार हो रही है। रिपोर्ट तैयार होने के बाद सितंबर से प्रक्रिया शुरू कर दी जाएगी। शासन की मंशा है कि ज्यादा से ज्यादा जरूरतमंदों को रोजगार दिलाया जाए। ऐसे में रोजगार के लिए उन्हीं ब्लॉकों की महिलाओं का चयन किया जाएगा।

असिस्टेंट प्रोफेसर के 1303 पदों पर जल्द शुरू हो सकती है भर्ती

असिस्टेंट प्रोफेसर के 1303 पदों पर जल्द शुरू हो सकती है भर्ती

प्रयागराज : उच्च शिक्षा निदेशालय ने प्रदेश के सहायता प्राप्त डिग्री कॉलेजों में रिक्त असिस्टेंट प्रोफेसर के 1303 पदों का अधियाचन (रिक्त पदों पर भर्ती की संस्तुति का पत्र) उच्चतर शिक्षा सेवा आयोग को भेज दिया है। यह 1303 पद असिस्टेंट प्रोफेसर उन 3900 रिक्त पदों में शामिल हैं, जिनका निदेशालय के स्तर से छात्र-शिक्षक अनुपात के मानकों के मुताबिक सत्यापन करवाया जा रहा है।

1303 पद 15 विषयों के हैं हालांकि अभी यह स्पष्ट नहीं है कि आयोग इन 1303 पदों के लिए भर्ती प्रक्रिया शुरू करेगा या फिर सभी 3900 पदों का अधियाचन आने का इंतजार करेगा। आयोग के अध्यक्ष प्रो. ईश्वर चंद विश्वकर्मा ने बताया कि अधियाचन मिलने के बाद उच्च शिक्षा निदेशालय और शासन में बात कर निर्णय लिया जाएगा। अगर शेष पद जल्द आने की संभावना होगी तो 3900 पदों की भर्ती प्रक्रिया एक साथ शुरू की जाएगी। देरी होने पर 1303 पदों की भर्ती प्रक्रिया शुरू करने के बारे में निर्णय लिया जाएगा।

बता दें कि उच्च शिक्षा निदेशालय को प्रदेश के सहायता प्राप्त डिग्री कॉलेजों से विभिन्न विषयों के 3900 रिक्त पदों के बारे में जानकारी मिली थी। निदेशालय ने फरवरी 2020 में शासन को पदों का विवरण भेजा था। इस आशा के साथ कि वहां से स्वीकृति मिलने के बाद भर्ती के लिए अधियाचन आयोग को भेज दिया जाएगा लेकिन कोरोना वायरस का संक्रमण रोकने के लिए मार्च में हुए लॉकडाउन के कारण शासन से अनुमति नहीं मिल पाई थी। पिछले दिनों शासन ने अधियाचन भेजने की अनुमति दी थी। निदेशालय आयोग को अधियाचन भेजने से पूर्व छात्र-शिक्षक अनुपात के मुताबिक पदों का एक बार फिर सत्यापन करवा रहा है, इस प्रक्रिया में लगने वाले वक्त को देखते हुए निदेशालय ने आयोग को चरणबद्ध अधियाचन भेजने का निर्णय लिया है।

 इस क्रम में पहले चरण में 1303 पदों का अधियाचन भेजा गया है। माना जा रहा है कि प्रतियोगी छात्रों का इंतजार बहुत जल्द समाप्त हो सकता है। आयोग में लंबे समय से असिस्टेंट प्रोफेसर की कोई भर्ती शुरू नहीं हो सकी है इसलिए प्रतियोगी छात्रों को इस भर्ती का बेसब्री से इंतजार है।

eHRMS MANAV SAMPADA PORTAL :मानव संपदा पोर्टल पर यह काम करना ना भूलें, अभिलेख अपलोड करने के बाद यह कार्य भी करना जरूरी है

मानव संपदा पोर्टल पर जिन लोगों ने शैक्षिक अभिलेख अपलोड कर दिए हैं उनको आगे भी अब कुछ कार्य करना शेष है। 


अब उन्हें यह चेक करना है कि उनके अभिलेख सही माने गए हैं या नहीं। अगर आपने यह काम अभी नहीं किया तो पोर्टल लॉक करने के बाद आपको समस्या का सामना करना पड़ सकता है। अतः सभी लोग जल्द से जल्द यह कार्य सुनिश्चित कर लें । आइए जाने हमें करना क्या है? 


सबसे पहले हमें पीहू और अपलोड डॉक्युमेंट सेक्शन में जाकर यह देखना है कि हमारे डॉक्यूमेंट आर्चीज हो गए हैं या नहीं! Archive होने से तात्पर्य है कि आपके डॉक्यूमेंट सही हैं और एक्सेप्ट कर लिए गए हैं, यह दिए गए मानक के अनुरूप हैं। दूसरी दशा में Archive के स्थान पर यदि edit लिखकर आ रहा है तो आप संबंधित डॉक्यूमेंट का पीडीएफ देखें तथा उसको अपडेट कर दें, जो भी गलती हो उसमें करेक्शन करने के बाद ही अपडेट करें। यदि आपको गलती समझ में नहीं आ रही है तो आप उनसे उस डॉक्यूमेंट को अपलोड करने के लिए पहले उसको डिलीट कर दें उसके बाद पुनः मानक के अनुरूप डॉक्यूमेंट को स्कैन करा कर अपलोड करा दें। और फिर चेक कर लें कि यह सही हुआ है कि नहीं।


नीचे आपको एक स्क्रीनशॉट दिया जा रहा है जिसमें आप देख सकते हैं कि सभी संबंधित डाक्यूमेंट्स Archive लिखकर आ रहे हैं । इसका मतलब है कि इनके सभी दस्तावेज मानक के अनुरूप थे और संबंधित डिटेल सही भरी गई थी प्रोसेस ओके हो गया है। सभी कर्मचारियों को यह सुनिश्चित करना आवश्यक है। 
स्क्रीनशॉट में आप देख सकते हैं कि फाइल सेक्शन के नीचे Archive लिखकर आ रहा है। इसका मतलब है कि प्रोसेस सही से पूर्ण हो गया है।


प्रक्रिया को कैसे करना है:

1- सबसे पहले आपको मानव संपदा पोर्टल पर लॉगइन करना है।

2- पोर्टल के डेस बोर्ड पर General ऑप्शन पर क्लिक करना है, जिससे नीचे View/Upload Documents का ऑप्शन आ जाएगा जिस पर हमें क्लिक करना है। 

3- इसके बाद view uploaded documents पर क्लिक करना है, जिससे हमें हमारी डाक्यूमेंट्स की स्टेटस लिस्ट स्क्रीन बोर्ड पर दिखाई देने लगेगी।